#रजनी
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- เผยแพร่เมื่อ 15 ก.ย. 2024
- #रजनी गुप्त की कहानी-कतरनें
Story by Rajni Gupt
LAudio Story
हिन्दी कहानी
#स्वर-सीमासिंह
@katha-kathan
रजनी गुप्त
जन्मतिथि एवं जन्मस्थल - 02-04-1963 चिरगांव, झांसी, उ.प्र.
शिक्षा. एमफिल, पीएच.डी. जे.एन.यू. नई दिल्ली
प्रकाशित पुस्तकें -
उपन्यास - 1. कहीं कुछ और - वाणी प्रकाशन दिल्ली
2 किशोरी का आसमां किताबघर प्रकाशन दिल्ली
3- एक न एक दिन - किताबघर प्रकाशन दिल्ली
4- कुल जमा बीस - सामायिक प्रकाशन दिल्ली
5- ये आम रास्ता नही, वाणी प्रकाशन दिल्ली
6- कितने कठघरे - वाणी प्रकाशन दिल्ली
7- नए समय का कोरस - भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली
8- याद जो करें सभी ( राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के जीवन पर आधारित उपन्यास )
9. तिराहे पर तीन ( राजपाल एंड संस)
10- जस्ट चिल यार
कहानी संग्रह
1- एक नई सुबह - वाणी प्रकाशन दिल्ली
2- हाट बाजार - नेशनल पब्लिशिंग हाउस दिल्ली
3- प्रेम संबंधों की कहानियां - नमन प्रकाशन दिल्ली
4- अस्ताचल की धूप- साहित्य भंडार इलाहाबाद
5. फिर वहीं से शुरू - भावना प्रकाशन दिल्ली
6. ढलान पर धूप- वनिका प्रकाशन
7. सतह पर चांद- प्रलेक प्रकाशन
8- फ्रेम से बाहर
9- धुंध पार की रोशनी
स्त्री विमर्श -
1. सुनो तो सही (आलोचनात्मक पुस्तक) सामयिक प्रकाशन दिल्ली से 2011 में प्रकाशित
2- बहेलिया समय में स्त्री - स्त्री मुद्दों पर आलेखों की किताब 2016 |
संपादन
1- आजाद औरत कितनी आजाद सामयिक प्रकाशन दिल्ली
2. मुस्कराती औरते सामयिक प्रकाशन दिल्ली
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3- आखिर क्यों लिखती हैं स्त्रियां शिल्पायन प्रकाशन दिल्ली
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विशेष-
"कहीं कुछ और ' राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन ओपन यूनि. इलाहाबाद के स्त्री विमर्श पाठ्यक्रम में शामिल।
'स्त्री घर (डायरी विधा) औरंगावाद विश्वविद्यालय के बी.ए. के कोर्स में शामिल
.
'सुनो तो सही' आलोचनात्मक किताब हिंदी गद्य साहित्य का इतिहास ( रामचंद्र तिवारी) में शामिल।
पुरस्कार/सम्मान-
1- युवा लेखन सर्जना पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा
2- आर्यस्मृति साहित्य सम्मान (किताब घर प्रकाशन) 2006
3. - किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्कार 2008
4- कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार: 2014
5- अस्ताचल की धूप-कहानी संग्रह पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा रावी स्मृति सम्मान
6- कितने कठघरे पर महादेवी वर्मा अवार्ड 2016
7. तिराहे पर तीन पर पृथ्वीनाथ भान सम्मान जयपुर 2021
7. शिंगलू पुरस्कार 2022 ( उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा )
8- स्पंदन कृति सम्मान, भोपाल 2022
शोध कार्य : दर्जनों विश्वविद्यालय में शोध कार्य सम्पन्न एवं देश भर के अन्य विश्वविद्यालयों में शोध कार्य
सम्प्रति सरकारी बैंक में मुख्य प्रबंधक पद पर कार्यरत ।
पता - 5 / 259 विपुल खंड गोमतीनगर लखनऊ 226010
PHONE-09452295943/
Phone- 8318573266 gupt.rajni@gmail.com
अतिसुंदर कहानी 👌
लाजवाब कहानी❤कहानी से मेल करता आपका वाचन 😊थैंक यू
❤️🌹⚘️😊😘
ये लीक से हटकर जीने वाली ज्यादातर महिलाओं की कहानी है। पहले बच्चे माँ के जिन गुणों की तारीफ करते हैं बाद में वही खूबियाँ उनको खामियाँ लगने लगती हैं।😊
✅️✅️❣️
बहुत ही उबाऊ कहानी।नीरस एकदम
Bhaut bhuat achi kahani aankh bhar aai
बहुत ही खूबसूरत कहानी....औलाद के अपने आयाम हैं हमारी अपनी उम्मीदें...दिशाएँ ही अलग अलग हो जाती हैं...फिर एकरसता कैसे...भावनात्मक जुड़ाव कैसे....
