॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥ ॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥ ॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥ ॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
🙏धर्म की जय हो 🙏। 🙏अधर्म का नाश हो 🙏। 🙏प्राणियों में सद्भावना हो🙏 । 🙏विश्व का कल्याण हो🪔 🙏। 🙏गो माता की जय हो 🙏। 🙏गो हत्या बंद हो🙏 । 🙏भारत अखंड हो 🙏। 🙏सर्वभूतहृदय धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज की जय हो🙏। 🙏🪔⭕‼️⭕🪔🙏 🙏श्री जगन्नाथ महाप्रभु की जय हो 🙏। 🙏श्री बलभद्र महाप्रभु की जय हो🙏 । 🙏भगवती सुभद्रा देवी की जय हो🙏 । 🙏 श्री चक्र सुदर्शन महाभाग की जय हो 🙏। 🙏🔱हर हर महादेव🔱🙏 ।
He is the only shankaracharya who openly support vammarg also with logic... ❤ We should not say those who eat meat or offer meat or alcohol to gods are not hindus and their pujas will not be considered. And Shankaracharya is taking that responsibility. Vammarg aur dakshin marg dono marg hmare dharma ka bhag hai 100% hme jivo pr dya krni chahiye aur vammarg ka alamban bhut kam lena chahiye. Har har mahadev 🙏🙏🙏
@@ancientindianmathematicsan1208 aisa nhi hai dost jab dono shastro me hai to galat hone ka to sawal hi nhi hota hai na.... Hn ye hai ki vammarg ka use nhi krna chahiye satvik jivan jina chahiye that's all. Kisi ko galat mat bolo devi ki puja bina bali ke nhi hoti so calm down hme chizo ko samjhna chahiye.
वाम मार्ग निम्न कोटि के मांसाहारी लोगों के लिए है, जिससे वो धीरे धीरे मांसाहार छोड़ दे। शंकराचार्य जी ने chainsmoker का उदाहरण देकर ये स्पष्ट किया है। इसमें शंकराचार्य जी ने वाम मार्ग को निम्न करार दिया है जो आखिर में छोड़ना ही है। किसी भी मठ मे मास का भोग नहीं लगता।
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विंदम।। ।। Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan. Hindu Nagar Shivganj , Rajasthan, Bharat।। ।। कार्तिक शुक्ल 8,सम्वत 2081तद्नुसार शनिवार,०९.११.२०२४..८.२० प्रातः।। ।।जय श्री गौ माता।। ।।हर हर महादेव।। ।। श्री राम जय राम जय जय राम।। ।।जय श्री शिवावतार आद्य शंकराचार्य जी महाभाग।। ।।जय श्री करपात्री जी महाभाग। ।।जय श्री सनातन धर्म।। ।। जय श्री सनातन संस्कृति।। ।।जय श्री सनातन धरा।। ।।जय श्री सनातन राष्ट्र।। ।।जय श्री सनातन ध्वज।। ।।जय श्री मां भारती।। ।।वंदे मातरम्।। ।। श्री ॐ ॐॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
उन्होंने कहा है कि वाममार्गी ग्रंथों में बलि प्रथा का उल्लेख मिलता है अर्थात तामसिक प्रकृति वाले लोग बलि आदि का आलंबन लेते हैं लेकिन उन ग्रंथों में भी वो इस लिए है कि जो व्यक्ति हमेशा मांस खाता है...वो हर रोज न खाकर...केवल उस अनुष्ठान के समय ही खाए ...इससे धीरे धीरे उसकी मांसाहार की आदत छूट जाएगी जिस प्रकार बीड़ी सिगरेट पीने वाले से कह दिया जाता है कि तुम केवल सप्ताह में एक दिन सिगरेट पी सकते हो...इससे उसकी सिगरेट की आदत छूट जाती है
