रत्न व अंगुठी शुद्धिकरण व अभिमंत्रिकरण || रत्न || अंगुठी || Ratna || Angoothi || om vaastu ||
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- เผยแพร่เมื่อ 24 มิ.ย. 2021
- रत्न या अंगुठी धारण करने से पहले उसे शुद्ध करना अतिआवश्यक होता है , तभी वो अपना प्रभाव दिखा पाते हैं । शुद्धिकरण के लिये या तो पंडित के पास जाना पड़ता है या ज्योतिषी के पास ।
आप चाहें तो अपने घर में ही अपनी अंगुठी या रत्न को शुद्ध भी कर सकते हैं , और अभिमंत्रित भी कर सकते हैं ।
Very nice information
Thank you
Guru ji 👏
Thankyou 🙏
bahut sunder bataya hai apne
sitaram
Bohot aacha
Thank you sir 😊😊very helpful video nice information 😇😇
प्रामाणिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब भी कोई राष्ट्र या समाज यौन रूप से अनैतिक हो जाता है और अपने शारीरिक सुखों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृत्यों में संलग्न हो जाता है, तो सभी प्रकार के नैतिक पंथों को त्यागने के अपने उत्साह के कारण, उन्होंने अनिवार्य रूप से किसी भी प्रकार के नैतिक पंथ में भगवान के धर्म और विश्वास को छोड़ दिया है। शुद्ध प्रेम और शुद्धता. धर्म त्यागने के एक दशक के भीतर, उन देशों ने खुद को नश्वर पीड़ा और खतरों में पाया। पहले और दूसरे विश्व युद्ध की भयावहता अभी भी हममें से कई लोगों के दिमाग में ताज़ा है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 1900 के दशक में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौत और विनाश की भयावहता उनके आवारा यौन क्रांतिकारी तरीकों के कारण थी, और भी अधिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के लोगों पर अप्रत्यक्ष पीड़ा पड़ी। हालाँकि भारत सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन उनके लोगों को भुखमरी से अनकहा आतंक और दर्द का सामना करना पड़ा क्योंकि पूरे क्षेत्र को सदी के सबसे खराब अकाल का सामना करना पड़ा। भारत में स्थानीय इतिहासकारों ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के अंत से, लाखों भारतीय जो हाल ही में मुट्ठी भर विलासिता की वस्तुओं के आदी हो गए थे, जो आधुनिक तकनीक ने उन्हें प्रदान की थी, वे खुश हो गए और कई लोग अपने यौन जीवन में अत्यधिक लिप्त हो गए, और हालांकि अधिकांश विवाहित जोड़े के बीच यौन मुठभेड़ हुई, आनंद की अधिकता और मानव मांस के आनंद और शोषण के कारण वे अपनी आत्मा खो बैठे और लापरवाह हो गए। जल्द ही, उन्हें भीषण अकाल और सूखे का सामना करना पड़ा जिसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इसे बाद में 1943 के बंगाल अकाल के रूप में जाना गया और ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में इस मानवजनित अकाल में कम से कम 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुपोषण और जोखिम से भुखमरी से मर गए। भारत के बुजुर्गों और गुरुओं ने इस बात पर शोक व्यक्त किया था कि वहां के लोग बहुत अधिक कामुक थे और इसके कारण उन्हें इतनी तीव्र पीड़ा झेलनी पड़ी। इतिहास में कहीं भी ऐसा एक भी स्थान या क्षेत्र नहीं मिलेगा जहां लोगों ने एक-दूसरे के साथ यौन आनंद लेने के लिए रचनात्मक तरीके ईजाद करके यौन संबंधों में अत्यधिक लिप्त होने के बाद बहुत अधिक पीड़ा न झेली हो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों को जो कठिनाई हुई, वह उनकी यौन संकीर्णता के कारण थी, ठीक उसी तरह, उसी समय के दौरान रूस में जो भयानक युद्ध हुआ, वह उनकी यौन भोग-विलास की अधिकता के कारण था। आर्थिक इतिहासकारों ने बंगाल के अकाल के पीछे के वास्तविक कारण की जांच करने की कोशिश की है, लेकिन वे शायद ही किसी एक विशेष कारण पर सहमत हो पाए हैं। हालाँकि, वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उपनिवेशवाद के कारण अकाल पड़े, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पहले अकाल कम पड़ते थे या कम घातक होते थे। लेकिन जैसे-जैसे कई भारतीय क्षेत्रों में यौन गतिविधियाँ बढ़ीं, जनसंख्या बढ़ी और आपदा ने उन पर बेरहमी से हमला किया, और भले ही उन्होंने विश्व युद्ध में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, फिर भी उन्हें उन तीन मिलियन लोगों के समान भाग्य का सामना करना पड़ा जो लगभग भूख से मर गए थे। लेनिनग्राद की घेराबंदी. कुछ दावों के विपरीत, अंग्रेजों ने अकाल की शुरुआत नहीं की। भूगोल ने ऐसा किया और ऐसा उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अत्यधिक यौन भोग के कारण हुआ।
कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि लोगों के बीच यौन मुठभेड़ हजारों वर्षों से होती आ रही है, और जब पिछली पीढ़ियों को अपेक्षाकृत आसानी से छोड़ दिया गया तो इस पीढ़ी को अप्रत्याशित उथल-पुथल और आतंक से क्यों पीड़ित होना चाहिए? तथ्य हम सभी के लिए काफी स्पष्ट रूप से बोलते हैं, जैसा कि हम देख सकते हैं कि पिछली शताब्दियों के दौरान, यहां तक कि छठी शताब्दी की शुरुआत में, जब जस्टिनियन प्लेग हुआ था और दुनिया को क्रूर ज्वालामुखी सर्दियों का सामना करना पड़ा था, पिछली शताब्दी तक। जिसने दो सबसे घातक विश्व युद्ध देखे, हमारे पूर्वजों को पीड़ा का सामना करना पड़ा, जो लगभग हमेशा यौन गतिविधियों में वृद्धि से पहले होता था। हालाँकि, इस युग में लोगों को निश्चित रूप से अकल्पनीय परिमाण की बहुत बड़ी आपदा का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि मानव इतिहास में पहले कभी भी लोग इतने अधिक यौन रूप से विकृत और कामुक रूप से रचनात्मक नहीं हुए थे।
Guruji uchcha mangl ko kese sidh kre
Guruji, Mere Anamika finger main manikya hai. To moonga little finger main dharan Kiya to chalega
नहीं पेडल पहन सकते हैं।
Kon hein ye log ? Kahan se atay hein ye log ?
Namaste guruji kya hum moti ratna ko fir se abhimantrit kar ke pehan sakte hai?
Aur jo bhi ratna ko hum ne doodh Ganga jal se clean kiya hai use jal ko hum ghar ke Tulsi ke paudhe me daal sakte hai kya
रतन अभिमंत्रित हो सकता है
बाहर कोई भी पेड़ हो उसमें चढ़ा देना
Guruji please suggest to put on Rubi stone
हमारा रूबी का वीडियो है कृपया वह वीडियो देख लेवे
Pandit jianguthi ki pooja budhwar ka din raat ma karni hai or subha phanana ha. Pls halp
आप अंगूठी सुबह पहन सकते हैं
Gurujii Budhwar Kab Shudh Karna Hain Subah Karna Hain Ya Shamko
Wednesday ko kbhi bhi kar le or Thursday ko pehan le
Guruji kripya bataye ki pukhraj ko kayi sal se pahna huaa kya fir se sudh kiya ja sakta wahi pukhraj Guthi jo pHne hai.
Thursday ko aap fir se ring ko shudh karke pahan skte hai
@@om_vaastu_jyotish dhanyawad guru ji🙏
पन्ना किस धातु में पहने
सोने में
1. Mantra jor se bolna hai jaise aap video mein bol rahe ho ya mann mein kyoki mantra ko tej nhi bola jata dheere bola jata hai kisi ko sunai na de ... Toh kya kare sirji
2. Aur ek din pahle hee ring ko sudh karke mandir mein rakh de ya agle din pooja karte samay rakhe .. kripya ye bhi bataye
एक दिन पहले पूजा करके रख ले
मंत्र मन में बोले
🙏🏻sir
Chane ki daal ko kya karna h
Anguthi pahne ke baad
गाय को खिलाएं
Pukraj ko right hand m kisi pandit ji ne kaha tha to kya us ring ko left hand m kab dharan kare aur sadi ka yog kab tak ban jayega is pukraj se
आपकी जन्म कुंडली से पता चलता है
Sunil Ratna Online mangaya Hai To anguthi Badi gai hai thoda kam Karke usko Sona ke pass Le jakar Tod Karke pahan sakte hain kya Dobara
लेजर सोल्डिंग कराकर पहन सकते हैं।
Mere betha ka naam daksk hai meen rashi hai 20 saal ka hai kya woh pukhraaj pehan sakta hai
कुंडली विश्लेषण के आधार पर पहन सकता है
Pt ji panch Amrit ko kela ke ped me dhal sakta hai
नहीं
पीपल के पेड़ में डालें ।
Phukraj ka image send karo sir
Gomed ring kis tare Pooja kar uspe video prepare karna
सब नागिनें एक जैसे ही शुद्ध होते हैं
abhimantrit kiya gaya ratna firse dusre k liye abhimantri kiya ja sakta hai kya
हां हो सकता है।
@@om_vaastu_jyotish thanks you guruji🙏
Ek jyotishi ne muje 2 ratna yahi baat bol k diye ki mere liye wo already abhimantrit kiye gaye hai abb me wo order cancel nahi kar sakti🙄
Aguthi mein aata bhar jata hai ...wo thik se saf ni hoti kya iska koi galat prabhav to ni
Ji Nhi
@@om_vaastu_jyotish thank u guruji
Ye Wednesdays ko shm me karna hai ya subah
Pls Reply de dijiye Aaj Wednesday hai
शाम तक कर सकते हैं।
5 n.
