♥️♥️🙏🙏 सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन तो कभी भी किसी से पराजित नहीं हुए। ♥️💙विराट युद्ध में केवल अकेले ही पूरी हस्तिनापुर को जिसमें भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, अश्वत्थामा,कर्ण जैसे योद्धा थे जिनमें से प्रत्येक अकेले ही एक सेना के समान थे को परास्त किये दो दो बार सभी को। ♥️💙द्रुपद जिसे कर्ण पूरी हस्तिनापुर सेना के साथ मिलके भी नहीं हरा पाए उसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिए।यह है सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन की वीरता। ♥️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी एक अर्जुन को नंही रोक सके जयद्रथ वध से और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा भी पूरी कर ली,ऐसा बाण चलाये जिससे जयद्रथ का सिर उसके पिता की ही गोद में जा गिरा और अर्जुन के प्राण भी बच गए। ♥️💙 अर्जुन की वीरता का ऐसा भय था सब में कि जयद्रथ रात में ही हस्तिनापुर छोड़ अपने राज्य भागने लगा, द्रोणाचार्य, कर्ण के रहते हुए भी,यह है सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन का पराक्रम। ♥️💙B.R Chopra महाभारत देखिए उसमें इस बात का वर्णन कहीं नहीं है कि हनुमान जी अर्जुन के रथ पर विराजमान थे, यह बात केवल नये वाले महाभारत में दिखाया गया है कलयुग में अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए। ♥️💙अर्जुन निहत्थे कर्ण पर बाण नहीं चला रहे थे परन्तु श्री कृष्ण जी के ये कहने पर की आज धर्म की बात करने वाले यह अंगराज कर्ण ने कैसे सबके साथ (8-8 महारथियों के साथ) मिलके एक अकेले अभिमन्यु वध किया,तब वो भी पैदल ही था और इसी की भांति निहत्था भी। तब जाके नर अर्जुन ने कर्ण पर बाण चलाये। ♥️💙 भीष्म पितामह इच्छा मृत्यु के वरदान का कवच लेके युद्ध में उतरे तो क्या यह उचित था,उनका वध तो कोई देवता भी नहीं कर पाते,फिर भी अर्जुन उनके वध का कारण बने। ♥️💙द्रोणाचार्य जी को भी यह वरदान प्राप्त था कि स्वयं उनके अतिरिक्त उन्हें कोई और नहीं हरा सकता था, फिर भी अर्जुन ने उन्हें कई बार परास्त किये। भला वो अपने गुरु का वध तो नहीं न करते, उन्होंने तो धृष्टद्युम्न को भी रोका अपने गुरु का वध करने से।अपने गुरु का वध उनके लिए तो महापाप था, इसलिए तो उन्होंने नहीं किया। ♥️💙 पूरे महाभारत में केवल एक अर्जुन के पास ही सभी दिव्यास्त्रों सहित अमोघ अस्त्र पशुपातास्त्र था जिसके प्रयोग से पूरी सृष्टि का विनाश संभव था, फिर भी उन्होंने उसका प्रयोग मानवों जैसे कर्ण,भीष्म, द्रोणाचार्य पर नहीं किए। उसे बचा कर रखें और महाभारत युद्ध के बाद उसका प्रयोग अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र के विरुद्ध किए अपनी बचाव में श्री कृष्ण जी के विरुद्ध। फिर श्री कृष्ण जी से भी वह परास्त न हो सके। ♥️💙 अतः महादेव के अतिरिक्त और किसी के लिए अर्जुन को परास्त करना सरल नहीं था।
♥️💙श्री कृष्ण जी के शांति दूत बनकर कौरवौं की सभा में जाने के बाद स्वयं भगवान परशुराम जी कौरवों की सभा में दुर्योधन से कहते हैं - उस सेना को देवता भी नहीं हरा सकते जिस सेना में सव्यसाची अर्जुन हो। ❤💙 जिसके पराक्रम से स्वयं भगवान शिव प्रभावित थे उस पार्थ को भला कोई हरा सकता था क्या। जिस विजय(अर्जुन का एक नाम) के साथ स्वयं भगवान नारायण थे उसे तो केवल महादेव ही हरा सकते थे। ♥️💙श्री कृष्ण जी ने सुभद्रा हरण के समय बलराम जी से अर्जुन के बारे में कहा- "
❤️💙गांडीव धनुष अर्जुन की वीरता नहीं थी ,उनके सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होने का सबसे बड़ा कारण उनकी सीखने,अभ्यास करने की अद्भुत लगन थी। ❤️💙 उनके 10 नाम हैं जिनमें एक नाम उनका विजय भी है, एक सव्यसाची जिसका अर्थ है जो दोनों हाथों से समान बाण चलाता हो, एक गुडाकेश जिसका अर्थ है जिसने निद्रा पर विजय पा ली हो। ❤️💙अर्जुन ऋषि नर श्री कृष्ण नारायण के अवतार थे, महाभारत के प्रारंभ में लिखे श्लोक में श्री कृष्ण जी के साथ साथ अर्जुन(ऋषि नर) को भी प्रणाम किया गया है इससे बड़ा अब क्या चाहिए। ❤️💙हनुमान जी के अर्जुन के रथ पर होने का प्रमाण,रथ के 10 कदम पीछे हटने वाली बात ये सभी BR Chopra महाभारत में कहीं नहीं है इसका जिक्र नये वाले महाभारत अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए बनाया गया है जबकि BR Chopra Mahabharat पूर्ण सत्य एवं प्रामाणिक है। ❤️💙कर्ण भगोड़ा था एक पूरी हस्तिनापुर के सेना के साथ मिलके भी एक अकेले द्रुपद को नहीं हरा सका जिसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिये। ❤️💙अर्जुन का सामना जब भी कर्ण से हुआ तो हमेशा कर्ण अर्जुन से परास्त हुआ ये बात उसने स्वयं भीष्म पितामह से कही और इसका कारण भी जानना चाहा। ❤️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी अर्जुन को जयद्रथ वध करने से न रोक पाए जिसमें कर्ण,द्रोणाचार्य,अश्वत्थामा भी शामिल थे और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी भी की और अर्जुन जीवित बच गये। ❤️💙आचार्य द्रोण जब ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दे रहे थे तब उसमें अर्जुन ही केवल ब्रह्मास्त्र के सीखने योग्य पाए गए एवं कर्ण अयोग्य पाया गया। ❤️💙सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को आदि शक्ति जगदंबा, भगवान शंकर,देवराज इंद्र एवं स्वयं नारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त था भला उसे कोई कैसे हरा सकता था जिसके पास पाशुपतास्त्र था। ❤️💙स्वयं भगवान शंकर ने भी अर्जुन की वीरता की प्रशंसा की है एवं उनकी वीरता से संतुष्ट हुए और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पाशुपतास्त्र भी दिया। ❤️💙जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन पाशुपतास्त्र के लिए तपस्या कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि मेरी यह दशा केवल भगवान शंकर,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म,देवराज इंद्र के अतिरिक्त कोई और नहीं कर सकता था अर्थात उन्होंने कर्ण का नाम नहीं लिया, अर्थात अर्जुन का वध करने की क्षमता केवल इन्ही व्यक्तियों में ही था❤️💙 इसके विपरीत जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन ने करण का धनुष तोड़ा द्रौपदी स्वयंवर में तो कारण ने अर्जुन के गुरु को प्रणाम किया एवं कहा- कर्ण का धनुष केवल गुरु परशुराम,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म, देवराज इंद्र एवं अर्जुन के अतिरिक्त कोई नहीं तोड़ सकता था अर्थात उसने अर्जुन का भी नाम लिया परंतु अर्जुन उस समय कर्ण का नाम नहीं लिये। ❤️💙सुभद्रा हरण के समय श्री कृष्ण जी अर्जुन के बारे में बलराम जी से कहते हैं कि- महादेव के अतिरिक्त कौन है जो उसे युद्ध में हारने को सोच भी सके। ❤️💙राजकुमारी असांवरी स्वयंवर के समय कर्ण ने दुर्योधन से कहा - संसार में अर्जुन के सिवाय और कोई मेरे सामने टिक नहीं सकता था मित्र स्वयं उसने यह बात कही परंतु अर्जुन ऐसा कभी नहीं कहे जिसमें कर्ण का जिक्र हो। ❤️💙श्री कृष्णा जी कर्ण के जन्म का रहस्य उन्हें बताते हुए कहे कि पांडवों के अतिरिक्त ऐसे कौन है जिन्होंने आज तक पराजय का स्वाद नहीं चखा। ❤️💙द्वापर युग में श्री कृष्णा जी ने पहले ही कह दिया है कि ऐसा कलयुग आएगा सब लोग अर्जुन छोड़ कर कर्ण कर्ण चिल्लायेगा। ❤️💙मैं जानता हूं कलयुग में लोग अर्जुन को छोड़कर कर्ण अर्थात अधर्म को मानेंगे एवं स्वीकार करेंगे।
