जाति जनगणना होना चाहिए क्योंकि एक ही जात विशेष जाट के वह है ब्राह्मण उनकी जनसंख्या 15% है लेकिन 90% सभी संस्थाओं संस्थानों में सुप्रीम कोर्ट में 90% हाई कोर्ट में 90% बड़ी बड़ी स्कूलों में 90% सभी संस्थाओं में90% क्या यह चीज है सुप्रीम कोर्ट के चंद्रचूड़ साहब को और सुप्रीम कोर्ट के जितने भी जज हैं उनको नहीं दिखाई नहीं देती दलितों के आरक्षण में बटवारा कोटे में कोटा और क्रीमी लेयर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान केविरुद्ध है
जातिगत जनगणना जरूर होना चाहिए। तभी तो पता चलेगा। कि हमारे देश में किस वर्ग में कितनी जनसंख्या है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाए। जातिगत जनगणना कराने में क्या आपत्ति है। ये समझ नहीं आ रहा है मेरी तो। फिर उसी के हिसाब से आरक्षण दे दीजिए। सभी वर्गों में। जहां पर SC और ST साथ ही OBC की सीटों पर अन्य वर्ग कार्य कर रहा है, तो आखिर क्यों। यह तो संविधान और कानून के बाहर है। इस प्रकार की राजनीति। क्या sc, st और obc वर्ग में लोग पढ़े लिखे शिक्षित नहीं हैं। जो अन्य वर्ग को sc, st और obc की सीटें दे दी जाती हैं। बताईए न भारत देश की जनता जानना चाहती है। क्यों जवाब नहीं देती है, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें।
Mere bhai pehele ye baat sc st obc kiske liye hai vo log jo dram parivatan karke budha aur cristian dram apna liye hai ki jo abhi hindu dram me hi hai kiyu ki samvidhan srif aur srif hindu dram me hi sc st ko resevertion dene ki baat karta hai jo dram privartan kar liye hai unke liye nahi hai agar apas ke pass koi javab hoga to dena aur pehele samvidhan padna fir javab dena
अब नेताओं को भी अधिकारों को छीना चाहिए जो इतनी सैलरी मिलती है क्षेत्रीय भत्ता मिलता है इसका भी विरोध होना चाहिए और इनको समाज सेवा के नाम पर ही केवल करने का अधिकार दिया जाए तब यह सुधरेंगे
बिना शिक्षा के किस समाज को प्रतिन्धित्व दोगे ? उसे देने के लिए पहले समाज को शिक्षित तो करो । बिना शिक्षा के समाज को NFS के लिए वर्गीकरण चाहिए ? जो समाज पिछड़ गया है वह शिक्षा का अभाव है इसलिए वह मुख्यधारा से छूट गए । और जो समाज आगे बढ़ गया है तो फिर उसे NFS क्यों अभी भी ?
जे लोग पीछे हैं. उस लोग को स्पेशल स्कूल स्पेशल हॉस्टेल व graduate तक शिक्षा फ्री मैं देना चाहिए. बाद मैं स्पेशल कोचिंग क्लासेस देकर नौकरी मिल सकती हैं.... विद्वान लाँगो का कहाणा हैं की वर्गीकरण करके शीट कम होगी.100 रोस्टर पॉइंट मैं SC 15 percent आते हैं. लेकीन वर्गीकरण तीन भाग मैं कर दिया तो रोस्टर पॉइंट पहिला 33 दुसरा 66 तिसरा 99 तो SC को 100 रोस्टर पॉइंट मैं तीन जागा मीलेगी. मतलब 12 जागा कम होगा. तो वर्गीकरण से तोटा जादा होगा.. ऐशा कुझ विद्वान लोग का माना ना हैं. तो वर्गीकरण से sc catagory को फायदा होणे के बजाय किसी जाति को फायदा नहीं मिलेगा इस पर चिंतन जरूरी है. बहुत लोगों को रोस्टर point कैसा बनता है इस के बारी मैं पत्ता नाहि. इसालीय पहिले रोस्टर पॉइंट समजना चाहिए...... बाकी तो sc St समाज मैं कोई बिझनेस मेंन व्यापारी; जमीनदार मलईदार लोकं नहीं है.98 percent SC समाज के हर एक जाति मैं जमीन नहीं. बहुत से लोग झोपडपट्टी मैं रहते हैं. राहणे केलीय अच्छा मकान नाहि. तो उनको सरकार ने मकान देना चाहिए.... सरकारी नौकरी सिर्फ 2 percent हैं.98 percent नोकरी प्रायव्हेट सेक्टर मैं हैं. तो प्रायव्हेट सेक्टर मैं ऊंको आरक्षण देना चाहिए. तो प्रश्न solve होगा.....
क्या नौकरी के अतिरिक्त कोई दूसरा उपाय नहीं है जिससे दलितों का उत्थान हो....क्या व्यापार के लिए दलितों को प्रेरित नहीं कर सकते जबकि नौकरी तो दो प्रतिशत है....
भाई जातीय , धार्मिक, आर्थिक सभी प्रकार की जनगड़ना बहुत जरूरी है, कैसे पता चले, आजादी के बाद से किसको कितना फ़ायदा हुआ, और कितने SC/ ST अरबपति बन गये, ये सभी डाटा देश के समछ रखनी चाहिये, भाई ये पब्लिक है सब जानती और समँझती भी है l जय हिन्द, जय भारत, भारत माता की जय 🙏🙏🚩🚩
आरक्षित जाति के कर्मचारियों को जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। उनकी शैक्षिक योग्यता नोन मैट्रिक करके डीएम, एसपी इन्जीनियर बना दीजिये। जिन आरक्षित जाति के लोगों परीक्षाएं पास की है उन लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। सरकार आरक्षण से वंचित लोगों के आघ्यादेश लाकर नियुक्ति कर दे।
बहुत साफ सीधी सरल बात है यदि 10% सवर्ण आबादी (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,कायस्थ) को 10% EWS आरक्षण दिया है तो 90% बहुजन आबादी(SC,ST, OBC AND MINORITY) को 90% आरक्षण क्यों नहीं? इस बात को मुद्दा बनाया जाए तब इन मनुवादियों की अक्ल ठिकाने आ जाएगी। इन्कलाब जिन्दाबाद। ,||🇮🇳 ||) जयभीम (|| जय भारत ||\ जय संविधान 🏫 🌹✍️🙏📚🙏✍️
Kaha bhai tumhre pass kade kaha se aye hai yaha bramhan hi akela 15 percent hai 10 percent thakur 15 percent baniya 3 percent lala aise bahot log hai last me bachoge 20 percent baki hatao 20 percent me sab lelo
Begining of efforts for Islamitization backed by the radical muslims so that these power greedy people can meet the same fate as they met in Pakistan under the leadership of Yogendra Nath Mandal.
