सोना पहाड़ी मंदिर की हैरान कर देने वाले अद्धभुत रहस्य SONA PAHADI MANDIR BAGODAR GIRIDIH JHARKHAND
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- เผยแพร่เมื่อ 25 ธ.ค. 2022
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• नचनिया पहाड़ लेदा गिरिड...
हजारीबाग और गिरिडीह जिले के सीमावर्ती प्रखंड बगोदर के बेकों स्थित सोना पहरी के द्वार सैनी बाबा एवं द्वार सैनी माता का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था एवं विश्वास का केंद्र बना हुआ है। जमीन की सतह से 426 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने के लिए 126 सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं।
बताते हैं कि मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था कायम है। सोना पहरी में द्वार सैनी बाबा एवं माता की ¨पडी के अलावा मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मांगने पर हर मनौती पूरी होने का विश्वास श्रद्धालुओं को है। यही वजह है कि सोना पहरी पूजा करने आने वाले श्रद्धालु सिर्फ स्थानीय एवं आसपास के क्षेत्र के ही नहीं होते हैं। यहां पूजा-अर्चना करने आने वाले श्रद्धालु झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार व यूपी समेत विभिन्न राज्यों के होते हैं। यहां मंदिर में नारियल चढ़ाने के अलावा बकरे की बलि देने की प्रथा है पर पूजा-अर्चना करने के बाद प्रसाद एवं बलि देने के बाद बकरे को घर लाने की मनाही है। उसे सोना पहरी के क्षेत्र में ही बनाकर खाने की प्रथा आज भी प्रचलित है। हर रोज यहां पूजा-अर्चना करने आने वालों की तादाद हजारों में होती है।
बताते हैं यहां पूजा की शुरुआत क्षेत्र के राजा के विश्वासपात्र प्रधान अनुयाई दयाल चौधरी ने 17वीं शताब्दी में की थी। बताते हैं कि राजा के खासमखास समझे जाने वाले दयाल चौधरी की मौत उनके छह भाइयों के साथ सीमावर्ती राजा से लोहा लेते तब हो गई थी। अपने पराक्रम एवं शौर्य के लिए असाधारण व्यक्ति के धनी दयाल चौधरी एवं उनके छह भाइयों की अंतिम यात्रा सोना पहरी से शुरू होकर सुंदरू टांड स्थित नदी के तट पर पहुंच कर समाप्त हुई थी। कहा जाता है यहां उन सभी की पत्नियां भी पति के वीरगति प्राप्त होने की खबर पाकर सती हो गई थीं। यह जगह आज की तारीख में सती दह के नाम जाने जाती है। अनुकरणीय कार्य करने वाले वीर पुरुषों की कृति की पूजा करने की परम्परा युगों से कायम है। यही वजह है कि दयाल चौधरी की शुरू की गई पूजा आज भी की जा रही है। द्वार सौनी बाबा एवं द्वारा सैनी माता के नाम की पूजा करने वालों का तांता लगा रहता है।
इस मंदिर की एक प्रथा है जिसे आप भूल के भी ना तोड़े अगर कोई इस प्रथा को तोड़ता है तो उसके किसी परिवार मे कोई घटना हो जाता है और ये सिर्फ एक अफवाह नहीं है ये बहुत बाद सिद्ध भी हो चुका है, इस मंदिर की प्रथा ये है अगर आप इस मंदिर जो लोग पूजा करने जाते है और अगर वो प्रसाद या बकरे का चढ़ावा करते है वो आप उस प्रसाद को अपने घर ले के नहीं जा सकते है आपको सारा कुछ उस जगह पर खाना पड़ेगा अगर आप कोई भी चीज अपने घर ले के जाते है तो आपको कुछ घटना हो सकता है तो ये भूलकर आप ये गलती ना करे।