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है। पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहते थे। ❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका, फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं। अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं; ❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा- माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था" ❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤ 🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न करते। ❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में) ❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏 जय श्री कृष्ण🙏🙏
।❤❤भाइलोग पूरा पढ़ो यदि पढ़ सको तो- वाह जिसका ek नाम विजय bhi था, "पांडवों ke अतिरिक्त aise kaun hai जो aajtak kisi se पराजित नहीं हुये" Shree Krishna ne Karn se uski pahchan ke wakt kaha ये वाक्य. And कर्ण ने अर्जुन को शूरवीर भी कहा. Shree Krishna ji ne kaha Rukmini haran ke wakt अर्जुन ke bare me kaha - महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे युद्ध में हराने को सोच भी सके. महान और अद्भुत कथन. Br Chopra Mahabharata me dekho. Har jagah Arjun ko hi सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर kaha gaya hai. Wo chahe Virat yudh, Jaydradh wadh, Guru दक्षिणा me Drupad ko bandi banana , Draupadi स्वयंबर, Ya Shree Krishna ka aakar Draupadi ke पूर्वजन्म की रहस्य बताना कि उसने महादेव जी से क्या मांगी जो यह है कि एक ऐसा पति मिले कि jo परशुराम ji jaisa धनुर्धर, हनुमान ji jaisa Balwan धर्म ka ज्ञाता, सहनशीलता and बुद्धिमान and सुन्दर aisa ki samaya bhi dekhta rahe ka, चित्रांगदा ko mili wardan jo ki yah ki use only one person his named Arjun dwara धनुर्धर विद्या me parajit hona, and अर्जुन का चित्रागंदा ke लक्ष्य भेदे huye बाण ko बीचोबीच चीरना aur चित्रांगदा ko अचंभित करना इत्यादि ka उदाहरण लेकर देख लो BR Chopra Mahabharata me तब आपलोगों को पता चलेगा कि अर्जुन कौन था. धर्म की ही सदैव जीत होती है. परशुराम जी ने कहा - विजय पर पांडवो का अधिकार है सूर्यपुत्र कर्ण. यह भी सत्य है कि अर्जुन को ब्रह्मास्त्र,पशुपातास्त्र सहित संपूर्ण दिव्यास्त्रों का भी ज्ञान था जिसका प्रयोग अर्जुन ने युद्ध में किया भी नहीं. उसे भगवान् शिव, श्री कृष्ण, अग्निदेव, इंद्र, हनुमान और स्वयं आदिशक्ति माँ दुर्गा जी का भी आशिर्वाद प्राप्त था. श्री कृष्ण के बाद अर्जुन ही परमवीर थे. महाभारत के प्रारंभ में ही लिखे श्लोक में भगवान श्री कृष्ण(नारायण) के साथ ही अर्जुन(ॠषि नर जी के अवतार) को भी नमस्कार किया गया है.❤❤ थकते उसके समान भला दूसरा कौन हो सकता।
@@Aryan-khot Karna bhi kitni veerata se mara tha Abhimanyu ko. Jaisi karni waisi bharni . Karna ko marna Arjun ke liye badi baat nahi thi , Arjun ne kai baar haraya tha karna ko.
@@SandeepKumar-ku2zx aur yah Virat yuddh tumne kahan dekha television per hi na agar Arjun ko apni takat per itna hi Vishwas tha to yuddh karne ke liye Shri Krishna ko lekar kyon Gaya yah pahle mujhe batao agar Shri Krishna Dwarika chhod ke agar nahin aata na to Karn pandovo ka astitv hi Mita deta Jo khud ke dam per lade wohi sarvshreshth aur balshali hota Hai 💪suryaputra Karn 🙏🙏🙏
Mera favorite character Bhishma.....Krishna..... Or Arjun... Or puri Mahabharata me sabse famous ....dialogue mahadev ki sougandh wala he....... Ye wala Mahabharata 15_20 bar dekh li pr ji nahi bharta he jitna dekho utni nayi lagti he..... BR Chopra Sir ka dil se dhanywad karta hu jo itni sundar kalakruti prastut ki he🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤️💙गांडीव धनुष अर्जुन की वीरता नहीं थी ,उनके सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होने का सबसे बड़ा कारण उनकी सीखने,अभ्यास करने की अद्भुत लगन थी। ❤️💙 उनके 10 नाम हैं जिनमें एक नाम उनका विजय भी है, एक सव्यसाची जिसका अर्थ है जो दोनों हाथों से समान बाण चलाता हो, एक गुडाकेश जिसका अर्थ है जिसने निद्रा पर विजय पा ली हो। ❤️💙अर्जुन ऋषि नर श्री कृष्ण नारायण के अवतार थे, महाभारत के प्रारंभ में लिखे श्लोक में श्री कृष्ण जी के साथ साथ अर्जुन(ऋषि नर) को भी प्रणाम किया गया है इससे बड़ा अब क्या चाहिए। ❤️💙हनुमान जी के अर्जुन के रथ पर होने का प्रमाण,रथ के 10 कदम पीछे हटने वाली बात ये सभी BR Chopra महाभारत में कहीं नहीं है इसका जिक्र नये वाले महाभारत अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए बनाया गया है जबकि BR Chopra Mahabharat पूर्ण सत्य एवं प्रामाणिक है। ❤️💙कर्ण भगोड़ा था एक पूरी हस्तिनापुर के सेना के साथ मिलके भी एक अकेले द्रुपद को नहीं हरा सका जिसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिये। ❤️💙अर्जुन का सामना जब भी कर्ण से हुआ तो हमेशा कर्ण अर्जुन से परास्त हुआ ये बात उसने स्वयं भीष्म पितामह से कही और इसका कारण भी जानना चाहा। ❤️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी अर्जुन को जयद्रथ वध करने से न रोक पाए जिसमें कर्ण,द्रोणाचार्य,अश्वत्थामा भी शामिल थे और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी भी की और अर्जुन जीवित बच गये। ❤️💙आचार्य द्रोण जब ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दे रहे थे तब उसमें अर्जुन ही केवल ब्रह्मास्त्र के सीखने योग्य पाए गए एवं कर्ण अयोग्य पाया गया। ❤️💙सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को आदि शक्ति जगदंबा, भगवान शंकर,देवराज इंद्र एवं स्वयं नारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त था भला उसे कोई कैसे हरा सकता था जिसके पास पाशुपतास्त्र था। ❤️💙स्वयं भगवान शंकर ने भी अर्जुन की वीरता की प्रशंसा की है एवं उनकी वीरता से संतुष्ट हुए और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पाशुपतास्त्र भी दिया। ❤️💙जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन पाशुपतास्त्र के लिए तपस्या कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि मेरी यह दशा केवल भगवान शंकर,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म,देवराज इंद्र के अतिरिक्त कोई और नहीं कर सकता था अर्थात उन्होंने कर्ण का नाम नहीं लिया, अर्थात अर्जुन का वध करने की क्षमता केवल इन्ही व्यक्तियों में ही था❤️💙 इसके विपरीत जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन ने करण का धनुष तोड़ा द्रौपदी स्वयंवर में तो कारण ने अर्जुन के गुरु को प्रणाम किया एवं कहा- कर्ण का धनुष केवल गुरु परशुराम,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म, देवराज इंद्र एवं अर्जुन के अतिरिक्त कोई नहीं तोड़ सकता था अर्थात उसने अर्जुन का भी नाम लिया परंतु अर्जुन उस समय कर्ण का नाम नहीं लिये। ❤️💙सुभद्रा हरण के समय श्री कृष्ण जी अर्जुन के बारे में बलराम जी से कहते हैं कि- महादेव के अतिरिक्त कौन है जो उसे युद्ध में हारने को सोच भी सके। ❤️💙राजकुमारी असांवरी स्वयंवर के समय कर्ण ने दुर्योधन से कहा - संसार में अर्जुन के सिवाय और कोई मेरे सामने टिक नहीं सकता था मित्र स्वयं उसने यह बात कही परंतु अर्जुन ऐसा कभी नहीं कहे जिसमें कर्ण का जिक्र हो। ❤️💙श्री कृष्णा जी कर्ण के जन्म का रहस्य उन्हें बताते हुए कहे कि पांडवों के अतिरिक्त ऐसे कौन है जिन्होंने आज तक पराजय का स्वाद नहीं चखा। ❤️💙द्वापर युग में श्री कृष्णा जी ने पहले ही कह दिया है कि ऐसा कलयुग आएगा सब लोग अर्जुन छोड़ कर कर्ण कर्ण चिल्लायेगा। ❤️💙मैं जानता हूं कलयुग में लोग अर्जुन को छोड़कर कर्ण अर्थात अधर्म को मानेंगे एवं स्वीकार करेंगे।
True Lines~ जो भी मेरी कमेन्ट पड़ रहा है एक दुसरे से अंजान है फिर भी में भगवान से प्रार्थना करता हूं की आपकी लाइफ में जो भी टेंशन 😥 है वो जल्द ही दूर हो जाए और आप सभी बहुत खुश रहे.......❣️💞💞 राधे राधे 🙏🙏🙏
केवल शंख नाद सुन लेने का ये तात्पर्य नहीं कि अज्ञात वाश भंग हो गया विराट युद्ध के पूर्व ही पांडवों का अज्ञात वाश समाप्त हो चुका था यह बात अर्जुन को भली भाँति ज्ञात था तभी तो युद्ध करने हेतु आया था
Dear - जो भी इस वक्त मेरा कॉमेंट पढ़ रहा / रही है हम सब एक दूसरे के लिए अंजान हैं फिर भी मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी लाइफ में कोई टेंशन चल रही हो तो वो दूर हो जाए और आप हमेशा खुश रहें !
Just imagine अगर भीष्म पितामह या कर्ण या अर्जुन .... मुगलों के समय होते तो मुगल और अंग्रेज कितने दिन टिक पाते इन योद्धाओं के सामने 1 दिन भी नही 😂 नमन है आप वीरों को 🚩🙏
मुगल और अंग्रेज़ दिन नहीं सदियों टिके रहते भाई ये भरतवंशी कहाये है भारत की रक्षा नहीं किये एक मछली पूरे तालाब को गंदा करती है यहाँ बड़ा मछला दुर्योधन था😀
प्रधान जी हमारे समाज को प्रस्तूत करने की कला जो आपके पास है ,वह कहीं नहीं है, हमारे समाज को इतना सुन्दर चित्रण सामाजिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए करना आसान नहीं जो सिर्फ आप ही कर सकते हैं| धन्यवाद सर ❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
केजरूदीन पर देश द्रोह का मुकदमा हिना चाहिए जो १४ अगस्त शामको त्रिरंगा लहराके पाकिस्तानको खुश करनेकी साजिस करके हिउँदुओंके साथ साजिस है ================================ रेवड़ी कल्चरवाला केजरूदीन १४ अगस्तकों शामको त्रिरंगा लहराके पाकिस्तानको खुश करनेकी कोशिश करता है और देश के हिन्दुओको मुर्ख या उल्लू बनारहा है क्यों की पाकिस्तानका आज़ाद दिवस १४ अगस्त है और हिंदुस्तानका १५ अगस्त है ये अपने देशके साथ गद्दारी करके हिन्दुओको मुर्ख बनाके मुस्लिमोंको खुश करनेकी खातर नाक साजिस करता है देशका अज़्ज़ाद दिन १५ अगस्त है जो ये देश द्रोही १४ अगस्त को मनारहा है और देशी मीडिया चेनलो पर इतना बड़ा ऐड देके सभी ९० % चेनलोको खरीद लिया लगता है जिनको देशके खजानेसे उनको पैसे देके ऐडका खतरनाक खेल खेल रहाहै और तुष्टिकरणकी नितिसे देशके हिंदुओंका हक़ छीन रहा है जो १४ अगस्त शाम का आयोजन करता है जबकि हमारा आज़ाद दिन का प्रोग्राम १५ अगस्त है जो देशके हिंदुओंकी आंखोमे धूल जोक रहा है और देशंमें देशके खजानेको लुटवारहा है और तुष्टिकरण की खतरनाक साजिस का खेल खेल रहा है उस पर मुकदमाँ दर्ज होना चाहिए उसने जो खर्च किया है मीडिया चेनलोको ऐड देनेके खर्च केजरीसे वसूल करनी चाहिए उस पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए ====प्रहलादभाई प्रजापति ,,, १४ /१२ /२०२२ अहमदाबाद
हे वीरों के प्रतीक ! हे निडरता के प्रतीक ! धर्म के मार्ग पर चलने वाले अर्जुन , सचमुच इस धरती पर शासन करने का अधिकार सिर्फ तुम जैसे पुरुषों को ही है !! यह समाज यह राष्ट्र सदैव तुम्हारा ऋणी रहेगा
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
इतिहासमे सुनौला अक्षरोंसे लिखाहुवा महाभारतका ये भाग बहुत हि इन्ट्रेस्टीङ है। महानयोद्धा होकर भि भीष्म पितामह, द्रोण, क्रीपाचार्य और कर्ण जैसे महारथी हारजाते है, सायद पापकर्मोंको साथ देकर होगा। मनमे धर्म भरे और सत्यका साथ दें सन्देस देनेवाले ये भाग देखकर खुश होगया। जय श्री कृष्ण ।
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है। पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहता था। ❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका, फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं। अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं; ❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा- माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था" ❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤ 🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न कर पाता, ❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में) ❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏 जय श्री कृष्ण🙏🙏
