ऐसा ही होता है सक्षम तथा समृद्ध लोगों के दिल में और बड़ी घरों में जगह काम ही होती है। फिर चाहे भी अपने स्वयं के मां बाप भाई बहन ही क्योंbना हो। समाज तथा परिवार का एक सच यह भी है। प्रस्तुति 👌👌💕
१) क्या तो अंत लाए हैं ! २) गुड़ियाकी बात तो सही थी कि, छोटे पुत्र यानिकि उसके पिताके भागमें कम आया, तब भी छोटे पुत्रको पिताको उलाहना देते नहीं बताया गया । उलटे पिता-माताके संजीवनी विश्वासको टूटने नहीं दिया । वाह भई वाह ! ३) तभी तो मालतीजींकी कहानियाँ स्मरण भी रहतीं हैं और सभी कहानियाँ पाँच-छः भिन्न स्वरोंमें (विभिन्न यूट्युब चैनलों पर) पुनः-पुन: श्रवण करते हैं ।
@@Sahitya-Nidhi आपके धाराप्रवाह स्वरमें तो मैंने उपन्यास वंदे मातरम् भी श्रवण किया था ड़ेढ़ वर्ष पूर्व। और यदि कभी कोई कहानी किसी व्यक्तिको प्रथम बार साँझा करनी हो तब आपका स्वरपाठ चयन करना सुरक्षित विकल्प समझता हुं ।
Bahut sunder kahani
Ultimate Story Ma'm.
ऐसा ही होता है सक्षम तथा समृद्ध लोगों के दिल में और बड़ी घरों में जगह काम ही होती है।
फिर चाहे भी अपने स्वयं के मां बाप भाई बहन ही क्योंbना हो।
समाज तथा परिवार का एक सच यह भी है।
प्रस्तुति 👌👌💕
😊🙏
Excellent çlimax
सच में बहुत सुंदर कहानी, इतने सुंदर विचार छोटे बेटे के 👏👏आपकी प्रस्तुति हमेशा की तरह सटीक दीदी🙏
❤️❤️🌹🌹
१) क्या तो अंत लाए हैं !
२) गुड़ियाकी बात तो सही थी कि, छोटे पुत्र यानिकि उसके पिताके भागमें कम आया, तब भी छोटे पुत्रको पिताको उलाहना देते नहीं बताया गया ।
उलटे पिता-माताके संजीवनी विश्वासको टूटने नहीं दिया ।
वाह भई वाह !
३) तभी तो मालतीजींकी कहानियाँ स्मरण भी रहतीं हैं और सभी कहानियाँ पाँच-छः भिन्न स्वरोंमें (विभिन्न यूट्युब चैनलों पर) पुनः-पुन: श्रवण करते हैं ।
जी कहानी तो मालती जी की ही रहेगी पर सुनाने वाले बहुत हैं. उसी में से मैं भी एक हूं .🙏
Bahut sunder 💖
@@Sahitya-Nidhi आपके धाराप्रवाह स्वरमें तो मैंने उपन्यास वंदे मातरम् भी श्रवण किया था ड़ेढ़ वर्ष पूर्व।
और यदि कभी कोई कहानी किसी व्यक्तिको प्रथम बार साँझा करनी हो तब आपका स्वरपाठ चयन करना सुरक्षित विकल्प समझता हुं ।
@@vidushiagrawal5066 🙂🙏🏾