धारी देवी मंदिर उत्तराखण्ड | धारी देवी रहस्य | धारी देवी की कहानी | Dhari Devi Temple | 4K | दर्शन
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- เผยแพร่เมื่อ 27 ส.ค. 2024
- “ॐ एंम ह्रीम क्लीम चामुंडाए विच्चै” माँ दुर्गा, माँ चामुंडा, माँ काली, माँ का कूप चाहें कोई भी हो, पर उनके हर स्वरुप के एकल रूप को समर्पित, पूर्ण ह्रदय से जपा गया यह मंत्र माँ आदिशक्ति जगत्जननी को प्रसन्न कर अपनी सभी मनोकामनाओं की सिद्धि कराने वाला है.
भक्तों जिस प्रकार से माँ के रूप अनेक पर शक्ति एक ही है उसी प्रकार से माँ जगत्जननी इस संसार के हर स्थान पर अलग अलग रूप में विराजमान हैं. और इन्ही स्थानों में आज हम आपको दर्शन करवाने जा रहें हैं माता के एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के जहाँ मान्यता है की माँ शक्ति एक दिन में तीन रूपों में भक्तों को दर्शन देतीं हैं, एक ऐसा मंदिर जहाँ विराजमान माँ शक्ति की प्रतिमा का सिर्फ उपरी भाग विराजमान है जिसकी वर्षों से प्रतिदिन पूजा की जाती है. तो आइये दर्शन करते हैं उत्तराखंड की रक्षक एवं चार धामों की संरक्षक कही जाने वाली, 108 शक्ति स्थलों में से एक “माँ धारी देवी मंदिर” के. जो स्थित है श्रीनगर एवं रुद्रप्रयाग के बीच अलकनंदा नदी के बीच.
धारी देवी माता का यह प्राचीन एवं चमत्कारी मंदिर दैवीय ऊर्जा शक्ति के साथ ही आस पास फैली प्राकृतिक सुन्दरता से भी ओत प्रोत है. चारों ओर से घिरी सुंदर पहाड़ियां एवं कल कल बहती निर्मल शीतल अलकनंदा नदी यहाँ आने वाले सभी तीर्थयात्रियों एवं श्रधालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती हैं.
भक्तों, धारी देवी माँ काली का ही स्वरुप हैं. मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार कहते हैं - कि एक बार उत्तराखंड में भीषण बाढ़ आने के कारण एक मंदिर बाढ़ में बह गया, मंदिर में रखी देवी की प्रतिमा का उपरी अर्थात सिर वाला हिस्सा बहकर धारी गाँव के समीप एक चट्टान में टकराकर रुक गया. जहाँ स्थित लोगों को एक दैवीय आवाज़ की अनुभूति हुई जिसने उनसे उस प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित करने का निर्देश दिया. और इस प्रकार गाँव वालों ने उस प्रतिमा को इस स्थान पर स्थापित कर मंदिर का निर्माण किया. तब से माता का नाम धारी देवी हो गया. यद्यपि मंदिर के पुजारियों के अनुसार मंदिर में प्रतिमा द्वापर युग से ही स्थापित होने की बात भी कही जाती है. भक्तों, इस मंदिर में माँ के सिर वाले भाग की पूजा की जाती है. माँ के शरीर का निचला अर्थात धड़ कालीमठ में स्थित है जहाँ उनकी माँ कालिका के रूप में पूजा होती है.
इस सुंदर एवं दिव्य मंदिर में पहुँचने के लिए नदी के ऊपर एक ब्रिज बना हुआ है जहाँ से चल कर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करते हैं. और गर्भग्रह में विराजमान माता के इस मनमोहक दिव्य रूप के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठते हैं. मंदिर में प्रतिदिन होने वाले चमत्कार के रूप में कहा जाता है की यहाँ विराजित धारी देवी माँ दिन में तीन रूपों में भक्तों को दर्शन देतीं हैं. सुबह माता एक कन्या के रूप में, दिन में एक युवती के रूप में तथा शाम को एक वृद्धा के रूप में भक्तों को दर्शन दे उनपर अपनी कृपा दृष्टि बरसाती हैं.
कहते हैं माँ धारी देवी को एक छत की नीचे नहीं रख सकते इसलिए माता की प्रतिमा के ऊपर खुला स्थान रखा गया है. माँ धारी की पूजा धारी गाँव के पांडे ब्राह्मणों द्वारा की जाती है.