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है। पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहता था। ❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका, फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं। अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं; ❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा- माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था" ❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤ 🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न कर पाता, ❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में) ❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏 जय श्री कृष्ण🙏🙏
♥️♥️🙏🙏 सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन तो कभी भी किसी से पराजित नहीं हुए।
♥️💙विराट युद्ध में केवल अकेले ही पूरी हस्तिनापुर को जिसमें भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, अश्वत्थामा,कर्ण जैसे योद्धा थे जिनमें से प्रत्येक अकेले ही एक सेना के समान थे को परास्त किये दो दो बार सभी को।
♥️💙द्रुपद जिसे कर्ण पूरी हस्तिनापुर सेना के साथ मिलके भी नहीं हरा पाए उसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिए।यह है सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन की वीरता।
♥️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी एक अर्जुन को नंही रोक सके जयद्रथ वध से और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा भी पूरी कर ली,ऐसा बाण चलाये जिससे जयद्रथ का सिर उसके पिता की ही गोद में जा गिरा और अर्जुन के प्राण भी बच गए।
♥️💙 अर्जुन की वीरता का ऐसा भय था सब में कि जयद्रथ रात में ही हस्तिनापुर छोड़ अपने राज्य भागने लगा, द्रोणाचार्य, कर्ण के रहते हुए भी,यह है सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन का पराक्रम।
♥️💙B.R Chopra महाभारत देखिए उसमें इस बात का वर्णन कहीं नहीं है कि हनुमान जी अर्जुन के रथ पर विराजमान थे, यह बात केवल नये वाले महाभारत में दिखाया गया है कलयुग में अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए।
♥️💙अर्जुन निहत्थे कर्ण पर बाण नहीं चला रहे थे परन्तु श्री कृष्ण जी के ये कहने पर की आज धर्म की बात करने वाले यह अंगराज कर्ण ने कैसे सबके साथ (8-8 महारथियों के साथ) मिलके एक अकेले अभिमन्यु वध किया,तब वो भी पैदल ही था और इसी की भांति निहत्था भी। तब जाके नर अर्जुन ने कर्ण पर बाण चलाये।
♥️💙 भीष्म पितामह इच्छा मृत्यु के वरदान का कवच लेके युद्ध में उतरे तो क्या यह उचित था,उनका वध तो कोई देवता भी नहीं कर पाते,फिर भी अर्जुन उनके वध का कारण बने।
♥️💙द्रोणाचार्य जी को भी यह वरदान प्राप्त था कि स्वयं उनके अतिरिक्त उन्हें कोई और नहीं हरा सकता था, फिर भी अर्जुन ने उन्हें कई बार परास्त किये। भला वो अपने गुरु का वध तो नहीं न करते, उन्होंने तो धृष्टद्युम्न को भी रोका अपने गुरु का वध करने से।अपने गुरु का वध उनके लिए तो महापाप था, इसलिए तो उन्होंने नहीं किया।
♥️💙 पूरे महाभारत में केवल एक अर्जुन
के पास ही सभी दिव्यास्त्रों सहित अमोघ अस्त्र पशुपातास्त्र था जिसके प्रयोग से पूरी सृष्टि का विनाश संभव था, फिर भी उन्होंने उसका प्रयोग मानवों जैसे कर्ण,भीष्म, द्रोणाचार्य पर नहीं किए। उसे बचा कर रखें और महाभारत युद्ध के बाद उसका प्रयोग अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र के विरुद्ध किए अपनी बचाव में श्री कृष्ण जी के विरुद्ध। फिर श्री कृष्ण जी से भी वह परास्त न हो सके।
♥️💙 अतः महादेव के अतिरिक्त और किसी के लिए अर्जुन को परास्त करना सरल नहीं था।
♥️💙श्री कृष्ण जी के शांति दूत बनकर कौरवौं की सभा में जाने के बाद स्वयं भगवान परशुराम जी कौरवों की सभा में दुर्योधन से कहते हैं - उस सेना को देवता भी नहीं हरा सकते जिस सेना में सव्यसाची अर्जुन हो।
❤💙 जिसके पराक्रम से स्वयं भगवान शिव प्रभावित थे उस पार्थ को भला कोई हरा सकता था क्या। जिस विजय(अर्जुन का एक नाम) के साथ स्वयं भगवान नारायण थे उसे तो केवल महादेव ही हरा सकते थे।
♥️💙श्री कृष्ण जी ने सुभद्रा हरण के समय बलराम जी से अर्जुन के बारे में कहा- "
😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
❤️💙गांडीव धनुष अर्जुन की वीरता नहीं थी ,उनके सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होने का सबसे बड़ा कारण उनकी सीखने,अभ्यास करने की अद्भुत लगन थी।
❤️💙 उनके 10 नाम हैं जिनमें एक नाम उनका विजय भी है, एक सव्यसाची जिसका अर्थ है जो दोनों हाथों से समान बाण चलाता हो, एक गुडाकेश जिसका अर्थ है जिसने निद्रा पर विजय पा ली हो।
❤️💙अर्जुन ऋषि नर श्री कृष्ण नारायण के अवतार थे, महाभारत के प्रारंभ में लिखे श्लोक में श्री कृष्ण जी के साथ साथ अर्जुन(ऋषि नर) को भी प्रणाम किया गया है इससे बड़ा अब क्या चाहिए।
❤️💙हनुमान जी के अर्जुन के रथ पर होने का प्रमाण,रथ के 10 कदम पीछे हटने वाली बात ये सभी BR Chopra महाभारत में कहीं नहीं है इसका जिक्र नये वाले महाभारत अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए बनाया गया है जबकि BR Chopra Mahabharat पूर्ण सत्य एवं प्रामाणिक है।
❤️💙कर्ण भगोड़ा था एक पूरी हस्तिनापुर के सेना के साथ मिलके भी एक अकेले द्रुपद को नहीं हरा सका जिसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिये।
❤️💙अर्जुन का सामना जब भी कर्ण से हुआ तो हमेशा कर्ण अर्जुन से परास्त हुआ ये बात उसने स्वयं भीष्म पितामह से कही और इसका कारण भी जानना चाहा।
❤️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी अर्जुन को जयद्रथ वध करने से न रोक पाए जिसमें कर्ण,द्रोणाचार्य,अश्वत्थामा भी शामिल थे और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी भी की और अर्जुन जीवित बच गये।
❤️💙आचार्य द्रोण जब ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दे रहे थे तब उसमें अर्जुन ही केवल ब्रह्मास्त्र के सीखने योग्य पाए गए एवं कर्ण अयोग्य पाया गया।
❤️💙सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को आदि शक्ति जगदंबा, भगवान शंकर,देवराज इंद्र एवं स्वयं नारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त था भला उसे कोई कैसे हरा सकता था जिसके पास पाशुपतास्त्र था।
❤️💙स्वयं भगवान शंकर ने भी अर्जुन की वीरता की प्रशंसा की है एवं उनकी वीरता से संतुष्ट हुए और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पाशुपतास्त्र भी दिया।
❤️💙जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन पाशुपतास्त्र के लिए तपस्या कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि मेरी यह दशा केवल भगवान शंकर,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म,देवराज इंद्र के अतिरिक्त कोई और नहीं कर सकता था अर्थात उन्होंने कर्ण का नाम नहीं लिया, अर्थात अर्जुन का वध करने की क्षमता केवल इन्ही व्यक्तियों में ही था❤️💙 इसके विपरीत जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन ने करण का धनुष तोड़ा द्रौपदी स्वयंवर में तो कारण ने अर्जुन के गुरु को प्रणाम किया एवं कहा- कर्ण का धनुष केवल गुरु परशुराम,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म, देवराज इंद्र एवं अर्जुन के अतिरिक्त कोई नहीं तोड़ सकता था अर्थात उसने अर्जुन का भी नाम लिया परंतु अर्जुन उस समय कर्ण का नाम नहीं लिये।