दोस्त ये लोग आपके उन वर्ग को आगे नहीं आने देना चाहते जो आपके समाज को आधिकारिक रुप से ज्यादा आधिकार दिला आप लोगों का ज्यादा ख्याल रख सकें। इस देश में जज, सेक्रेटरी, बड़े बिभगों के आधिकारि, संसद में आपकी भागीदारी ना के बराबर है, क्योंकि ये लोग फुट डलवा कर आपको भ्रमित कर रहे हैं। ताकि आप लोग फिर गरीब क्लर्क की नौकरी के लिये लड़ते रहें, आगे ना बढ़े। आप 75%हैं पर रिजर्वेशन सिर्फ 49%, 10%मुस्लिम, बाकी सर्व्ण वर्ग 15% । ये 15%ने साजिश कर 10%का रिर्वेशन अपने नाम करा लिया, जबकि ये पहले ही 51% पर कब्जा किये हुए थे। खुश होकर अपने पैरों पर कुलहाड़ी ना मारें, वर्ना पक्षताना पड़ेगा । आरक्षण स्ममान की लड़ाई है,अमीर गरीब की नहीं । ये ना अंबेडकर की इज्जत करते हैं,ना परियार की, ना ज्योती बाई फुले की, ना कशिराम की, ना लाऊ लालू प्रसाद की, ना माया वती की,ना मुलायम सिंह की, क्या इनके पास पैसा कम है? नहीं ।इसलिये ये मत समझों की जो थोड़े पैसे वाले एसी एसटी ओविसी हैं वो तुम्हारे हक को मार रहे हैं, नहिं वो तुम्हें आगे बढ़ने के रास्ते पक्के कर रहे हैं। एक बार समाज सिक्षित और संबल हो जाएगा तो सम्मान मिलना शुरु हो जाएगा। हजारों वर्ष लगते हैं परिवर्तन आने में। एक के बाद दुसरे का समय आएगा। इसलिये दूसरों के सांझे में ना आएं।आर एस एस आरक्षण खत्म करना चाहती है और मोदी उनका एजेंट है। और इसका समर्थन करने वाले गद्दारों या नासमझ लोगों से सावधान।
अगर जाटव समाज वाल्मीकि समाज की मदद करने के लिए बदले में उनसे उनकी नौकरियां मांग कर उनको एकलव्य बनाना चाहते हैं, तो फिर मनुवादी व्यवस्था में और आरक्षण का लाभ उठा रहे एससी एसटी समाज में अंतर ही क्या है।
आरक्षण केवल जाती के आधारपर ही देना चाहीए. करप्शन कि वजहसे 40 साल से बैकलोग भरा नही आरक्षण को आर्थिक निकष लगाना गलत है सोचो भी मत क्यो बार बार आर्थिक मुद्दा निकाल ते हो
Harsh Vardhan Tripathi ji jo arakshan 70 saal mai 21% nhi diya gaya us pr ap kya khege Us pr bhi ap NFS khe kr sc ,st ki seat ko general mai convert kr dete hai kal ko ap yhi krege vargikaran krne ke baad
यह बेवकूफ पत्रकार है गलत डेफिनेशन कर रहा है भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी में जो 7 मेंबर की बनी थी उसमें ६ ने कोई कार्य नहीं किया अकेले बाबासाहेब ने संविधान को बनाया यह संविधान के आर्टिकल 341 342 के विरुद्ध बोलरहा है
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से आंकड़ा विहीन, डाटा विहीन, मांग विहीन या कहें कि बिन मांगे,गरीबी रेखा के दोहरे मापदंड से EWS कोटा का आरक्षण दे दिया है उसी तरह से आरक्षण मे वर्गीकरण का फैसला या टिपण्णी कहे दे दिया है और ये पहला मौका नहीं है जो सुप्रीम कोर्ट आरक्षण पर फैसला दिया है मजे की बात है कि जब जब सुप्रीम कोर्ट फैसला आरक्षण पर या एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट पर दिया है उसमे पूर्वाग्रही मानसिकता साफ साफ झलकती है। अब बातआरक्षण में वर्गीकरण या एक ही बार मिले आरक्षण तो क्या सामान्य कोटा से नियुक्त लोगों पर यह नियम कानून लागू क्यों नहीं किया गया, ये तो वही बात हो गई कि मीठा मीठा मेरा और तीखा तीखा तेरा जैसे EWS से एससी एसटी ओबीसी समुदाय को बाहर रखा गया है तो अब ये सब नही चलेगा, माननीय सुप्रीम कोर्ट को दोहरा मापदंड से बाहर निकलना होगा,उसकी विश्वसनीयता को बचाना होगा और साक्ष्य विहीन, आंकड़ा विहीन पूर्वाग्रही मानसिकता से भी बाहर निकलना होगा, न्यायालय का काम साक्ष्यों के आधार पर फैसला देना होता हैं और संविधान में वर्णित नियमों, कानूनों आधार पर फैसला देकर उसकी रक्षा करने की ड्यूटी भी निभानी होगी अन्यथा लोग सवाल पूछेंगे और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे तथा कॉलेजियम से नियुक्ति पर भी सवाल होंगे कि कैसे लोग पीढ़ी दर पीढ़ी न्यायाधीश बनते आ रहे हैं और उसमे आरक्षण का बैक लॉग क्यों नहीं लागू हैं।
इनको Sc. में आरक्षण का लाभ... किसको क्या मिला है किसको नहीं मिला है... इसकी चिंता है लेकिन जनरल जातियों में कोई भी लेना देना नहीं है कि किसको क्या मिला है..... कौन सी जाती का कितना प्रतिशत प्रतिनिधत्व है... किसको क्या देना है ..... ये दलितों का हक खाना चाहते है 😡😡🤬🤬🤬😡😡😡
