Haan, Punyatithi ka aayojan Shiv Mandir mein kiya ja sakta hai. Shiv Mandir ek pavitra sthan hai aur yahan aap apne priyajan ki yaad mein shraddhanjali arpit kar sakte hain. Punyatithi ke aayojan ke liye aap Shiv Mandir ke pandit se sampark kar sakte hain. Ve aapko sabhi vidhi-vidhanon mein madad karenge aur aapke priyajan ke liye ek shantipurn aur smaraneyog samaroh ka aayojan karne mein aapki sahayata karenge. Yahan kuchh sujhav diye gaye hain jo aap Shiv Mandir mein Punyatithi ka aayojan karte samay dhyan mein rakh sakte hain:- * Mandir ke niyamon ka palan karen:- Har Shiv Mandir ke apne niyam aur aachar-vyavhar hote hain. Punyatithi ka aayojan karne se pahle, mandir ke pandit se niyamon ke bare mein poochhen aur unka palan karen. * Shraddhanjali arpit karen:- Punyatithi ke din, aap apne priyajan ki yaad mein pooja kar sakte hain, diya jala sakte hain, aur phul chadha sakte hain. Aap mandir mein bhog ya daan bhi kar sakte hain. * Smaran sabha ka aayojan karen:- Aap apne priyajan ki yaad mein ek smaran sabha ka bhi aayojan kar sakte hain. Ismein aap unke jivan ke bare mein baat kar sakte hain, unki yaden sajha kar sakte hain, aur unke liye shraddhanjali arpit kar sakte hain. Punyatithi ek aisa avsar hai jab aap apne priyajan ki yaad mein shraddhanjali arpit kar sakte hain aur unke sath bitaye hue samay ko yad kar sakte hain. Shiv Mandir mein Punyatithi ka aayojan karne se aapko apne priyajan ke pass hone aur unke prati apne prem aur samman ka izhaar karne ka ek shantipurn aur smaraneyog tarika mil sakta hai.🙏
सांसारिक जीवन में अपने प्रियजनों को खो देना दुख का विषय तो है इसे नकारा नहीं जा सकता । प्रत्येक आत्मा का अपने परमात्मा में विलीन होना ही उस आत्मा को मोक्ष प्रदान करता है। हम पुण्यतिथि शब्द की महत्ता को तब समझ सकते हैं जब हमारा मन, शांत और दुख तथा सुख से परे होकर आत्मा का परमात्मा से मिलन को ठीक उसी तरह समझे जिस तरह एक नदी का सागर से, अंधेरे का उजाले से मिलन और एक कंकड़ का शिप से मिलन उसे मोती बना देता है। परमात्मा आपको और आपके प्रियजनों को शांति, खुशी और समृद्धि प्रदान करें। 🙏
Death Anniversary nehi manne se paap hota hai yaa nahi ? Atma ke liye kuch santi asanti hote hai kiya ? Death Anniversary manana chahiye yaa nahi? Death Anniversary nehi manane se kuch asub hota hai kiya? Atma toh sradh ke baat hi naye jiban arambh hote hai ?