❤️💙सुभद्रा हरण के समय श्री कृष्ण जी अर्जुन के बारे में बलराम जी से कहते हैं कि- महादेव के अतिरिक्त कौन है जो उसे युद्ध में हारने को सोच भी सके।
❤️💙राजकुमारी असांवरी स्वयंवर के समय कर्ण ने दुर्योधन से कहा - संसार में अर्जुन के सिवाय और कोई मेरे सामने टिक नहीं सकता था मित्र स्वयं उसने यह बात कही परंतु अर्जुन ऐसा कभी नहीं कहे जिसमें कर्ण का जिक्र हो।
❤️💙श्री कृष्णा जी कर्ण के जन्म का रहस्य उन्हें बताते हुए कहे कि पांडवों के अतिरिक्त ऐसे कौन है जिन्होंने आज तक पराजय का स्वाद नहीं चखा।
❤️💙द्वापर युग में श्री कृष्णा जी ने पहले ही कह दिया है कि ऐसा कलयुग आएगा सब लोग अर्जुन छोड़ कर कर्ण कर्ण चिल्लायेगा।
❤️💙मैं जानता हूं कलयुग में लोग अर्जुन को छोड़कर कर्ण अर्थात अधर्म को मानेंगे एवं स्वीकार करेंगे।
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है।
पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहते थे।
❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,
फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं।
अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं;
❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा-
माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था"
❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤
🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न करते।
❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में)
❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏
जय श्री कृष्ण🙏🙏
।❤❤भाइलोग पूरा पढ़ो यदि पढ़ सको तो- वाह जिसका ek नाम विजय bhi था, "पांडवों ke अतिरिक्त aise kaun hai जो aajtak kisi se पराजित नहीं हुये" Shree Krishna ne Karn se uski pahchan ke wakt kaha ये वाक्य. And कर्ण ने अर्जुन को शूरवीर भी कहा. Shree Krishna ji ne kaha Rukmini haran ke wakt अर्जुन ke bare me kaha - महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे युद्ध में हराने को सोच भी सके. महान और अद्भुत कथन. Br Chopra Mahabharata me dekho. Har jagah Arjun ko hi सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर kaha gaya hai. Wo chahe Virat yudh, Jaydradh wadh, Guru दक्षिणा me Drupad ko bandi banana , Draupadi स्वयंबर, Ya Shree Krishna ka aakar Draupadi ke पूर्वजन्म की रहस्य बताना कि उसने महादेव जी से क्या मांगी जो यह है कि एक ऐसा पति मिले कि jo परशुराम ji jaisa धनुर्धर, हनुमान ji jaisa Balwan धर्म ka ज्ञाता, सहनशीलता and बुद्धिमान and सुन्दर aisa ki samaya bhi dekhta rahe ka, चित्रांगदा ko mili wardan jo ki yah ki use only one person his named Arjun dwara धनुर्धर विद्या me parajit hona, and अर्जुन का चित्रागंदा ke लक्ष्य भेदे huye बाण ko बीचोबीच चीरना aur चित्रांगदा ko अचंभित करना इत्यादि ka उदाहरण लेकर देख लो BR Chopra Mahabharata me तब आपलोगों को पता चलेगा कि अर्जुन कौन था. धर्म की ही सदैव जीत होती है. परशुराम जी ने कहा - विजय पर पांडवो का अधिकार है सूर्यपुत्र कर्ण. यह भी सत्य है कि अर्जुन को ब्रह्मास्त्र,पशुपातास्त्र सहित संपूर्ण दिव्यास्त्रों का भी ज्ञान था जिसका प्रयोग अर्जुन ने युद्ध में किया भी नहीं. उसे भगवान् शिव, श्री कृष्ण, अग्निदेव, इंद्र, हनुमान और स्वयं आदिशक्ति माँ दुर्गा जी का भी आशिर्वाद प्राप्त था. श्री कृष्ण के बाद अर्जुन ही परमवीर थे. महाभारत के प्रारंभ में ही लिखे श्लोक में भगवान श्री कृष्ण(नारायण) के साथ ही अर्जुन(ॠषि नर जी के अवतार) को भी नमस्कार किया गया है.❤❤ थकते उसके समान भला दूसरा कौन हो सकता।
Jai shree Ram Jojo hindu hai like karo aur like karo 😄😄😄😄😄
Ankush
अर्जुन को मेरा प्रणाम
कितनी संस्कृति भाषा को उपयोग हुवा है इस शो में इतने बड़े बड़े डायलॉग कैसे याद करते होंगे ये किरदार लाजवाब है इससे हमें भी अपनी भाषा का ज्ञान मिला
Jeet Satya ki hoti hai Arjun the legend
2
Ok thanks for your time to
उन
Arjun to fir bhi Arjun hai, great warrior
Ha Arjun to Arjun tha kitni veerta se mara tha bhishma aur karna ko 🤡
@@Aryan-khot Karna bhi kitni veerata se mara tha Abhimanyu ko. Jaisi karni waisi bharni . Karna ko marna Arjun ke liye badi baat nahi thi , Arjun ne kai baar haraya tha karna ko.
Tum sab MHA bevkuf Ho Jaise ki Arjun tha vaise hi Arjun ke sath Shri Krishna aur Hanuman Ji the yahi samajhkar Karn ka takat ka andaza lagao
@@GovindKumar-xu4sr sat maharathiyon ne milkar abhimanyu ko maara tha. Uska kya? Arjun ne Karn ko kai baar parajit kiya tha, Virat yudh hi dekh lo.
@@SandeepKumar-ku2zx aur yah Virat yuddh tumne kahan dekha television per hi na agar Arjun ko apni takat per itna hi Vishwas tha to yuddh karne ke liye Shri Krishna ko lekar kyon Gaya yah pahle mujhe batao agar Shri Krishna Dwarika chhod ke agar nahin aata na to Karn pandovo ka astitv hi Mita deta Jo khud ke dam per lade wohi sarvshreshth aur balshali hota Hai 💪suryaputra Karn 🙏🙏🙏
Aesi mahabharat dusri bar nahi ban skti 🔥🔥
By Tilak is also best
अमर ग्रन्थ की अमरवाणी महाभारत
धन्य है भीष्म पितामह
😊
नदी की मछली भी तैरने में निपूर्ण होती हैं परंतु वह सागर को तो पार नहीं कर सकती।😊😊
Kis kis ko ye mhabhart sab se acchi lagti hai❤❤❤
You will Never lose your Way 🚩Jai Shri Krishna from Nepal 🇳🇵
Me
लो अर्जुन का ध्वज आ गया है 🚩🚩🙏🙏🚩🚩
अर्जुन वो नर है जो नारायण का दर्शन करवाएगा
Jai shree krishna🙏🙏🌼🌼🌸🌸
जै श्री कृष्णा🙏 I like Mahabharat 👏👏
Arjun bahut baeutifull fite karta h
U need to learn English 😜😜😜
3:02
Y😊😅😮the day k 10:11 @@NikhilSingh-x8b
अर्जुन ने पहले गुरु द्रोणाचार्य जी को प्रणाम किया❤❤❤
Jai shree krishna
पूरी महाभारत में ओन्ली अर्जुन ही हीरो था
To Krishna kya the
@@PrafullakumarSahoo-os4isl वह वी
Mm
Nice arjun
Hare Krishna... Wah kya time tha 90s
यही तो हमारे सनातन संस्कृति है गुरु का हमेशा आदर सम्मान रहता है
🚩🕉🚩🙏🕉🙏हरि ओम 🙏🕉️🙏🚩!!!!!!