*सुख और आनंद में जमीन आसमान का फर्क है* *सभी कल्पित जाति धर्मों के लोग जितना अपनी पहचान के लिए अपने अपने पेंदी से जोर लगा रहे हैं उतना जोर लूटेरों हत्यारों घोटालेबाजों पर लगाते तो हर घर में अमृतवर्षा होने लगती* *ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह*
महर्षि दयानंद ने उसी का प्रतिपादन किया जो वेद स सम्मत है और जो सनातन वैदिक सिद्धांत है।, मूर्ति पूजा का वेद में कहीं भी उल्लेख नहीं है। स्वयं श्री राम और श्री कृष्ण भी मूर्ति पूजा नहीं करते थे। ओउम
@@rahul-wf9pk तुमने कितने शास्त्रों काअध्ययन किया है तथा कितने भेद पढ़े हैं वेदों में भी मूर्ति पूजा का वर्णन है शास्त्रों में विवरण है यह समितियां में भी वर्णन है व्यक्ति हो तुम दयानंद की दूषित मानसिकता की व्यक्ति हो तुम इसलिए तुमको तुमको किसने बनायाहै तुम्हारा जन्म कैसे हुआ किस प्रकार से हुआ
@@AlokKumar-i1n महर्षि दयानंद ने सत्य जानने वालों को वैदिक धर्म का रास्ता दिखा दिया, जिनको अपना व्यापार, व दुकान चलानी है उन्हे ऋषि का मन्तव्य क्या समझ में आयेगा। काशी शास्त्रार्थ में भी कोई पंडित वेद में मूर्ति पूजा सिद्ध नहीं कर सका। जिन्हें इतना नहीं समझ आता कि मूर्ति से पहले मूर्ति बनाने वाला ( कुम्हार आदि शिल्पकार), मिट्टी आदि पदार्थ बनता है तब मूर्ति बनती है। वह ईश्वर और वेद को क्या समझेंगे। और उनका पूर्वाग्रह युक्त दृष्टिकोण महर्षि दयानंद को क्या समझ पाएगा। ओउम
Rishi dayanad hai aaj bhi dard h rishi ka seene me Are vidwan ko jalan kesi ho rhi h me to apko vidwan samajh rha tha Pr sab ek hi h apna ullu seedha krne me risho ki avelna krne wale kab shukhi huye khud dekh lo
वाम मार्ग निम्न कोटि के मांसाहारी लोगों के लिए है, जिससे वो धीरे धीरे मांसाहार छोड़ दे। शंकराचार्य जी ने chainsmoker का उदाहरण देकर ये स्पष्ट किया है। इसमें शंकराचार्य जी ने वाम मार्ग को निम्न करार दिया है जो आखिर में छोड़ना ही है। किसी भी मठ मे मास का भोग नहीं लगता। Boycott pashubali by never visiting such places.
Kripya Shankaracharya ji is khatre Ko bhi samajhne ki koshish karen aap log hath per hath dare na baithe Musalman jihadi isai missionary ka bahut bada Sankat aane Wala hai is Sankat se aap log bhi nahin Bach payenge kripya savdhan Ho jaaiye
Yeh prithvi lok ki ghatna nahi thi.. Agar unka sir laga dete to kehte ki sir kata hi kyon? Sabse pehle shri ganpati g parbrahm hari ke lila vigraha he aur shiv lok neenda aur stuti se rahit he.. Shiv have no social pressure, shiv g ne apne sasur ko bhi pranaam nahi kiya kyonki woh sehaj swaroop mei rehte he..
