म्हारो घणो रूपाळो राजस्थान मेरे गाँव बांसवाड़ा में भी यह रिवाज़ ज़िंदा हैं बुजुर्ग लोग आज भी हाथ चूमते हैं तब अच्छा लगता है।यह वीडियो देख कर ऐसा लगता है मेरी पुरानी संस्कृति आज भी जिंदा है जय जय राजस्थान
देवासी समाज में यह सब संस्कृति हमारी एक अभिन्न अंग है जो हमारे पूर्वजों ने उसको संभाल कर रखा है और हम भी जो युवा हैं वह भी इस संस्कृति को संभाल रहे हैं और हमें गर्व है कि आज भी हम पगड़ी पहनाकर घूमते हैं तो हमें गर्व महसूस होता है। जय रबारी समाज
देवासी समाज की सस्कृति ही उनकी पहसान है ,,सभी समाज वक्त में बदल गए लेकिन देवासी समाज ने अपना पहनावा ओर संस्कृति नही बदली ये बड़े गर्व की बात है ,,पपी एक प्रेम का प्रतीक है छोटो को बड़े लोग प्रेम करते है ये एक प्रेम का प्रतीक है ,,हमारे राजस्थान की शान है देवासी समाज
बहुत बहुत धन्यवाद सा ख़ुशबू जी आपको मेरे राईका समाज की पुरानी परंपरा को सोशल मीडिया के जरिए जन जागरूक करके लोगो के सामने लाने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 पूरन मल राईका रुल्यानी सीकर
अगर ये हिंदवी संस्कृति होते तो सभी हिन्दू में यह परंपरा होती लेकिन यह अरबी संस्कृति है और रबारी में यह इसलिए है क्योंकि रबारी का मुल अरबस्तान में है। इस्लाम के पूर्व अरबस्तान पर राज करने वाली सामुड (thamud) कौम के वंशज हैं रबारी । आज भी रबारी में सामड गोत्र है और सभी रबारी अपना मुल ईसी सामड गोत्र को मानते हैं । इसलिए रबारी ओ में एक कहावत प्रचलित है । "हाख पेलो सामड(हामड)" और एक कहावत भी प्रचलित है " वगडा नो परब रबारी , मुल तारु अरब रबारी " ।
@@truthalwaysbitter2258 Bhai ye bharat phle se chalti ayi ak Prata jo bohat si jatilya bhul gay he Par hmare samaj he Bohat se ashe samaj jinme pay jati he
@@sureshkumarjat3041 भाई ये किसी एक गांव का रिवाज़ नही है। ये मारवाड़ गोडवाड (पाली सिरोही जालोर जोधपुर और बाड़मेर) में बसे उन सभी रबारी समाज में ये रिवाज है। और मुझे लगता है बहन ने इस रिवाज को जानने में जादा मेहनत नहीं की 🤗 और इसे पप्पी का नाम दे दिया
मैं राजपूत जाति से विलोम करता हूँ लेकिन आज के समय में सभी जातियों ने वेश - भूषा ओर संसकृति बदल डाली हैं लेकिन देवासी ( रबारी ) जाति ही हैं जो आज भी अपनी वैश भुषा संसकृति पुराने समय कि जो अभी तक नहीं बदली है
हमारे पूर्वजों ने हमारे मालधारी समाज में संस्कृति अभी तक कायम रखी है ,पहले बात तो में मालधारी समाज में जन्म लिया हूं ये गर्व की बात है , जय गौ माता , जय गौ पालक
हम रेबारी रायका देवासी समाज के है जी हमारी संस्कृति जो हमारे पुरखों से धरोहर रूप में मिली हे जो आज भी हम इस आधुनिक युग में सहयोज रखी है । हमारे लिए हमारे बड़े बुजर्ग लोग आज भी जो फैसला करते है वो ही मान्य होता है उसे हम बहुत जोश के साथ स्वीकार करते हे वैसे रेबारी समाज एक साफ छवि की हे जो अपने आराध्य देव की पूजा हो या हमारा परिधान या भाषा सब अगल ही हे । इतिहास भी उठा लो हम निडर और साहसी रहे है । एक बार राजस्थान के पांच पीरो को पढ़ लो हम हर लोक देवताओ के साथ रहे हे चाहे आप सिरोही में एक दिन का