बस फर्ज निभा ,दिल की सुन
और चल अपनी धुन...
Behtareen 👌👌❤️
Bahut sunder kahani 👏 👏👏👏👏
Bahut sachchi kahani heart touching
Bilkul mere Bhai ki yad dilati hai yah kahani mere aur bhai ke rishte bhi aise hi hai mam
🤔✅️✅️
समाज में अनेक ऐसी हकीकत भरीं ज़िन्दगी यां देखने को मिल ती है।
Marmik kahani. Betiya hi maa ki virodhi ho jaye jo bachpan mein itni kareeb hoti h ,kisk bahkave mein aa jati h.apka vaachan👌
🙏🏻💕
Kadvi sachai Aati sundar katha oor kathn🎉🎉
🙏🏻❣️
मां को स्पर्श करती हुई कहानी बहुत ही शानदार
महिला घरेलू हो या कामकाजी औलाद स्वार्थी और कटीला हो जाए, ये परिवरिश के कारण हो जरूरी नहीं । माँ की असह्य पीडा़ , जो इसका एक भी कतरा भोगा हो वही समझ सकता है। आपका वाचन शब्दातीत ।
👍👍❤
✅️ जी सही लिखा आपने।
Uff.esi bhi beti hoti hai.ab ant tak sun na achha nahi lag raha
Sabhi ki apni alag soach hoti h,har problem se deal krne ki .
Mai is situation me hoti ki meri beti apni marzi se apna career, life partner choose krne ke baad bhi mujhe mentally torture kre toh mai usse yeh bolkr rishta khatam kr deti ki, agar tumhe mujhse itni problem h toh ab tum apni duniya me khush raho aur mujhe atleast mere aakhri samay m(life me 3 stages hote h, bachpana, jawani & budhapa) sukoon se rehne do.
✅️✅️
Kuchh aur bhi Romanchak upanyas lambi kahaniya aap ki awaaz mein ho jaye
👌👌👌👌👌👃👃👃👃👃
जब माँ खुद सक्षम है तो ऐसी बेटी का सहारा ही क्यों..उसे घर से बाहर करती,क्यो सह रही इतनी कटु,तीखे सवाल...
Hridaya chirne wali kahani. Kabhi kabhi pati , saas nanad ki bhumika nibhate hain aur santaan pati ki bhumika....
स्वार्थी रिश्तो को बयां करती हुई कहानी बिल्कुल मेरी दीदी की कहानी है उनकी बेटी का व्यवहार और सोच भी ऐसी ही है
😔
Moh hota hai par aisa bhi kya ki santaan Jaleel karte rahe aur bardaasht ham karte rahen ..kyon na use hi apnea jindagi se nikal fenke?
✅️
Yeh beti to saas , sasur, nanad ka role nibha rahi hai😅 dil ka character assassination karna to inka haq hota hai.
Toomuch negative spreding story just avoiding.....