Aur agar woh galat ho toh usko system mein reh ke sabak bhi sikhaaye
Par guru toh aajkal mahadhurt aur paise ka pujari hai
😊@@sanatanparampara2022
❤कुंती पुत्र अर्जुन तो स्वयं मैं हु युवराज.... Background music 🎵🎶❤❤❤❤ amezing
Right
Hi
Hi@@sayarchahilya6753
Goosebump bhai
Trrr
ऐसा महाभारत बनाके चोप्रा जिने भारतवषँ को एक अनमोल देन दी है और सभी पाञ हमेशाके लिए असलियतमे ही याद रहेंगे
ની જી
.,
767😊😊
@z.Z.
Zpravinchaklasiya456😅9
😊😊😊😊😊😊
Ham bhi dekh rahe hai bhai ji❤very nice hai
Aap kaha se hai
जय श्री राम 🚩🚩
🙏🙏
Mera name mahesh baghel hai
Our mera naam he land shiri raam 🤘😎🤘
I like you Arjun
Mera favorite character Bhishma.....Krishna..... Or Arjun... Or puri Mahabharata me sabse famous ....dialogue mahadev ki sougandh wala he....... Ye wala Mahabharata 15_20 bar dekh li pr ji nahi bharta he jitna dekho utni nayi lagti he..... BR Chopra Sir ka dil se dhanywad karta hu jo itni sundar kalakruti prastut ki he🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ok thanks for your time to
वासुदेव श्री कृष्ण की जय हो
@@kanakbentrivedi3180😊
😊😢
Arjun to phir Arjun hai🔥
⁹
5ee4p
❤अधिक सूदर
❤️💙गांडीव धनुष अर्जुन की वीरता नहीं थी ,उनके सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होने का सबसे बड़ा कारण उनकी सीखने,अभ्यास करने की अद्भुत लगन थी।
❤️💙 उनके 10 नाम हैं जिनमें एक नाम उनका विजय भी है, एक सव्यसाची जिसका अर्थ है जो दोनों हाथों से समान बाण चलाता हो, एक गुडाकेश जिसका अर्थ है जिसने निद्रा पर विजय पा ली हो।
❤️💙अर्जुन ऋषि नर श्री कृष्ण नारायण के अवतार थे, महाभारत के प्रारंभ में लिखे श्लोक में श्री कृष्ण जी के साथ साथ अर्जुन(ऋषि नर) को भी प्रणाम किया गया है इससे बड़ा अब क्या चाहिए।
❤️💙हनुमान जी के अर्जुन के रथ पर होने का प्रमाण,रथ के 10 कदम पीछे हटने वाली बात ये सभी BR Chopra महाभारत में कहीं नहीं है इसका जिक्र नये वाले महाभारत अर्जुन को कमजोर साबित करने के लिए बनाया गया है जबकि BR Chopra Mahabharat पूर्ण सत्य एवं प्रामाणिक है।
❤️💙कर्ण भगोड़ा था एक पूरी हस्तिनापुर के सेना के साथ मिलके भी एक अकेले द्रुपद को नहीं हरा सका जिसे केवल पांच पांडव ही विशेषकर अर्जुन ने बंदी बनाकर अपने गुरु को सौंप दिये।
❤️💙अर्जुन का सामना जब भी कर्ण से हुआ तो हमेशा कर्ण अर्जुन से परास्त हुआ ये बात उसने स्वयं भीष्म पितामह से कही और इसका कारण भी जानना चाहा।
❤️💙जयद्रथ वध के समय पूरी कौरव सेना मिलकर भी अर्जुन को जयद्रथ वध करने से न रोक पाए जिसमें कर्ण,द्रोणाचार्य,अश्वत्थामा भी शामिल थे और अर्जुन ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी भी की और अर्जुन जीवित बच गये।
❤️💙आचार्य द्रोण जब ब्रह्मास्त्र की शिक्षा दे रहे थे तब उसमें अर्जुन ही केवल ब्रह्मास्त्र के सीखने योग्य पाए गए एवं कर्ण अयोग्य पाया गया।
❤️💙सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को आदि शक्ति जगदंबा, भगवान शंकर,देवराज इंद्र एवं स्वयं नारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त था भला उसे कोई कैसे हरा सकता था जिसके पास पाशुपतास्त्र था।
❤️💙स्वयं भगवान शंकर ने भी अर्जुन की वीरता की प्रशंसा की है एवं उनकी वीरता से संतुष्ट हुए और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पाशुपतास्त्र भी दिया।
❤️💙जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन पाशुपतास्त्र के लिए तपस्या कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि मेरी यह दशा केवल भगवान शंकर,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म,देवराज इंद्र के अतिरिक्त कोई और नहीं कर सकता था अर्थात उन्होंने कर्ण का नाम नहीं लिया, अर्थात अर्जुन का वध करने की क्षमता केवल इन्ही व्यक्तियों में ही था❤️💙 इसके विपरीत जब सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन ने करण का धनुष तोड़ा द्रौपदी स्वयंवर में तो कारण ने अर्जुन के गुरु को प्रणाम किया एवं कहा- कर्ण का धनुष केवल गुरु परशुराम,आचार्य द्रोण,पितामह भीष्म, देवराज इंद्र एवं अर्जुन के अतिरिक्त कोई नहीं तोड़ सकता था अर्थात उसने अर्जुन का भी नाम लिया परंतु अर्जुन उस समय कर्ण का नाम नहीं लिये।
❤️💙सुभद्रा हरण के समय श्री कृष्ण जी अर्जुन के बारे में बलराम जी से कहते हैं कि- महादेव के अतिरिक्त कौन है जो उसे युद्ध में हारने को सोच भी सके।
❤️💙राजकुमारी असांवरी स्वयंवर के समय कर्ण ने दुर्योधन से कहा - संसार में अर्जुन के सिवाय और कोई मेरे सामने टिक नहीं सकता था मित्र स्वयं उसने यह बात कही परंतु अर्जुन ऐसा कभी नहीं कहे जिसमें कर्ण का जिक्र हो।
❤️💙श्री कृष्णा जी कर्ण के जन्म का रहस्य उन्हें बताते हुए कहे कि पांडवों के अतिरिक्त ऐसे कौन है जिन्होंने आज तक पराजय का स्वाद नहीं चखा।
❤️💙द्वापर युग में श्री कृष्णा जी ने पहले ही कह दिया है कि ऐसा कलयुग आएगा सब लोग अर्जुन छोड़ कर कर्ण कर्ण चिल्लायेगा।
❤️💙मैं जानता हूं कलयुग में लोग अर्जुन को छोड़कर कर्ण अर्थात अधर्म को मानेंगे एवं स्वीकार करेंगे।
Maan gaye bhi aapki baat bahut gharhi tk bataye ho aap
True
बहुत सुंदर वर्णन किया है आपने भाई 🙏🙏
True Lines~ जो भी मेरी कमेन्ट पड़ रहा है एक दुसरे से अंजान है फिर भी में भगवान से प्रार्थना करता हूं की आपकी लाइफ में जो भी टेंशन 😥 है वो जल्द ही दूर हो जाए और आप सभी बहुत खुश रहे.......❣️💞💞
राधे राधे 🙏🙏🙏
nek vichar
Kash us time Aaj k jaisi video technology hoti to kitna maja aata Mahabharat dekhne ka.
