संत रामपाल जी महाराज जी || की शिष्या ने बताया भगवान कौन है || MP ZEE 24

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น •

  • @PushpendraAhirwar-x8x
    @PushpendraAhirwar-x8x หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @SuryaPratapYT
    @SuryaPratapYT 2 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 2 หลายเดือนก่อน

    वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।
    वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
    गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
    वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है।❤❤

  • @himanigoswami7970
    @himanigoswami7970 2 หลายเดือนก่อน

    शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना मनमानी पूजा करना, हठ योग, मैडिटेशन, शास्त्र विरुद्ध कर्मकांड, श्राद्ध आदि शास्त्रों के विरुद्ध साधनाएं हैं।
    संत रामपाल जी महाराज ने ऋग्वेद मण्डल 1 अध्याय 1 सूक्त 11 मन्त्र 3, गीता अ. 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 से प्रमाणित करके नाम जप की विधि बताई है जो कि शास्त्र के अनुकूल साधना है।

  • @JayalakshmiMB
    @JayalakshmiMB 2 หลายเดือนก่อน

    Bandicod ki Kabir sahib ji ki jai ho sadh guru Sant rampal ji Maharaj ji ki jai ho ❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌺🌺🥀🌹🌹💐💐👍👍👍👍👍🤚🤚🤚🤚🤚🤚🤚🌹🌹🌹💐💐💐🌷🌺🌺🥀

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 2 หลายเดือนก่อน

    वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना कबीर जी के विरुद्ध है क्योंकि वेदों में और गीता में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।
    वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
    गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
    वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध नहीं कर सकता