किसी का हुक्म है! इस गुलिस्ताँ में बस एक रंग के ही फूल होंगे कुछ अफ़सर होंगे जो ये तय करेंगे गुलिस्ताँ किस तरह बन्ना है कल का यकीनन फूल तो यक-रंगीं होंगे मगर ये रंग होगा कितना गहरा, कितना हल्का ये अफ़सर तय करेंगे किसी को ये कोई कैसे बताये..... गुलिस्ताँ में कहीं भी फूल यक-रंगीं नहीं होते कभी हो ही नहीं सकते की हर इक रंग में छुप कर बहुत से रंग रहते हैं जिन्होंने बाग़-ए- यकरंगीं बनाना चाहे थे उन को ज़रा देखो..... की जब इक रंग में सौ रंग ज़ाहिर हो गए हैं तो कितने परेशान हैं, कितने तंग रहते हैं किसी को ये कोई कैसे बताए हवाएँ और लहरें कब किसी का हुक्म सुनती हैं हवाएँ हाकिमों की मुट्ठियों में, हथकड़ी में क़ैद-खानों में नहीं रुख़ती ये लहरें रोकी जाती हैं तो दरिया कितना भी हो पुर-सुकून बेताब होता है और इस बेगानी का अगला कदम सैलाब होता है
Javed saab. salute to your secularism and your humanity. you are one of the most humble, talented and courageous man. Lotsa love and respect to you. Keep shining.
जो बात कहते डरते हैं सब, तू वो बात लिख इतनी अंधेरी थी पहले कभी न थी रात, तू लिख । जिनसे कसीदे लिखें थे वो फ़ेक दे क़लम फ़िर खुने दिल से सच्चे क़लम कि शिफात लिख । जो रोज़ :नामों में पाती नहीं जगह जो रोज़ हर जगह कि हैं वो वारदात लिख । जो वाक्यात हो चुके उनका तो ज़िक्र है जो वाक्यात होने चाहिएं वो वाक्यात लिख । बड़ी रौनक थीं इस घर में, ये घर ऐसा नहीं था गिले शिकवे भी रहते थे, मगर ऐसा नहीं था । जहां कुछ सीधी बाते थी, वहीं कुछ तल्ख़ बाते भी थी मगर उन तल्ख़ बातों का असर ऐसा नहीं था।। जितने भी तंग दायरे हैं सारे तोड़ दे अब आ खुली फ़िज़ाओं में अब कायनात लिख इस बाग़ में जो देखनी है तुझ को फिर बहार तू डाल-डाल से सदा, तू पात-पात लिख। किसी का हुक्म है कि सारी हवाएं हमेशा चलने से पहले यह बताएं कि उनकी संत क्या है हवाओं को बताना ये भी होगा कि चलेगी वो तब क्या रफ्तार होगी कि आंधी की इजाजत अब नहीं है हमारी रेत की सब ये फसीले ये कागज के महल जो बन रहे है हिफाजत इनकी करना है जरुरी और आंधी है इनकी पुरानी दुश्मन ये सभी जानते है । किसी का हुक्म है दरिया की लहरें , जरा ये सरकशी कम कर ले ,अपनी हद में ठहरे उभरना , बिखरना और बिखरकर फिर उभरना , गलत है उनका ये हंगामा करना ये सिर्फ वशहत की अलामत, बगावत की अलामत बगावत तो नहीं बर्दाश्त होगी , ये वशहत तो नही बर्दाश्त होगी अगर लहरों को रहना है दरियां में, तो होगा उनको चुपचाप बहना । किसी का हुक्म है! इस गुलिस्ताँ में बस एक रंग के ही फूल होंगे कुछ अफ़सर होंगे जो ये तय करेंगे गुलिस्ताँ किस तरह बन्ना है कल का यकीनन फूल तो यक-रंगीं होंगे मगर ये रंग होगा कितना गहरा, कितना हल्का ये अफ़सर तय करेंगे किसी को ये कोई कैसे बताये..... गुलिस्ताँ में कहीं भी फूल यक-रंगीं नहीं होते कभी हो ही नहीं सकते की हर इक रंग में छुप कर बहुत से रंग रहते हैं जिन्होंने बाग़-ए- यकरंगीं बनाना चाहे थे उन को ज़रा देखो..... की जब इक रंग में सौ रंग ज़ाहिर हो गए हैं तो कितने परेशान हैं, कितने तंग रहते हैं किसी को ये कोई कैसे बताए हवाएँ और लहरें कब किसी का हुक्म सुनती हैं हवाएँ हाकिमों की मुट्ठियों में, हथकड़ी में क़ैद-खानों में नहीं रुख़ती ये लहरें रोकी जाती हैं तो दरिया कितना भी हो पुर-सुकून बेताब होता है और इस बेगानी का अगला कदम सैलाब होता है - जावेद अख्तर साहब । जश्न-ए-राहत कार्यक्रम में - जावेद अख्तर ने कहा कि आज लोग प्रकृति को भूलते जा रहे हैं। बहुत कम लोगों को चौदवीं के चांद के बारे में पता होगा। लोगों का प्रकृति से नाता टूटता जा रहा है, क्योंकि वो सीमेंट के जंगल में रहते हैं, उन्हें चांदनी प्रदूषण में कहां से दिखेगी। जावेद अख्तर ने कहा कि अगर अपने काम की इज्जत दिल में नहीं है तो आप उसे अच्छा नहीं कर सकते हैं। काम कोई छोटा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बिना उम्मीद के ख्वाब नहीं देखे जा सकते हैं। करिश्मा अगर परिभाषित हो जाता तो करिश्मा नहीं रह जाता है। "अगर पलक हैं मोती तो ये नहीं काफी हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का" - जावेद अख्तर
बड़ी रौनक थीं इस घर में, ये घर ऐसा नहीं था, गीले-शिकवे भी रहते थे, मगर ऐसा नहीं था। जहां कुछ शीरीं (मीठी) बातें थीं, वहीं कुछ तल्ख बातें थीं, मगर उन तल्ख बातों का अशर, ऐसा नहीं था। इन्हीं शाखों पर गुल थे, बर्ग थे, कल्यां थी, गुंचे थे, ये मौसम जब न ऐसा था, शजर ऐसा नहीं था।
We want that India back Where India was our compound where we all children of all caste would come out of our houses and play, laugh,giggle Now no one plays into compound ,our houses and our compound is in danger. " SAVE INDIA"🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Mujhe bahut dukh Hain mene Javed aktar sahab ku bura samjhta tha unke pariwar ke bare me bhala buraa kahta tha ye sabh logo ke man me bhara ja Raha tha modi media ka musalmano ke virodh me saare hinduo ko khada Kar Diya tha aab samajh aata ki wo galib bhi Muslim the apj abulkalam bhi the aaj me bada duki hu ki him logo ne apne sabhi musalman bhaiyo behno. Ko alag samjha aab jaag lo warna ye garibo ke dalito ke sc st ke bacho ko padne nahi Dena chahte 😭😭🔥🔥
Galti ko man ker dil ko saf ker lena acche logon ki nisaani hoti hai....you brought mind bro....I am Amjad ali from india punjab....Dil se ap ko salaam
जावेद अख्तर साहब सलाम आपको इतना सटीक निशाना लगाते हैं आप कि पूछो मत लेकिन ये केकड़ा को एंकरिंग कौन करने को लगा देता है कुमार अविश्वास बार बार बीच में बोल देता है
U can see the pain in zaved Sahab face ....,seriously where we have headed I don't know ...how much we used to be happy earlier , never saw this type of environment before seriously something has changed and we have accepted it 😰😰😰😰😰😢😥😥
Wo yarr mera khushbon ki tarha jiski zaban urdu ki tarha wo yarr mera Quaid e Azam Muhammad ALI jinnah❤ Ye zuban kabhi ghor karna akhri hai meri jaan sub ko apne andar sama leti hai Haha Ye duniya ki piyass bane gi Tarse ga ab sara zamana 😍
Zabrdst...... owsum lines by javed.....n owsum expressions.... Javed sb directly indirectly laanat bej ray hain modi py.... sb k3h dia hay apni poetry mei ..... Love n respect from Pakistan
Bas naam rahega TIRANGE ka Jo ghayab bhi hai hazir bhi Jo manzar bhi hai nazir bhi Utthega an-al-haq ka nara Jo mai bhi hoon tum bhi ho Aur raaj karegi Khalq-e-Hind Jo mai bhi hoon aur tum bhi ho Hum bhi dekhenge!.