यह एक व्यक्तिगत पसंद और परंपरा पर निर्भर करता है। कुछ लोग अपने प्रियजनों की याद में मृत्यु वर्षगांठ मनाते हैं, जबकि कुछ लोग ऐसा नहीं करते। मनुष्य का सारा जीवन पुण्य और पाप ज्ञात करने के विषय पर ही आधारित है किसी पुण्य आत्मा की पुण्यतिथि ना मनाने पर परिवार संबंधित लोगों को पुण्य मिलेगा या पाप मिलेगा यह उस पुण्य आत्मा की और उस परिवार के सदस्यों की परिस्थितियों और पूर्व किए गए कर्म और वाद- संवाद पर आधारित है इसलिए किसी परिवार को या सगे संबंधी को किसी भी पुण्यात्मा की पुण्यतिथि मनाने या ना मानने पर पुण्य होगा या पाप होगा यह आपके स्वविवेक पर आधारित है। क्यों कुछ लोग मृत्यु वर्षगांठ मनाते हैं- 1.याद रखना- यह उन्हें अपने प्रियजनों को याद रखने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका होता है। 2.शोक मनाना- यह उन्हें शोक मनाने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। 3.धार्मिक कारण - कुछ धर्मों में मृतकों के लिए विशेष अनुष्ठान करने की परंपरा होती है। कुछ लोग मृत्यु वर्षगांठ नहीं मनाते- 1. दुःख- यह उन्हें दुःख और दर्द की याद दिलाता है। 2.विश्वास- मृतकों को याद करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आगे बढ़ें। 3. व्यक्तिगत पसंद: कुछ लोगों को मृत्यु वर्षगांठ मनाने में कोई रुचि नहीं होती। ध्यान में रखनी चाहिए:- मृतक की इच्छा- अगर मृतक ने अपनी इच्छा जाहिर की हो कि उसकी मृत्यु वर्षगांठ कैसे मनाई जाए, तो उसका सम्मान करना चाहिए। परिवार की भावनाएं- परिवार के अन्य सदस्यों की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। स्वयं की भावनाएं- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी भावनाओं को समझें और उसी के अनुसार निर्णय लें।
Mere pati ki mritu 22july ko Hui thi us din shravan ki shukl paksh ki. Dvitiya tithi thi mai 22july ko puny tithi manati hu parantu Mera beta. Isako galat manata hai kripaya margdarshan. Kare 🙏🙏
Aap pratyek varsh 22 July ko pure vidhi Vidhan se apne Pati ki punyatithi manaa sakti hain. Yadi aapke Pati ki vigat varshon mein 22 July ko dehant hua tha, tab aap aane Wale pratyek varshon mein 22 July ki tarikh ko Apne Pati ki punyatithi manaenge. Om Shanti 🙏
आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पुण्यतिथि मनाने की विधि देख सकते हैं यह हमारे चैनल द्वारा पुण्यतिथि मनाने की विधि पर बना हुआ एक संपूर्ण वीडियो है- th-cam.com/video/n-tR3YWBLpY/w-d-xo.htmlsi=VIrEBEwPbWIiur_E
यदि आपकी माता जी का देहांत- 3 सितंबर 2023 को हुआ था । तब आप अपनी माताजी की अगली पुण्यतिथि या बरसी- 3 सितंबर 2024 को मनाएंगे अर्थात आज से एक दिन बाद, दिन मंगलवार को आप अपनी माताजी की पुण्यतिथि या बरसी मनाएंगे। परमात्मा आपकी माता जी की आत्मा को शांति प्रदान करें 🙏
पुण्यतिथि मनाने की विधि पर मैंने एक वीडियो बनाया है जिसका लिंक नीचे दे रहा हूं अगर आप चाहे तो उसे देख सकते हैं th-cam.com/video/n-tR3YWBLpY/w-d-xo.html
Punyotithi shiv mondir me ho sakte hai?
Haan,
Punyatithi ka aayojan Shiv Mandir mein kiya ja sakta hai. Shiv Mandir ek pavitra sthan hai aur yahan aap apne priyajan ki yaad mein shraddhanjali arpit kar sakte hain.
Punyatithi ke aayojan ke liye aap Shiv Mandir ke pandit se sampark kar sakte hain. Ve aapko sabhi vidhi-vidhanon mein madad karenge aur aapke priyajan ke liye ek shantipurn aur smaraneyog samaroh ka aayojan karne mein aapki sahayata karenge.
Yahan kuchh sujhav diye gaye hain jo aap Shiv Mandir mein Punyatithi ka aayojan karte samay dhyan mein rakh sakte hain:-
* Mandir ke niyamon ka palan karen:- Har Shiv Mandir ke apne niyam aur aachar-vyavhar hote hain. Punyatithi ka aayojan karne se pahle, mandir ke pandit se niyamon ke bare mein poochhen aur unka palan karen.
* Shraddhanjali arpit karen:- Punyatithi ke din, aap apne priyajan ki yaad mein pooja kar sakte hain, diya jala sakte hain, aur phul chadha sakte hain. Aap mandir mein bhog ya daan bhi kar sakte hain.