जो लोग ब्राह्मणवाद के पीछे घूम बने हुए हैं उनकी समाज से कोई भी व्यक्ति उत्पन्न तक नहीं पहुंच पाया है लेकिन जिसको जिसने अंबेडकर बात को समझा है अंबेडकर की आईडियोलॉजी को पड़ा है वही व्यक्ति इस जाति के लोग सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रख पा रहे हैं और वही लोग विरोध कर पा रहे हैं
क्या बात है एक ब्राह्मण कितनी बेचनी से अनुसूचित जाति का दर्द बया कर रहा है इन महोदय के मुंह से एक बार भी ये बात नही निकली की न्यायालय में केवल ब्राह्मण ही भरा है दूसरे का भी हमारी कर रहा है उसका प्रतिनिधित्व का इन महोदय की चिंता नही है
ये हर्षवर्धन त्रिपाठी कोन हैं, सीधा सीधा rss का हैं अपनी सोच दिखाता रहता, हर जगह, ये क्यों नहीं बोलता कि EWS की तरह अति दलित को भी 10% दे दो, rss वाले वैसे भी जाति प्रथा और मनु स्मृति लागू करना चाहती हैं
Intercaste marriage india mai kaha jaldi hotee hai gen obc sc st kisi mai nahi sc st mai 100 sai jaayda cast wo bhi apas mai shaadi nahi kartai hai aur untouchability ka rona rote hai govt ko Intercaste marriage per,, govt job mai reservation dena chaahyai 5% kota eska bhi bana dai aur condition bhi laga dai divorce hua to naukari gayee , es per bhi sabhi political party wale aagai aayai kanoon banayai
RSc BJP Our Bsp मैं फरक क्या है है तोदोनी बी पहले बीआरजे की सरकार बणाने मैं चुनावधोगपती भी आर तीन हिस्सों में मैने अपकी सुणनेसेपहले जवाब दिया है 🇮🇳⚔️🇮🇳✍️👈सुपरिमंकोरट जेजबीआर
जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान। श्रीमान जी 22.50% का कोटा 76 साल से लागू हैं लेकिन आज तक पूरी तरह से लागू नही हुआ । किसी विश्वविद्यालय का वाइस-चांसलर, मिडिया का हेड, अध्यक्ष क्रिकेट बोर्ड , राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कार्मिक विभाग के कार्यालयों में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इनमें बिना टेस्ट के सरकार भर्ती करती है लेकिन अति दलितों को कभी नहीं भर्ती करतीं । Ram Bali
करण वर्मा जी ,आपने मुद्दा सही उठाया परन्तु आप राजनीतिक विश्लेषक होने के नाते बताए कि सरकारें आरक्षण होने के बावजूद आज तक आरक्षण श्रेणियों की पूरी सीटें सरकारों ने क्यों नही भरी. और आरक्षण जिस वजह से मिला था क्या देश में उस सामाजिक स्तिथि में बदलाव आया यदि आया तो फिर इन लोगों पर अत्याचार क्यो हो रहे हैं. इस लिए जब तक सामाजिक स्तिथि में बदलाव नही तब तक आरक्षण में कोई बदलाव स्वीकार नही.
सर्वोच्च न्यायालय मध्ये कोणत्या जातीच्या सर्वात जास्त न्यायाधीश असतात एकाच परिवारातले का असतात ओबीसीएस एससी एसटी चा आरक्षण का लागू करण्यात येत नाही या समाजाला कधी संदी भेटली नाही त्यांना मग तिथे संधी देण्यास काय हरकत आहे लोकसभेत राज्यसभेत हे लोक किती प्रमाणात आहे याच्यावर आपण कधी विचार करून बातमी बनवली तर बरं 👌
त्रिपाठी बड़ी चालाकी से बाबा साहेब को छोटा दिखाने की कोसिस की, जो ब्राह्मण लोग चतुरता सा करता आह रहा है। Caste उठा करके , socio-economic बेसिस पर रिजर्वेशन चालू करने में कौन माना किया। वेदभाव में बिस्वास रखनेवाले ब्राह्मण कभी नही चाहता है कास्ट खतम हो जाए।
जब तक जाती है जनगणना नहीं होगी किसी का भला नहीं हो सकता देश में इस टाइम आरक्षण 49 परसेंटेज है बाकी का 51 परसेंटेज कौन खा रहा है इसके लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी है रही बात वाल्मीकि समाज उनकी तुमको कुछ नहीं देने वाली सरकार उनको अलग करके उनका हक भी खाने के चक्कर में पैसे भी इनकी आबादी देश में लगभग 2 परसेंटेज है जाति जनगणना से ही देश का भला होगा का जितना हक उतना अवतार मिले
महोदय जी जो अनुसूचित जाति जनजाति में सबसे ज्यादा गरीब है वह अपने बच्चों का डॉक्टर का पढ़ाई का खर्चा वहन कर पाएंगे जो उनको डॉक्टर के वैकेंसी में आरक्षण मिलेगा योग्य व्यक्ति नहीं मिला लिखकर ब्राह्मण के बच्चे को डॉक्टर बनाया जाएगा
