यदि आपको ये वीडियो पसंद आया तो आपको ये वीडियो भी पसंद आएगा 1)प्राचीन फ्री एनर्जी डिवाइस का पुनः निर्माण th-cam.com/video/4Z16GY5MTCc/w-d-xo.html 2)1000 साल पुराने एनर्जी लिंगम की खोज ? th-cam.com/video/-aEuG6xmipY/w-d-xo.html 3)भविष्य की झलक दिखलाती प्राचीन नक्काशियां? th-cam.com/video/JXRe0V4pO8Y/w-d-xo.html
Daddu lingam don't mean shiv pennis ling means symbols like lady symbols stri man symbols pu, striling and pulling. Same way shiv symbol shivling. In sanskrit ling means symbols
आपके द्वारा अद्भूत प्राचीन ज्ञान को जानने और समझने का नजरिया विकसित हो रहा । आप इस सोशलमीडिया पर एकमात्र व्यक्तित्व नजर आ रहे जो रियलिटी को एकदम प्रत्यक्ष और विस्तृत दृष्टिकोण से वर्णित करते हैं कोटि धन्यवाद 🙏🙏👌👌👌👌👌🚩👏👏
Not this not prachin paralingam....original ligam can desolove gold and if you drop that lingam in water under sunlight sunlight makes it colour into gold.
I am BAMS doctor I studied this..... actually this fact is right ..... thanks sharing about fact to everyone .. I am big fan of you sir...we did this in our rasashastra practical.
प्रवीण जी आप हमारे क्रिस्टल, आप हमारे चमकदार पारे, आप हमारे पारस है।आपने हमे सनातन पर गर्व के क्षण दिए है।एवम ये विश्वास भी दिया कि पूर्व के अतीत काल मे सनातन की इतनी हानि होने के बाद भी सनातन वंश में भारतीय सन्तति में आज भी बौद्धिक क्षमता की कमी नही है।बाकी ज्यादा जगह तो अब वर्ण संकर ही हैं पर सनातन की विवाह परंपरा गोत्र परंपरा के कारण अभी भी हमारी बुद्धि सक्षम एवम शुद्ध है जो राष्ट्र एवम धर्म के प्रति आज भी नतमस्तक हैं।प्रणाम
🌻🕉️🌻 मैं ने पूछा भगवान से कैसे करुँ तेरी पूजा - भगवान् बोले - " तुम स्वयं भी मुस्कुरा दूसरों' को भी मुस्कुराने का कारण दे" हां,अब हो गई मेरी पूजा! 🌷जय श्री राम 🌷 🚩🙏🚩 भ -- भूमि(धरती) ग -- गगन (नभ) व -- वायु (वात) आ -- आग(अग्नि) न् -- नीर (पानी) पंच महातत्व के श्रेष्ठ संयोग,, जिससे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड बना है ✔️🥰🌹💕🌍
सर मैंने पिछले वीडियो में आपसे पूछा था कि आपकी टीम कितने लोगों की है और इस तरह की रिसर्च करने में कितना समय लगता है वीडियो बहुत ही अच्छा लगा ज्ञानवर्धक था
श्रीमान आप अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आप यह महत्वपूर्ण काम अपने निजी व्यापार करते हैं या कहीं से कोई आवश्यक मदद मभी मिलती है। फिलहाल आपके कार्य को देख कर के भारतीय होने पर गर्व होता है। और संदेश मिलता है कि हमारे बुजुर्ग बहुत ही विद्वानथे। पर षड्यंत्र कारी लोगों ने ऐसा सिद्ध किया कि हमारे बुजुर्ग कुछ जानते ही नहीं थे।
Your all ancient archaeological findings are unique and creating a new wave of awareness among all us Indians to feel very very proud of our ancesters who were unimaginatively the most intelligent humans ever lived on this earth planet.The day will come soon when the whole world will recognise this fact. More & more work need to be done to find our hidden & forgotten ancient successive works.
