सब मोह माया है...जितनी मुंह उतनी बातें... ऊपर से ये लोग और भी डराते हैं...मुझे लगता है वो दुनिया यहां से ज्यादा बेहतरीन होगी, वहां इर्ष्या, द्वेष,घृणा,जलन,झूठ,चिंता,पाप ये सब नहीं होगा,सिर्फ प्रेम और सत्य होगा🙏हरे कृष्णा 🙏
अच्छा पर जब शरीर ही नही होगा। तो कितनी तकलीफ होगी पता है आपको 84 लाख योनियो के बाद मनुष्य शरीर मिलता है अगर जीवन की समस्या मरने से खत्म होती तो कही तो शास्त्र आदेश करते बल्कि महापाप बोला है आत्महत्या को । सोचो और विचार करो।
Be honest I think aatmhatya karane ke baad hamari or buri haalat ho skti he ,bhuke pyaase Mar jao ya fir kisi ke dwara murder ho Jao to bhi chalega lekin aatmhatya nhi , maybe agar natural death mare bhale hi kisi bimaari see lekin uske baad fir koyi body dharan karane ki samabhavna hoti lekin aatmhatya ke baad to sirf bhatkana hi he
Meera ji aapko mai kahungi ki darne ki baat hi nahi hai .Mere gurudev kehte hain ki sidha yog se Aatma ka bodh ho jata hai aur jeevit aswastha me hi ye aatma apne sarir ko chhor kar nikal jaati hai aur wapas bhi aa jaati hai isse maut ka bhaye durr hi jata hai.aise kai sadhak ke saath hua hai .vilachhan anubhtuiyan bhi nitye hoti rehti hain. Aap Guru siyag yog ko karke dekhe. gurusiyagyoga.org par check bhi kar sakti hain.Mere Sabsamarth sadgurudev Sri Ram Lal ji siyag hain .aap utube pe bhi Search karke dekh sakti hain.9818598122 ye no.Dharmendra Sharma sir ka hai .aap chahe to inse baat kar sakti hain.🙏🙏🙏
ओं शान्ति! आत्मा जब शरीर में है तो उस शरीर को जीव शरीर कहा जाता है और जब शरीर छोडे तो उसे विगत शरीर कहा जाता है ! आत्मा अविनाशी है तो शरीर जो पांच तत्वों से बनाया हुआ है ,विनाशी है ! अविनाशी आत्मा और विनाशी शरीर के सम्युक्त रूप में इस भूमण्डल पर खेल चलती है ! आत्मा तो अजर , अमर और अविनाशी है ! वह तो अत्यन्त सूक्ष्म ज्योति बिंदु स्वरूप का है ! उनसे सूक्ष्म और कोई चीज होती नही ! शरीर तो बड़ा मिलता है लेकिन आत्मा के बिना शरीर में जीव क्रियाए नही होंगे और वह शरीर तो आत्मा चले जाने से मर जाती है जिसे शारीरिक मरण कहा जाता है ! शरीर तो छोटे से बड़ा होता है लेकिन आत्मा का साईज नही बदलती है! शरीर को काट सकते है , आग से जला सकते है , पानी में डुबा सकते है और उठाकर फेंक सकते है लेकिन आत्मा को नही! वह तो दिव्यप्रकाशमय ज्योतिर्पुन्ज है ! आत्मा में मन , बुद्धि और संस्कार रूपी तीन सूक्ष्म कर्मेन्द्रिया है ! मन को आलोचना या संकल्प शक्ति , बुद्धि को निर्णय शक्ति और संस्कार को कर्म के आदत की शक्ति कहा जाता है! आत्मा के सूक्ष्म कर्मेन्द्रियरूपी यन्त्रान्ग की शक्ति ही स्थूल शरीर से कांम करानेवाली है यानी आत्मा ही शरीर द्वारा कांम करती है ! आत्मा करावनहार है तो शरीर करनहार है इसलिए आत्मा करनकरावंनहर ठहरा ! हर एक आत्मा का अपना अपना संस्कार है जो अपना अपना मन और बुद्धि पर निर्धारित है ! शरीर द्वारा आत्मा जो कर्म करती है उसी प्रमाण उन्हें पापात्मा , पुण्यात्मा , महात्मा ,धर्मात्मा , श्रेष्ठ आत्मा और देवत्मा कहा जाता है ! हर एक वेरैटी में उत्तम ,मध्यम और कनिष्ठ तो होंगे ! परमात्मा भी एक आत्मा है लेकिन परंम है, सुप्रीम है अतीत है, पाप और पुण्य की दुनियावाला नही है ; सदा परमधांम के निवासी है ! पापात्माओं को पुण्यात्मा बनानेवाला है, सर्वोन्नत है , सर्वश्रेष्ठ है , सर्वमान्य है , सर्वोपरि है ! आत्मा पर अन्न और संग का प्रभाव जरूर पड्ता है ! इसलिए अन्नदोष और संगदोष से स्वयं को बचानी पडे ! आत्मा का संस्कार तो - स्वयं का , पूर्व जन्म के कर्मों का , शारीरिक मात-पिता का , वायुमन्डल-वातावरण का, संग का और परमपिता परमात्मा से जो लिया है - इन सभी पर आधारित है ! स्वयं को आत्मा समझने के बजाय शरीर जो प्रकृति से मिला हुआ है उसे समझना यानी आत्माभिमानी के बदले देहाभिमांन