अर्जुन>>>>>>>>वन man army ❤❤❤❤❤❤
Jay shree Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ Jay mataji
महाभारत और रामायण से ग्रंथ है जिनको हजार बार देखोगे तो भी मन नहीं भरता है उनको बार बार देखने की इच्छा रहती है
Sahi Bole bhai
জয শ্রী কৃষ্ণ জয শ্রী কৃষ্ণ মহাভারতে অনেক নতুন কিছু জানলাম ধন্য বাত
Bahut sunder prastuti
Mahabharat
वा Arjun वा जय नर narayan
jay Basudev
Karan great tha but Arjun to Arjun tha
अर्जुन कर्ण से भी सर्वश्रेष्ठ है
जय श्री कृष्ण राधे राधे
जय श्री कृष्ण।
बहुत खूब जबरदस्त ज्ञान
हमारी जागरूकता ही हमारा बचाव है
गर्व से कहो हम हिंदू है
Arkun ko dekh ke dil khush ho jaata hai #Akbaricstar
फिरोज़ खान एक्टेड as अर्जुन, Great ❤️🙏
Q
2024 me kon kon dekh rha h
😊
Ham
Main
Me
😂@@User-c8t9i
काश सारे फिरोज अर्जुन जैसी सोच रखे। हम सबका DNA एक ही है। ❤❤❤
B.R.Chopda always best mahabharat 👌👌
आज के समय के २-२ % के लोगों का सर्जन देखता हूं तब इन महान सर्जकों और इन प्रतिभाशाली कलाकारों के प्रति सम्मान में सर झुक जाता है 🙏🚩🚩
Arjun was best
Ed free
🚩🕉🚩🙏🕉🙏हरि ओम 🙏🕉️🙏🚩!!!!!!
Arjun is the best Good लक्ष्य
जय श्री कृष्णा
❤ जय धन्नजय ❤
केवल शंख नाद सुन लेने का ये तात्पर्य नहीं कि
अज्ञात वाश भंग हो गया विराट युद्ध के पूर्व ही
पांडवों का अज्ञात वाश समाप्त हो चुका था यह
बात अर्जुन को भली भाँति ज्ञात था तभी तो युद्ध
करने हेतु आया था
Dear - जो भी इस वक्त मेरा कॉमेंट पढ़ रहा / रही है हम सब एक दूसरे के लिए अंजान हैं फिर भी मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी लाइफ में कोई टेंशन चल रही हो तो वो दूर हो जाए और आप हमेशा खुश रहें !
tq
@@narendramandrai2941 hhhhhh
A.
@@narendramandrai2941 À
! TC p
Arjun the invincible warrior.
😂😂😂
U
@@Riteshshkyaæ
@RiteOooo😅oo😅😅😅😅oooooo😅❤ooo😅😅😅ooooooooooooooooooooooooooooo😅oooooooooo😅❤ooooooooooooooooooooo❤ oooooooooooooooooooooooooooooshshkya 😅shshkya
जो भाई-बहन नन्ही सी प्यारी सी कमेंट पढ़ रहा है भगवान उनके माता-पिता को सदा खुश रखें शुभकामनाओं सहित..💫🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank u
सदाबहार हमेशा और हमेशा के लिए न इसके पहले न इसके बाद इस तरह बन पाया जय श्री कृष्ण
Just imagine
अगर भीष्म पितामह या कर्ण या अर्जुन ....
मुगलों के समय होते तो मुगल और अंग्रेज कितने दिन टिक पाते इन योद्धाओं के सामने
1 दिन भी नही 😂
नमन है आप वीरों को 🚩🙏
मुगल और अंग्रेज़ दिन नहीं सदियों टिके रहते भाई ये भरतवंशी कहाये है भारत की रक्षा नहीं किये एक मछली पूरे तालाब को गंदा करती है यहाँ बड़ा मछला दुर्योधन था😀
Arjun is Arjun .....jay Mahanayak arjun
Karn= ardhrathi,( sonyputra fan crying 😂 in corner)
Arjun to fir arjun he angraj
Jai hoo arjun ke
I love This महाभारत
I love 💘 Mahabharat
You will love Whole Sanatan ...just feel it and love it
@@vvpChannel3112 ipmmpimmumumj
🚩🕉🚩🙏🕉🙏हरि ओम 🙏🕉️🙏🚩!!!!!!
प्रधान जी हमारे समाज को प्रस्तूत करने की कला जो आपके पास है ,वह कहीं नहीं है,
हमारे समाज को इतना सुन्दर चित्रण सामाजिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए करना आसान नहीं
जो सिर्फ आप ही कर सकते हैं|
धन्यवाद सर ❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
M.m.. ..
A
@@maheshwaryadav4819 cc
@@maheshwaryadav4819 यूँ
I'll
अर्जुने कुल गुरु कृपाचार्या गुरु द्रोणा चर्या भीष्म पितामह को धनुष द्वारा प्रणाम कि
ममऊ ू
@@lararambil6453Q😊
J jim ji ko.😮 ki se hu by ni@@lararambil6453
Maja bharat ❤❤❤❤❤😣🥰🥰🥰
Samne chahe koi bhi ho ..but Arjun to Arjun hai great warrior 🙏
केजरूदीन पर देश द्रोह का मुकदमा हिना चाहिए जो १४ अगस्त शामको त्रिरंगा
लहराके पाकिस्तानको खुश करनेकी साजिस करके हिउँदुओंके साथ साजिस है
================================
रेवड़ी कल्चरवाला केजरूदीन १४ अगस्तकों शामको त्रिरंगा लहराके पाकिस्तानको
खुश करनेकी कोशिश करता है और देश के हिन्दुओको मुर्ख या उल्लू बनारहा है क्यों की पाकिस्तानका आज़ाद दिवस १४ अगस्त है और हिंदुस्तानका १५ अगस्त है ये अपने देशके साथ गद्दारी करके हिन्दुओको मुर्ख बनाके मुस्लिमोंको खुश करनेकी खातर नाक साजिस करता है देशका अज़्ज़ाद दिन १५ अगस्त है जो ये
देश द्रोही १४ अगस्त को मनारहा है और देशी मीडिया चेनलो पर इतना बड़ा ऐड
देके सभी ९० % चेनलोको खरीद लिया लगता है जिनको देशके खजानेसे उनको
पैसे देके ऐडका खतरनाक खेल खेल रहाहै और तुष्टिकरणकी नितिसे देशके हिंदुओंका हक़ छीन रहा है जो १४ अगस्त शाम का आयोजन करता है जबकि
हमारा आज़ाद दिन का प्रोग्राम १५ अगस्त है जो देशके हिंदुओंकी आंखोमे
धूल जोक रहा है और देशंमें देशके खजानेको लुटवारहा है और तुष्टिकरण की
खतरनाक साजिस का खेल खेल रहा है उस पर मुकदमाँ दर्ज होना चाहिए
उसने जो खर्च किया है मीडिया चेनलोको ऐड देनेके खर्च केजरीसे वसूल
करनी चाहिए उस पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए
====प्रहलादभाई प्रजापति ,,, १४ /१२ /२०२२ अहमदाबाद
Karan overconfidence m chala gaya
😂😂😆😆🤣🤣😅😅
Hare Krishna
th-cam.com/channels/MIwIQoFr-3MhMhfozh5Uxw.html
महाभारत का युद्ध एक परिवार मे कलेश और आपसी बैर के कारण हो होता हैं,यह इसका साक्षात प्रमाण है,
Mahabharat hum sabke andar chal raha hai.