Like Modiji, you are another divine light who has the responsibility of educating the mass through social media. Thanks so much ! I have been dieing to know about how to make a Parad Shiva Linga. My Regards 🙏🙏🙏
🙏जय श्री महाकाल 🙏 प्रवीण जी आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे है ईश्वर आप को लम्बी उम्र प्रदान करें l आज के समय में आप जैसे निस्वार्थ अन्वेषको की काफी कमी है l ईश्वर आप के सभी प्रयोगो में आप को सफलता प्रदान करें l
उत्तर भारत मे यदि कोई मन्दिर रहस्यमयी हैं तो उस पर भी वीडियो बनाइए सर्🙏🙏 हमारा दक्षिण भारत अत्यंत ही रहस्यमयी है उससे भी अधिक रहस्यमयी वहाँ के मंदिर है। तो क्या ऐसे ही रहस्यमयी मन्दिर उत्तर भारत में भी है या नहीं.... आपसे निवेदन है इस विषय पर भी वीडियो बनाइये🙏🙏
Respected Praveen Mohan ji, you are definitely a priceless gem of Sanatan Dharma, who is telling people about our ancient learning and brilliant scientific research. The sad thing is that 50 million people are subscribed to listen to CarryMinati's abuses but only 2 lakhs are interested to know your amazing experiments. If you allow, we can try to inspire more and more people to watch your video so that people can know about the wonderful knowledge of our ancestors. Can your video be used...? be sure to tell🙏💐🌺🚩
• मर्करी : पारा : ! पारे का वज़न ::.. अन्य : ' धातुओं से " 13. ×… गुणा अधिक होता हैं ! .. डॉ कार्तिकेय शाह : और यह " ..विद्युत का एक अच्छा माध्यम ( कंडक्टर ) भी होता हैं ! ..
• मर्करी : पारा : थोड़ी सी गर्मी भी सहन नहीं कर पाता ! इसी लिए , इसका उपयोग " थर्मामीटर " में शरीर के ,तापक्रम : को जांचने के लिए भी किया ज़ाता हैं ! .. डॉ कार्तिकेय शाह : एक दिलचस्प जानकारी : पारा " सुवर्ण धातु : सोने को भी : अपनी " ज़कड़ " में लें लेता हैं ! यानि " सोने को ,अधिक नज़दीकी पाकर " उस धातु पर " स्वतः ही " अपनी कोटिंग " ( मुलल्मा :) भी चढ़ा देता हैं -- तब , वही धातु " एकदम सफेद रंग " की दिखने लगती हैं ..और वापिस " आग " में उसे " तपाने " से , वह अपनी मूल रंगत पुनः प्राप्त भी कर लेता हैं : " यानि " सुनहरी " आभा युक्त : आवरण की सुंदरता ! ..और " रसायन महाकल्प : ज्ञान के प्रथम " अल्कीमिया : लार्ड शिवा : " का " रस पारद व : गंधक : माँ : पार्वती : का " रज़ " दोनों को मिलाकर " कज़्ज़्ली रस : का ' महा-अमरत्वयोग " सिद्ध रसायन : तैयार की ज़ाती है ! वह शरीर के अधिकाधिक रोगोँ का समूल निदान भी करतीं है ! और " कुण्डलिनी " ( सरपेण्ट पावर " रहस्य्मय दिव्य ऊर्जा शक्ति : जो ' पारलौकिक ' ज़गत से कनेक्टेड करतीं है !) को ' जगाने में भी सहायक सिद्ध होतीं है , के लिए , उपयोग किया ज़ाता है ! ..