@@shrikulkarni15 stop playing victimized card of kashmiri pandits itz really annoying now...if 100 pandits were slaughtered , lac's of of kashmiris were also mercilessly killed.
@@shrikulkarni15 perscuted by then governor they made some pundits scapegoats for political gains and highlighted the kashmir struggle for freedom as terrorist movement..u believe it or not but truth cant be denied
Waah we are lucky that we have poets like this height Kaabliyat ki encyclopaedia hain ye Kitna afsos ke saatg ye likhe honge Bharat mein Aaj har taraf haha kar hai Par dushman kehta hai ye opposition ka bhadkao hai jabki opposition to so raha hai. Jaihind
ऐसे होते हैं सच्चे *भारत रत्न* जिन्हें पदकों से नहीं आंका जाता, इनकी सोच ही अपनेआप में इस देश के लिए एक पदक है।
तुम ना समझ पावोगे
Javed ji described the truth about current situation of India..
समझदार समझ जाते है
100% true
मिले सुर हमारे तुम्हारे आतंक का ...
Exactly. I love it. Its both for today's time and perennial for fascist turning societies.
किसी का हुक्म है!
इस गुलिस्ताँ में बस एक रंग के ही फूल होंगे
कुछ अफ़सर होंगे जो ये तय करेंगे
गुलिस्ताँ किस तरह बन्ना है कल का
यकीनन फूल तो यक-रंगीं होंगे
मगर ये रंग होगा कितना गहरा, कितना हल्का
ये अफ़सर तय करेंगे
किसी को ये कोई कैसे बताये.....
गुलिस्ताँ में कहीं भी फूल
यक-रंगीं नहीं होते
कभी हो ही नहीं सकते
की हर इक रंग में छुप कर बहुत से रंग रहते हैं
जिन्होंने बाग़-ए- यकरंगीं बनाना चाहे थे
उन को ज़रा देखो.....
की जब इक रंग में सौ रंग ज़ाहिर हो गए हैं तो
कितने परेशान हैं, कितने तंग रहते हैं
किसी को ये कोई कैसे बताए
हवाएँ और लहरें कब किसी का हुक्म सुनती हैं
हवाएँ हाकिमों की मुट्ठियों में, हथकड़ी में
क़ैद-खानों में नहीं रुख़ती
ये लहरें रोकी जाती हैं
तो दरिया कितना भी हो पुर-सुकून बेताब होता है
और इस बेगानी का अगला कदम सैलाब होता है
Copy nhi ho rha yr
Thank you !
@@rubulsaikia62 writeee
Bhai sukriyaaa
pakistan ko target kiya hai jawed sab wahhh
Javed saab. salute to your secularism and your humanity. you are one of the most humble, talented and courageous man. Lotsa love and respect to you. Keep shining.
Ghanta
@@thanosbaba2078 chooste reh FEKU ki machis ki teeli
@@DS-yf1ng ese nawabi sokh to aap logo ko hote he 😂😂
@@thanosbaba2078 ghanta lene ka Bohat shauq hai tujhe pata chala padhkar Tera reply. To tadipad ke bhi lele
@@DS-yf1ng apni a@+(i ko boliyo . Uski yahi aadat ki wajah se tum aaj is duniya me ho 😂😂😂
Respect..... the line- yeh ghar aisa toh nahi tha... brought tears to my eyes....
Shi
endia is killer of all minorities
I thought I would be the only one to break down on hearing this
Poets like Javed Sahib can awaken people take them out of darkness to light. My Salute to him.
🙏❤तहेदिल जयहिन्द🌄 🇮🇳
These lines depict the gist of 'Pen is mightier than the sword'.
Pahli line sunte hi hath khud-b-khud like karne ko chal diye.
The writing power of javed sahab👏👏👏
کیا کہنے جاوید بھائی کیا کہنے۔ آپکے اشارے سب سمجھ آتے ہیں اندوری صاحب کی طرح۔ ۔۔۔ سبحان اللہ العظیم
I was fortunate enough to attend Jashn-e-Rahat and hear Javed Sahab live.
There is something divine about true artist..
They are fearless,loyal and extreme truthful
सिर्फनाम सुना था । आज पहली दफा सुन रहा हूं ।
आज के हरिवंशराय प्रतीत होरे । वाह
Harivansh ray bahut bade kavi nahi the
Ramdhari singh dinkar, sumitranandan pant, mahadevi verma, jayshankar prasad etc ko nahi padha kya?