Mahabharat like
Arjun is always arjun❤
.
हे वीरों के प्रतीक ! हे निडरता के प्रतीक ! धर्म के मार्ग पर चलने वाले अर्जुन , सचमुच इस धरती पर शासन करने का अधिकार सिर्फ तुम जैसे पुरुषों को ही है !! यह समाज यह राष्ट्र सदैव तुम्हारा ऋणी रहेगा
0
Qa
@@kamalkantjha8671 22nd 😘
ले फोटो ले देव जggl
True
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
Hindus have a very rich history. Proud Hindu 🕉
Hindu are themselves Complete
th-cam.com/channels/MIwIQoFr-3MhMhfozh5Uxw.html
Hare krishna hare hare
🌹 Jai 🍀 shree 🌹 krishna 🙏 radhe 🙏 radhe 🌹 shyam 🌹🍀🌹🙏🙏
What a role by Arjun 🔥🔥🔥🔥🔥🔥👍👍
Pag
th-cam.com/channels/MIwIQoFr-3MhMhfozh5Uxw.html
@@adarshnamdev9281 pat
@@adarshnamdev9281 with se hi dede 3
Ok thanks for your time to
मैं पाशुपत अश्त्र धारी अर्जुन को प्रणाम करता हूं🙏🙏
वासुदेव श्री कृष्ण की जय हो
Arjun the greatest the mightiest 💪
⁰
w
May 12 , 2024 me kon kon dekh rha hai
जब अर्जून मे ईतना समार्थ था की वह सभी दुर्योधन के योध्दा को आकेले हरा सकता था तो महाभारत का युद्ध 1दिन मे आसानी से खत्म हो जाना चाहिए था ।
@Raj aap khud dekh rahe ho May 12, 2024 ko aur koi nahi 😂 aisa betuka prashna puchhate aap bhi ajkal ke bher chal me shamil ho gaye ho
21 July 2024
L@@Shivamkumarlaljee
😊
...jai hind.. . jai jai shree ram.. .
BR CHOPRA Mahabharata is great 🙏
th-cam.com/channels/MIwIQoFr-3MhMhfozh5Uxw.html
🚩🕉🚩🙏🕉🙏हरि ओम 🙏🕉️🙏🚩!!!!!!
जय श्री राधे कृष्णा जी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जय सर्वेश्वर जगतपति भगवान श्रीकृव्णजी जय सर्वेश्वरी माता श्रीराधारानीजी !
Br chopra Mahabharat is best
इतिहासमे सुनौला अक्षरोंसे लिखाहुवा महाभारतका ये भाग बहुत हि इन्ट्रेस्टीङ है। महानयोद्धा होकर भि भीष्म पितामह, द्रोण, क्रीपाचार्य और कर्ण जैसे महारथी हारजाते है, सायद पापकर्मोंको साथ देकर होगा।
मनमे धर्म भरे और सत्यका साथ दें सन्देस देनेवाले ये भाग देखकर खुश होगया। जय श्री कृष्ण ।
😎
Kukku kkikjhp
2024 mein kaun kaun dekh raha hai
A
@himanshujadon411
Me
😊
Ham
Mai Bro❤
Bahut kuch sekne ko milta h maha bhart dekhne se🙏
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है।
पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहता था।
❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,
फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं।
अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं;
❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा-
माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था"
❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤
🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न कर पाता,
❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में)
❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏
जय श्री कृष्ण🙏🙏
❤💙🙏🙏वभ्रुवाहन अर्जुन का पुत्र था, यह बात अर्जुन को ज्ञात नहीं था।फिर भी रक्त,रक्त को पहचान ही लेता है।
पहले ही मिलन में वभ्रुवाहन को देखकर न जाने क्यों अर्जुन का प्यार उसपर उमड़ने लगा। अर्जुन का उसे देखकर उसपर पर पुत्र जैसा प्यार उमड़ने लगा। अतः अर्जुन उसका वध नहीं करना चाहता था।
❤❤"तु अर्जुन को गदा युद्ध में परास्त नहीं कर सकता वभ्रुवाहन,तुझे किसी और सस्त्र का प्रयोग करना होगा"❤❤अर्जुन से गदा युद्ध में न जीत पाने पर ये बात वभ्रुवाहन ने स्वयं से कहा। फिर उसने भाला युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,फिर उसने तलवार युद्ध किया,उसमें भी वह अर्जुन से न जीत सका,
फिर उसने धनुष-बाण युद्ध किया, उसमें भी वह अर्जुन को परास्त नहीं कर सका।❤ अंत में उसने "मां गंगा का दिया हुआ "अर्जुन वध" के लिए" वो बाण का प्रयोग किया किंतु उसने सोचा- मैं अपनी माता को क्या मुंह दिखाऊंगा क्योंकि चित्रांगदा ने अर्जुन को केवल परास्त करने को कहा था उसका वध करने को नहीं।
अर्जुन की मृत्यु के बाद चित्रांगदा ने रोते हुए वभ्रुवाहन से कहा- मैंने उनको केवल परास्त करने को कहा था पुत्र,उनका वध करने को नहीं;
❤💙 🙏🙏तो फिर वभ्रुवाहन ने कहा-
माते -"अर्जुन आपके वर्णन और मेरी कल्पना से कहीं अधिक वीर था"
❤"यदि मैं उसका वध नहीं करता (मां गंगा का दिया हुआ अर्जुन से उनकी प्रतिशोध के कारण वो बाण द्वारा) तो वो मेरा वध कर देता। "❤
🙏🙏 ❤💙अर्जुन को वभ्रुवाहन ने नहीं अपितु मां गंगा ने मारा क्षल से उसके पुत्र के रूप में क्योंकि अर्जुन अपने पुत्र का वध तो नहीं न कर पाता,
❤💙अन्यथा ॐपशुपतास्त्र भी था केवल उनके पास पूरे महाभारत युग में जिसके फलस्वरूप श्री कृष्ण जी भी नहीं हरा सके अर्जुन को एक युद्ध में (अर्जुन का एक राजा का प्राण बचाने के युद्ध में)
❤💙🙏🙏अतः मेरे अनुसार अर्जुन को केवल भगवान महादेव ही परास्त कर सकते थे। ❤❤ये बात स्वयं श्रीकृष्ण जी ने भी कहा सुभद्रा हरण के समय-♥️💙"महादेव के अतिरिक्त और कौन है जो उसे(अर्जुन) युद्ध में हराने को सोच भी सके"; अद्भुत वाक्य ❤❤🙏🙏
जय श्री कृष्ण🙏🙏
जय श्री कृष्ण राधे राधे 🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌷🌷
I7
Very nice ❤ 3:39 3:43
Arjun ❤️❤️
JAI SHREE KRISHNA JAI SHREE KRISHNA JAI SHREE KRISHNA 🕉🕉🕉♥️♥️♥️💛💛💛⚘️⚘️⚘️⛳️💕💛💛💛💕⛳️💐💐💐🌹🌹🌹🕉🕉🕉👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
जय भिस्मपितामह ❤️
432t
❤ Jay Ho Arjun Mahadev koi nahin hota yuddh mein koi maryada hi nahin❤❤❤❤❤
2023 me dekh rahe hai bhai or yogo yugo dekha jayega
बहोत अच्छी बात कही है काजल जी
Mahabharat the greatest Epic
अति सुन्दर रचना है