सतीश जी बहुत लंबा लंबा बात कर रहेहैं आप , जिसके पास आरक्षण है उसका कट ऑफ हाई जा रहा है जिसके पास आरक्षण नहीं है उसकी कट ऑफ नीचे जा रही है इसके बारे में आप क्या कहना चाह रहे हैं सतीश जी
जाति जनगणना करा के आरक्षण नौकरियों तथा संसद और विधान सभा में भी आरक्षण दो ।इससे वाल्मीकि,धोबी,भील,गरासिया इत्यादि को नौकरियों तथा संसद और विधान सभा प्रतिनिधित्व मिलस्के ।मामला नोकरी का ही नहीं है विधायिका में प्रतिनिधित्व का भी है।
राजनीति में अकादमिक वार्तालाप और डिबेट ड्राइंग रूम और स्टूडियो तक ही सीमित रहता है। जमीन पर क्या परसेप्शन बन रहा है, जो बहस आप कर रहे हैं उसका समाज के बड़े वर्ग पर क्या असर हो रहा है। मेरे विचार से जमीन पर आज के तारीख में clear-cut संदेश यह है कि बीजेपी आरक्षण और संविधान विरोधी है। आप इस इश्यू पर जितना बहस करेंगे, संदेश सुदृह होगा। इस लिए अपने पुराने एजेंडे हिंदू मुस्लिम पर आजाएं, यह जमीन पर जायेगा तो बीजेपी को लाभ होगा।
Collegium system must be closed 90% seat capture brahaman supreme court judge 90% brahaman joint secretary 90% brahaman governor of india 60% brahaman professor lecturer 90% brahaman schedule caste 8% st 4% backward 7% minority 0% of india
यह फूड डालो राज करो की नीति के तहत आरएसएस के लोगो ने फैसला दिया है
जाति व्यवस्था खत्म कर दो, टाइटल व्यवस्था खत्म कर दो, सब का टाइटिल हिन्दू कर दो जो हिन्दू है, सब पर समानता का अधिकार दो फिर सब पर EWS लगा दो ।
जाति जनगणना होना चाहिए क्योंकि एक ही जात विशेष जाट के वह है ब्राह्मण उनकी जनसंख्या 15% है लेकिन 90% सभी संस्थाओं संस्थानों में सुप्रीम कोर्ट में 90% हाई कोर्ट में 90% बड़ी बड़ी स्कूलों में 90% सभी संस्थाओं में90% क्या यह चीज है सुप्रीम कोर्ट के चंद्रचूड़ साहब को और सुप्रीम कोर्ट के जितने भी जज हैं उनको नहीं दिखाई नहीं देती दलितों के आरक्षण में बटवारा कोटे में कोटा और क्रीमी लेयर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान केविरुद्ध है
जातिगत जनगणना जरूर होना चाहिए।
तभी तो पता चलेगा। कि हमारे देश में किस वर्ग में कितनी जनसंख्या है।
इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाए।
जातिगत जनगणना कराने में क्या आपत्ति है।
ये समझ नहीं आ रहा है मेरी तो।
फिर उसी के हिसाब से आरक्षण दे दीजिए। सभी वर्गों में।
जहां पर SC और ST साथ ही OBC की सीटों पर अन्य वर्ग कार्य कर रहा है, तो आखिर क्यों।
यह तो संविधान और कानून के बाहर है।
इस प्रकार की राजनीति।
क्या sc, st और obc वर्ग में लोग पढ़े लिखे शिक्षित नहीं हैं।
जो अन्य वर्ग को sc, st और obc की सीटें दे दी जाती हैं।
बताईए न भारत देश की जनता जानना चाहती है।
क्यों जवाब नहीं देती है, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें।
हर्षवर्धन जी की नाम पटक के आगे आरएसएस समर्थक लिखना चाहिए आपको वरिष्ठ पत्रकार लिखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह आरएसएस की भाषा बोल रहे हैं
जितने SC ST के सांसद हैं बो बीजेपी छोड़ दे यदि उनमें थोड़ी सी भी शर्म बची होगी तो।।
Mere bhai pehele ye baat sc st obc kiske liye hai vo log jo dram parivatan karke budha aur cristian dram apna liye hai ki jo abhi hindu dram me hi hai kiyu ki samvidhan srif aur srif hindu dram me hi sc st ko resevertion dene ki baat karta hai jo dram privartan kar liye hai unke liye nahi hai agar apas ke pass koi javab hoga to dena aur pehele samvidhan padna fir javab dena
Bilkul sahi baat kahi
बीजेपी के जितने आरक्षण वाले सांसद है पार्टी छोड़ दे
बीएसपी जिंदाबाद जय भीम
अब नेताओं को भी अधिकारों को छीना चाहिए जो इतनी सैलरी मिलती है क्षेत्रीय भत्ता मिलता है इसका भी विरोध होना चाहिए और इनको समाज सेवा के नाम पर ही केवल करने का अधिकार दिया जाए तब यह सुधरेंगे
बिना शिक्षा के किस समाज को प्रतिन्धित्व दोगे ? उसे देने के लिए पहले समाज को शिक्षित तो करो ।
बिना शिक्षा के समाज को NFS के लिए वर्गीकरण चाहिए ? जो समाज पिछड़ गया है वह शिक्षा का अभाव है इसलिए वह मुख्यधारा से छूट गए । और जो समाज आगे बढ़ गया है तो फिर उसे NFS क्यों अभी भी ?