बिल्कुल जी यही जगद गुरु हे और आप जैसे मूर्खो को सुधार ने का काम खूब समय से कर रहे हे ।आप जैसे लोग जो इन गुरुओं का मजाक उड़ा रहे हे इनकी जीवनी के बारे मैं और इनकी किताबों को एक बार पढ़ कर देखो खुद के जीवन पर धिक्कार हो जाएगा
❤❤❤ 😔 गुरुदेव के चरणों मै साष्टांग दंडवत प्रणाम ❤❤❤
जय मां भवानी ⚔️
Jai jai jagat guru shankar charya... Jai guru gorakh nath
ॐ नमो नारायण 🙏🌞
पुरन्दरामरपते वज्रपाणे शतक्रतो ।
प्रगृह्यतां बलिर्देव विधिमन्त्रपुरस्कृतः ॥ 🙏🙏🙏
इन्द्र , बलि एवं पशु सबके सात्विक अर्थ हैं ।
श्री राम जय राम जय जय राम, श्री राम जय राम जय हनुमान ❤
नमो नारायण।। नारायण नारायण नारायण नारायण। जय हिन्द।
नारायण अखिल गुरु भगवन् नमस्ते 💐🙏💐
परमपुज्य गुरुदेव के पावन चरणों में कोटिकोटी प्रणाम
Har har Puri Shankaracharya nishchalanand Saraswati Ji Gurudev Ji Maharaj ki Jay Ho Gurudev aapki Vani devvani sakshat Shankar
Koti koti Naman prabhu 🙏🙏🙏
जय जय श्री राधे श्याम
जय राधावल्लभ लाल की जय
जय जय श्री सीताराम
नमः पार्वते पती हर हर महादेव
श्री गुरु श्ररणम् श्री हरि श्ररणम् ❤
Prabhu aap ko pranam
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥
॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्कर ॥
॥ जय जय शंकर, हरिहर शंकर ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
॥ जय जय शंकर, हर हर शङ्करः ॥
श्रीचरणों में साष्टांग प्रणाम
🙏धर्म की जय हो 🙏।
🙏अधर्म का नाश हो 🙏।
🙏प्राणियों में सद्भावना हो🙏 ।
🙏विश्व का कल्याण हो🪔 🙏।
🙏गो माता की जय हो 🙏।
🙏गो हत्या बंद हो🙏 ।
🙏भारत अखंड हो 🙏।
🙏सर्वभूतहृदय धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज की जय हो🙏।
🙏🪔⭕‼️⭕🪔🙏
🙏श्री जगन्नाथ महाप्रभु की जय हो 🙏।
🙏श्री बलभद्र महाप्रभु की जय हो🙏 ।
🙏भगवती सुभद्रा देवी की जय हो🙏 ।
🙏 श्री चक्र सुदर्शन महाभाग की जय हो 🙏।
🙏🔱हर हर महादेव🔱🙏 ।
श्री सद् गुरु श्री जगद्गुरु श्री श्रन्कराचार्य महाराज की जय ❤
शर्वः सर्वगतः शिवः शशिनिभः श्रीशंकरः पातुमाम्।
श्री शिवाय नमः स्तूभ्यम् ❤
He is the only shankaracharya who openly support vammarg also with logic... ❤
We should not say those who eat meat or offer meat or alcohol to gods are not hindus and their pujas will not be considered. And Shankaracharya is taking that responsibility.
Vammarg aur dakshin marg dono marg hmare dharma ka bhag hai 100% hme jivo pr dya krni chahiye aur vammarg ka alamban bhut kam lena chahiye.
Har har mahadev 🙏🙏🙏
Shastro me likha hai uss hisab se agar koi maas kha le to theek
Agar koi apne maze ke liye maas kha le to use dand milega or bo narakh bhi jayega
Meat khana hi galat hai l bali pratha galat bamamarg v galat hai @@पाखंड_का_खंडन
@@ancientindianmathematicsan1208 ye tu decide karne wala kon hai
@@ancientindianmathematicsan1208 aisa nhi hai dost jab dono shastro me hai to galat hone ka to sawal hi nhi hota hai na....
Hn ye hai ki vammarg ka use nhi krna chahiye satvik jivan jina chahiye that's all.
Kisi ko galat mat bolo devi ki puja bina bali ke nhi hoti so calm down hme chizo ko samjhna chahiye.