में स्वयं को फंसना सारी समस्याओं का मूल माना गया है ! इस साकार लोक तो 5 तत्वों के प्रकृति का है ! यहाँ तो शरीर के बिना पार्ट बज न पायेंगे ! स्थूल शरीर तो चाहिए ! स्वयं निराकार परमात्मा शिव भी जो शारीरिक जनन-मरंण चक्र में आनेवाला नही है तो वह सर्वशक्तिवान्ं भगवान भी विश्वकल्याण अर्थ इस कलियुगी दुनिया को सतयुगी दुनिया में बदलने अर्थ , मुक्ति-जीवन्मुक्ति देने अर्थ भागीरथ में, परकाया में प्रवेश होना , दिव्यावतरन्ण होना होता है ! इस प्रकृति की दुनिया में प्रकृति से मिला हुआ शरीर को स्वयं ही स्वयं खतम करना आत्म हत्या कहते है, साधारण रीति से ! वास्तव में तो यह तो जीव घात है ! शरीर का घात है ! शरीर को गहरा चोट लगे तो आत्मा शरीर से कांम नही कर पाती और उसे छोड़कर शरीर से बाहर आती है और वायुमण्डल में सूक्ष्म शरीर से भटकना पड्ता है, अगला शरीर यानी गर्भ में पिण्ड मिलने तक ! यह भटकना बहुत दर्दनाक होती है ! स्वयं को भी दुख और दूसरों को भी दुख क्योंकि आत्मीय लोग बहुत दर्द अनुभव करते है ना अकाल असहज-मृत्यु से ! कलियुग तो परिस्थियों का युग है ! स्वस्थिति यानी आत्मिक स्थिति से बहुदूर है ! शांन के बदले सभी को परेशान में लानेवाली समय है ! आत्मिक विवेक उपयोग करके इसे पार करनी है ! स्वयं को आत्मा जानकर, मानकर और परमपिता परमात्मा के लाडला सन्तान समझकर, उनसे शक्ति की सम्पदा,वारिस के रूप में खींचकर स्वयं के मन की संकल्प शक्ति, बुद्धि के निर्णयशक्ति और कर्म के संस्कार शक्ति को उत्तम बनाना वर्तमान समय का इशारा है! आत्मा को कोई लिंग नही है ,वयोबेध ,जातिबेध नही है ,देशबेध नही है ,और भाषाबेध भी नही है ! सभी आत्माए परमधांम से आते है इस सृष्टि रंगमंच पर अपना अपना पार्ट बजाने ! इस भूमण्डल के विशाल रंग मंच पर शरीर आधारित पात्रपोषण के सौलभ्य केलिए यह सभी साधन है ! इस शारीरिक दुनिया में शरीर के बिना भटकते रहना कितना दुखदायक स्थिति है ; उसे भूत कहा जाता है ना ! भूत माना भ्रमण करनेवाली , अशान्त और दुख से पीडित आत्मा ! पात्रपोषण करते करते जब आत्मा की लाईट की इन्टेनसिटी की शक्ति यानी इल्यूमिनेशन्ं कंम होती है तब वह देहाभिमांन में आती है जो अभिमान अनर्थदायक होती है ! ओं शान्ति!
Om Shanti! As the thoughts so the person ! Positive thougts lead the person to develop positive attitude , where as the negative attitude is the result of negative thinking ! Thoughts are nourishment to the soul which thinks through the brain ! Thoughts based on Spiritual Knowledge are nectar to the human souls where as the thoughts related to five vices are poisonous ,which kill the True - Happiness, Peace and Bliss which are the original qualities of the soul ! When the person is fully influenced by the poisonous thoughts, there by words and actions and as a result of that when takes the next birth ,will have the similar tendency and compared by the society to snake , python , scorpion etc etc ! The result of the actions based on thoughts decide the births ! The thought pattern of different mammals vary !Human souls will have human bodies , The particular animal souls, particular animal bodies , The souls of birds etc too bird bodies accordingly, as their samskars are different from each other ! Very faithful people are compared to dogs ; cunning people to fox , cruel people to wild animals like tiger etc ! GODLY KNOWLEDGE reveals the fact that human soul can fit in the human body only to play it's part in this Eternal Drama; it can not fit in animal bodies etc ! Each and every human soul has to experience the result of their karmas, performed through the body, in the next birth by entering in human body foetus only - good or bad whatever it is ! On Shanti !
