बहुत खलता है जब छोडना पड़ता है अपना घर अपना आंगन भले ही हो वो शहर मे,या गांव में धूप में या घने जंगल की छांव में पक्का पलस्तर चढ़ा हुआ या फिर कच्चा,टांटर से जड़ा हुआ गौबर मिट्टी से मढ़ा हुआ बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है अपना घर अपना आंगन तब और भी ज्यादा खलता है ऐ दोस्त कि जब तुम्हे कोई जबरदस्ती निकाले तुम्हारे निवासों से और ये बताऐ भी ना क्यों निकाले गए तुम अपने वासों से बस जारी करके फरमान ये कहा जाऐ छोड़ दो ये जंगल,और निकल जाओ कट जाओ जड़ों से अपनी,जमाने के साथ बदल जाओ बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है अपना घर अपना आंगन भला कैसे कोई अपनी जड़ों से कट जाये क्यों छोड़ दे ये जंगल,जो मूल निवास हैं हमारे आदिवासी हैं हम यही वास हैं हमारे यही जंगल रोटी हैं यही जंगल पानी हैं यही जीने की आस हैं हमारे उन्होंने खैरात में नहीं दिया है ये सब हमारे बुजुर्गों ने बनाया है मेहनत से लगन से प्यार से ये घर ये आंगन,अब छोड़ नहीं सकते हम और क्यों छोड़ें क्या वो छोड़ सकते हैं अपनी बस्ती अपना समाज अपनी रस्में अपने रिवाज, नही ना तो हम क्यों दें अपना त्याग अपना बलिदान बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है अपना घर अपना आंगन मारूफ आलम
आदिवासी समाज जागो। अपना अधिकार के लिए लड़ो। सबसे पहले अच्छे शिक्षा हासिल करो। कानून के बारे जानो भारतीय संविधान पढ़ो। हक के लिए लड़ो आपस में मत लड़ो। जय आदिवासी जोहार ❤❤
माननीय तिवारी जी यहाँ के जनता को नौकरी नही मिल रहा है और बाहर प्रदेश से लोगो को बुला के नौकरी दे रहे है ये छत्तीसगढ़ का बहुत बड़ा मुद्दा है जहाँ जहाँ गांव के पास प्लांट है यही परेशानी है
मुहब्बत के इस आंगन मे दूरी बांट दोगे क्या जंगल लूटकर हमे बेनूरी बांट दोगे मुहब्बत बांटने मे बड़े कंजूस हो तुम लोग जब नफरत बांटनी हो पूरी पूरी बांट दोगे जबरन छीनोगे पहले जायदाद पुरखों की फिर घर घर मे हमारे मजबूरी बांट दोगे लगवाओगे अगूंठे हवालात मे ले जाकर बदले मे बस दो चार मजदूरी बांट दोगे मुक्कमल कब पहुंचेगी जमाने मे बताओ या यूहीं दास्ताँ हमारी अधूरी बांट दोगे मारूफ आलम
वही अडानी, अम्बानी ने सरकार को चुनाव के समय बोरी-बोरी पैसा दिया था चुनाव प्रचार एवं अन्य कार्य के लिए। ये कह के की अगर चुनाव जीत गए तो हमे फलाना-फलाना जगह मुझे देना खनन कार्य के लिए। तुम पैसा जितना चाहो ले लो। बाद में और जरूरत हो बोलना।
लोगों को भारत के लोगों को समझ में क्यों नहीं आता है कि बिहार और यूपी के लोग भी अपने ही देश के लोग हैं और दूसरे धरती से नहीं आए हैं इसलिए आप लोग बच्चे चार बात ना करें
बहुत बहुत धन्यवाद भईया आप जो हमारे आंगन कुटी में आ कर जमीनी प्रोब्लम को दिलाया और किसानों के लिए आवाज बने। ....शुक्रिया भईया जी
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता हैं एक आखरी उम्मीद वही है
सीजी मे आदिवासी मुख्यमंत्री दिल में थोड़ा सा भी दर्द नही है,अपने गरीब आदिवासी भाइयों के बारे मैं
बहुत खलता है जब छोडना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
भले ही हो वो शहर मे,या गांव में
धूप में या घने जंगल की छांव में
पक्का पलस्तर चढ़ा हुआ
या फिर कच्चा,टांटर से जड़ा हुआ
गौबर मिट्टी से मढ़ा हुआ
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
तब और भी ज्यादा खलता है ऐ दोस्त
कि जब तुम्हे कोई जबरदस्ती निकाले
तुम्हारे निवासों से
और ये बताऐ भी ना क्यों निकाले गए तुम
अपने वासों से
बस जारी करके फरमान ये कहा जाऐ
छोड़ दो ये जंगल,और निकल जाओ
कट जाओ जड़ों से अपनी,जमाने के साथ बदल जाओ
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
भला कैसे कोई अपनी जड़ों से कट जाये
क्यों छोड़ दे ये जंगल,जो मूल निवास हैं हमारे
आदिवासी हैं हम यही वास हैं हमारे
यही जंगल रोटी हैं यही जंगल पानी हैं