वाम मार्ग निम्न कोटि के मांसाहारी लोगों के लिए है, जिससे वो धीरे धीरे मांसाहार छोड़ दे। शंकराचार्य जी ने chainsmoker का उदाहरण देकर ये स्पष्ट किया है।
इसमें शंकराचार्य जी ने वाम मार्ग को निम्न करार दिया है जो आखिर में छोड़ना ही है।
किसी भी मठ मे मास का भोग नहीं लगता।
शंकराचार्य भगवान की जय
जय हो
।। वंदे महापुरुष ते चरणार विंदम।।
।। Shri pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushith purvanamay rigvediya Goverdhan math Puri pithadhishwar Shrimad Jagadguru Shankaracharya ji Mahabhag ke Shri Kamal caharon mein dandwat vandan.
Hindu Nagar Shivganj , Rajasthan, Bharat।।
।। कार्तिक शुक्ल 8,सम्वत 2081तद्नुसार शनिवार,०९.११.२०२४..८.२० प्रातः।।
।।जय श्री गौ माता।।
।।हर हर महादेव।।
।। श्री राम जय राम जय जय राम।।
।।जय श्री शिवावतार आद्य शंकराचार्य जी महाभाग।।
।।जय श्री करपात्री जी महाभाग।
।।जय श्री सनातन धर्म।।
।। जय श्री सनातन संस्कृति।।
।।जय श्री सनातन धरा।।
।।जय श्री सनातन राष्ट्र।।
।।जय श्री सनातन ध्वज।।
।।जय श्री मां भारती।।
।।वंदे मातरम्।।
।। श्री ॐ ॐॐ ॐ ॐ ॐ ॐ।।
श्री श्री गुरु देब भगवान जी कि जय हो
Gurudev ji k shree charno mein koti koti naman Vandan Jai shree Jagannath mahaprabhu ji ki Jai ho Prabhu ji pranaam Jai shree ram 🎉🎉🎉
Jay shree ram 🙏
Har har Puri Shankaracharya nishchalanand Saraswati Ji Gurudev Ji Maharaj ki Jay Ho Gurudev aapki Vani
जय जय जय श्री श्री सीताराम परम् पूजनीय पूर्वामनाय पीठा के ध्वज वाहक महापुरुष के चारणों में कोटि कोटि वन्दन🙏🛕🚩
Sadar Pranam Maharaj ji k charno me Pankaj Awasthi
श्रीमद् जगतगुरु शंकराचार्य भगवान की जय
गुरुदेव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
जय श्री राम कृष्ण हरि
Maansaahaari aapko mubaaruk
Jay gurudev ❤🙏
Jay Shree jagatnath ji jagadguru ji 🙏
👏❤️👏
হরে কৃষ্ণ🙏🙏🙏🙏
Guruji ke charnome koti koti pranam Narayan Narayan नमस्कार नमस्कार
❤ जय मां भगवती ❤
Shankaracharya bhagwan ki Jai
प्रणाम स्वामी जी
बिल्लू बैसोया गुर्जर फरीदाबाद
Jai shree Mahakal ji 🙏 🙌 😊
पूज्य गुरुदेव प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Gurudev❤🙏
Jai ho gurudev ki 🙏🏻
Aapko baram baar pranaam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Gurudev ❤️ ❤️
Jai Jagannath ❤
जय श्री राम जय जगदगुरुदेव आपको शत शत नमन करता हूँ.। 🚩🙏
🙏
Jai shree Ram ji 👐🙏🙏🙏
Jay maa mangala 🌺🌺🌺🙏
श्री गुरु देव भगवान् जी के चरणों में साष्टांग प्रणाम🙏💕🙏💕🙏💕🙏💕🙏💕
Pujya Gurudew ke Shri charno me kotish naman 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙇🏻♀️🚩🚩🚩
❤❤❤❤ Jai shree Ram ji 🙏🙏🙏🌹🌹🌺🌺
हर हर महादेव
🚩🌺 जय श्री गुरुदेव भगवान 🙏
जय दुर्गे 🙏
हर हर महादेव 🙏🙏
❤
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏
Shiv
Danywaad jai Gurudev 🌸 🙏🏻 🚩
Jai guru Sankara chary ji maharaj ki jai
