Day 4 - श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य | Mahesana (GJ) 29-12-2023 | BK Usha Didi
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ธ.ค. 2023
- बी.के. उषा दीदी का श्रीमद् भगवद् गीता का व्यवहारिक स्वरूप - पांच दिवसीय व्याख्यान- Practical form of Shrimad Bhagavad Gita by Usha Didi
श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 5 Day Program From 26 to 30 Dec. 2023 | Maheshana, Gujarat
🌅 Link below for 5 Day Program 🌅
DAY 1 🌟 श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 26-12-2023
th-cam.com/users/liveSFXmD7zifMk
Day 2 🌟 श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 27-12-2023
th-cam.com/users/live2xOrRn86bvk
DAY 3 🌟 श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 28-12-2023
th-cam.com/users/liveKcFpDCLged0
DAY 4 🌟 श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 29-12-2023
th-cam.com/users/liveJuu7T7UEdbc
DAY 5 🌟 श्रीमद भगवदगीता का व्यवहारिक रहस्य - 30-12-2023
th-cam.com/users/live1xnahhlvrSY
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दिनांक 26 से 30 दिसम्बर 2023, महेसाना में आयाजित श्रीमद् भगवद् गीता का व्यावहारिक स्वरूप पांच दिवसीय व्याखान के अंतर्गत पहले दिन के व्याख्यान में उक्त उद्गार व्यक्त किये आंतरराष्ट्रीय मोटीवेशनल स्पीकर बी.के. उषा जी ने। ‘अर्जून का विशाद योगः वर्तमान समय में भटका हुआ मानव’ विषय पर आगे उन्होंने कहा कि “ श्रीमद् भगवद् गीता को मानवता का शास्त्र कहा जाता है। उसमें जीवन जीने की कला है। उसको माता की उपमा भी दी जाती है। वह माँ बानकर हमो अमृतपान कराती है। जिससे आज के भटके हुए मनुष्य के अंदर दिव्य संस्कार पनपने लगते है। गीता सर्व शास्त्र शिरोमणी है क्योंकि इस्लाम धर्म में जेहाद शब्द का प्रयोग हुआ है। उसमें अच्छाई की बुराई पर युद्ध की बात आती है तो महात्मा बुद्ध ने लोगों को मूर्ति पूजा प्रति खिंच कर कर्म ही धर्म है ऐसा कहा। जिस भवगद् गीता में अहिंसा, अनाशक्त वृत्ति की धारण की बातें की है उसको जैन धर्म ने अपने दर्शन शास्त्र में बताया है। हरेक ने जो बातें योग्य लगी वह गीता में से ले कर अपने धर्म शस्त्र में कहा है”
“हरेक मनुष्य की मनःस्थिति , पारिवारिक, राष्ट्रीय, वैश्विक स्थिति का समाधान गीता में मिलता है। मनुष्य जीवन में संघर्ष, युद्ध कर रहा है। संघर्ष करते-करते जब वह थक जाता है तब वह भगवान को कहता है कि यह युद्ध कब तक? अब मैं युद्ध करना नहीं चाहता। गीता में वह तत्व है कि जब अर्जुन भी ऐसी ही युद्ध करने पर निरुत्साहित हो जाता है तब सिर्फ कम समय में ही भगवान के द्वारा दिये गये गीता ज्ञान से प्रेरित होकर युद्ध के लिए तैयार हो जाता है। सामाजिक क्षेत्र में देखें तो हर घर में एक शकुनी है। आज के युग में माबाईल एक शकुनी है। श्रीमद् भगवद् गीता मनुष्य मन के विश एवं मोह से बाहर लाकर योगयुक्त बनाता है।”