यही जीने की आस हैं हमारे
उन्होंने खैरात में नहीं दिया है ये सब
हमारे बुजुर्गों ने बनाया है मेहनत से
लगन से प्यार से
ये घर ये आंगन,अब छोड़ नहीं सकते हम
और क्यों छोड़ें क्या वो छोड़ सकते हैं
अपनी बस्ती अपना समाज
अपनी रस्में अपने रिवाज, नही ना
तो हम क्यों दें अपना त्याग अपना बलिदान
बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है
अपना घर अपना आंगन
मारूफ आलम
ओह बहुत मार्मिक लिखा आपने सर जी
शुक्रिया भाई
आपने इस कविता में बहुत अच्छे से आदिवासियों के दर्द और मनोभाव को व्यक्त किया है सर जी
आदिवासी समाज जागो।
अपना अधिकार के लिए लड़ो।
सबसे पहले अच्छे शिक्षा हासिल करो।
कानून के बारे जानो भारतीय संविधान पढ़ो। हक के लिए लड़ो आपस में मत लड़ो।
जय आदिवासी जोहार ❤❤
नक्सल संगठन फिर सक्रिय होगा अब लाल सलाम
हमर दीदी के बात में दम हे💯
कोरोना तो सिर्फ पहला लक्षण है ऐसे ही मनुष्य का विनाश पैदा होगा। पानी, हवा जब दूषित होगी
Naxal hai to jungal hai lal salam
बड़ा मस्त लगता है विकास भैया पत्ता गोभी का सुकसी ❤❤
उचित मुआवजा मांगिए ❤ और जिसका जमीन एक एकड़ से ज्यादा जाएगा ❤ उसे सरकार रोजगार दे ❤ पहले बसाया जाए उसके बाद उजाड़ा जाए❤
Such a quiet,scenic village, Feel of rural india 💛
गांव जंगल की हरियाली छीन शहर में खुशहाली कर रहे हैं 😢😢
दयनीय स्तिथि
माननीय तिवारी जी यहाँ के जनता को नौकरी नही मिल रहा है और बाहर प्रदेश से लोगो को बुला के नौकरी दे रहे है ये छत्तीसगढ़ का बहुत बड़ा मुद्दा है जहाँ जहाँ गांव के पास प्लांट है यही परेशानी है
विचार धारा की लड़ाई है
तिवारी सर आप हमारे कोण्डागांव में बनजुगानी के उचित मूल्य दुकान में आईए रिपोर्टिंग करिए
छत्तीसगगठिया सबले बढ़िया 🌾🌾🇾🇪
मुहब्बत के इस आंगन मे दूरी बांट दोगे
क्या जंगल लूटकर हमे बेनूरी बांट दोगे
मुहब्बत बांटने मे बड़े कंजूस हो तुम लोग
जब नफरत बांटनी हो पूरी पूरी बांट दोगे
जबरन छीनोगे पहले जायदाद पुरखों की
फिर घर घर मे हमारे मजबूरी बांट दोगे
लगवाओगे अगूंठे हवालात मे ले जाकर
बदले मे बस दो चार मजदूरी बांट दोगे
मुक्कमल कब पहुंचेगी जमाने मे बताओ
या यूहीं दास्ताँ हमारी अधूरी बांट दोगे
मारूफ आलम
बेहद उम्दा लिखा है आपने
विकास इस कीमत पर भी न हो की विलासिता की चाह ही खतम हो जाए😢
सर, घाट बर्रा कौन सी जिला, तहसील में पड़ता है।
चुनाव में लिया गया चंदा को रिटर्न तो करना ही पड़ेगा मोदी सरकार को
चोर चोर मौसेरे भाई 🔥
वही अडानी, अम्बानी ने सरकार को चुनाव के समय बोरी-बोरी पैसा दिया था चुनाव प्रचार एवं अन्य कार्य के लिए।
ये कह के की अगर चुनाव जीत गए तो हमे फलाना-फलाना जगह मुझे देना खनन कार्य के लिए।
तुम पैसा जितना चाहो ले लो। बाद में और जरूरत हो बोलना।
Jay adivasi
Thanks
Ghatbarra
Permanent jab awash VA muavja milna chahie
Sawal.jayej hai to uthana hi chahiye
gaon nhi hatna chahiye
बीजेपी कांग्रेस अडानी की सरकार
Bjp kuj be kr skdi a
Kissan majdoor ekta jindabad 💪🦁💪
Aadivasi Puri isi mitti k aasli he... DNA Eha ka...
Baki sabb orr may v Bahar ka... 🎉🎉🎉🎉
लोगों को भारत के लोगों को समझ में क्यों नहीं आता है कि बिहार और यूपी के लोग भी अपने ही देश के लोग हैं और दूसरे धरती से नहीं आए हैं इसलिए आप लोग बच्चे चार बात ना करें
👍👍👍
Kab ay the sir mai bhi yhi ka hu
सर जी चमार किसी प्रकार की कोई जाति नही होती चमार शब्द उपयोग करने पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती हैं। कृपया इस शब्द का सुधार करने का कष्ठ करें
जी
Wikipedia में तो इस जाति का उल्लेख किया गया है ,
Bhaiya aapse milna hai mai baloda bajar se hu plz bhaiya
कभी जगदलपुर आइयेगा तो बताइयेगा
भाई साहब इतना पढ़े लिखे उनको तो इतनी जानकारी होना ही चाहिए था
👌👌
Naksali sangthan fir badega
Sab chor hai
👌👌