राज हमारे लिए रखा गया जो वर्षो से हम एक दिन राज रेबारी समभलेते भी हे । और पूरे परदेश ही नही आप राजस्थान हो या मालवा गुजरात सभी में हमारा परिधान और भाषा सब एक हे । आपको एक बात कहूं आपने कहा मुझे एक दिन चूड़ा पहना नही जाए । ये आपके निजी जिंदगी हे। आप कभी गुजरात की धरती पे भी आइए और गीता बेन रेबारी से मिलिए जो रेबारी समाज की बेटी हे उनका पहनावा और रीति रिजव अभी भी कायम रखा है वो भी अंतर राष्ट्रीय गायकी हे फिर भी मेरी समाज का गौरव अभी भी वो दिल में रखा हवा हे । आपका धन्यवाद खुशबू जी जो आपने अपने चैनल पर मेरी समाज का वीडियो रखा है । कभी आइए अहमदाबाद गुजरात वाह भी ऐसी ही मर्यादा मेरी देव रूपी समाज बना रखी हे ।
મૂકેશ ભાઈ હું તમારી પરંપરા અને બધાજ રીતિ રિવાજો નો આદર કરુંછું પણ આ હાથ ચૂમવાનો રિવાજ મારા ખ્યાલ પ્રમાણે ઇસ્લામ માંથી આવ્યો હોય શકે મે ઘણા મુસ્લિમો ને આ રીતે અભિવાદન કરતા જોયા છે. આપે આ કળીયુગ માં પણ સનાતન પરંપરા જાળવી રાખી છે તે જાણી ને આનાંદ થયો. જય મુરલીધર.
@@jaydevsinhr.jadeja7453 भाई हम मुस्लिम आक्रताओ से सिरोही मे अलाउद्दीन खिलजी के शासन मे युद्ध लड़ा था । ओर हम सनातक धर्म के लिए जिए है ओर जीएगे भी हमने कभी भी मुसलमानों की परंपरा नही ली है । हमारे ये संस्कार रहे हैं की अपना कुटम्ब का कोई भी लोग मिले तो उसे पप्पी हाथो पर देकर लाड प्यार करते हैं । कि वो हमारे वंश का हे । जय श्री पाबू दादा
@@jaydevsinhr.jadeja7453 રબારી અરબ ના સામુડ કબીલા ના વંશજો છે, રબારી ૨૨૦૦ વર્ષ પહેલાં અરબ ના હેજાજ ના હેગરા શહેર થી આવી સૌપ્રથમ કચ્છમાં વસ્યા હતા, ત્યાંથી લોદ્રવા ગયા ત્યાંથી સિંધ, મારવાડ અને ગુજરાત, સૌરાષ્ટ્ર માં ફેલાયા
राजस्थान की अनेकों संस्कृति से रूबरू कराने के लिए खुशबू जी आपका बहुत धन्यवाद आप कहां कहां से ये न्यूज़ जुटा पाते हैं धन्यवाद खुशबू जी आपको और आपके इस चैनल को 🙏🙏🙏🙏🙏
पप्पी देना ये इनका बहुत ही सुंदर परंपरा है बहु को बेटी जितना प्यार देते है जवाई को भी सासुमां हाथ पर पप्पी देती है बेटा समझ कर बहुत अच्छा संस्कार है जी धन्यवाद
मैडम आपकी आवाज और आपकी सोच बहुत ही अच्छी ह आप हमे राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराती हो और मै आपका बहुत ही बड़ा फैन हु आपका चैनल आने वाले समय में बहुत आगे तक जाएगा
खुशबू जी,,, लव यू .... राजस्थान की संस्कृति ,और अलग-अलग चीजें दिखा कर,, हमें भाव विभोर कर देते हैं,,, अलग-अलग संस्कृति ...के अलग-अलग रीति रिवाज,,, और... राजस्थान की छुपी हुई,, वह बातें (रहस्य )जो किसी को नहीं पता,,, बहुत अच्छे से आप समझाते हैं ,,,हम बहुत मंत्रमुग्ध होकर देखते हैं ,,,मैं चाहता हूं ...की .. राजस्थान की ख्याति पूरे विश्व में निरंतर ,,आपके और आपके चैनल के द्वारा ,, हर जनमानस को ज्ञानाअर्जित करती रहे ,,, ...जय मां भवानी,,,,.!!
Wow jhalko rajasthan Thanks for introducing me to the culture of Rajasthan..i am from rajasthan but i didn't know all this before today .In this way, you are telling us about all these, you are doing a very good job, we are also getting to learn from it.