AAP sab jo comment padh rahe h unse mere newedan h ki khavi apne man me is vichar ko mat laye.dheraj rakhe Bhagwan AAP sab ke pareshani ko dur karega.aap sab khush nasab h jo aapko maa baap family Mila bahut se aise log jo hamre jase jindage ka Sapna rakhte h.jay Sri Krishna
Agar suicid karaneke bad panishment hoti to seeta ne ean ne aatmahatya ki unko kya panish ment mili kya unjokya panish ment milihi nahi d yneswar maharaj ne at.ahryaxki unko kta oanish .e t mili unhone bhi àtmahtya ki sa.adhi le bhi to atmahtyahi hai na
Very interesting. Actually its very true wen god has blessed you with life live it up if facing any trouble or depressed turn to god u will get peace of mind and solution too. They are many people who want to live for their children but due to grave illness they die. So leave everything to god if he has blessed us with good times he will help us in bad times too. Have faith n trust the almighty. Just don't commit suicide, life is precious.
It's very easy to give lecture sitting on comfortable seat. Just imagine the mental situation of a person in which he or she gets forced to take their own life. How disheartening and depressing he or she must have been feeling. जिस पर गुजरती है वो ही जानता है, दूसरों के दर्द को कोई नहीं समझ सकता, उसे सिर्फ दिखावा ही लगता है।. जिस तन लागे सो तन जाने, कोई न जाने पीर पराई ।।
Sushant I pray u should get place in vaikunth...Some times situation gets so worst we can't understand wat to do... U were alone so fault is not only your but also those who knows u were in pain..
जो लोग चोरी करतें हैं,धोखा देते हैं,निर्दोष कमजोर लोगों पर अत्याचार करते है,मारते पिटते है,जीवों की हत्या करते है,उन्ही को ही पाप नहीं लगता हैं,तो फिर आत्महत्या करने वाला दोषी कैसे हुआ।
Isse is kameene ko kya MATLAB Bo bol Raha tum apna shoshan karwate raho our agar Tumne isse bachne ke liye aatmhatya Kar li to phir iske prvachan kaun sunega !
Shi bat h kyu h ye krmo ka chkkr kyu na hm apni mrji se ji skte h na mr hi skte h kyu krmo ki sja sath sath nhi milti kya bhgwan sadistic h jo apni rchna ko janbhujhkr is nautnki m ncha rha h
🙏🙏. Maharaj. Atmhatya se achcha hai ishvar se prathna kare ki ab muje le le ishvar avashya sun te hai agar man vichlit ho Jaye to yehi bhagwan se mangna chahiye
@@It.is.snehalif god exist then they are really descriminate people's very badly. Someone gets lots of joys and happiness and same time someone gets so much pain. But anyways life is all about ups and down. Few people have only ups and few always falls
Jab tk Zinda h tb to koi puchta ni marne k bad dikhave ka rona rote h.. kon insan khushi se suicide krne ki soch skta h.. kbi koi is bare me q ni sochna chahta ki jo log suicide krte h wo kitne majbur or dukhi hote h.. wse b ye duniya sharifo ki ni h jo bure log hote h wo mauj me jite h acha insan bichara itni taklif sehta h fir b use chain se jine ni dete.. I hate this world and according to me suicide krna bilkul galat ni h
जी हा जीवन सबको चाहिये लेकिन जब कोशिश थक जाती हैं और हर बार जिनेका मतलब कम होता हैं , बार बार बीमारी से सामना करना पडता हैं, समाज कि घटिया सोच से मन दुःखी होता हैं तो इस बातों का कोई मतलब नही ये जीवन से मुक्ती हि मार्ग बचता हैं .
Iska matlab tumhari maa ne jo tumhe janm dete waqt jo dard saha... Iss duniya me tumhe laya us maa ki kokh ka tumhari nazar me bs itna hi value rah gaya hai.... Are sabko marna hai... Aur hme yaha zindgi jeene bheja gaya h na ki zindgi khatm karne.... Mere v life me ek smy aisa aaya tha ki muje lagta tha ki ab koi upaay nhi h shayad suicide kar lena hi shi rhega lekin us maa ka chehra dekh kar mere under aisi soch jaagi ki zindgi mili h to khushi aur gham dono milega lagatar khushi milti rahe to us khushi ki v keemat kya rah jayegi aur agar dukh tension tanav naa ho to hm apne aap ko majbut kese karege aage ki paristhitiyon se ladne k liye... Iss duniya se jana sabko hai aaj sushant chala gaya lekin kya usko itna khayal nhi aaya ki Wo apne chahne walo ko ek galat idea de gaya ki jab zindagi bojh lagne lage to suicide kar lena chahiye..... Are zindgi bojh lag rahi thi to ek bar iss word ko v yaad kiya hota ki Andhero ki v subah hoti hai.... Kabhi aisa suna hai ki Raat ne subah hi naa hone di ho.... Thoda sa Apne dimag ka istemal aur apni maa ki aatma jo uske dil me basti thi unse baat kiya hota to wo aaj isi duniya me hota
यह परम का एक्सपरिमेन्ट हो रहा है । ये जीवन नाटक है, जिम्मेदारी है क्या है? क्या करने आते है सब? क्यू रहना और कूछ करना जरुरी है? ऐसा किसने बनाया वह जिम्मेदार है? हर एक को अपने जीवन का अधिकार होना चाहीये । जैसे उनकी इच्छा । क्या आप संभालने की ताकद रखते है?