Sriramjayramjayjayram
Jai shree Ram ji Jai Guru Dev ji apko Koti Koti pranam ji 🙏 🙌 😊❤❤❤🎉🎉🎉
Jai shree Mann Narayan ji ❤❤❤
🎉जय श्री राम हर हर महादेव महादेव
शंकराचार्य भगवान को कोटिकोटि नमन
JAI HO GURU JI KI 🙏
हर हर महादेव स्वामी जी 👏👏👏👏👏
।महान ज्ञानी है आप ।
में इतना मूर्ख हूं कि आप की बात मेरे सर के ऊपर जा रहा है । में ३०% समझ नहीं पा रहा हूं ,🙏
उन्होंने कहा है कि वाममार्गी ग्रंथों में बलि प्रथा का उल्लेख मिलता है अर्थात तामसिक प्रकृति वाले लोग बलि आदि का आलंबन लेते हैं
लेकिन उन ग्रंथों में भी वो इस लिए है कि जो व्यक्ति हमेशा मांस खाता है...वो हर रोज न खाकर...केवल उस अनुष्ठान के समय ही खाए ...इससे धीरे धीरे उसकी मांसाहार की आदत छूट जाएगी
जिस प्रकार बीड़ी सिगरेट पीने वाले से कह दिया जाता है कि तुम केवल सप्ताह में एक दिन सिगरेट पी सकते हो...इससे उसकी सिगरेट की आदत छूट जाती है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Narayana Narayana
Bharatmatakijay
गुरुदेव प्रणाम 👏
Jay gurudev, anantakoti pranam
Mansahar maha paap hai jai gurudev
Jaytisanatandharmh
Pujya gurudev bhagwan ki jai ho
Vandematrm
❤🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🌹🌹🌹🙏🙏🙏
🙏🙏
*सुख और आनंद में जमीन आसमान का फर्क है*
*सभी कल्पित जाति धर्मों के लोग जितना अपनी पहचान के लिए अपने अपने पेंदी से जोर लगा रहे हैं उतना जोर लूटेरों हत्यारों घोटालेबाजों पर लगाते तो हर घर में अमृतवर्षा होने लगती*
*ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह*
पहचान ही धर्म है ।
@kumar-saurabh108 जी बिलकुल 💯
किसी का आचरण ही उनका पहचान है
महर्षि दयानंद सरस्वती निडर, निर्भय थे।, सत्य सनातन वैदिक धर्म को जानने के लिए महर्षि दयानंद को पढ़ना चाहिए। ओउम
Tabhi Vaishya ke kothe par mara
क्या धर्म को जानते थे क्या वैदिक परंपरा को जानते थे तभी भगवान नारायण को नहीं माने मंदिरों का अपमान किया क्या यही सनातन वैदिक धर्म को जानते थे
महर्षि दयानंद ने उसी का प्रतिपादन किया जो वेद स सम्मत है और जो सनातन वैदिक सिद्धांत है।, मूर्ति पूजा का वेद में कहीं भी उल्लेख नहीं है। स्वयं श्री राम और श्री कृष्ण भी मूर्ति पूजा नहीं करते थे। ओउम
@@rahul-wf9pk तुमने कितने शास्त्रों काअध्ययन किया है तथा कितने भेद पढ़े हैं वेदों में भी मूर्ति पूजा का वर्णन है शास्त्रों में विवरण है यह समितियां में भी वर्णन है व्यक्ति हो तुम दयानंद की दूषित मानसिकता की व्यक्ति हो तुम इसलिए तुमको तुमको किसने बनायाहै तुम्हारा जन्म कैसे हुआ किस प्रकार से हुआ
@@AlokKumar-i1n महर्षि दयानंद ने सत्य जानने वालों को वैदिक धर्म का रास्ता दिखा दिया, जिनको अपना व्यापार, व दुकान चलानी है उन्हे ऋषि का मन्तव्य क्या समझ में आयेगा।
काशी शास्त्रार्थ में भी कोई पंडित वेद में मूर्ति पूजा सिद्ध नहीं कर सका।