@@JhalkoRajasthan राजस्थानी भाषा में इसे .... वाला करना ( आशीर्वाद देना) कुशलक्षेम पुछना कहते हैं.... और वाला अपने से छोटों के प्रति वात्सल्य को व्यक्त करने के लिए किया जाता है
खुसबू जी ये ही तो अतुलनीय अदभुत भारत हे हमारा आज भी हमारे सुदूर ग्रामीण अंचलों मे ऐसी विरासत बसी हुयी हैं जो की प्राचीन भारत अदभुत भारत के दर्शन कराती हे एक अपनापन एक भाईचारा एक दूसरे का मान सम्मान हमारी संस्कृति सयुक्त परिवार में रहने के रहस्य ( बहुत -बहुत धन्यवाद आपने एक ओर पुरानी संस्कर्ती से हमें अवगत करवाया 🙏🙏 आप खुश रहे युहीं अच्छे २ ब्लॉग बनाते रहिये ?आपको ढेर सारी शुभकामनाएं 🥰🙏
धन्यवाद यादव जी आपने ठीक कहा आशीर्वाद और स्वागत बिल्कुल ठीक कि इंसान की सोच सही होनी चाहिए अब शायद इस दुनिया में आप जैसी सोच वाले इंसानो की कमी होती जा रही है लोग अपनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं
खुशबू जी आप कभी बाड़मेर भी आवो शिवरात्रि के दिन मे रेबारी समाज के जेतेश्वर धाम सिणधरी में मेला लगता है जिसमे बाड़मेर सिरोही और जालोर के लाखो लोग जेतेश्वर धाम में अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए
राईका समाज की अपनी अलग ही पहचान है। झुंझुनूं जिले में भी राईका समाज निवास करता है। खास विशेषता यह है कि इनके अपनी बिरादरी के कई गांवो की एक पंचायत होती है जिसका फैसला लौह की लकीर होता है। ( 5 लाख का अर्थ दंड का फैसला और उस फैसले को स्वीकारते देखा)
खुशबू जी आप भी कहा से ऐसी रिति रिवाज ढूंढ के लाते हैं ।धन्यवाद आपको। झलको राजस्थान टीम को भी धन्यवाद। खुशबू जी आप भी झलको राजस्थान के साथ बने रहे । राजस्थान संस्कृति को बढ़ावा देने ओर जानकारी देने के लिए खुशबू जी आप का ओर झलको राजस्थान टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
राजस्थान की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद खुशबू जी
गर्व है देवासी समाज और उनकी परंपराओं पर !
राजस्थान की परम्पराओ का ध्वजवाहक है यह समाज !
🙏🏻🙏🏻
Ha sa
Thanks hkm
म्हारो घणो रूपाळो राजस्थान
मेरे गाँव बांसवाड़ा में भी यह रिवाज़ ज़िंदा हैं
बुजुर्ग लोग आज भी हाथ चूमते हैं तब अच्छा लगता है।यह वीडियो देख कर ऐसा लगता है मेरी पुरानी संस्कृति आज भी जिंदा है
जय जय राजस्थान
में राजस्थान से हूं,मुझे देवासी(रबारी )समाज की इस प्रथा पे गर्व है,मुझे भी गांव में देवासी समाज की दादी मिलती है तो खुशी से मेरे हाथ को चूमती है,
👌 वीडियो के द्वारा रेबारी समाज की बहुत ही अच्छी रीति रिवाज बताई है धन्यवाद
देवासी समाज में यह सब संस्कृति हमारी एक अभिन्न अंग है जो हमारे पूर्वजों ने उसको संभाल कर रखा है और हम भी जो युवा हैं वह भी इस संस्कृति को संभाल रहे हैं और हमें गर्व है कि आज भी हम पगड़ी पहनाकर घूमते हैं तो हमें गर्व महसूस होता है। जय रबारी समाज
चूमो कोनी ली हाथ को चूमते हैं
@@deepshikhaclasses6725 esko marvadi m vala kahte h
Hello Jagdish ji
@@Marwari161 bolo hkm
@@jagdishdewasi8819 aap kahase hai
राजस्थान की संस्कृति को आगे बढ़ाने के बहुत बहुत धन्यवाद खुशबू बिटिया जय श्री राम
JAY bhim
जय श्री राम
ओ राजस्थान है प्रधान 😎
यहां हर सभ्यता है, हर क्षेत्र की अलग पहचान है
33 जिले 33+ पहचान 🔥
33 जिले + 3300 पहचान
Right bro
राजस्थान की संस्कृति को आगे बढाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद बाई जी