सब मोह माया है...जितनी मुंह उतनी बातें...
ऊपर से ये लोग और भी डराते हैं...मुझे लगता है
वो दुनिया यहां से ज्यादा बेहतरीन होगी, वहां इर्ष्या, द्वेष,घृणा,जलन,झूठ,चिंता,पाप ये सब नहीं होगा,सिर्फ प्रेम और सत्य होगा🙏हरे कृष्णा 🙏
अच्छा पर जब शरीर ही नही होगा। तो कितनी तकलीफ होगी पता है आपको 84 लाख योनियो के बाद मनुष्य शरीर मिलता है अगर जीवन की समस्या मरने से खत्म होती तो कही तो शास्त्र आदेश करते बल्कि महापाप बोला है आत्महत्या को । सोचो और विचार करो।
Be honest I think aatmhatya karane ke baad hamari or buri haalat ho skti he ,bhuke pyaase Mar jao ya fir kisi ke dwara murder ho Jao to bhi chalega lekin aatmhatya nhi , maybe agar natural death mare bhale hi kisi bimaari see lekin uske baad fir koyi body dharan karane ki samabhavna hoti lekin aatmhatya ke baad to sirf bhatkana hi he
@@ManishSingh-fr7mb jab mere jasa fas gya bhai to khud bole ga me mar jata to accha hota
@@deepakhardware7823 भाई जिस पर बीतती है वही जानता है
जिसने वो दुख देखा ही नही वो क्या जाने 😥
@@ManishSingh-fr7mb सबसे पहले आप मुझे उन 84लाख योनियों के नाम बताओ 🤔
यह सब कहने की बातें है, जिस पर बीतती है वही जानता है ।
@spiritualworld01 toh krlo phir
धर्म का धंधा करने वाले क्या जानेगें कोन देखा हैं कि मरने के बड़ आत्मा होती हैं
Shi bay
Aap sahi bol rahe ho
@@__swasti_2316 chal thik hai tere baap ko mat sikha 😠😠
Guru Dev ke charno men pranam
कोटिशः नमन मुझे ये अनुभूति हुई है बहुत डर लगता प्रभु के जप से फिर वापस आये हम शरीर मे।
कया अनुभूति हुई आपको
@@keyurpujara7924 मृत्यु की
Meera ji aapko mai kahungi ki darne ki baat hi nahi hai .Mere gurudev kehte hain ki sidha yog se Aatma ka bodh ho jata hai
aur jeevit aswastha me hi ye aatma apne sarir ko chhor kar nikal jaati hai aur wapas bhi aa jaati hai isse maut ka bhaye
durr hi jata hai.aise kai sadhak ke saath hua hai .vilachhan anubhtuiyan bhi nitye hoti rehti hain.
Aap Guru siyag yog ko karke dekhe.
gurusiyagyoga.org par check bhi kar sakti hain.Mere Sabsamarth sadgurudev Sri Ram Lal ji siyag hain .aap utube pe bhi Search karke dekh sakti hain.9818598122 ye no.Dharmendra Sharma sir ka hai .aap chahe to inse baat kar sakti hain.🙏🙏🙏
@@gurudevsiyagforall4921 प्लीज् आप हमको फोन पर अपने सब अनुभव बताने की कृपा करें। मोबाइल 9711456351
Jai shri krishna
ओं शान्ति!
आत्मा जब शरीर में है तो उस शरीर को जीव शरीर कहा जाता है और जब शरीर छोडे तो उसे विगत शरीर कहा जाता है ! आत्मा अविनाशी है तो शरीर जो पांच तत्वों से बनाया हुआ है ,विनाशी है ! अविनाशी आत्मा और विनाशी शरीर के सम्युक्त रूप में इस भूमण्डल पर खेल चलती है ! आत्मा तो अजर , अमर और अविनाशी है ! वह तो अत्यन्त सूक्ष्म ज्योति बिंदु स्वरूप का है ! उनसे सूक्ष्म और कोई चीज होती नही ! शरीर तो बड़ा मिलता है लेकिन आत्मा के बिना शरीर में जीव क्रियाए नही होंगे और वह शरीर तो आत्मा चले जाने से मर जाती है जिसे शारीरिक मरण
कहा जाता है !
शरीर तो छोटे से बड़ा होता है लेकिन आत्मा का साईज नही बदलती है! शरीर को काट सकते है , आग से जला सकते है , पानी में डुबा सकते है और उठाकर फेंक सकते है लेकिन आत्मा को नही! वह तो दिव्यप्रकाशमय ज्योतिर्पुन्ज है !