* Smaran sabha ka aayojan karen:- Aap apne priyajan ki yaad mein ek smaran sabha ka bhi aayojan kar sakte hain. Ismein aap unke jivan ke bare mein baat kar sakte hain, unki yaden sajha kar sakte hain, aur unke liye shraddhanjali arpit kar sakte hain.
Punyatithi ek aisa avsar hai jab aap apne priyajan ki yaad mein shraddhanjali arpit kar sakte hain aur unke sath bitaye hue samay ko yad kar sakte hain. Shiv Mandir mein Punyatithi ka aayojan karne se aapko apne priyajan ke pass hone aur unke prati apne prem aur samman ka izhaar karne ka ek shantipurn aur smaraneyog tarika mil sakta hai.🙏
Aaj ki dinank din mah me mere pita ji swarg sidhare the mai unka prabhu se prarthana karta hun aap unhen shanti pradan kare om shanti 🙏🙏🙏🌹💐
Om Shanti Om 🙏
Explanation Satisfactory. Hari Om
बहुत अच्छे से समझाया
Nice information
Gurudev ka puny tithi ka h🌹🙏
I love you nani
🙏
Punya tithi ki vidhi batayen
पुण्यतिथि मनाने की विधि देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
th-cam.com/video/n-tR3YWBLpY/w-d-xo.html
Ase din ko punytithi q kha gya.. ye bda hi mnhoos din hota h life ka 😭
सांसारिक जीवन में अपने प्रियजनों को खो देना दुख का विषय तो है इसे नकारा नहीं जा सकता ।
प्रत्येक आत्मा का अपने परमात्मा में विलीन होना ही उस आत्मा को मोक्ष प्रदान करता है।
हम पुण्यतिथि शब्द की महत्ता को तब समझ सकते हैं जब हमारा मन, शांत और दुख तथा सुख से परे होकर आत्मा का परमात्मा से मिलन को ठीक उसी तरह समझे जिस तरह एक नदी का सागर से, अंधेरे का उजाले से मिलन और एक कंकड़ का शिप से मिलन उसे मोती बना देता है।
परमात्मा आपको और आपके प्रियजनों को शांति, खुशी और समृद्धि प्रदान करें। 🙏
Death Anniversary nehi manne se paap hota hai yaa nahi ?
Atma ke liye kuch santi asanti hote hai kiya ?
Death Anniversary manana chahiye yaa nahi?
Death Anniversary nehi manane se kuch asub hota hai kiya?
Atma toh sradh ke baat hi naye jiban arambh hote hai ?
यह एक व्यक्तिगत पसंद और परंपरा पर निर्भर करता है। कुछ लोग अपने प्रियजनों की याद में मृत्यु वर्षगांठ मनाते हैं, जबकि कुछ लोग ऐसा नहीं करते।
मनुष्य का सारा जीवन पुण्य और पाप ज्ञात करने के विषय पर ही आधारित है
किसी पुण्य आत्मा की पुण्यतिथि ना मनाने पर परिवार संबंधित लोगों को पुण्य मिलेगा या पाप मिलेगा यह उस पुण्य आत्मा की और उस परिवार के सदस्यों की परिस्थितियों और पूर्व किए गए कर्म और वाद- संवाद पर आधारित है इसलिए किसी परिवार को या सगे संबंधी को किसी भी पुण्यात्मा की पुण्यतिथि मनाने या ना मानने पर पुण्य होगा या पाप होगा यह आपके स्वविवेक पर आधारित है।
क्यों कुछ लोग मृत्यु वर्षगांठ मनाते हैं-
1.याद रखना- यह उन्हें अपने प्रियजनों को याद रखने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका होता है।
2.शोक मनाना- यह उन्हें शोक मनाने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
3.धार्मिक कारण - कुछ धर्मों में मृतकों के लिए विशेष अनुष्ठान करने की परंपरा होती है।
कुछ लोग मृत्यु वर्षगांठ नहीं मनाते-
1. दुःख- यह उन्हें दुःख और दर्द की याद दिलाता है।
2.विश्वास- मृतकों को याद करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आगे बढ़ें।
3. व्यक्तिगत पसंद: कुछ लोगों को मृत्यु वर्षगांठ मनाने में कोई रुचि नहीं होती।
ध्यान में रखनी चाहिए:-
मृतक की इच्छा- अगर मृतक ने अपनी इच्छा जाहिर की हो कि उसकी मृत्यु वर्षगांठ कैसे मनाई जाए, तो उसका सम्मान करना चाहिए।
परिवार की भावनाएं- परिवार के अन्य सदस्यों की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
स्वयं की भावनाएं- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी भावनाओं को समझें और उसी के अनुसार निर्णय लें।
Mere pati ki mritu 22july ko Hui thi us din shravan ki shukl paksh ki. Dvitiya tithi thi mai 22july ko puny tithi manati hu parantu Mera beta. Isako galat manata hai kripaya margdarshan. Kare 🙏🙏
Aap pratyek varsh 22 July ko pure vidhi Vidhan se apne Pati ki punyatithi manaa sakti hain.