1931 के बाद जातिगत जनगणना नहीं हुआ है। लेकिन जातिगत जनगणना के नाम पे करोड़ रुपये खर्च हर 10 साल में की जाती है
" हो जाओ होशियार,SC,ST AND OBC "
एक के वाजपेई जी NDA और मोदी जी बोले कि जाति जनगणना जल्द से जल्द पूरे भारतवर्ष में होना चाहिए 🎉🎉
श्रीमान जी न तो वरिष्ठ पत्रकार हैं और नहीं राजनीतिक विश्लेषक
। एससी एसटी के प्रति उनकी सोच सदियों पुरानी है।
जो 60 परसेंट आरक्षण बचा है जो जनरल वाले ले रहे है उसमें से गरीब तबकों ko मिले।
जय भीम जय बाबासाहब जय पासवान
Yadav meena gurjar jaat me bhi subclassification hona chahiye
जे लोग पीछे हैं. उस लोग को स्पेशल स्कूल स्पेशल हॉस्टेल व graduate तक शिक्षा फ्री मैं देना चाहिए. बाद मैं स्पेशल कोचिंग क्लासेस देकर नौकरी मिल सकती हैं.... विद्वान लाँगो का कहाणा हैं की वर्गीकरण करके शीट कम होगी.100 रोस्टर पॉइंट मैं SC 15 percent आते हैं. लेकीन वर्गीकरण तीन भाग मैं कर दिया तो रोस्टर पॉइंट पहिला 33 दुसरा 66 तिसरा 99 तो SC को 100 रोस्टर पॉइंट मैं तीन जागा मीलेगी. मतलब 12 जागा कम होगा. तो वर्गीकरण से तोटा जादा होगा.. ऐशा कुझ विद्वान लोग का माना ना हैं. तो वर्गीकरण से sc catagory को फायदा होणे के बजाय किसी जाति को फायदा नहीं मिलेगा इस पर चिंतन जरूरी है. बहुत लोगों को रोस्टर point कैसा बनता है इस के बारी मैं पत्ता नाहि. इसालीय पहिले रोस्टर पॉइंट समजना चाहिए...... बाकी तो sc St समाज मैं कोई बिझनेस मेंन व्यापारी; जमीनदार मलईदार लोकं नहीं है.98 percent SC समाज के हर एक जाति मैं जमीन नहीं. बहुत से लोग झोपडपट्टी मैं रहते हैं. राहणे केलीय अच्छा मकान नाहि. तो उनको सरकार ने मकान देना चाहिए.... सरकारी नौकरी सिर्फ 2 percent हैं.98 percent नोकरी प्रायव्हेट सेक्टर मैं हैं. तो प्रायव्हेट सेक्टर मैं ऊंको आरक्षण देना चाहिए. तो प्रश्न solve होगा.....
क्या नौकरी के अतिरिक्त कोई दूसरा उपाय नहीं है जिससे दलितों का उत्थान हो....क्या व्यापार के लिए दलितों को प्रेरित नहीं कर सकते जबकि नौकरी तो दो प्रतिशत है....
भाई जातीय , धार्मिक, आर्थिक सभी प्रकार की जनगड़ना बहुत जरूरी है, कैसे पता चले, आजादी के बाद से किसको कितना फ़ायदा हुआ, और कितने SC/ ST अरबपति बन गये, ये सभी डाटा देश के समछ रखनी चाहिये, भाई ये पब्लिक है सब जानती और समँझती भी है l जय हिन्द, जय भारत, भारत माता की जय 🙏🙏🚩🚩
ज्यादा बोलने से बेहतर है कम बोले सिर्फ एक बार पुरा आरछण 100/लागू करे बैकलाक भरे उसके बाद कोटे में कोटा लेकर आवे उसके पहले नहीं
आरक्षित जाति के कर्मचारियों को जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। उनकी शैक्षिक योग्यता नोन मैट्रिक करके डीएम, एसपी इन्जीनियर बना दीजिये। जिन आरक्षित जाति के लोगों परीक्षाएं पास की है उन लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। सरकार आरक्षण से वंचित लोगों के आघ्यादेश लाकर नियुक्ति कर दे।
एससी एसटी और ओबीसी तथा माइनॉरिटी के लोगों को गोदी मीडिया का बहिष्कार करना चाहिएl
जनगणना ऊ न दलित पिछले गरीब लोगों की आवश्यक है जो 75 वर्षों से भी अपनी हालत नहीं सुधर सके।
Bajpai jee your speech is real and thoughtful
बीजेपी,सरकार,21दिन,के,बाद,चली,जाएगी
आने वाले समय में बीजेपी कभी भी सत्ता में नहीं आएगी
आज तक पूरा प्रतिनिधत्व नही दे पाए बात करते हैं वर्गीकरण की ?
बहुत साफ सीधी सरल बात है यदि 10% सवर्ण आबादी (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,कायस्थ) को 10% EWS आरक्षण दिया है तो 90% बहुजन आबादी(SC,ST, OBC AND MINORITY) को 90% आरक्षण क्यों नहीं?
इस बात को मुद्दा बनाया जाए तब इन मनुवादियों की अक्ल ठिकाने आ जाएगी।
इन्कलाब जिन्दाबाद।
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||) जयभीम
(|| जय भारत
||\ जय संविधान
🏫 🌹✍️🙏📚🙏✍️
Kaha bhai tumhre pass kade kaha se aye hai yaha bramhan hi akela 15 percent hai 10 percent thakur 15 percent baniya 3 percent lala aise bahot log hai last me bachoge 20 percent baki hatao 20 percent me sab lelo
मनुवादियो सावधान अब चोरी और सीना जोरी नहीं चलेगी।
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||) जयभीम
(|| जय भारत
||\ जय संविधान
🏫 🌹✍️🙏📚🙏✍️
Supreme court and central Govt first remove the caste from the land plot. All should be recognized as one caste. Then remove the quota. Jay Bhim.
True ...we all want equality ..no caste system no surname no reservation simple
SC ST . Just don't vote for BJP
End game for BJP
Begining of efforts for Islamitization backed by the radical muslims so that these power greedy people can meet the same fate as they met in Pakistan under the leadership of Yogendra Nath Mandal.
