बजरंग बाण दिव्यास्त्र अभियान के सहभागी बने " एवम् स्त्रोत्र PDF हेतु ओर आश्रम की अधिक जानकारी हेतु website : www.swamirupeshwaranand.in/bajarangbaanabhiyan/
Guruji Narayan Bali sradh kra liya or koi piter ek dusri pidi ka rhe jaye phir ,,ya tripndi sradh sahi rhega use sabhi ko mukti mil jayegi jiska humko naam pta sab malum hai usko bhi or jo koi anjana ho usko bhi
गीता प्रेस से प्रकाशित देवी भागवत पुराण के दशवें स्कन्ध का पाॅंचवा अध्याय " महाविष्णु स्तोत्र " के नाम से प्रसिद्ध है जिसमें देवताओं के द्वारा भगवान् नारायण की स्तुति की गई है । इस स्तोत्र में मूल रूप से केवल 15 श्लोक ही है । " जय विष्णो रमेशाद्य " से लेकर " कोऽन्यस्त्वत्तो दयानिधि " यहां तक ही मूल स्तोत्र है और केवल 15 श्लोक का ही पाठ करना है । इस स्तोत्र के संबंध में स्वयं भगवान् नारायण ने देवताओं को वरदान देते समय यह कहा था कि " जिसके घर में आप लोगो के द्वारा किए इस स्तोत्र का पाठ होगा उसके घर पर दरिद्रता कभी भी आक्रमण नहीं करेगी तथा उसके घर में वेताल तथा ब्रह्मराक्षस आदि का उपद्रव नष्ट हो जाएगा " उपरोक्त वाक्य फलश्रुति का केवल एक अंश मात्र है । यह केवल आपको समझाने के लिए बता दिया । शास्त्रों में बताया गया है कि जिस प्रकार देह देही के बिना व्यर्थ होता है ठीक उसी प्रकार मंत्र तथा स्तोत्र आदि बिना पुरश्चरण के व्यर्थ ही होते है । अतः जिस मंत्र तथा स्तोत्र का प्रयोग करना हो उसका पुरश्चरण करना बहुत आवश्यक होता है । शास्त्रों में कई तरह के पुरश्चरण विधान दिए गए हैं किंतु देवी रहस्यम् में एक सबसे सरल उपाय यह बताया गया है कि सूर्य या चन्द्र ग्रहण के समय स्नान आदि करके षट्कर्म करके जिस मंत्र या स्तोत्र को सिद्ध करना हो उसको ग्रहण आरंभ से लेकर ग्रहण मोक्ष मंत्र का जप या जिस स्तोत्र को सिद्ध करना हो उसका पाठ करते रहना चाहिए ऐसा करने से पुरश्चरण कल्प हो जाता है तथा स्तोत्र आदि कल्पवृक्ष के समान फलदायी होते है । आप महाविष्णु स्तोत्र को इसी विधि से ग्रहण काल में सिद्ध करें और सिद्ध करने के पश्चात नित्य 10,11,15 पाठ शक्ति अनुसार करे । आपकी बाधा भगवान् नारायण की कृपा से अवश्य दूर होगी । यदि परेशानी ज्यादा है और ग्रहण काल तक आप प्रतीक्षा नहीं कर सकते तो मुद्गल पुराण के अनुसार किसी भी स्तोत्र का सिद्धि विधान बताया गया है कि " जिस स्तोत्र में जितना श्लोक हो उस स्तोत्र का उतने दिन उतना पाठ करने से स्तोत्र सिद्ध हो जाता है " । उदाहरण के तौर पर महाविष्णु स्तोत्र में 15 श्लोक है तो इस स्तोत्र को 15 दिन तक नित्य 15 पाठ करने से यह स्तोत्र सिद्ध हो जाएगा । इसका अनुष्ठान आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि से लेकर पूर्णिमा तक कर सकते हैं । बीच तिथि का क्षय एवं वृद्धि में विद्वान् ब्राह्मणों के वाक्य को प्रमाण मानें । पूर्णिमा के दिन पाठ पूर्ण होने के पश्चात् विद्वान् ब्राह्मण के द्वारा हवन आदि ब्राह्मण भोजन पर्यन्त पुरोहित को संतुष्ट करें । इसके पश्चात नित्य इस स्तोत्र का पाठ 10,11,15 पाठ करें । भगवान् नारायण की कृपा से ब्रह्मराक्षस संबंधी महान बाधा का अवश्य मोचन होगा । ॐ तत् सत्
Guruji plz btye hmare tau ji ke bache hai or unka sthan bna hua hai vo akal mrityu mare the ,or unhone sthan mnga tha apna ek ke srir par aaker or ek baba ne bhi btya tha
उनके निमित नारायण बलि करवाए और उनके स्थान को उखड़कर वहा भारतीय गाय के गोबर से लेपन करे गंगाजल से उस स्थान को धोए। उस स्थान की मिट्टी गंगा जी में विसर्जित कर दे। अधिक जानकारी के लिए आश्रम के सेवा नंबर 7607233230 पर अपनी पूरी समस्या लिखकर मार्गदर्शन प्राप्त करें।
स्वामी जी सादर प्रणाम ! अपने पितृों के लिए वार्षिक श्राद्ध अपनी जानकारी के अनुसार करने का प्रयास करता रहा हूँ | आपके वीडियो देेखने के बाद अपने पितृों के निमित्त त्रिपिंडी श्राद्ध करने की इच्छा है | आश्रम के माध्यम से त्रिपिंडी श्राद्ध की व्यवस्था कैसे करवाई जा सकती है ? मार्गदर्शन करें, आभारी रहूँगा !
त्रिपिण्डी श्राध्द अथवा नारायण बलि से सम्बन्धित प्रश्न अथवा जिज्ञासाओं का समाधान जानने हेतु swamirupeshwaranand.in/narayan_bali.html लिंक पर जायें। स्वामी रूपेश्वरानन्द आश्रम की वेबसाइट swamirupeshwaranand.in/ पर संपर्क सूत्र आदि उपलब्ध है। 🚩🚩🚩
Guru ji namskar mere ghar 23 sal se shradh nahi hua hai mere pita ji nahi mante hai aur mughe koi aata paresan karti hai sab jagh gaya kahi thik nahi hua kya mai tripindi shradh kar sakte ho aur kitna kharcha aata hai aur kaha pe hota hai please bataiye
कुलदीप मराठा ji haan, jab Shraddha aadi Vidhi vidhaan se bhi kaam na ho to Bhagwat katha se Mukti milti hai. Iske alawa Jin gharo mein lagatar ek ke baad ek mrityu hoti chali jati hai wahan bhi Bhagwat katha Uttam sadhan hai.
बजरंग बाण दिव्यास्त्र अभियान के सहभागी बने " एवम् स्त्रोत्र PDF हेतु ओर आश्रम की अधिक जानकारी हेतु website :
www.swamirupeshwaranand.in/bajarangbaanabhiyan/
Jay shiri ram
Jai guru dev ki
Pranam Swami ji. Thank you.
Thank u very much swami j 👏👏👏👏
Very nice information
Tmara srno ma bar bar 🙏🙏🙏 prnam
सादर प्रणाम आपको
जय सीतारामजी.... 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Narayan Narayan
🙏🙏🙏
Narayan..
Narayan..
Narayan..