Waooo...raahat sahab ki shayri / poetry or calmness or vayangyta ka koi jabab nhiii....subhanallah....
गुलिश्ता में फूल ऐकरंगी नहीं होते♥️ powerful reference
Manna guldaste main ful akrange , nahi hote , filbhi 56 guldaste akrange kiun banaye gai ?
@@justlike8960 29 guldiste hi akrangi hone se 56 guldiste akrangi dikh rhe hain. Zra gaur se dekhiye bhaiya
@@justlike8960 *phool, na ke fool
नज़र वालों की कहां रब पर नज़र है साहब
लेकिन जो रब है उसकी सब पर नज़र है साहब
सियासत वाले जिनका ईमान ही नहीं
उनकी हमारे,आपके मज़हब पर नज़र है साहब
जो बात कहते डरते हैं सब, तू वो बात लिख
इतनी अंधेरी थी पहले कभी न थी रात, तू लिख ।
जिनसे कसीदे लिखें थे वो फ़ेक दे क़लम
फ़िर खुने दिल से सच्चे क़लम कि शिफात लिख ।
जो रोज़ :नामों में पाती नहीं जगह
जो रोज़ हर जगह कि हैं वो वारदात लिख ।
जो वाक्यात हो चुके उनका तो ज़िक्र है
जो वाक्यात होने चाहिएं वो वाक्यात लिख ।
बड़ी रौनक थीं इस घर में, ये घर ऐसा नहीं था
गिले शिकवे भी रहते थे, मगर ऐसा नहीं था ।
जहां कुछ सीधी बाते थी, वहीं कुछ तल्ख़ बाते भी
थी मगर उन तल्ख़ बातों का असर ऐसा नहीं था।।
जितने भी तंग दायरे हैं सारे तोड़ दे अब
आ खुली फ़िज़ाओं में अब कायनात लिख
इस बाग़ में जो देखनी है तुझ को फिर बहार
तू डाल-डाल से सदा, तू पात-पात लिख।
किसी का हुक्म है
कि सारी हवाएं हमेशा चलने से पहले यह बताएं कि उनकी संत क्या है
हवाओं को बताना ये भी होगा कि चलेगी वो तब क्या रफ्तार होगी
कि आंधी की इजाजत अब नहीं है
हमारी रेत की सब ये फसीले ये कागज के महल जो बन रहे है
हिफाजत इनकी करना है जरुरी
और आंधी है इनकी पुरानी दुश्मन ये सभी जानते है ।
किसी का हुक्म है दरिया की लहरें ,
जरा ये सरकशी कम कर ले ,अपनी हद में ठहरे
उभरना , बिखरना और बिखरकर फिर उभरना ,
गलत है उनका ये हंगामा करना
ये सिर्फ वशहत की अलामत, बगावत की अलामत
बगावत तो नहीं बर्दाश्त होगी ,
ये वशहत तो नही बर्दाश्त होगी
अगर लहरों को रहना है दरियां में,
तो होगा उनको चुपचाप बहना ।
किसी का हुक्म है!
इस गुलिस्ताँ में बस एक रंग के ही फूल होंगे
कुछ अफ़सर होंगे जो ये तय करेंगे
गुलिस्ताँ किस तरह बन्ना है कल का यकीनन
फूल तो यक-रंगीं होंगे मगर ये रंग होगा कितना गहरा, कितना हल्का
ये अफ़सर तय करेंगे किसी को ये कोई कैसे बताये.....