Yadi aapke Pati ki vigat varshon mein 22 July ko dehant hua tha, tab aap aane Wale pratyek varshon mein 22 July ki tarikh ko Apne Pati ki punyatithi manaenge.
Om Shanti 🙏
किस प्रकार पूजा आयोजित करनी चाय? विभिन्न पंडत विभिन्न बिधियो से परिचित कराते है ,वास्तव में पूजा कैसी होनी चाहिए बताने की कृपा करे । धन्यवाद
आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पुण्यतिथि मनाने की विधि देख सकते हैं यह हमारे चैनल द्वारा पुण्यतिथि मनाने की विधि पर बना हुआ एक संपूर्ण वीडियो है-
th-cam.com/video/n-tR3YWBLpY/w-d-xo.htmlsi=VIrEBEwPbWIiur_E
प्रणाम
मेरी माता जी ०३.०९.२३
को नही रही।
उनकी बरसी तिथि निकल गई
अब मैं क्या करूं?
यदि आपकी माता जी का देहांत- 3 सितंबर 2023 को हुआ था । तब आप अपनी माताजी की अगली पुण्यतिथि या बरसी- 3 सितंबर 2024 को मनाएंगे अर्थात आज से एक दिन बाद, दिन मंगलवार को आप अपनी माताजी की पुण्यतिथि या बरसी मनाएंगे।
परमात्मा आपकी माता जी की आत्मा को शांति प्रदान करें 🙏
@@enpworld पर कहते हैं की ११ महीने में बरसी मनाई जाती है
तिथि तो निकल गईं पंडित जी
@Guccilv-q7x कृपया अपनी जानकारी का विस्तार करें और एक अच्छे पंडित या सलाहकार से चर्चा करें 🙏
पुण्यतिथी कितने साल करणी चाहीये .
आप अपनी मनः स्थिति के आधार पर 3 या 5 वर्ष तक लगातार पुण्यतिथि मना
सकते हैं।
या अपनी इच्छा अनुसार आप आजीवन भी पुण्यतिथी मना सकते है।
पुण्य तिथि पर कलस पूजन करना चाहिए या नहीं
'कलश पूजन' कर सकते हैं।
Isko punyatithi kyu kaha jata hai 😭😭😭😭😭
पुण्यतिथि कैसे बनाएं
पुण्यतिथि मनाने की विधि पर मैंने एक वीडियो बनाया है जिसका लिंक नीचे दे रहा हूं अगर आप चाहे तो उसे देख सकते हैं
th-cam.com/video/n-tR3YWBLpY/w-d-xo.html
One person death on dt-09.10.2022 (Kumar purnami) at 14:30 Hrs,what is the death anniversary of that person pls calculate& reply me.
आप उसे व्यक्ति विशेष का Death Anniversary वर्ष 2023 में अक्टूबर महीने के 9 तारीख ( दिन सोमवार) को मना सकते हैं। (09/10/2023)