मीराबाई कृष्ण की प्रेम कथा | Meera bai Krishna Prem Kavita | Love Poetry : Kavi Ujala
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- เผยแพร่เมื่อ 5 พ.ย. 2024
- Hindi poetry on love / हिन्दी कविता प्रेम पर #hindikaviujala
Hindi Prem Geet : गीत : कृष्ण-मीरा प्रेम
जाने बिन पहचाने मुझको, शाम सुबह जपती रहती है
तन मन मुझपे वार चुकी है, मीरा दीवानी लगती है
कवि उजाला
A poem (geet) on a beautiful love story of krishn and meerabai. मीराबाई श्री कृष्ण की अन्य भक्त थी। केवल और केवल कृष्ण प्रेम। मीराबाई के जब फेरे चल रहे थे तब भी मीरा बाई श्री कृष्ण के श्री विग्रह को साथ लेकर बैठी थी और जब ससुराल गई तब भी भगवान को साथ लेकर गई थी।
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