बहुत सुंदर ज्ञान प्राप्त हुआ आप से सादर नमन
Jay Mata Di
जय मां दुर्गा
Jai Mata di 🙏
Jai mata di 🙏🙏🙏🙏🙏
जय माता दी 🙏🙏
जय माता दी 🚩🚩🚩
Maharaj ji kya Saptami,Ashtami or Navmi in teen dino me ek din pratham charitra, dusre din madhyam charitra ir teesre din uttam charitra ka path kar sakte hai???
ऐसा कोई विधान उल्लिखित नहीं है। आप इस वीडियो में बताई गई दूसरी विधि के अनुसार सप्तमी और अष्टमी को पाठ कर लें और नवमी को हवन करके अपना क्रम सम्पन्न कर सकते हैं।
ए चार्ज महोदय कवच के पहले जो सांप विधि है आप उसके बारे में बताइए वह मंत्र क्या है कितना मंत्र का उच्चारण करना चाहिए जिसे जो हम यह 13 अध्याय का पाठ करेंगे तो शराब मुक्त रहेगा वह उपाय बतलाइए
माफ कीजिएगा उच्चारण में श्रापित को सांप कहा गया है और शराब उच्चारण हो गया है वह गलत शब्द है आचार्य महोदय बस आप यह मुझे बता दीजिए कि वह साप विधि क्या है
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ की प्रथम विधि जिसके अनुसार नित्य 13 अध्यायों का पाठ किया जाना है , यदि कोई व्यक्ति उक्त विधि से पाठ करता है तो उसे शापोद्धार विधि करनी चाहिए। "ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं क्रां क्रीं चंडिकादेव्यै शापनाशानुग्रहं कुरु कुरु स्वाहा" इस मंत्र का संकल्प विधि के पश्चात 7 बार और पाठ पूर्ण करने के बाद 7 बार जप करें। यह शापोद्धार मंत्र है। इसके अतिरिक्त उत्कीलन मंत्र "ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं सप्तशति चण्डिके उत्कीलनं कुरु कुरु स्वाहा" का 21-21 बार और मृतसंजीवनी विद्या "ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा" का 7-7 बार आरम्भ और अंत में शापोद्धार मंत्र के पश्चात जप करना चाहिए।
उक्त शापोद्धार विधि , दुर्गा सप्तशती पाठ की अन्य विधियों हेतु प्रयोग नहीं की जाती है। वहाँ 6 अंगों (कवच,अर्गला,कीलक, तीनो रहस्य)सहित श्री दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ स्वयं में उत्कीलन माना जाता है।
इसके अतिरिक्त शापोद्धार विधि विशिष्ट साधको हेतु लागू है। सामान्य गृहस्थ भक्तो हेतु उक्त विधि का पालन अनिवार्य न होकर उनकी इच्छा पर है।
Tesri vidhi me Kovach Argala aur Kealak roj karna ya fir kewal pahle din
इस विधि में कवच,अर्गला और कीलक केवल पहले दिन ही करना है। इसके बाद नित्य दिए गए क्रमानुसार केवल पाठ करना है
@@user-ow6eo5bp4h जो क्रम दिया गया है उसके अनुसार प्रथम दिवस ही कवच,अर्गला और कीलक किया जाना है। यदि आपको नित्य कवच इत्यादि करने में रुचि है तो इस क्रम के अतिरिक्त अलग से किया जा सकता है। पाठ के संकल्प क्रम में कवच इत्यादि का पाठ केवल प्रथम दिवस ही होगा।
Tisri vidhi me kunjika stora kewal 7 ve din padna hai ya fir roj path karne ke baad
दुर्गा सप्तशती तो शापित ग्रंथ है तो शापित को छुड़ाने का क्या उपाय है
श्री दुर्गा सप्तशती शापित ग्रंथ है ऐसा आरोप पूर्णतया गलत और त्रुटिपूर्ण है। श्री दुर्गा सप्तशती में परम ब्रह्मांडीय ऊर्जा निहित है । उक्त विशिष्ट ऊर्जा का कीलन स्वयं महादेव द्वारा किया गया है ताकि इसका दुष्प्रयोग प्रकृति के विरुद्ध न किया जा सके। कोई भी भक्त अथवा साधक अपने और विश्व के कल्याण के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकता है।
शापोद्धार की विधियां तो व्यक्ति द्वारा संकल्प अथवा पाठ के समय संभावित मानसिक, वाचिक और कर्म रूप से उत्पन्न हो सकने वाली त्रुटियों के शमन हेतु है।
Navarna mantra koi bhi jap sakta hai
किसी भी व्यक्ति द्वारा श्री दुर्गा सप्तशती पाठ के क्रम में नवार्ण मंत्र जप किया जा सकता है।
Jai Mata Di
जय मां दुर्गा दी