@@singhjigyasa9934 हार्दिक अभिनंदन जी ' सिंह साहेब " एक कहावत है कि " परंपरा को ' अंधी लाठी से - मत पीटो :उसमें बहुत कुछ है ..जो ..जीवित है ..जीवन -दायक है :.. जैसे भी ..हो ..ध्वंस : से बचाकर रखने लायक है ! ..यह कलात्मक शब्दों की रचना " के रचियता हैं : श्री रामधारी दिनकर , जी ! दरअसल ,कवितकर्म : के विशषज्ञ ही , शब्दों के पार उतर कर देखने की एक अनूठी क्षमता भी रखते हुऐ : उस संस्कृति के जीवंत रूप को बेमिसाल होने का गौरव भी वही ,लोग उसे दिलाते हैं ! महोदय ," यही ' मर्करी : पारे की , बनीं गोली या,अन्य रूप की ढली , ऐसी ही वस्तु को अगर " आप , ऐलमिनियम ' के सिक्के या शीट , पर , घिसेंगे तो , उसमें से " भभूत : या भस्म उत्तपन्न हों निकलने लगेगी ! वही चम्तकार कह " बाबा , सन्यासी लोग , अक़्सर जादू के नाम पर खेल , दिखाते रहतें हैं ! अस्तु : आपने ऐसी किसी पुस्तक , जिसमें , ऐसी वास्तविक जानकारियाँ संग्रहित हों , पर , अपनी निजी जिज्ञासा हेतु , विवरण माँगा ! परंतु ,ऐसी " अलग से ' कोई पुस्तक , वर्तमान में उपलभ्ध नहीं हैं ! ( आप या अन्य महानुभाव प्रबुद्ध पाठक अपनी रूचि व समय की आवश्यकता को , समझ कर चाहें तो यह भी " संकलन " पब्लिश्ड हों सकता हैं ! )ये सब मेरी अपनी ही खोजी प्रवृति व देशप्रेम भावना के पीछे ,वह स्वयं स्फूर्त : प्रेरणा ही उत्साहित रखतीं हैं ! ..बस उन्हीं से " व , स्मरण शक्ति से , ये सब " बयाँ और ध्वनित होना संभव हों पाता हैं !..देखें एक विलक्षण बानगी !.. डॉ कार्तिकेय शाह : आपूर्ण आसव कलश : स्वः सेक्तेव कोषम विविधत्ते :.. पिळ:ये : प्रदक्ष्णीणोंभि : सोमास इन्द्र्म ! पवित्र जळ से भरा हुआ " कलश " भगवान इन्द्र को समर्पित हैं ! इसी प्रकार अथर्वर्वेद में ' मधु " से भरे कलश ' और दही से भरे ' कुंभ ' की भी चर्चा की गयी हैं ! व , इसकी चर्चा , स्कन्द पुराण , मत्स्य पुराण , और , वाज़सनेय संहिता ,में भी उल्लेखित हैं ! यहां , गौर-तलब है कि : "मङ्गल -चिंह प्रतीक " स्वस्तिक ' के कई अभिप्राय हैं ! इसका एक अर्थ ' चौराहा ' ( चेम्ब्री ) है ! जो संगम बनकर ' वहां से - चारों दिशाओं में -- मार्ग प्रशस्त करने का प्रतीक है : इसी प्रकार स्वस्तिक ' का एक अर्थ है -- " सूर्य : " सूर्य की किरणें चारों दिशाओं में ' रौशनी बिखेरती हैं , और ' विघ्न रुपी अंधकार को समाप्त करतीं हैं , उसी का एक प्रतीकात्मक स्वरूप स्वस्तिक भी है ! नोट: चारों दिशाओं में इसका ' एक एक - प्रतीक -इस प्रकार किया गया जैसा लगता है , वह ' कलश -रुपी : - रत्न - राशि ' से सूर्य : भगवान ने ' चारों दिशाओं पर ' एक एक ' इन्द्र को ' स्थापित कर दिया है ! इन चारों के अलग अलग नाम भी हैं , यथा : -पूर्व में ' वृध्श्रवा ' इन्द्र : पश्चिम में ' विश्व -देवा ' इंद्र : उतर में ' अरिस्तदेव : इंद्र : और ' दक्षिण में ' बृहस्पति : इंद्र : , इस प्रकार , इन चारों दिशाओं के " मूल केंद्र -स्थल बिंदु : में ' सूर्य ' हैं , और उनका : प्रतिक्र:आत्मक : कलश ! ..इसके ' दो - भागों को : देव मंडल और ' पितृ - मंडल ' कहा गया है , बिकॉज़ : देव - मंडल --आयताकार ' और ' पितृ - मंडल ' वृताकार ' होता है , इसमें से ' छह : - रोशनियाँ ' तरंगित हों , निकलती रहती हैं ,( ईको फ्रेंड , लेज़र वेव ' 4.डेवोशनल ' डे 'डी:कैटरस :)- जिनसे ' बनीं : - आकृति : - ही ' स्वस्तिक ' कहलाती हैं !..यही ' स्वस्तिक ' आकृति ही ' विभिन्न रुपी - दैवीय : उर्जाओं ' का ' आह्वाहन भी करतीं हैं ! ' दिव्य ' शब्द ' कल्पदुरूम में ' स्पष्टतय: ही इंगित हैं ! मेरे द्वारा : " काल के ' अविचल ' आधारित ' लेख में ही , आपकी जिज्ञासाओं और , कुंडलनी ' शक्ति ऊर्जा , का आह्वाहन , पर , उतर भी समाहित ही हैं !..धन्यवाद जी ..सभी प्रबुद्घ पाठक वर्ग को , ! जो , अपनी जानकारियों के साथ साथ , हमारे उत्साह की भी ' श्री वृद्धि भी करतें हैं !