देवासी समाज की सस्कृति ही उनकी पहसान है ,,सभी समाज वक्त में बदल गए लेकिन देवासी समाज ने अपना पहनावा ओर संस्कृति नही बदली ये बड़े गर्व की बात है ,,पपी एक प्रेम का प्रतीक है छोटो को बड़े लोग प्रेम करते है ये एक प्रेम का प्रतीक है ,,हमारे राजस्थान की शान है देवासी समाज
धन्यवाद साहब 😊💐
Thank you bhai sa
धन्यवाद सर
बहुत बहुत धन्यवाद सा ख़ुशबू जी आपको मेरे राईका समाज की पुरानी परंपरा को सोशल मीडिया के जरिए जन जागरूक करके लोगो के सामने लाने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पूरन मल राईका
रुल्यानी सीकर
आपका बहुत-बहुत शुक्रिया ऐसे ही प्यार और सपोर्ट बनाए रखो
बहन जी यह सही बात है इनकी, यह हमारे सदियों से रबारी समाज कि परम्परा है यह जी ❤️
मैं घेवर राम राईका बाजोली नागौर राजस्थान हाल ही में सऊदी अरब से देख रहा हूं आपका लाइव
वहां पर क्या काम कर रहे हो
🙏...Ram Ram sa...🙏
हिंदवी संस्कृति दिखाने के लिए हमें आप पर तथा रेबारी समाज पर सनातन धर्म को गर्व है
अगर ये हिंदवी संस्कृति होते तो सभी हिन्दू में यह परंपरा होती लेकिन यह अरबी संस्कृति है और रबारी में यह इसलिए है क्योंकि रबारी का मुल अरबस्तान में है। इस्लाम के पूर्व अरबस्तान पर राज करने वाली सामुड (thamud) कौम के वंशज हैं रबारी । आज भी रबारी में सामड गोत्र है और सभी रबारी अपना मुल ईसी सामड गोत्र को मानते हैं । इसलिए रबारी ओ में एक कहावत प्रचलित है । "हाख पेलो सामड(हामड)" और एक कहावत भी प्रचलित है " वगडा नो परब रबारी , मुल तारु अरब रबारी " ।
ye western culture hai Sharma ji
@@truthalwaysbitter2258 ye Arabic middle eastern culture he Kyo ki Rabari log 2200 sal phle Arabstan se akar India me bas gye the
@@hh171hj Bhai kyu fek te ho
Koy bat ki pata na ho to kyu comment
Karte ho
@@truthalwaysbitter2258
Bhai ye bharat phle se chalti ayi ak
Prata jo bohat si jatilya bhul gay he
Par hmare samaj he
Bohat se ashe samaj jinme pay jati he
यह कोई पप्पी नहीं होती। .. अपने परिजनो से बहुत समय (सप्ताह, महीना या कुछ साल ) बाद मिलने पर हाथ चुम कर स्वागत करने का रिवाज है
Yes bro
Konse gave h ye rivaj
Rahit👍
@@sureshkumarjat3041 भाई ये किसी एक गांव का रिवाज़ नही है। ये मारवाड़ गोडवाड (पाली सिरोही जालोर जोधपुर और बाड़मेर) में बसे उन सभी रबारी समाज में ये रिवाज है। और मुझे लगता है बहन ने इस रिवाज को जानने में जादा मेहनत नहीं की 🤗 और इसे पप्पी का नाम दे दिया
@@balwantrabari7218 sahi baat kahi hai aapne bhai
मैं राजपूत जाति से विलोम करता हूँ लेकिन आज के समय में सभी जातियों ने वेश - भूषा ओर संसकृति बदल डाली हैं लेकिन देवासी
( रबारी ) जाति ही हैं जो आज भी अपनी वैश भुषा संसकृति पुराने समय कि जो अभी तक नहीं बदली है
Bilkul sa
aal@@rathorerenu6925
संस्कृति को आगे बढाने का आपका काम बहुत सराहनीय हैं। यह समाज मैं जरूर सकारात्मकता लाती हैं।
जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
College lecturer ho kya aapki Hindi bhut hi shandar heri exam h vdo mains ki hindi ke liye kuch bta do
@@JhalkoRajasthan khusbu g aap tha miloga to ppi
@@JhalkoRajasthan thumbnail thoda shi kar lo sis
हमारे पूर्वजों ने हमारे मालधारी समाज में संस्कृति अभी तक कायम रखी है ,पहले बात तो में मालधारी समाज में जन्म लिया हूं ये गर्व की बात है , जय गौ माता , जय गौ पालक
अत्ति उत्तम
आपका कोटि कोटि धन्यवाद आप अपनी संस्कृति को लोगो तक पहुँचा रहे हो
जय हिंद जय राजस्थान
पप्पी की जगह अगर आप इसे हाथ चूमना कहते तो अच्छा लगा, बाकी 💋 Kiss और पप्पी में भी अंतर होता है!