आत्मा में मन , बुद्धि और संस्कार रूपी तीन सूक्ष्म कर्मेन्द्रिया है ! मन को आलोचना या संकल्प शक्ति , बुद्धि को निर्णय शक्ति और संस्कार को कर्म के आदत की शक्ति कहा जाता है!
आत्मा के सूक्ष्म कर्मेन्द्रियरूपी यन्त्रान्ग की शक्ति ही स्थूल शरीर से कांम करानेवाली है यानी आत्मा ही शरीर द्वारा कांम करती है ! आत्मा करावनहार है तो शरीर करनहार है इसलिए आत्मा करनकरावंनहर ठहरा !
हर एक आत्मा का अपना अपना संस्कार है जो अपना अपना मन और बुद्धि पर निर्धारित है !
शरीर द्वारा आत्मा जो कर्म करती है उसी प्रमाण उन्हें
पापात्मा , पुण्यात्मा , महात्मा ,धर्मात्मा , श्रेष्ठ आत्मा और देवत्मा कहा जाता है ! हर एक वेरैटी में उत्तम ,मध्यम और कनिष्ठ तो होंगे !
परमात्मा भी एक आत्मा है लेकिन परंम है, सुप्रीम है अतीत है, पाप और पुण्य की दुनियावाला नही है ; सदा परमधांम के निवासी है ! पापात्माओं को पुण्यात्मा बनानेवाला है, सर्वोन्नत है , सर्वश्रेष्ठ है , सर्वमान्य है , सर्वोपरि है !
आत्मा पर अन्न और संग का प्रभाव जरूर पड्ता है ! इसलिए अन्नदोष और संगदोष से स्वयं को बचानी पडे !
आत्मा का संस्कार तो - स्वयं का , पूर्व जन्म के कर्मों का , शारीरिक मात-पिता का , वायुमन्डल-वातावरण का, संग का और परमपिता परमात्मा से जो लिया है - इन सभी पर आधारित है !
स्वयं को आत्मा समझने के बजाय शरीर जो प्रकृति से मिला हुआ है उसे समझना यानी आत्माभिमानी के बदले देहाभिमांन में स्वयं को फंसना सारी समस्याओं का मूल माना गया है !
इस साकार लोक तो 5 तत्वों के प्रकृति का है ! यहाँ तो शरीर के बिना पार्ट बज न पायेंगे ! स्थूल शरीर तो चाहिए ! स्वयं निराकार परमात्मा शिव भी जो शारीरिक
जनन-मरंण चक्र में आनेवाला नही है तो वह सर्वशक्तिवान्ं भगवान भी विश्वकल्याण अर्थ इस कलियुगी दुनिया को सतयुगी दुनिया में बदलने अर्थ , मुक्ति-जीवन्मुक्ति देने अर्थ भागीरथ में, परकाया में प्रवेश होना , दिव्यावतरन्ण होना होता है !
इस प्रकृति की दुनिया में प्रकृति से मिला हुआ शरीर को स्वयं ही स्वयं खतम करना आत्म हत्या कहते है, साधारण रीति से ! वास्तव में तो यह तो जीव घात है ! शरीर का घात है ! शरीर को गहरा चोट लगे तो आत्मा शरीर से कांम नही कर पाती और उसे छोड़कर शरीर से बाहर आती है और वायुमण्डल में सूक्ष्म शरीर से भटकना पड्ता है, अगला शरीर यानी गर्भ में पिण्ड मिलने तक ! यह भटकना बहुत दर्दनाक होती है ! स्वयं को भी दुख और दूसरों को भी दुख क्योंकि आत्मीय लोग बहुत दर्द अनुभव करते है ना अकाल असहज-मृत्यु से !
कलियुग तो परिस्थियों का युग है ! स्वस्थिति यानी आत्मिक स्थिति से बहुदूर है ! शांन के बदले सभी को परेशान में लानेवाली समय है ! आत्मिक विवेक उपयोग करके इसे पार करनी है !
स्वयं को आत्मा जानकर, मानकर और परमपिता परमात्मा के लाडला सन्तान समझकर, उनसे शक्ति की सम्पदा,वारिस के रूप में खींचकर स्वयं के मन की
संकल्प शक्ति, बुद्धि के निर्णयशक्ति और कर्म के संस्कार शक्ति को उत्तम बनाना वर्तमान समय का इशारा है!
आत्मा को कोई लिंग नही है ,वयोबेध ,जातिबेध नही है ,देशबेध नही है ,और भाषाबेध भी नही है ! सभी आत्माए परमधांम से आते है इस सृष्टि रंगमंच पर अपना अपना पार्ट बजाने !
इस भूमण्डल के विशाल रंग मंच पर शरीर आधारित पात्रपोषण के सौलभ्य केलिए यह सभी साधन है !
इस शारीरिक दुनिया में शरीर के बिना भटकते रहना कितना दुखदायक स्थिति है ; उसे भूत कहा जाता है ना ! भूत माना भ्रमण करनेवाली , अशान्त और दुख से पीडित आत्मा !