गुलिस्ताँ में कहीं भी फूल यक-रंगीं नहीं होते
कभी हो ही नहीं सकते की हर इक रंग में
छुप कर बहुत से रंग रहते हैं
जिन्होंने बाग़-ए- यकरंगीं बनाना चाहे थे
उन को ज़रा देखो..... की जब इक रंग में सौ रंग ज़ाहिर हो गए हैं
तो कितने परेशान हैं, कितने तंग रहते हैं
किसी को ये कोई कैसे बताए हवाएँ और लहरें
कब किसी का हुक्म सुनती हैं हवाएँ
हाकिमों की मुट्ठियों में, हथकड़ी में क़ैद-खानों में
नहीं रुख़ती ये लहरें रोकी जाती हैं
तो दरिया कितना भी हो पुर-सुकून बेताब होता है
और इस बेगानी का अगला कदम सैलाब होता है
- जावेद अख्तर साहब । जश्न-ए-राहत कार्यक्रम में -
जावेद अख्तर ने कहा कि आज लोग प्रकृति को भूलते जा रहे हैं। बहुत कम लोगों को चौदवीं के चांद के बारे में पता होगा। लोगों का प्रकृति से नाता टूटता जा रहा है, क्योंकि वो सीमेंट के जंगल में रहते हैं, उन्हें चांदनी प्रदूषण में कहां से दिखेगी। जावेद अख्तर ने कहा कि अगर अपने काम की इज्जत दिल में नहीं है तो आप उसे अच्छा नहीं कर सकते हैं। काम कोई छोटा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बिना उम्मीद के ख्वाब नहीं देखे जा सकते हैं। करिश्मा अगर परिभाषित हो जाता तो करिश्मा नहीं रह जाता है।
"अगर पलक हैं मोती तो ये नहीं काफी हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का"
- जावेद अख्तर
बड़ी रौनक थीं इस घर में, ये घर ऐसा नहीं था,
गीले-शिकवे भी रहते थे, मगर ऐसा नहीं था।
जहां कुछ शीरीं (मीठी) बातें थीं, वहीं कुछ तल्ख बातें थीं,
मगर उन तल्ख बातों का अशर, ऐसा नहीं था।
इन्हीं शाखों पर गुल थे, बर्ग थे, कल्यां थी, गुंचे थे,
ये मौसम जब न ऐसा था, शजर ऐसा नहीं था।
We want that India back
Where India was our compound where we all children of all caste would come out of our houses and play, laugh,giggle
Now no one plays into compound ,our houses and our compound is in danger.
" SAVE INDIA"🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
किसी को कोई कैसे बताए गुलिस्ता में फूल एक रंग नहीं होते हैं,जिन्होने येसा चुना देख लो कितना तंग रहते हैं ।वाह वाह जावेद जी वाह
Mujhe bahut dukh Hain mene Javed aktar sahab ku bura samjhta tha unke pariwar ke bare me bhala buraa kahta tha ye sabh logo ke man me bhara ja Raha tha modi media ka musalmano ke virodh me saare hinduo ko khada Kar Diya tha aab samajh aata ki wo galib bhi Muslim the apj abulkalam bhi the aaj me bada duki hu ki him logo ne apne sabhi musalman bhaiyo behno. Ko alag samjha aab jaag lo warna ye garibo ke dalito ke sc st ke bacho ko padne nahi Dena chahte 😭😭🔥🔥
Bilkul haq hai bhai hum aur aap ek hai bhai
Galti ko man ker dil ko saf ker lena acche logon ki nisaani hoti hai....you brought mind bro....I am Amjad ali from india punjab....Dil se ap ko salaam
Andhera jitna hi gahra ho ak Deepak hi kafi h
Bus hame unhe samajhna h
Bahut achi beat kiya aapne... #Jaihind
Aman bhai love you yaar.... Tuney proud kardiya.... Sacchai hindustani hai tu
Javed Akhter ko tahe dil say umdaa khayaal or judgbaat ke liye SHUKRIYAA......
Itne khoobsurat shabdon se samandar ko kalash me kewal javed sahab hi utaar sakte hain... ❤🙏🙏🙏
Bht bht khoob javed sir....umda.. Haqeeqat par munhassir hotey hain ...aapke ashaar...
Javed Saheb ka koi jawab nahin. Aap lajawab hain janab
Waah Javed Saab, dushman Par khanjar bhi chaladala, bina zakhm ko dikhaye.. Salam hai aapki shayri ko aur aapki shaksiyath ko
Subhan allaha javed Sahab,ap ka kalaam ki tareef aise he yaad rakhange jaise alama Iqbal sahab ki nazam ko ,"Sara jahan se acha ya gulsetan humara"💐.
जावेद अख्तर साहब सलाम आपको
इतना सटीक निशाना लगाते हैं आप
कि पूछो मत
लेकिन ये केकड़ा को एंकरिंग कौन करने को लगा देता है
कुमार अविश्वास बार बार बीच में बोल देता है
It's a serious poetry for the times and Kumar Vishwas should just shut up and let us listen to Javed Akhtar. Exceptional lines.