बाकी मैं भी राजस्थान से हूँ!
हम रेबारी रायका देवासी समाज के है जी हमारी संस्कृति जो हमारे पुरखों से धरोहर रूप में मिली हे जो आज भी हम इस आधुनिक युग में सहयोज रखी है । हमारे लिए हमारे बड़े बुजर्ग लोग आज भी जो फैसला करते है वो ही मान्य होता है उसे हम बहुत जोश के साथ स्वीकार करते हे वैसे रेबारी समाज एक साफ छवि की हे जो अपने आराध्य देव की पूजा हो या हमारा परिधान या भाषा सब अगल ही हे । इतिहास भी उठा लो हम निडर और साहसी रहे है । एक बार राजस्थान के पांच पीरो को पढ़ लो हम हर लोक देवताओ के साथ रहे हे चाहे आप सिरोही में एक दिन का राज हमारे लिए रखा गया जो वर्षो से हम एक दिन राज रेबारी समभलेते भी हे । और पूरे परदेश ही नही आप राजस्थान हो या मालवा गुजरात सभी में हमारा परिधान और भाषा सब एक हे । आपको एक बात कहूं आपने कहा मुझे एक दिन चूड़ा पहना नही जाए । ये आपके निजी जिंदगी हे। आप कभी गुजरात की धरती पे भी आइए और गीता बेन रेबारी से मिलिए जो रेबारी समाज की बेटी हे उनका पहनावा और रीति रिजव अभी भी कायम रखा है वो भी अंतर राष्ट्रीय गायकी हे फिर भी मेरी समाज का गौरव अभी भी वो दिल में रखा हवा हे । आपका धन्यवाद खुशबू जी जो आपने अपने चैनल पर मेरी समाज का वीडियो रखा है । कभी आइए अहमदाबाद गुजरात वाह भी ऐसी ही मर्यादा मेरी देव रूपी समाज बना रखी हे ।
जोधपुर ,बीकानेर , नागैर , श्रीगंगानगर, जैसलमेर , चुरु, यहा पर पहनावा और बोली मे कोई अलग नही है
મૂકેશ ભાઈ હું તમારી પરંપરા અને બધાજ રીતિ રિવાજો નો આદર કરુંછું
પણ આ હાથ ચૂમવાનો રિવાજ મારા ખ્યાલ પ્રમાણે ઇસ્લામ માંથી આવ્યો હોય શકે
મે ઘણા મુસ્લિમો ને આ રીતે અભિવાદન કરતા જોયા છે.
આપે આ કળીયુગ માં પણ સનાતન પરંપરા જાળવી રાખી છે તે જાણી ને આનાંદ થયો.
જય મુરલીધર.
@@jaydevsinhr.jadeja7453 भाई हम मुस्लिम आक्रताओ से सिरोही मे अलाउद्दीन खिलजी के शासन मे युद्ध लड़ा था । ओर हम सनातक धर्म के लिए जिए है ओर जीएगे भी हमने कभी भी मुसलमानों की परंपरा नही ली है । हमारे ये संस्कार रहे हैं की अपना कुटम्ब का कोई भी लोग मिले तो उसे पप्पी हाथो पर देकर लाड प्यार करते हैं । कि वो हमारे वंश का हे । जय श्री पाबू दादा
@@jaydevsinhr.jadeja7453 na Bhai islam ma thi nthi aavelu aa
@@jaydevsinhr.jadeja7453 રબારી અરબ ના સામુડ કબીલા ના વંશજો છે, રબારી ૨૨૦૦ વર્ષ પહેલાં અરબ ના હેજાજ ના હેગરા શહેર થી આવી સૌપ્રથમ કચ્છમાં વસ્યા હતા, ત્યાંથી લોદ્રવા ગયા ત્યાંથી સિંધ, મારવાડ અને ગુજરાત, સૌરાષ્ટ્ર માં ફેલાયા
अच्छी जानकारी।।
खुशबू जी आप अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने में बहुत ही अच्छा काम कर रहे हों आपको बहुत बहुत धन्यवाद और हमारी तरफ से होली की शुभकामनाएं
Khusbhu ji aapne to rebari smaj ka dil hi jit liya or hme rajsthan ki snskrti se avgt krna ke liye dhanyvad"
राजस्थान के अलग अलग क्षेत्रों की संस्कृति से रूबरू कराने के लिए
खुशबू जी को बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया बस ऐसे ही प्यार व सपोर्ट बनाए रखो