• धन्यवाद सभी प्रबुद्ध पाठक वर्ग को ! • सभी खोजों के द्वारा ,हम केवल सत्य : को ही पुनः स्थापित करतें हैं ! उस पूर्ण " ईश्वर द्वारा ही " की बनाई , सभी रचनाएँ पूर्ण ही हैं ! उसे उसी प्रकार ही रहने दो ! अपनी और से कोई परिवर्तन नहीं करो , फ़िर देखो , उस प्राकृतिक सुंदरता के अंदर छिपे , उस ' सुंदरतम ' के दर्शन कर आप चकित रह जाएंगे ! डॉ कार्तिकेय शाह : इसे इस विकसित दृष्टिकोण के माध्यम से समझे : ..कभी आप मित्रों के साथ उद्यान में जाइये , वहां देखिए ' उस ' सुंदरतम ' की छटा को ! चारों और सुंदरता का साम्राज्य फैला हैं : आपकी जो आंखे विभिन्न रंगों को , बाजार में देखना चाहती थीं , वे , बाजार के बनावटी रंग यहां फीके पड़ गये हैं , कृत्रिमता बेचारी में क्या सामर्थ्य हैं कि : स्वभाविकता : की बराबरी कर सकें ! विचारकों ने कितना सुंदर कहा है -- जहाँ ' रूप है ' वहां --बनावट " भी है !जहाँ ' बनावट " है , वही " सजावट " भी है ! और : सजावट " में " थकावट " है ! और , जहाँ -- थकावट है " वहीँ ' गिरावट " है ! प्रकृति में सादगी है : शांति है : खोज़ का आमंत्रण है : पोषक तात्विक वैचारिक उर्वरता है : वहीँ " अनंतता " का प्रतीक है : और वही " दार्शनिक - आध्यात्मिकता " के विश्लेषण की " पृष्ठभूमि भी ..है : ! तो " आशय स्पष्ट हुआ !
• थैंक्स फ्रेंड्स टीम ; रीडर्स : & एडवाइसऱस ! ..कभी " चाइना " के राज़दूत , " हू : शीह " जो अमेरिकन एम्बेसी में कार्यरत थे " ने कहा था - कि , " भारत ' बिना एक भी सिपाही भेजें, बीस सदिओं से, सांस्कृतिक रूप से , चाइना " पर राज़ कर रहा है ..चीन , के राज़दूत का यह कथन , अत्यंत महत्वपूर्ण है : यह इस बात का द्योतक है कि ,भारत के पास बहुत कुछ है - दुनियाँ की , आंख से आंख , मिलाकर आगे बढ़ने के लिए ! " मर्करी : पारा : के औषध रुपिये गुणों में " न्यूरॉन " की बढ़ोतरी का प्रयोग कैसे किया ज़ा सकता है : तो - पहले " ये ' न्यूरोन हैं क्या ? को , समझ लें ! " तंत्रकाओँ का निर्माण जिन " कोशिकाओं " से होता हैं उन्हें ही " न्यूरोन " कहते हैं : न्यूरोन : हज़ारों छोटे छोटे रेशों से बना होता हैं : न्यूरोन " के एक -और ,अनेक शाखाएं सी निकली होतीं हैं ! जिन्हे " डेंड्रॉन " कहते हैं : इस " डेंड्रॉन " का काम ,उद्यीपन को : ग्रहण , करना होता हैं : न्यूरोन " के , दूसरी और : एक लम्बी सी दुम , निकली होतीं हैं : जिसे " एक्ज़ोन " कहते हैं : एक्ज़ोन " का काम ' उद्यीपन को " मस्तिक्ष या : " मेरूरजजु " तक पहुंचाना होता हैं : " न्यूरोन ' के " डेंड्रॉन " के ग्राहक : ( आंख : कान : त्वचा : नाक : मुँह : आदि :-) से सम्पर्क रखते हैं : जिस जगह " एक : न्यूरोन ' का " एक्ज़ोन ' खत्म होता हैं , वहीं से दूसरे " न्यूरोन : का : डेंड्रॉन "शुरू हो ज़ाता हैं : जिससे ' पहले " न्यूरोन - के " एक्ज़ोन " से ' इन -कमिंग ' आये , उद्यीपन को , दूसरे : न्यूरोन का- डेंड्रॉन" ग्रहण " कर लेता हैं : और अपने , एक्ज़ोन , द्वारा : आगे बढ़ाकर , तीसरे +… न्यूरोन " तक पहुंचा देता हैं : उद्यीपन ' तीसरे + न्यूरोन : से ' चौथे : चौथे - से - पांचवे ..