वर्तमान भारत की आवाज। नमन है आप को
वाहः जावेद साहब,, देश में चल रहे हालात को क्या ख़ूब बयां किया है आपने।
Betabi ka agla qadam.... Sailaab hota Hai.....
Sach mai Sailaab hi aa gya h...
master hain aap javed sahab. daat aur khichai itni sakhti se aap ne ki hai jiska koi muqaabla nahin hai.
Wah wah Javed Ji ! Aap Bahut achchha likhta hai, bahut bahut Sukriya ...
Great... Zabardast... Kya state ki hai aaj ki situation ko..... Salute sir...
Jinho ne ek rang ke phoolo ka bagh banaya wo boht pur-sukun hai javed saheb, wo bagh na banta to aj jaha 10 crore sarko pe hein waha 30 crore hote
Bahoot khoob Javed Saab...
Bahoot khoob..!!
WAAH , OUTSTANDING JAVED AKHTAR SAHAB
U can see the pain in zaved Sahab face ....,seriously where we have headed I don't know ...how much we used to be happy earlier , never saw this type of environment before seriously something has changed and we have accepted it 😰😰😰😰😰😢😥😥
کیا زبردست شاعری ھے جناب جاوید اختر صاحب کی اللہ آپ کو سلامت رکھے آمین
जावेद साहब के इन बेहतरीन अल्फ़ाज़ों के बीच में बैकग्राउंड म्यूज़िक बहुत ख़लल पैदा कर रहा है । इसकी आवश्यकता नहीं है ।
Knowledge, control and confidence just javed akhtar is real inspiration ♥️👑
जावेद एक नाम ही काफी है इंकलाब के लिए
Wo yarr mera khushbon ki tarha jiski zaban urdu ki tarha wo yarr mera
Quaid e Azam Muhammad ALI jinnah❤
Ye zuban kabhi ghor karna akhri hai meri jaan sub ko apne andar sama leti hai
Haha
Ye duniya ki piyass bane gi
Tarse ga ab sara zamana
😍
Sunte huye ye lag raha tha jaise ye mere hi dil ki baatein hain.
Bas aap inko apni zaban se ada kar rahe hain.
वाह ! जबरदस्त शानदार ज़िन्दाबाद
बहुत ख़ूब कटाछ
We are so fortunate to have such a
wise & learned javed sir. What a depth his words has. Great.
Lajawab Jawed Sahab. Kya khub kaha aur kitni kam appreciation mili?
Itne achche bhi describe kiya jata he... Mere ankh me ansoo aa gaye sunke
हाथी के दांत बताने के और चबाने के और।
एक समय में आपने क्या कहा आज की स्थिति को देख कर क्या कहते एक बार विचारें साहिब।
बहुत खूब है आपकी शायरी ।
true scenario of current situation of India
Right dear
Waaaah kyaa khoob khaa.
"khoon e dil se suchche qalam ki sifaat likh..."
Behatarin... M jb bhi aapko sunta hu tb tb fan ho jata hu.. Aur bhi jyada
Jazbaat, Alfaaz, Anjaam, Aaghaz , kya ishaarey hain .... zabardasttt
All time favourite Javed sir and Rahat sir...and this one is best current political scenario...
Wow Javed sahab what a colouful message to the wild wind that are trying to eradicate the blossoming flowers of India.
Wakeup humanity wakeup Indians union is strength
वाह क्या बात है हर सायरी हर बात अद्भुत ❤❤❤🙏🏽🙏🏽🙏🏽
🙏👌🙏Aapke sabdo me itna jyada asar h Ki Ye Bahott door tak failenge .........
Great Great Great!! Kiya sunder kahan! Aap ka naam suna tha lakin pehechanti nahi thi lakin aab aap ki immagine bohat uchi ho gai !🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
Javed Akhtar ji Wa kya bat hey😊👌🇮🇳
MY BEST LINE
Jo roz naamo me kahi pati mahi jagah
Jo roz har jagah ki hai wo vardaat LIKH
Bilkul sahi kaha isi shak par phal the phul the guchchhe the ye mosam jo badla to phir dharakhat pehle jaisa nahin tha
Subhanallah Bahut Umda Javed Akhtar Sahab
Love this poetry. Touches the heart
So proud to have such an epic poet in India.Truly amazing👏👏👏👏
We are so lucky to be born in the times of javed saab🙏🙏🙏
Sailaab
🇮🇳NO C.A.A ❌ NO N.R.C ❌NO N.P.R🇮🇳
Wah, wah, kalum tord diyya, youn jaisay aaj kay Hindustan ki kahani khoun-e-dil se likh daali.