राजस्थान की अनेकों संस्कृति से रूबरू कराने के लिए खुशबू जी आपका बहुत धन्यवाद आप कहां कहां से ये न्यूज़ जुटा पाते हैं
धन्यवाद खुशबू जी आपको और आपके इस चैनल को 🙏🙏🙏🙏🙏
थैंक्यू झलको राजस्थान
राजस्थानी संस्कृति की कलाएं हमें बहुत पसंद आया आपको धन्यवाद
अजब अनोखी परंपरा है इसलिए ही रंगीलो राजस्थान है, विडियो के लिए धन्यवाद बेटा
Hii nice
खुशबू जी आप भी कहा कहा से ऐसे रिती रिवाज ढूंढ के लाते हो? धन्यवाद आपको।जय श्री राम जय राजस्थान, वन्देमातरम।
जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
पप्पी देना ये इनका बहुत ही सुंदर परंपरा है बहु को बेटी जितना प्यार देते है जवाई को भी सासुमां हाथ पर पप्पी देती है बेटा समझ कर बहुत अच्छा संस्कार है जी धन्यवाद
राजस्थान का हर जिले में अलग-अलग रीति रिवाज है उनकी संस्कृति को दिखाने के लिए निवण प्रणाम करू सा
भले ही माता- पिता अनपढ़ क्यों न हो, लेकिन उनके अंदर जो शिक्षा और संस्कार देने की क्षमता है, वो दुनिया के किसी स्कूल में नहीं। 🏅🏅
इस वीडियो से राजस्थान की भाषा और वेस भूषा और रहन सहन सब कुछ अच्छा लगा
खुश्बू जी को बहुत बहुत धन्यवाद
khusbu ji apko bhut bhut dhaniywad ye rajsthan ki sanskarti hi jai jai rajsthan
🙏🙏🙏
कोई भाई इस चीज को गलत तरीके से ना देखे यह एक इन लोगों की संस्कृति है ओर ऐसा करने पर यह खुद को आदर्शवाद और अच्छा लगता है
धन्यवाद खुशबू जी राजस्थान संस्कृति दिखाने के लिए
इसमे कोई गलत नही है. जिसका जैसा नज़रिया देखने और परखने का जय राजस्थान
बहुत सुंदर जानकारी । Dr Mukesh Prajapat
पप्पी का मतलब हमारे संस्कृति में आशीर्वाद 🙏🙏
गणों चौको लाग्यो, बहुत बढ़िया परम्परा छ रेबारी समाज की
विश्व की दूसरी सबसे सुंदर संस्कृति हैं, रबारी,भारत।
बिल्कुल सही बात कही भाई साहब
Ye parmpra bahut achi h is se bahut acha samaj me pyar mohbat badati h or relation acha chalta h or ye retirevaj acha laga
बहुत ही अच्छा हमारे देवासी समाज कि सस्कृति को मीडिया पर लाने के लिए धन्यवाद ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
मैडम आपकी आवाज और आपकी सोच बहुत ही अच्छी ह आप हमे राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराती हो और मै आपका बहुत ही बड़ा फैन हु आपका चैनल आने वाले समय में बहुत आगे तक जाएगा
Hamara pyara rajshtan yha sab but pyar karte h
हमारे समाज की परंपरा को कायम रखने के लिए धन्यवाद।
लाल पागडी पहनने के लिए और ऊट पर सवारी करने के लिए रबारी समाज मे जन्म लेना पडता है।
खुशबू जी,,, लव यू .... राजस्थान की संस्कृति ,और अलग-अलग चीजें दिखा कर,, हमें भाव विभोर कर देते हैं,,, अलग-अलग संस्कृति ...के अलग-अलग रीति रिवाज,,, और... राजस्थान की छुपी हुई,, वह बातें (रहस्य )जो किसी को नहीं पता,,, बहुत अच्छे से आप समझाते हैं ,,,हम बहुत मंत्रमुग्ध होकर देखते हैं ,,,मैं चाहता हूं ...की .. राजस्थान की ख्याति पूरे विश्व में निरंतर ,,आपके और आपके चैनल के द्वारा ,, हर जनमानस को ज्ञानाअर्जित करती रहे ,,, ...जय मां भवानी,,,,.!!