पात्रपोषण करते करते जब आत्मा की लाईट की
इन्टेनसिटी की शक्ति यानी इल्यूमिनेशन्ं कंम होती है तब वह देहाभिमांन में आती है जो अभिमान अनर्थदायक होती है !
ओं शान्ति!
Jo jai se soch tha vai se hi yoni me janam le ta hai.
Kabhi janwar .kabhi birds.kabhi fish.kabhi booth banta hai..
Om Shanti!
As the thoughts so the person !
Positive thougts lead the person to develop positive attitude , where as the negative attitude is the result of negative thinking !
Thoughts are nourishment to the soul which thinks through the brain !
Thoughts based on Spiritual Knowledge are nectar to the human souls where as the thoughts related to five vices are poisonous ,which kill the True - Happiness, Peace and Bliss which are the original qualities of the soul !
When the person is fully influenced by the poisonous thoughts, there by words and actions and as a result of that when takes the next birth ,will have the similar tendency and compared by the society to snake , python , scorpion etc etc !
The result of the actions based on thoughts decide the births ! The thought pattern of different mammals vary !Human souls will have human bodies , The particular animal souls, particular animal bodies , The souls of birds etc too bird bodies accordingly, as their samskars are different from each other !
Very faithful people are compared to dogs ; cunning people to fox , cruel people to wild animals like tiger etc !
GODLY KNOWLEDGE reveals the fact that human soul can fit in the human body only to play it's part in this Eternal Drama; it can not fit in animal bodies etc !
Each and every human soul has to experience the result of their karmas, performed through the body, in the next birth by entering in human body foetus only - good or bad whatever it is !
On Shanti !
Vahh nice
Btgk
Please
जय श्री कृष्ण भाई जी चरणों में सादर प्रणाम
AAP sab jo comment padh rahe h unse mere newedan h ki khavi apne man me is vichar ko mat laye.dheraj rakhe Bhagwan AAP sab ke pareshani ko dur karega.aap sab khush nasab h jo aapko maa baap family Mila bahut se aise log jo hamre jase jindage ka Sapna rakhte h.jay Sri Krishna
@राणा क़िका I'm going at today's night Good Bye to the world...
@@sumitsharma8456 सर प्लीज् हमको बताइये की क्या प्रोब्लम है । हम सब आपके साथ हैं , सब ठीक कर देंगे , विश्वास रखिये ।
मोबाइल 9711456351
tum ladkiyon ka dil bahut komal hota hai
Very deep and interesting subject
Agar suicid karaneke bad panishment hoti to seeta ne ean ne aatmahatya ki unko kya panish ment mili kya unjokya panish ment milihi nahi d yneswar maharaj ne at.ahryaxki unko kta oanish .e t mili unhone bhi àtmahtya ki sa.adhi le bhi to atmahtyahi hai na
ram ram ram ram.............................
Radhey Radhey
Radhey radhey bhai sree
Hare hare hare Krishna hare hare hare Krishna hare hare hare Krishna hare hare hare Krishna hare hare hare Krishna hare hare hare Krishna
Jai shree krishna bhai shree .
Thank you very much for this video
राधे राधे भगवन्।
radhe krishna radhe krishna . govind hare gopal hare . prabhu jai jai deen dayal hare .
Waheguru g🙏🙏
Jai Dwarikadhish. Shri Hari.🙏
Aapna charno ma pranam Prabhuji.🙏
Hare Krishna Hare Ram
Jai Laxmi narayan
Superb superb superb superb superb superb
Very interesting. Actually its very true wen god has blessed you with life live it up if facing any trouble or depressed turn to god u will get peace of mind and solution too. They are many people who want to live for their children but due to grave illness they die. So leave everything to god if he has blessed us with good times he will help us in bad times too. Have faith n trust the almighty. Just don't commit suicide, life is precious.
Very nice answer
Ram Ram 🙏🙏
Dandvat pranam
Excellent Excellent Excellent Katha Vachakji. Koti koti Dandwat Pranam Bagwanji Aap kai Charno Mai 🙏🙏🙏🙏🙏
अपनी- अपनी ढपली अपना-अपना राग।
Ati sundar bhaai Shree ji... Jai Shree Radhe🙏🙏🙏🙇♀️🙇♀️🌹🌹🌹🌹🌹
Radhe Radhe Krishna jai shree ram radhe Krishna
हर कथावाचक को अपने प्रवचन मे ये टापिक जरूर रखना चाहिए इससे जो लोग परेशानी से उबकर आत्महत्या कर लेते है उन्हें थोड़ी सीख मिलेगी और ऐसा कदम नहीं उठाएंगे।
बिल्कुल सही कहा आपने
I am sorry to say ye kathabachak Jo bol Raha he Bo jhoot he our !l
Jab apke halat ase ban jae to fit pta lgta ase kush nai
Sachi vat Guruji
Parnam swami ji bahut sunder bat batai aapney
सीता राम
Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji Maire Radhaji. Koti koti Dandwat Pranam Bagwanji Aap kai Charno Mai 🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree Radhe
Jay sree Mahakal
चलिए आपके बात सुनकर हम सुसाइड नही करेंगे
Thank you for knowledge
वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् जयहो जयश्रीमन्ननारायण जयहो महराजजी दंडवत प्रणाम जयसियारामजी बहुशोभनम्
It's very easy to give lecture sitting on comfortable seat. Just imagine the mental situation of a person in which he or she gets forced to take their own life. How disheartening and depressing he or she must have been feeling.