सतीश जी कोई राजनीतिक विश्लेषण नही है बल्की वह BJP का आदमी हैं
ब्रामण उच्च पदों पै है इस देश सुप्रीम कोर्ट मैं मैं comny job उच्च पदों पै है मंदिर मैं इनका आरक्षण है एक प्रकारका
Court ka faisla galat hai
jay bhim
दोस्त ये लोग आपके उन वर्ग को आगे नहीं आने देना चाहते जो आपके समाज को आधिकारिक रुप से ज्यादा आधिकार दिला आप लोगों का ज्यादा ख्याल रख सकें। इस देश में जज, सेक्रेटरी, बड़े बिभगों के आधिकारि, संसद में आपकी भागीदारी ना के बराबर है, क्योंकि ये लोग फुट डलवा कर आपको भ्रमित कर रहे हैं। ताकि आप लोग फिर गरीब क्लर्क की नौकरी के लिये लड़ते रहें, आगे ना बढ़े। आप 75%हैं पर रिजर्वेशन सिर्फ 49%, 10%मुस्लिम, बाकी सर्व्ण वर्ग 15% । ये 15%ने साजिश कर 10%का रिर्वेशन अपने नाम करा लिया, जबकि ये पहले ही 51% पर कब्जा किये हुए थे। खुश होकर अपने पैरों पर कुलहाड़ी ना मारें, वर्ना पक्षताना पड़ेगा । आरक्षण स्ममान की लड़ाई है,अमीर गरीब की नहीं । ये ना अंबेडकर की इज्जत करते हैं,ना परियार की, ना ज्योती बाई फुले की, ना कशिराम की, ना लाऊ लालू प्रसाद की, ना माया वती की,ना मुलायम सिंह की, क्या इनके पास पैसा कम है? नहीं ।इसलिये ये मत समझों की जो थोड़े पैसे वाले एसी एसटी ओविसी हैं वो तुम्हारे हक को मार रहे हैं, नहिं वो तुम्हें आगे बढ़ने के रास्ते पक्के कर रहे हैं। एक बार समाज सिक्षित और संबल हो जाएगा तो सम्मान मिलना शुरु हो जाएगा। हजारों वर्ष लगते हैं परिवर्तन आने में। एक के बाद दुसरे का समय आएगा। इसलिये दूसरों के सांझे में ना आएं।आर एस एस आरक्षण खत्म करना चाहती है और मोदी उनका एजेंट है। और इसका समर्थन करने वाले गद्दारों या नासमझ लोगों से सावधान।
अगर जाटव समाज वाल्मीकि समाज की मदद करने के लिए बदले में उनसे उनकी नौकरियां मांग कर उनको एकलव्य बनाना चाहते हैं, तो फिर मनुवादी व्यवस्था में और आरक्षण का लाभ उठा रहे एससी एसटी समाज में अंतर ही क्या है।
ये उपाध्याय आर्य है। भृगु ऋषि इनके पूर्वज थे। जो परसिया से आये जो ईरान
में है । इनका डी। एन। ए। वहीं का है उसी तरह ये उत्तर दे रहें हैं।
❤❤
सामान्य कटेगरी की जनसंख्या अगर पंद्रह प्रतिशत है तो उनको क्यों पचास प्रतिशत हिस्सा क्यों मिल रहा है। जाति जनगणना इसलिए जरूरी है।
Aab BJP puri taraf se khataam hogi. Jay Bheem
चमार संख्या में बहुत है पूरे भारत में है अतः जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए
आरक्षण केवल जाती के आधारपर ही देना चाहीए. करप्शन कि वजहसे 40 साल से बैकलोग भरा नही
आरक्षण को आर्थिक निकष लगाना गलत है सोचो भी मत क्यो बार बार आर्थिक मुद्दा निकाल ते हो
Desh Ki sampatti Mein Sab Ka Adhikar sabse barabari Ka Adhikar Hona chahie
यह जातिवादी मनुवादी न्यायपालिका bjp आरएसएस के एजेंडा पर का रही हैं
Jay Bheem namo buddhay Jay sanvidhan Chandrashekhar Azad pradhanmantri bane hai
Harsh Vardhan Tripathi ji jo arakshan 70 saal mai 21% nhi diya gaya us pr ap kya khege
Us pr bhi ap NFS khe kr sc ,st ki seat ko general mai convert kr dete hai kal ko ap yhi krege vargikaran krne ke baad
क्या आवश्यक है कि हर समाज का व्यक्ति मंत्री हैं, जो योग्य होगा वही तो उस स्थान पर पहुंचेगा।
हर्षवर्धन जी आप ही इनके साथ खड़े हो जाइए।
यह बेवकूफ पत्रकार है गलत डेफिनेशन कर रहा है भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी में जो 7 मेंबर की बनी थी उसमें ६ ने कोई कार्य नहीं किया अकेले बाबासाहेब ने संविधान को बनाया यह संविधान के आर्टिकल 341 342 के विरुद्ध बोलरहा है
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से आंकड़ा विहीन, डाटा विहीन, मांग विहीन या कहें कि बिन मांगे,गरीबी रेखा के दोहरे मापदंड से EWS कोटा का आरक्षण दे दिया है उसी तरह से आरक्षण मे वर्गीकरण का फैसला या टिपण्णी कहे दे दिया है और ये पहला मौका नहीं है जो सुप्रीम कोर्ट आरक्षण पर फैसला दिया है मजे की बात है कि जब जब सुप्रीम कोर्ट फैसला आरक्षण पर या एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट पर दिया है उसमे पूर्वाग्रही मानसिकता साफ साफ झलकती है।
अब बातआरक्षण में वर्गीकरण या एक ही बार मिले आरक्षण तो क्या सामान्य कोटा से नियुक्त लोगों पर यह नियम कानून लागू क्यों नहीं किया गया, ये तो वही बात हो गई कि मीठा मीठा मेरा और तीखा तीखा तेरा जैसे EWS से एससी एसटी ओबीसी समुदाय को बाहर रखा गया है तो अब ये सब नही चलेगा, माननीय सुप्रीम कोर्ट को दोहरा मापदंड से बाहर निकलना होगा,उसकी विश्वसनीयता को बचाना होगा और साक्ष्य विहीन, आंकड़ा विहीन पूर्वाग्रही मानसिकता से भी बाहर निकलना होगा, न्यायालय का काम साक्ष्यों के आधार पर फैसला देना होता हैं और संविधान में वर्णित नियमों, कानूनों आधार पर फैसला देकर उसकी रक्षा करने की ड्यूटी भी निभानी होगी अन्यथा लोग सवाल पूछेंगे और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे तथा कॉलेजियम से नियुक्ति पर भी सवाल होंगे कि कैसे लोग पीढ़ी दर पीढ़ी न्यायाधीश बनते आ रहे हैं और उसमे आरक्षण का बैक लॉग क्यों नहीं लागू हैं।
इनको Sc. में आरक्षण का लाभ... किसको क्या मिला है किसको नहीं मिला है... इसकी चिंता है लेकिन जनरल जातियों में कोई भी लेना देना नहीं है कि किसको क्या मिला है..... कौन सी जाती का कितना प्रतिशत प्रतिनिधत्व है... किसको क्या देना है ..... ये दलितों का हक खाना चाहते है 😡😡🤬🤬🤬😡😡😡
Wright
General category Samaja ko teen category me baunt Dena chahiye
सारे के सारे पत्रकार ब्रहामण हैं
Casrte census karwaiye phir ye debate karna,,, har debate me 45+age ke log baithte hain,kabhi 18+25 ke bich ke yuva ko bhi bulaao
हर्षवर्धन त्रिपाठी ews पर बोलिए
Superm court ne R S S ke dabaw me judgement diya hai, jo swikar nahin hai .