“पाण्डव अर्थात् भगवान से प्रीत बुद्धि एंव कौरव अर्थातद्व भगवान से विप्रीत बुद्धि। जीवन में सफलता का आधार सच्ची पसंदगी है। अगल गलत चीज की पसंदगी की तो हार निश्चत है। युधिष्ठिर अर्थात् युद्ध जैसी परिस्थिति में भी स्थिर बुद्घि, भीम अर्थात् आत्म शक्ति से भरपूर, अर्जून अर्थात् ज्ञान अर्जीत करने वाला, सहदेव अर्थात हमेंशा सहयोग देने वाला, नकुल अर्थातद्व श्रेष्ठ कुल वाला, दुर्योधन अर्थात् बुद्धि धन का दुरूपयोग करने वाला। यह महाभारत का ही समय चल रहा है। क्योंकि पाण्डव के गुण वाले मनुष्य बहुत थोडे है। जबकि कौरव के गुण वाले मनुष्य करोडों है।”
इस पांच दिवसीय व्याख्यान को दीप प्रजवलीत कर मंगल उद्घाटन भी किया गया। महेसाणा उपक्षेत्रिय संचालिका आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने सभी का शब्दों से स्वागत किया। जस्टिस बी.एन. कारिया साहब, निवृत्त जज, गुजरात हाई कोर्ट, अहमदाबाद, मुकेश भाई पटेल, विधायक, महेसाणा, परम पूज्य संत श्री दास बापू, परम पूज्य संत श्री सदाराम बापु आश्रम, टोटाणा ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना की सुवर्ण जयंती का समापन अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। ब्रह्माकुमारीज़ महेसान उपक्षेत्र की मुख्य बहनें भी इस अवसर पर मंचासीन थे। साथ-साथ महेसाना के धार्मिक, राजकीय, सामाजिक, मेडिकल, व्यापार, उद्योग, न्याय, शिक्षा, अधिकारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से 85 जितने गण मान्य विशिष्ठ महानुभावों ने भी दीप प्रज्वलन में अपना साथ दिया। 2200 आत्माओं ने इस व्याख्यान का रसपान किया। कुमारिकाओं ने स्वागत नृत्य पेश कर सब को आध्यात्मिक भाव से विभोर कर दिया।
इस कार्यक्रम के पूर्व एक दिन पहले दिनांक 25/12/2023 के दिन महेसाना शहर में एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। महेसाना जिला पंचायत प्रमुख तृषा बहन पी पटेल, डॉ. मिहीर भाई एन. पटेल, प्रमुख, महेसणा नगर पालिका, महेसाणा उपक्षेत्रिय संचालिका आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरला दीदी एवं आदरणीय राजयोगिनी कुसुम दीदी ने शिव ध्वज एवं हरी झण्डी दिखाकर रामजी मंदिर, परा से प्रस्थान करवाया। जो महेसाना के मुख्य मार्गों से पैदल निकलती हुई कार्यक्रम स्थान पर सम्पन्न हुई। जिस में रथ पर सवार कृष्ण अर्जून की झांखी मुख्य आकर्षण का केन्द्र थी। लगभग 300 जितने श्वेत वस्त्रधारी निर्व्यसनी राजयोगी बी.के. भाई-बहनों ने बैंड-बाजा के साथ पैदल चलते हुए पूरे शहर कार्यक्रम का प्रचार करते हुए में आध्यात्मिक माहोल खड़ा कर दिया। - บันเทิง
Om shanti
Think.u.didi
ExplanTion is vey good evtebody cN understand. Thank h much
Meete baba my namaskR fo u omsha thi laamala shRma Thank j so much. Meete baba.
Om shanti 🙏🌹🌹🙏
Thank u so much kamala sharma.
Om shanti good. Night mera metha pura baap dada
Om Shanti
😊
Om Shanti mere baba pyare baba mithe baba I love you baba good night baba sukriya baba Om Shanti didiji namsty🙏🙏🙏🇲🇰🇲🇰🇲🇰🙏🙏🙏💐💐💐
प्रारंभ में ही संजय ने जब कहा
"उवाच मधुसूदन" तो व्यास जी ने माना," भगवानुवाच ।"
Omsanti.marebaba.pyarebaba
OM shanti baba good morning 🙏🙏🙏
🙏❤️🌹 Om Shanti
अति सुन्दर byakha, om shanti,
❤om.shanti didi🎉
Why to discussion here about chuslam 😡😡😡