जिस पर गुजरती है वो ही जानता है, दूसरों के दर्द को कोई नहीं समझ सकता, उसे सिर्फ दिखावा ही लगता है।.
जिस तन लागे सो तन जाने, कोई न जाने पीर पराई ।।
RIP SUSHANT SINGH RAJPUT
हम लोगो को बहुत अखर रहा है sushant Singh rajput के जाने का गम
@@abhilashtiwari4960 ....bihar se ho bhai ..❤
@@apoorvkumar8128 नहीं भाई में तो छत्तीसगढ़ से हूँ,
@@abhilashtiwari4960 ...maaf krna bhai ,.aapne "Akharna" shabd a istemaal kiya na ,..wo hum bihar k log bhi istemaal krte h ..😙
I don't think he committed suicide. What a man of great ideas he was !
हरी शरणम्
Shree Radha
।। सत्यम शिवम सुन्दरम् ।।
जय हो आप सब की
🙏🏻।। जय श्री राम ।।🙏🏻
ये एकदम सही कहा गुरूजी ने .
Guruji meri majboori hai
Hare Krishen Hare Krishen Krishen Hare Hare Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare
Halat hi aise ho jate h ..ki suside krna padta h ..kisi n shi kaha hkabhi kabhi mot jindgi s behtar hoti h.
you right bilkul sahi kah rahe ho aap
@@nitadeshlahre2820 thanks
@@nitadeshlahre2820 Nita ji mujhe lagta h ap dipresed ho .. tension Mt lijiye sab thik hoga
Right
Sahi Bola app 😭😭😭hm v
Hare krishna......
super very good guru ji pranam🙏🙏🙏🙏🙏
Jai bholenath👍👍
Jai Sri SitaRam 🙏🙏🚩🚩
राधेराधेगोविन्द।गोविन्दराधे।।
सुपर
Guruji pranam !
Har har mahadev
જય શ્રી રામ
Om shanti om
100%sahi bat jo bhi apne kaha atma amr h sirf sarir nast hoti h naki atma🙏🙏
Bhagvan kare kisiko atmahatya karneka nobathi na Aaye jay Shree ram
Jay shri goga bapji
राधेश्याम
baba hi honni Badi balwan hai
Wonderful explanation
प्रणाम चरण स्पर्श भाईश्री 🙏🌹❤️
Jai shree hari ji
You are right guruji
Jai Shri Hari ..🌹🌷🙏🌺
Hare krishna🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sushant I pray u should get place in vaikunth...Some times situation gets so worst we can't understand wat to do... U were alone so fault is not only your but also those who knows u were in pain..
Killed...he was killed
Om namah shivay
Jay shri krishna
जो लोग चोरी करतें हैं,धोखा देते हैं,निर्दोष कमजोर लोगों पर अत्याचार करते है,मारते पिटते है,जीवों की हत्या करते है,उन्ही को ही पाप नहीं लगता हैं,तो फिर आत्महत्या करने वाला दोषी कैसे हुआ।
Isse is kameene ko kya MATLAB Bo bol Raha tum apna shoshan karwate raho our agar Tumne isse bachne ke liye aatmhatya Kar li to phir iske prvachan kaun sunega !
Shi bat h kyu h ye krmo ka chkkr kyu na hm apni mrji se ji skte h na mr hi skte h kyu krmo ki sja sath sath nhi milti kya bhgwan sadistic h jo apni rchna ko janbhujhkr is nautnki m ncha rha h
जो मरता है वो फीर जनमता है जो जनमताहै वो मरताभिहै
Sab..kahne.me.acha.lagta.he......jis.ka.dard.jo.hi.samzta.he.
Plz share this iski bahut jarurt hai logo ko
Jai ho
Ram ram ji 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sushant did very wrong
He was very lucky but he didn’t realise
Sushant death is a murder not sucide
It's murder not suicide
True. Usake bad bahot ne suicide ki. Bachche apane ma -bap ko marane ki dhamaki de kar imotional black mail karate hai.
Haa sab kuchh tha fhir v suicide krliya
Please correct your self.It was murder.