दिव्य जानकारी
👏
Jai. Guru dav🙏🙏🙏
Ram Ram guru ji
स्वामी जी नारायण नारायण
इस बर्ष 2024 में हरिद्वार में पितृ पक्ष में नारायण बलि त्रिपिंडी श्राद्ध का आयोजन क्या आपने किया है
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Guruji aap bhi ker doge kya pls btye
Guruji Narayan Bali sradh kra liya or koi piter ek dusri pidi ka rhe jaye phir ,,ya tripndi sradh sahi rhega use sabhi ko mukti mil jayegi jiska humko naam pta sab malum hai usko bhi or jo koi anjana ho usko bhi
ब्रह्मराक्षस को मुक्ति कैसे दिया जाता है मैंने आप कर देंगेगुरुजी बहुत परेशानहो गुरुजी कृपा कृपा करिए गुरुजी
गीता प्रेस से प्रकाशित देवी भागवत पुराण के दशवें स्कन्ध का पाॅंचवा अध्याय " महाविष्णु स्तोत्र " के नाम से प्रसिद्ध है जिसमें देवताओं के द्वारा भगवान् नारायण की स्तुति की गई है । इस स्तोत्र में मूल रूप से केवल 15 श्लोक ही है । " जय विष्णो रमेशाद्य " से लेकर " कोऽन्यस्त्वत्तो दयानिधि " यहां तक ही मूल स्तोत्र है और केवल 15 श्लोक का ही पाठ करना है ।
इस स्तोत्र के संबंध में स्वयं भगवान् नारायण ने देवताओं को वरदान देते समय यह कहा था कि " जिसके घर में आप लोगो के द्वारा किए इस स्तोत्र का पाठ होगा उसके घर पर दरिद्रता कभी भी आक्रमण नहीं करेगी तथा उसके घर में वेताल तथा ब्रह्मराक्षस आदि का उपद्रव नष्ट हो जाएगा "
उपरोक्त वाक्य फलश्रुति का केवल एक अंश मात्र है । यह केवल आपको समझाने के लिए बता दिया ।
शास्त्रों में बताया गया है कि जिस प्रकार देह देही के बिना व्यर्थ होता है ठीक उसी प्रकार मंत्र तथा स्तोत्र आदि बिना पुरश्चरण के व्यर्थ ही होते है । अतः जिस मंत्र तथा स्तोत्र का प्रयोग करना हो उसका पुरश्चरण करना बहुत आवश्यक होता है ।
शास्त्रों में कई तरह के पुरश्चरण विधान दिए गए हैं किंतु देवी रहस्यम् में एक सबसे सरल उपाय यह बताया गया है कि सूर्य या चन्द्र ग्रहण के समय स्नान आदि करके षट्कर्म करके जिस मंत्र या स्तोत्र को सिद्ध करना हो उसको ग्रहण आरंभ से लेकर ग्रहण मोक्ष मंत्र का जप या जिस स्तोत्र को सिद्ध करना हो उसका पाठ करते रहना चाहिए ऐसा करने से पुरश्चरण कल्प हो जाता है तथा स्तोत्र आदि कल्पवृक्ष के समान फलदायी होते है ।
आप महाविष्णु स्तोत्र को इसी विधि से ग्रहण काल में सिद्ध करें और सिद्ध करने के पश्चात नित्य 10,11,15 पाठ शक्ति अनुसार करे । आपकी बाधा भगवान् नारायण की कृपा से अवश्य दूर होगी ।
यदि परेशानी ज्यादा है और ग्रहण काल तक आप प्रतीक्षा नहीं कर सकते तो मुद्गल पुराण के अनुसार किसी भी स्तोत्र का सिद्धि विधान बताया गया है कि " जिस स्तोत्र में जितना श्लोक हो उस स्तोत्र का उतने दिन उतना पाठ करने से स्तोत्र सिद्ध हो जाता है " ।
उदाहरण के तौर पर महाविष्णु स्तोत्र में 15 श्लोक है तो इस स्तोत्र को 15 दिन तक नित्य 15 पाठ करने से यह स्तोत्र सिद्ध हो जाएगा । इसका अनुष्ठान आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि से लेकर पूर्णिमा तक कर सकते हैं । बीच तिथि का क्षय एवं वृद्धि में विद्वान् ब्राह्मणों के वाक्य को प्रमाण मानें । पूर्णिमा के दिन पाठ पूर्ण होने के पश्चात् विद्वान् ब्राह्मण के द्वारा हवन आदि ब्राह्मण भोजन पर्यन्त पुरोहित को संतुष्ट करें ।
इसके पश्चात नित्य इस स्तोत्र का पाठ 10,11,15 पाठ करें । भगवान् नारायण की कृपा से ब्रह्मराक्षस संबंधी महान बाधा का अवश्य मोचन होगा ।