واہ جاوید صاحب میرے خیال میں فیض اور جالب کے بعد کافی انقلابی شاعر ہیں ہم سمجھے شاید ناپید ہو گئے ویسے شاعر
Jabardast ,,,apne to dil ke har kone ko chu liye,,,allah apko lambhi umar ata pharmaye
This is for RULING PARTY
Exactly.. 👍
Or is betabe ka agla kadum sailab hota hai ! Wah jawed sahab wah👏👏👏
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे;
बोल की जुबान अब तक तेरी है !!
I can't praise him enough. LEGEND
This poetry belongs to current situation of india
True picture of India ....salute to Javed Akhter
Waah javed sahab keya khoob farmaya apne .. Sach baat kahi bilkul
Zabrdst...... owsum lines by javed.....n owsum expressions....
Javed sb directly indirectly laanat bej ray hain modi py.... sb k3h dia hay apni poetry mei .....
Love n respect from Pakistan
pakistan pe bhi bheji hai kaafi agar aap samaj pao to.
Jinhone phool ekrangi banana chahe the, unko zara dekho........
Respect and love for the Legend. Bebaak, Muhazib!
th-cam.com/video/Cb9C2vU2qjg/w-d-xo.html
Kya baat.... pyaar s taana maara.... zabardast
Bas naam rahega TIRANGE ka
Jo ghayab bhi hai hazir bhi
Jo manzar bhi hai nazir bhi
Utthega an-al-haq ka nara
Jo mai bhi hoon tum bhi ho
Aur raaj karegi Khalq-e-Hind
Jo mai bhi hoon aur tum bhi ho
Hum bhi dekhenge!.
bahut khub pehle suna tha last wale shayari dobara search karke aaya kisi ko ye koi kese bataye ❤
Javed Akhtar you have properly explained pain of Kashmiri Pundits tortured by neighbors in jammu
Mr K Kashmiris are under hose arrest, but Kashmiri pundits are slaughtered.
@@shrikulkarni15 stop playing victimized card of kashmiri pandits itz really annoying now...if 100 pandits were slaughtered , lac's of of kashmiris were also mercilessly killed.
@@junaidsheikh7865 I am aghast at your ignorance. More than 5 lakh innocent pundits were slaughtered.
@Akbar Mohd I can show you thousands of persecuted families in Delhi. Are you willing to come with me.
@@shrikulkarni15 perscuted by then governor they made some pundits scapegoats for political gains and highlighted the kashmir struggle for freedom as terrorist movement..u believe it or not but truth cant be denied
Jitni baar bhi ye nazm sunti hu...har baar wqt k sath milti hai...
एक-एक शेर तमाचा है फ़ासीवादी सरकार पर।
endia is a dhong... there cannot be a place where Hindus can tolerate Muslim... two nation theory is a reality... endia is bound to be divided again
💯💯💯♥️👏👏👏
Tareef ke lie labas nhi hai
Desh ke halat ko itne sahi andaz me Kya khub likha aap me 👌👌👌
Waah we are lucky that we have poets like this height
Kaabliyat ki encyclopaedia hain ye
Kitna afsos ke saatg ye likhe honge
Bharat mein Aaj har taraf haha kar hai
Par dushman kehta hai ye opposition ka bhadkao hai jabki opposition to so raha hai.
Jaihind
Javed ji is great 🙏
I also wish to perform here Someday
😊
Subhan Allah..bahot khoob!
Dil Khus ho gaya Masha Allah 💓
Javed ji bahut khoob. Aap ko bahut knowledge hain. Subah nallah
واہ جاوید اختر صاحب۔
❤️👍👌🤲🤲🤲❤️
agar Javed saheb india me na hote uski kalpana karna jaise bina rang ke phool acolorless india sir yu are colour of india i love yu sir❤️
کیا کہنے بہت اعلی جناب بہت اعلی
Kya bat hiy yar
Bahut badia hai..sach ki taraf achchhi koshish hai
5:03 ki ek rang mein kai rang rehte hain👏
Yes
Great free poem
Present situations showing clear
बेताबिका अगला कदम साहिलाब होता है क्या बात हे ❤