Moti dharan kese kare
Monday ko night me chandrma ko dekhate huye dharan kare little finger me pehne or parbhu ko yaad kare
Tamam jyotish kahte Hain ki nich graho ka ratna nahi pahnne chahiye
मैंने कुछ दिन पहले सारे विधि विधान के साथ पुखराज धारण किया है, लेकिन मुझे सरकारी परीक्षा देते वक्त उसे उतारना पड़ता है, ab jab mai use dubara dharan karu, to kya harr time Thursday ko pure vidhi vidhan ke sath pehnu ya fir normally pehen sakte hai ?
Mujhe saal mai kai baar utarna padega exam ke wajah se... To aisi sthiti me kya karna chahiye
Plz mujhe ap btaskte ho kese phni thi apne kis mantr mtlb kese pheni
कुछ घंटे पुखराज या कोई भी स्टोन उत्तर देने में ज्यादा समस्या नहीं हां मन को स्ट्रांग रखे
Panna k liye vi bataiyena guru
Thursday ko kariye...subha Thursday ko karenge to Vishnu bhagwan ka paath or Pooja bhi ho jayegi or Thursday ko karna zyada accha mana gaya h❤
Thank you
पन्ने का वीडियो भी डाला हुआ है ।
ये विधि कोन से समय में करे और गुरुवार को कब पहने??
Ky ye Thursday ko phnana chiye please bataiye
@@sumanyadavsinha4886 ha
गुरुवार को सुबह 7: 15 बजे धारण करें
जी हां
Namaskar guruji🙏🙏. Meri yeh duvidha hai ki m period m thi aur mere pati ratan dharan ki pooja kar rhe the. Ek urgent phone tha toh m patidev ko phone dene chli gyi thi waha. Mene pooja k saman ko toh touch ni kiya but phone dete patidev ko touch huya ya nahi woh mujhe ptani. Toh kya pooja khandit tohni hoyi?? Unhe phirse ratan shudh tohni krna pdega?? Woh abhi pehne huye hai ratan. Confusion clear kre guruji
नहीं कोई परेशानी नहीं है।
@@om_vaastu_jyotish
Bahut bahut dhanyavaad guruji🙏🙏
Aapki awaj mei confidence nahi hai
ये तो आप ने केवल पुखराज रत्न के विषय में ही बताया है, दुसरे रत्नों के लिए तो दुसरे मंत्र होंगे न । तो दुसरे रत्नों को शुद्ध व अभिमंत्रित करने के मंत्र भी बताने की कृपा करें।
अवश्य बतलाएंगे
सभी रत्नों की हम पूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे ।
धन्यवाद ।
@@pre51 50 किलो का कोई व्यक्ति है तो उसको 5:15 रत्ती का पुखराज पहनना चाहिए इसी प्रकार आप देख लिए 60 किलो में 6:15 रत्ती
But me to 9.15ratti leke ayi koi problem to ni hogi
Nich ka ratn nahi galat
Bura kya ho ta he
Bura. Chini ko barik pees le use bura bolte h.....
Ok
Cini Pi's kar
Chini ke powder jaisa hota hai per chini nahi hota. Khaand bhi bolte hain.
Bakawas
Garu ji muje lena he aap ka number send kro
7733058880
Phkuraj mere ko b chahiye plz aap ka number send karo sir
7733058880
Bura kya ho ta he
Cini ka
powdered sugar ko kehtey hain