अगर आप बकरे का चढ़ावा करते है उस मंदिर के पास मे आपको बहुत सारे घर या रूम्स आपको किराये मे मिल जाता है जहाँ पर आप अपने पूरे परिवार के साथ उस घर पर खाना बना के खा पी सकते है अगर पास मे ही बहुत बड़ा ग्राउन्ड भी है जहँ पर आप जा के अपनी पार्टी कर सकते है, मंदिर के आस पास लगभग अभी सभी सुविधाये मिल जाएगी जैसे होटल, राशन का समान, मेडिकल दुकान, मोटर साइकिल सर्विस सेंटर लगभग आपकी जरूरत की सभी सुविधाये आपको मंदिर के आस पास मिल जाएगी ।
Sona Pahari Mandir: केसे जाए और
इस मंदिर तक पहुचने के बहुत से तरीके है इस मंदिर मे आप बस, मोटर साइकिल और ट्रेन के जरिए आप आसानी से जा सकते है, ये मंदिर जी. टी. रोड के रास्ते मे पड़ता है जो कि बगोदर ओर डुमरी के बीच और जी. टी. रोड से महज 2 किलोमिटर के दूरी पर है ।
बस- अगर आप झारखंड के रहने वाले हो तो आप तो आप बस से आसानी से जा सकते है, सोना पहरी जाने के लिए आपको बस हजारीबाग, रांची, धनबाद और गिरीडीह से आपको हर 20 मिनट मे आपको बस मिल जाएगी ।
ट्रेन- अगर आप ट्रेन के माध्यम से जाना चाहते है तो हज़ारीबाग रोड रेलवे स्टेशन सरिया, पारसनाथ रेल्वे स्टेशन, धनबाद रेल्वे स्टेशन ,गोमिया रेल्वे स्टेशन और आपको सबसे पास पड़ेगा, सबसे कम दूरी पर आपको पारसनाथ रेल्वे स्टेशन पड़ेगा यहाँ से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है ।
हवाई जहाज- अगर आप हवाई जहाज से इस मंदिर मे जाना चाहते है तो आपके पास दो बिकल्प है बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और देवघर एयरपोर्ट, उसके बाद आप बस या कार के द्वारा आप आसानी से सोना पहरी मंदिर जा सकते है।
अगर आप पर्सनल कार या मोटरसाइकिल से जाते है तो आपको वहाँ पर पार्किंग के सुविधा भी आपको मिल जाएगी जिसके लिए आपको कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ेगा फ्री पार्किंग की सुविधा मोजूद है।
#Sona_Pahari_Mandir: इन बातों का ध्यान जरूर रखे
1 कोई भी समान जैसे नारियल प्रसाद कुछ भी उस स्थान से लेकर वहाँ से घर पर भूल के भी ना लाए ।
और अगर आपका कुछ भी समान बच जाता है तो कोशिश करे की वहाँ किसी जरुरतमन्द को दे दे ।
नहीं तो उस बचे समान को नदी मे बिसर्जित कर दे ।
Sona Pahari Mandir
इस मंदिर की बिशेषताए अब आपको पता चल ही गया होगा, इस मंदिर की खूबिया और रहस्य अब शयद ये जान के आपको एक बार जरूर जाने का मन कर रहा होगा तो जरूर प्लान करे अपने पूरे परिवार के साथ, इस मंदिर मैं अभी काम चल रहा इस मंदिर को और भी खूबसूरत बनाया जा रहा है ताकि लोग आए तो कुछ अलग नजरिए को देख के जाए ,अगर आपको इस मंदिर के बारे मे और कुछ जानकारी चाहिए तो आप हमे कॉमेंट या फिर कान्टैक्ट कर सकते हो।
नाम सोना पहरी मंदिर
स्थान बेको बगोदर
समय सुबह 5 बजे से शाम 8 बजे तक
राज्य झारखंड इंडिया
पिन कोड 825322
पार्किंग फ्री पार्किंग मोजूद
टिकट 15 रु
रेल्वे स्टेशन
हज़ारीबाग रोड,पारसनाथ रेल्वे स्टेशन,
Jay mata ji
Jay maa
❤ Jai Mata di🙏
हर हर महादेव
Radhe radhe 🙏
Jai Mata di 🙏
I like sonapahadi
काफी सुंदर बनाया गया है
जय जय श्री राम
हर हर महादेव
जय हो 👏
जय श्री राम 🙏
Jai mata di
बहुत बढ़िया👍👍
जय माता दी 🙏🙏
Bhaiya apne bola yah mandir 300 saal purana hai to us time Mahatma Gandhi ka to janam nahi huwa tha or hamara desh 1947 ne Azad huwa tha to yah rule kab bana
Sunday ko Puja hoti hai..
सभी दिन होते हैं नवरात्रि को छोड़कर
Sunday ko bakra Bali hoti hai sir
Ji
Ok thanks
Hoti hay bhai
Jay mata di