Colegium khatm hoga tabhi nyay ki ummid ki ja sakti hai..
मनुवादी विचारधारा अब कामयाब नही होगी।बीजेपी को अब फिर 70 साल इंतजार करने वाली है
जो लोग ब्राह्मणवाद के पीछे घूम बने हुए हैं उनकी समाज से कोई भी व्यक्ति उत्पन्न तक नहीं पहुंच पाया है लेकिन जिसको जिसने अंबेडकर बात को समझा है अंबेडकर की आईडियोलॉजी को पड़ा है वही व्यक्ति इस जाति के लोग सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रख पा रहे हैं और वही लोग विरोध कर पा रहे हैं
भारत में लोगों की मानसिकता यह हो चली है कि जब तक वह उसका सरनेम पता नहीं कर देते तब तक उसके पेट का दर्द ठीक नहीं होता
Bhumi ka batwara ho aur jatiwad khatm ho
Baat ko उलझाने की कोशिश क्यों की जा रही हैं आप सेदेव मलाई खाते रहें
क्या अंबेडकर सिर्फ आरक्षण के कारण महान थे....या विपरीत परिस्थितियों में अपनी पढाई की रुचि के लिए.... बताओ कोई
Jitne bhi sc / st ke mp hai vo BJP ko chhor de jay bhim jay sanvidhan
एस सी एस टी और ओबीसी व जनरल भी सरकार के खिलाफ। सभी राजनीतिक दल वोट बैंक खिसक जाने के डर से।
Jati khatam karo , Arakshan apne aap khatam ho jayega.
क्या बात है एक ब्राह्मण कितनी बेचनी से अनुसूचित जाति का दर्द बया कर रहा है इन महोदय के मुंह से एक बार भी ये बात नही निकली की न्यायालय में केवल ब्राह्मण ही भरा है दूसरे का भी हमारी कर रहा है उसका प्रतिनिधित्व का इन महोदय की चिंता नही है
ये हर्षवर्धन त्रिपाठी कोन हैं, सीधा सीधा rss का हैं अपनी सोच दिखाता रहता, हर जगह, ये क्यों नहीं बोलता कि EWS की तरह अति दलित को भी 10% दे दो, rss वाले वैसे भी जाति प्रथा और मनु स्मृति लागू करना चाहती हैं
Intercaste marriage india mai kaha jaldi hotee hai gen obc sc st kisi mai nahi sc st mai 100 sai jaayda cast wo bhi apas mai shaadi nahi kartai hai aur untouchability ka rona rote hai govt ko Intercaste marriage per,, govt job mai reservation dena chaahyai 5% kota eska bhi bana dai aur condition bhi laga dai divorce hua to naukari gayee , es per bhi sabhi political party wale aagai aayai kanoon banayai
RSc BJP Our Bsp मैं फरक क्या है है तोदोनी बी पहले बीआरजे की सरकार बणाने मैं चुनावधोगपती भी आर तीन हिस्सों में मैने अपकी सुणनेसेपहले जवाब दिया है 🇮🇳⚔️🇮🇳✍️👈सुपरिमंकोरट जेजबीआर
जातिवाद को आखिर क्यूं आरक्षण मिले।आरक्षण सिर्फ और सिर्फ गरीबों को ही मिलना चाहिये।ना जातिवाद को।
Sabse jyada julm sc st ke logo pe hota hai ;tab kisi ko kuchchh dikhaie nhi deta ?????? Jay ........bhim
उपवर्गीकरण सही फैसला है।
जाति जनगणना होना चाहिए जिसकी जितना हिस्सेदारी उसकी उतना भागीदारी
Shameful collegium system 😢
जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान।
श्रीमान जी 22.50% का कोटा 76 साल से लागू हैं लेकिन आज तक पूरी तरह से लागू नही हुआ । किसी विश्वविद्यालय का वाइस-चांसलर, मिडिया का हेड, अध्यक्ष क्रिकेट बोर्ड , राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कार्मिक विभाग के कार्यालयों में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इनमें बिना टेस्ट के सरकार भर्ती करती है लेकिन अति दलितों को कभी नहीं भर्ती करतीं ।
Ram Bali
करण वर्मा जी ,आपने मुद्दा सही उठाया परन्तु आप राजनीतिक विश्लेषक होने के नाते बताए कि सरकारें आरक्षण होने के बावजूद आज तक आरक्षण श्रेणियों की पूरी सीटें सरकारों ने क्यों नही भरी. और आरक्षण जिस वजह से मिला था क्या देश में उस सामाजिक स्तिथि में बदलाव आया यदि आया तो फिर इन लोगों पर अत्याचार क्यो हो रहे हैं. इस लिए जब तक सामाजिक स्तिथि में बदलाव नही तब तक आरक्षण में कोई बदलाव स्वीकार नही.