भक्तों, माँ धारी देवी जितनी कृपालु और मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी हैं । उतनी ही क्रोधी देवियों में से भी एक है। मंदिर से जुड़ी एक घटना और लोगों की मान्यानुसार कहते हैं कि 16 जून, 2013 को अलकनंदा हाइड्रो पावर द्वारा निर्मित 330 मेगावाट अलकनंदा हाइड्रो इलेक्ट्रिक बांध के निर्माण के लिए देवी के मूल मंदिर को हटा दिया गया और अलकनंदा नदी से लगभग 611 मीटर की ऊंचाई पर कंक्रीट के मंच पर स्थानांतरित कर दिया गया। कहते हैं, मूर्ति को स्थानांतरित करने के कुछ समय बाद ही इस क्षेत्र को 2004 की सुनामी के बाद से देश की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना करना पड़ा। उत्तराखंड में बाड़ के रूप में ऐसा भयानक प्रलय आया जिसका साक्षी केदारनाथ क्षेत्र हुआ । बाद में फिर से उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कर माँ धारी देवी को स्थापित किया गया.
धारी देवी मंदिर प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक तथा फिर 2 बजे से सांय 7 बजे तक दर्शन पूजन के लिए खुला रहता है. तथा नवरात्रि, दुर्गा पूजा के समय इस मंदिर की छटा अद्भुद रूप से दर्शनीय होती है. रंग बिरंगी बत्तियों एवं सुंदर फूल मालाओं से सजा ये मंदिर शोभाएमान होता है.
अगर आप उत्तराखंड स्थित धारी देवी मंदिर के दर्शनों के लिए आएं तो इस मंदिर के साथ ही इस क्षेत्र में स्थित खिर्सू गाँव, कंडोलिया मंदिर, क्यूंकालेश्वर मंदिर, रुद्रप्रयाग के दर्शन भी कर सकतें हैं.
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
श्रेय:
लेखक - याचना अवस्थी
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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जै माँ धारी देवी मां मां मेरे पुत्र की मनोकामना पूर्ण करना मां जै हो मां आपकी
जय गुरू देव 🙏🏾🫀🌻 जय मां दक्षिणे कालिके
जय दुर्गा माता🙏
जय धारी देवी माता🙏
जय माँ धारी देवी मैय्या...माँ का विग्रह कितना सुन्दर है...माँ को नज़र ना लगे🧿...माँ मैं कुमाऊं से हूं आपका लाडला रोहन..माँ मुझ पर अपनी कृपा बनाये रखना🙏🏻
🌹🙏🌹जय माता दी 🌹🙏🌹
या देवी सर्व भूतेषु, शक्ति रुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
🙏🙏
🚩🚩🚩🚩🚩जय माता दी जय माता दी जय माता दी🙏🙏🙏🙏🙏
जय माता की
Jai Dhari bhagwati Maa🙏🙏🙏
Jai Mata di
Jai ho maa 🙏🚩🚩🚩🚩🚩 🙏🙏🚩🙏🙏🚩🙏🙏🚩🙏🙏
जय माता महारानी माँ, आपकी महिमा अपरंपार है आपकी जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Maa Dhari Bhagwati 🙏🙏🙏
जय माता धारी देवी❤🙏🙏🙏
Jai maa dhari devi
जय मातेश्वरी कृपा करें❤
Jai ma dhari devi ki
Jai maa kali
जय मां धारी देवी
🙏💓🙏जय माता दी🙏❤🙏
Jai Mata Di 🙏❤️
Jaymata di🌹maaaaa 🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 8:28 🚩🇮🇳🙏🇮🇳🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🚩🚩
जय माता दी 🚩🙏🏻
JAI MATA RANI JI
Jai mata di
Jai shri sitaram ji
Jai Mata Di
Jay mata di🙏🙏
Jai ho
Jay mata di
🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Nice
Jay Shri mata Rani ki Jay 🌹🥭🙏🚩🙏🍌🥥🙏🥥🙏🙏🍒🙏🚩🙏🌷🥭🙏🌺🙏🌹🌹🌹🌺🙏🙏 sunil Kumar sonkar Rashi Mera kumbh hai
😮😮😊😊😅😅😅😅😅😅😅
Yea sab hazri dete humare samne allahu akber
जय मां धारी देवी
🙏🙏🙏🙏🙏
Jai mata di