जिन्हें इतना नहीं समझ आता कि मूर्ति से पहले मूर्ति बनाने वाला ( कुम्हार आदि शिल्पकार), मिट्टी आदि पदार्थ बनता है तब मूर्ति बनती है। वह ईश्वर और वेद को क्या समझेंगे। और उनका पूर्वाग्रह युक्त दृष्टिकोण महर्षि दयानंद को क्या समझ पाएगा। ओउम
Rishi dayanad hai aaj bhi dard h rishi ka seene me
Are vidwan ko jalan kesi ho rhi h me to apko vidwan samajh rha tha
Pr sab ek hi h apna ullu seedha krne me risho ki avelna krne wale kab shukhi huye khud dekh lo
पूरी दुनिया में बुद्ध का प्रभाव था न कि जातिवादी सोच को
Jay maa adiparashakti ❤
वाम मार्ग निम्न कोटि के मांसाहारी लोगों के लिए है, जिससे वो धीरे धीरे मांसाहार छोड़ दे। शंकराचार्य जी ने chainsmoker का उदाहरण देकर ये स्पष्ट किया है।
इसमें शंकराचार्य जी ने वाम मार्ग को निम्न करार दिया है जो आखिर में छोड़ना ही है।
किसी भी मठ मे मास का भोग नहीं लगता।
Boycott pashubali by never visiting such places.
Sri kshetra swamini Devi vimla ko chadhaya gya machli ke prasad ka photo abhi bhi hai mere paas.
बली देना चाहिए या नहीं यह स्पष्ट करें गुरुजी 🙏🙏 क्या महाकाली को बकरे का बली देना आवश्यकहोता है 🙏
नहीं
Han
आपके परंपरा में यदि बकरा (छाग) की बलि चढाया जाता है तो निश्चित रूप से बलि देना चाहिए l
Haa bilkul
Rig veda allow krta hu maas khana
प्रसाद के रूप में
वेद भयभीत होता है स्मृति-पुराण न पढ़ने वालों से क्योंकि वे उनका अनर्थ कर देते हैं ।
हर हर महादेव
Mard or namord ka alag alag alag matlab hota hay ।।
पुरुष वही है जो काम रूपी पशु को ज्ञान के खड्ग द्वारा बलि दे सके अन्यथा नपुंसक
Kripya Shankaracharya ji is khatre Ko bhi samajhne ki koshish karen aap log hath per hath dare na baithe Musalman jihadi isai missionary ka bahut bada Sankat aane Wala hai is Sankat se aap log bhi nahin Bach payenge kripya savdhan Ho jaaiye
Yeh batao, shiv ji ne apne putre Ka seir hathi Ka kyon lagaya,,,oosi ka seir kyon nahin lagaya.?
Yeh prithvi lok ki ghatna nahi thi.. Agar unka sir laga dete to kehte ki sir kata hi kyon? Sabse pehle shri ganpati g parbrahm hari ke lila vigraha he aur shiv lok neenda aur stuti se rahit he.. Shiv have no social pressure, shiv g ne apne sasur ko bhi pranaam nahi kiya kyonki woh sehaj swaroop mei rehte he..
Balli ka matalab hai saty par tika rahe aprad se samjota nahi hoga wahi balli wahi kurvani hai
ये जगत गुरु हैं😆😆😆😆😆😆
बिल्कुल जी यही जगद गुरु हे और आप जैसे मूर्खो को सुधार ने का काम खूब समय से कर रहे हे ।आप जैसे लोग जो इन गुरुओं का मजाक उड़ा रहे हे इनकी जीवनी के बारे मैं और इनकी किताबों को एक बार पढ़ कर देखो खुद के जीवन पर धिक्कार हो जाएगा
@@abhaykhare5930
हिंसक बलि का प्रमाण देने में वैदिक ग्रन्थ शामिल नहीं हैं बलि का अर्थ नर या पशु बलि नहीं बलिदान से हे भाई
Thoda kathin thaa samajhna
Tantra Daskhin marg par kore tobe bammarg hoy.
Pasyachar is daskhinachar😂
So vat boklei hobe! 😑