Mudi ହଟଓ St,Sc ଲୋ କ
सर्वोच्च न्यायालय मध्ये कोणत्या जातीच्या सर्वात जास्त न्यायाधीश असतात एकाच परिवारातले का असतात ओबीसीएस एससी एसटी चा आरक्षण का लागू करण्यात येत नाही या समाजाला कधी संदी भेटली नाही त्यांना मग तिथे संधी देण्यास काय हरकत आहे लोकसभेत राज्यसभेत हे लोक किती प्रमाणात आहे याच्यावर आपण कधी विचार करून बातमी बनवली तर बरं 👌
त्रिपाठी बड़ी चालाकी से बाबा साहेब को छोटा दिखाने की कोसिस की, जो ब्राह्मण लोग चतुरता सा करता आह रहा है। Caste उठा करके , socio-economic बेसिस पर रिजर्वेशन चालू करने में कौन माना किया। वेदभाव में बिस्वास रखनेवाले ब्राह्मण कभी नही चाहता है कास्ट खतम हो जाए।
नीरज वाजपाई जी जाति जनगणना से आप को क्यों आपत्ति है। इसका जवाब दीजिए।
जब तक जाती है जनगणना नहीं होगी किसी का भला नहीं हो सकता देश में इस टाइम आरक्षण 49 परसेंटेज है बाकी का 51 परसेंटेज कौन खा रहा है इसके लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी है रही बात वाल्मीकि समाज उनकी तुमको कुछ नहीं देने वाली सरकार उनको अलग करके उनका हक भी खाने के चक्कर में पैसे भी इनकी आबादी देश में लगभग 2 परसेंटेज है जाति जनगणना से ही देश का भला होगा का जितना हक उतना अवतार मिले
महोदय जी जो अनुसूचित जाति जनजाति में सबसे ज्यादा गरीब है वह अपने बच्चों का डॉक्टर का पढ़ाई का खर्चा वहन कर पाएंगे जो उनको डॉक्टर के वैकेंसी में आरक्षण मिलेगा योग्य व्यक्ति नहीं मिला लिखकर ब्राह्मण के बच्चे को डॉक्टर बनाया जाएगा
लेकिन किरोड़ी लाल मीणा फिर भी रिजर्व सीट से ही चुनाव लड़ता है जर्नल सीट से क्यों नहीं
सतीश जी बहुत लंबा लंबा बात कर रहेहैं आप , जिसके पास आरक्षण है उसका कट ऑफ हाई जा रहा है जिसके पास आरक्षण नहीं है उसकी कट ऑफ नीचे जा रही है इसके बारे में आप क्या कहना चाह रहे हैं सतीश जी
जाति जनगणना करा के आरक्षण नौकरियों तथा संसद और विधान सभा में भी आरक्षण दो ।इससे वाल्मीकि,धोबी,भील,गरासिया इत्यादि को नौकरियों तथा संसद और विधान सभा प्रतिनिधित्व मिलस्के ।मामला नोकरी का ही नहीं है विधायिका में प्रतिनिधित्व का भी है।
राजनीति में अकादमिक वार्तालाप और डिबेट ड्राइंग रूम और स्टूडियो तक ही सीमित रहता है। जमीन पर क्या परसेप्शन बन रहा है, जो बहस आप कर रहे हैं उसका समाज के बड़े वर्ग पर क्या असर हो रहा है। मेरे विचार से जमीन पर आज के तारीख में clear-cut संदेश यह है कि बीजेपी आरक्षण और संविधान विरोधी है। आप इस इश्यू पर जितना बहस करेंगे, संदेश सुदृह होगा। इस लिए अपने पुराने एजेंडे हिंदू मुस्लिम पर आजाएं, यह जमीन पर जायेगा तो बीजेपी को लाभ होगा।
सुप्रीम कोर्ट मे ओबीसी का आरक्षण कब ?
सुप्रिम कोर्ट मे एक बार ब्राम्हण घुस गया हो न्यायाधीश बन गया हो उसका बेटा भी , उसका नाती भी न्यायाधीश बन रहा हैं । इसके लिए क्या कहोगे ?
एसटी इस केस का मुद्दा ही नहीं । तथापि आदिवासियों को क्यों लपेटे में लिया गया।इसपर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक क्यों कुछ नहीं बोलते हैं।
Jay bhim 💙💙💙💙💙💙
Why there is back log still many seats are vacant why Supreme Court not took stand against it
गोल्डेन दास सही है
सबसे ज्यादा हर sanshtha में सवर्ण जाति के हैं उनको कुछ दिन के लिए रिक्त पदों मे sc st obc के लिए छोड़ दें
सभी लोग ठगों के एजेंट ही साबित हो रहे हैं कोरी बातों से
अब तक एससी का प्रधान मंत्री क्यों नहीं बनाया।
जाति जनगणना से ये पता चल जायेगा की देश में कितना बाल मिकी हकितनाधोबी है उनके जनसख्या प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण लागू होगी
सुप्रीम कोर्ट का वर्गीकरण कब होगा ?
BJP bhagao desh bachao
Collegium system must be closed 90% seat capture brahaman supreme court judge 90% brahaman joint secretary 90% brahaman governor of india 60% brahaman professor lecturer 90% brahaman schedule caste 8% st 4% backward 7% minority 0% of india
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Jai bhim Jai savidhan 🎉🎉❤❤❤🎉❤❤❤