ॐ तत् सत्
Guruji plz btye hmare tau ji ke bache hai or unka sthan bna hua hai vo akal mrityu mare the ,or unhone sthan mnga tha apna ek ke srir par aaker or ek baba ne bhi btya tha
उनके निमित नारायण बलि करवाए और उनके स्थान को उखड़कर वहा भारतीय गाय के गोबर से लेपन करे गंगाजल से उस स्थान को धोए। उस स्थान की मिट्टी गंगा जी में विसर्जित कर दे।
अधिक जानकारी के लिए आश्रम के सेवा नंबर 7607233230 पर अपनी पूरी समस्या लिखकर मार्गदर्शन प्राप्त करें।
Swami ji meri kundli mein pitra dosh hai to kaun si pooja krni hai Narayan bali ki tripindy shrad
आश्रम के नम्बर पर सम्पर्क करें-+917607233230
स्वामी जी सादर प्रणाम ! अपने पितृों के लिए वार्षिक श्राद्ध अपनी जानकारी के अनुसार करने का प्रयास करता रहा हूँ | आपके वीडियो देेखने के बाद अपने पितृों के निमित्त त्रिपिंडी श्राद्ध करने की इच्छा है | आश्रम के माध्यम से त्रिपिंडी श्राद्ध की व्यवस्था कैसे करवाई जा सकती है ? मार्गदर्शन करें, आभारी रहूँगा !
त्रिपिण्डी श्राध्द अथवा नारायण बलि से सम्बन्धित प्रश्न अथवा जिज्ञासाओं का समाधान जानने हेतु swamirupeshwaranand.in/narayan_bali.html लिंक पर जायें।
स्वामी रूपेश्वरानन्द आश्रम की वेबसाइट swamirupeshwaranand.in/ पर संपर्क सूत्र आदि उपलब्ध है।
🚩🚩🚩
Swami ji Charan sparsh kya aaurat be Apne sesur or SAS ke shradh ker Sakti hai
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
मैं श्राद्ध तर्पण करना चाहता हूँ, गुरुदेव घर पर कैसे करें। विधि बताये। मार्गदर्शन करें।
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
गुरु जी नमस्कार गुरु जी नारायण बलि जिस आत्मा के निमित्त कराते है उस आत्मा का क्या होता है कृपया कुछ बताने की कृपा करें नमस्कार
swamirupeshwaranand.in/narayan-bali/
Swami ji hemare gher me shradh gher ke mendir me kertey hai kya theek hai betay
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
Guru ji namskar mere ghar 23 sal se shradh nahi hua hai mere pita ji nahi mante hai aur mughe koi aata paresan karti hai sab jagh gaya kahi thik nahi hua kya mai tripindi shradh kar sakte ho aur kitna kharcha aata hai aur kaha pe hota hai please bataiye
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
गुरुदेव प्रणाम
कृपया त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए किए जाने वाले कर्म कांड का पीडीएफ भी उपलब्ध कराए। आपकी महान कृपा होगी।
swamirupeshwaranand.in/tripindi-shradh/
क्या श्रीमद भगवदगीता का पाठ करने से भी पितृों की मुक्ति होती है
कुलदीप मराठा ji haan, jab Shraddha aadi Vidhi vidhaan se bhi kaam na ho to Bhagwat katha se Mukti milti hai. Iske alawa Jin gharo mein lagatar ek ke baad ek mrityu hoti chali jati hai wahan bhi Bhagwat katha Uttam sadhan hai.
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
त्रिपिण्डि श्राद्ध कब किया जाता है।
swamirupeshwaranand.in/tripindi-shradh/
जिसकी पिता जीवित है तो ओ त्रिपिंडी श्रद्धा करसकता है की नही।
Whatsapp No. +91- 7607 233 230
आप जो नारायण बलि करते हो उनमे पितृओ की आत्मा का आह्ववान होता है ??
मतलब पितृओ की आत्मा को उनके परिजनों के शरीर मे बुलाया जाता है ????