धन्यवाद खुशबु जी सिकर झुन्झुनू से मारवाड़ तक
मालधारी, देवासी, रबारी, रायका, देसाई,.... सेम हैं ( same he ) एक ही समाज हैं 🙏🚩😍
खुशबू जी राम राम जी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती
खुशबू जी राम-राम आपने तो पूरे राजस्थान में ही खुशबू फैला दिया ❤
बहुत ही शानदार विडियो
खुशबू जी मजे ले रही हो 😂😂😂 मतलब पप्पी बिना तो थारो सिस्टम ही कोनी चाल 👍🙈🙈🙈😂😂😂😂😂
🤣🤣😂🤣🤣
पहली बार झलको राजस्थान देख रहा हूँ वो भी इतने शानदार तरीके से
Wow jhalko rajasthan Thanks for introducing me to the culture of Rajasthan..i am from rajasthan but i didn't know all this before today .In this way, you are telling us about all these, you are doing a very good job, we are also getting to learn from it.
You are so nice ☺️
बहुत गजब प्रथा है खुशबु जी
जय राजस्थान 🙏🏻🌺🌍🌺🙏🏻
अति सुन्दर, समाज
धन्यवाद साहब ... आप जैसे लोगों का विश्वास ही हमारी पहचान
आज पता चला हमारे राजस्थान में.........
"""पप्पी""वाला गाव भी है पाली में
😂😂😂😂😂😂
Dewasi samaj me riwaj h sa
Aap jaoge kiya
😄😄😄😄😄😂😂😂😂😂😂😂
नाथी के बाड़े के साथ इस संस्कृति को भी पर्यटन बनाना चाहिए
@@sumanbishnoi2929 😂😂😂😂
बहुत ही सुंदर 👌
मैडम ,आप पप्पी शब्द मत बोलो, ये प्रेम सम्मान इज्जत, ओर मर्यादा का चुम्बन है जो इस संस्कृति का अभिन्न अंग है
दुर्गेश जी आपकी बात सही है लेकिन अपन राजस्थानी भाषा में बोले तो मारवाड़ी भाषा में बोले तो अपन पप्पी बोलते हैं
चुंबन हिंदी का शब्द है पप्पी राजस्थानी का शब्द है
Isko ye ese bhi bol sakti h ki hath ko choomte h
@@JhalkoRajasthan राजस्थानी भाषा में इसे .... वाला करना ( आशीर्वाद देना) कुशलक्षेम पुछना कहते हैं.... और वाला अपने से छोटों के प्रति वात्सल्य को व्यक्त करने के लिए किया जाता है
@@kheemaramdewasiaburoad3797 👍
खुसबू जी ये ही तो अतुलनीय अदभुत भारत हे हमारा आज भी हमारे सुदूर ग्रामीण अंचलों मे ऐसी विरासत बसी हुयी हैं जो की प्राचीन भारत अदभुत भारत के दर्शन कराती हे एक अपनापन एक भाईचारा एक दूसरे का मान सम्मान हमारी संस्कृति सयुक्त परिवार में रहने के रहस्य ( बहुत -बहुत धन्यवाद आपने एक ओर पुरानी संस्कर्ती से हमें अवगत करवाया 🙏🙏 आप खुश रहे युहीं अच्छे २ ब्लॉग बनाते रहिये ?आपको ढेर सारी शुभकामनाएं 🥰🙏
अलग-अलग क्षेत्र की अलग-अलग रिवाज होती है पप्पी से तात्पर्य आशीर्वाद से है इसमें कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है व्यक्ति की सोच सही होनी चाहिए
धन्यवाद यादव जी आपने ठीक कहा आशीर्वाद और स्वागत बिल्कुल ठीक कि इंसान की सोच सही होनी चाहिए अब शायद इस दुनिया में आप जैसी सोच वाले इंसानो की कमी होती जा रही है लोग अपनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं
Superb sister जी bahut achha jai jai Rajsthan
खुशबू जी आप कभी बाड़मेर भी आवो शिवरात्रि के दिन मे रेबारी समाज के जेतेश्वर धाम सिणधरी में मेला लगता है जिसमे बाड़मेर सिरोही और जालोर के लाखो लोग जेतेश्वर धाम में अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए
बहुत अच्छा है ये रिवाज
म्हारो रंगीलो राजस्थान प्यारो राजस्थान 🙏
बहुत दिनों के बाद मिलने के कारण उन्हें सम्मान देने के लिए पपी देते हैं जयसिंह टेवाली
बहोत बढीया रिवाज है प्रेम का