🙏🙏. Maharaj. Atmhatya se achcha hai ishvar se prathna kare ki ab muje le le ishvar avashya sun te hai agar man vichlit ho Jaye to yehi bhagwan se mangna chahiye
Jay sree ram
Radhe radhe
Aj main atam hatya kr rha hu mata rani ki kasm
🙏🙏 jay. Guru. Dev. Ji❤️❤️🙏🙏
Nice
Agar ye sab paap h to bhagwaan itna dukh dete hee kyu h logo ko
Dukh logon ke, unke purvajanmon ke yaa unke purvajon ke karmon kaa phal hai
Lol true that. And no one will be willing to answer this
@@vitthaljadhav1628 agar purvajo aur pichle janmo ka phal iss janam me milta h to swarg aur narg banaaye hee kyu h ?
@@It.is.snehalif god exist then they are really descriminate people's very badly. Someone gets lots of joys and happiness and same time someone gets so much pain.
But anyways life is all about ups and down. Few people have only ups and few always falls
@@yashjoshi7472 my birth itself was a whole down for me
बाबाजी जब बोलने का साधन नहीं तो देखनेवाला कैसे वह सबकुछ कर सकता है मगर जिन्दा उसको गरहन नहीं कर सकता यही उसका दुख है ।
Jab tk Zinda h tb to koi puchta ni marne k bad dikhave ka rona rote h.. kon insan khushi se suicide krne ki soch skta h.. kbi koi is bare me q ni sochna chahta ki jo log suicide krte h wo kitne majbur or dukhi hote h.. wse b ye duniya sharifo ki ni h jo bure log hote h wo mauj me jite h acha insan bichara itni taklif sehta h fir b use chain se jine ni dete.. I hate this world and according to me suicide krna bilkul galat ni h
Your right jab jindgi bahot Jada Dard dene Lage to succide ke alava kuchh nhi dikhai deta
Right
Seriously sushat ager tum over come karte tho life is that bad.and you make history your life story is inspiring like Dhoni
Shushant atmhatya ni karr sakta
नारायण नारायण
Pranam guru dev
Jay shree 🙏🌹 sitaram g
God bless u shushant sir
Yeh baat such hai
खुद मरने से हि ये सब आत्मा कि दुनिया मालूम होती हैं बाकी सब बाते हैं .
Tum chutiya ho
Bhai Deep meditation mai ap apne body se bahar nikal sakta ho
@@silent-11ghanta 😂😂😂😂😂atama kahan jati hai death ke bad kisiko bhi pata nahin😢😢😢😢😢
Sushnat singh ko main kabhi nahi bhul paungi.
हार गया मै जिंदगीसे
Kise mazaa aata hoga aatmhatya krne Ka ...jb sanse boz lagne lage tb aadmi ki galti nahi hoti ...
Baate krna aasan h bhasan dena aasan h ....
time is the only remedy,try to compormise,it really helps.
जी हा जीवन सबको चाहिये लेकिन जब कोशिश थक जाती हैं और हर बार जिनेका मतलब कम होता हैं , बार बार बीमारी से सामना करना पडता हैं, समाज कि घटिया सोच से मन दुःखी होता हैं तो इस बातों का कोई मतलब नही ये जीवन से मुक्ती हि मार्ग बचता हैं .
Ap sahi bole bhai jiske sir ata h usi ko pta chalta h
Iska matlab tumhari maa ne jo tumhe janm dete waqt jo dard saha... Iss duniya me tumhe laya us maa ki kokh ka tumhari nazar me bs itna hi value rah gaya hai.... Are sabko marna hai... Aur hme yaha zindgi jeene bheja gaya h na ki zindgi khatm karne.... Mere v life me ek smy aisa aaya tha ki muje lagta tha ki ab koi upaay nhi h shayad suicide kar lena hi shi rhega lekin us maa ka chehra dekh kar mere under aisi soch jaagi ki zindgi mili h to khushi aur gham dono milega lagatar khushi milti rahe to us khushi ki v keemat kya rah jayegi aur agar dukh tension tanav naa ho to hm apne aap ko majbut kese karege aage ki paristhitiyon se ladne k liye...
Iss duniya se jana sabko hai aaj sushant chala gaya lekin kya usko itna khayal nhi aaya ki Wo apne chahne walo ko ek galat idea de gaya ki jab zindagi bojh lagne lage to suicide kar lena chahiye..... Are zindgi bojh lag rahi thi to ek bar iss word ko v yaad kiya hota ki Andhero ki v subah hoti hai.... Kabhi aisa suna hai ki Raat ne subah hi naa hone di ho.... Thoda sa Apne dimag ka istemal aur apni maa ki aatma jo uske dil me basti thi unse baat kiya hota to wo aaj isi duniya me hota
यह परम का एक्सपरिमेन्ट हो रहा है । ये जीवन नाटक है, जिम्मेदारी है क्या है? क्या करने आते है सब? क्यू रहना और कूछ करना जरुरी है? ऐसा किसने बनाया वह जिम्मेदार है? हर एक को अपने जीवन का अधिकार होना चाहीये । जैसे उनकी इच्छा । क्या आप संभालने की ताकद रखते है?
Sri Hari
Rip Sushant Singh Rajput