बहुत अच्छी संस्कृति है कोरोना काल में तो बड़ी समस्या रही होगी इनकी इस रिवाज
😂😂😂😂
😂😂😂
😂😂
बहुत अच्छा लगा वीडियो
Thanks for indroduce to our rajasthani culture 🙏🙏🙏
Very nice ji kushbu ji❤️❤️❤️❤️❤️👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏
अति सुन्दर। जय रेबारी समाज।
मान मर्यादा अनुशासन यही पहचान हमारी है
हिंदु है हम ऊंची शान हमारी है
जय श्री राम
जय श्री राम भाई साहब जी
Wa खुशबु जी आज aapne अनोखी रीवाज दिखाई है इसमें प्रेम भाव ki भावना बढ़ती है
अति उत्तम
अद्भुत सुंदर सस्कृति
जय देवासी समाज कीं
जय महादेव
नाईस दिदी हमारी जाती देवासी समाज जय रेबारी
बहुत-बहुत धन्यवाद खुशबू जी आपको हमारे रबारी समाज की यही पहचान
wooow......thats great culture.....i loved it
Aapko bahut bahut dhanyavad Jai Shree Shyam
राईका समाज की अपनी अलग ही पहचान है। झुंझुनूं जिले में भी राईका समाज निवास करता है। खास विशेषता यह है कि इनके अपनी बिरादरी के कई गांवो की एक पंचायत होती है जिसका फैसला लौह की लकीर होता है। ( 5 लाख का अर्थ दंड का फैसला और उस फैसले को स्वीकारते देखा)
ऐसी पुरानी पाश्चात्य प्रथाओ को बन्द करो यह काम कानून का है पंचो का नही
समाज की सबसे बड़ी समस्या साटा प्रथा इसको बंद करो
@@rajandardewasi8611 100% sahi bat he l
पंच समाज का कलंक है
पंचों ने कई घरों को उजाड़ दिया मनमानी तरीके से गलत फैसले देकर
Ye bhi shi
But not support this panch 🙏🏻
Khushbu g namskar ,rajsthan ki parmpra ko sabhi se rubru krane ke liye Thanks
Thanks team jhalko and brave lady khushboo ji ❤️❤️ I love you very much for making this video's for progress of our culture ❤️❤️
राजस्थान की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद बाईं जी🙏🏻🙏🏻
Culture of Rajasthan ❤️
Wah kya baat hai achi khabar dekno ko milti hai
आपको राजस्थान की संस्कृत बढ़ाने के लिय धन्यवाद
बहुत-बहुत बढ़िया है खुशबू जी
I am your so big fan
Thnx
Hiiii
बहुत ही अछा रिवाज है इससे प्यार परेम बढता है
बहुत ही खुबसूरत बात हैं जी
I proud of rajsthan culture
Bahut badiya khushboo ji
यह राजस्थानी संस्कृति है सांडेराव में बोली भी बड़ी मीठी है
वाह किया बात है पपी तो मिलज ई मिस तो मजा आजय
खुशबू जी आप भी कहा से ऐसी रिति रिवाज ढूंढ के लाते हैं ।धन्यवाद आपको। झलको राजस्थान टीम को भी धन्यवाद। खुशबू जी आप भी झलको राजस्थान के साथ बने रहे । राजस्थान संस्कृति को बढ़ावा देने ओर जानकारी देने के लिए खुशबू जी आप का ओर झलको राजस्थान टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
Bahut hi nice video 🙏🙏
मैडम ये देवासी समाज में मारवाड के सभी गॉव में होता है कोई एक गॉव नहीं है
ha hukm
उतम अती उतम हमारे राजस्थान में संस्कार यानी रिवाज की कोई कमी नहीं है कमी है तो निभाने वालो की❤️🙏🇮🇳
पाली सिरोही जालोर में देवासी समाज का यह रीति रिवाज है
हम गुजरात से रबारी है यहा पुरे गुजरात में सिर्फ रबारी में ही यही परंपरा है
@@rayvarrayka4053 तो श्रीमंत में कौन सी दूसरी कास्ट का बता रहा हूं मैं तो देवासी की बात कर रहा हूं
@@nishanthiragar2995 ha aapne pali Sirohi jalor ki bat ki esliye mene btaya ki gujrat k rabari me bhi ye he
@@rayvarrayka4053 सर यह जो चैनल न है राजस्थान के नाम से तो मेने राजस्थान के हिसाब से बात की