और इसी तरह , अनको न्यूरॉनों " से होकर , उस " एक्ज़ोन " तक - पहुंच ज़ाता हैं -- जो किसी प्रभावक ( कर्मेन्द्रिय :-) से सम्पर्क रखता हैं : और , वह क्रियाशील हो , प्रभावक : प्रतिक्रिया भी करता हैं !.. डॉ कार्तिकेय शाह : वैसे जानकारी के लिए : " गोल्ड : सोना : सोने को ' इंग्लिश भाषा में " ऐ : यू : मेटल : भी कहा ज़ाता हैं ! यह केमिस्ट्री : शब्ध्कोश से व्याखित हैं ! ..और " गोल्ड को ही " END LESS METAL : अंत-हीन धातु " भी कहते हैं बिकॉज़ : इस धातु को - एक हज़ार वर्षो तक भी " एक हज़ार डिग्री के तापक्रम पर टिकाएं रखो - तो भी - उसका वज़न " रत्ती भर भी कम नहीं होता यानि - यह खर्च , बिलकुल नहीं होता --×… इसी लिए : पूरे मूल्य की वापसी के कारण ही ' ये : आज तक बहुमूल्य भी बना हुआ हैं ..!
Ab kuch log kahenge ki ye to impossible hai hai liquid mercury ko solid state me nahi badla ja sakta hai, kyuki ye sab to mythology hai us period me ye sab karna possible hi nahi tha aj ki science jyada advanced hai. Bla. Bla. Bla.😂😂😂😂😂 To unko sab ko me bata du ki ancient India science ke god hai 😎😎
Praveen Mohan Ancient Rushimuni . always me bolti hu aap purane kisi Rushi Muni ka rebirth hai jo hindu dharam ka Satya ,bhavyata sacchai ke sath batate ho . Aap ke parents ko koti koti vandan .
Agreed BUT the RASA LINGAM exhibits its true power only if it is made under some auspicious nakshatras, with binding all 10 directions and churning in specific herbs and while chanting related mantra......which is quite laborious and hence out of 1000 mercury items, only 10 or less shows the actual spiritual power. Without the actual procedure, its just a solidified metal, nothing else.
प्राचीन ज्ञान प्रक्टिकल दिखाने के लिए धन्यवाद , आप अगर ये रासायनिक प्रक्रिया मिट्टी या चिनिमिट्टी के बर्तन में बनाते तो अशुद्धियां कम रहती और आपको अधिक पारद मील जाता ।
kya aap ne fir mitti k bartn me ye process ki? jo do alag bhaag aapne kiye or fir jod diye to kya vo completely join ho jata he ya fir soldering karna hota he ( vo kaise ho sakta he? ) shiv ling k baad aapne paare pe liquid para dala fir kya hua vo mix ho gaya ya vo alag hi raheta he? is pare ki ball ( gutika ) ir shiv ling me sudhhata kitni he agar koi ashudhhi rah jaae to fir kon si process karni he or kaise pata chale ki ye pura sudhh para he? last me mene jisse suna he vo yah baat he ki jo pare ko thos bana sakta he vo isse sona bhi bana sakta he to kya vo pryog aapke success hue ya kiye he... ? agar aap success ho to kya aisa video utube pe ya kisi group me rakhenge? aap ne aise jitne parad shivling banaane wale he oonse mile he? Or aakhri jigyaasa he kya aise kisi sidhh vykti se mile he jo aise pryog or mantro se vidhya se dhaatu parivartn kar sakte he? aap rasayan k visay k jude hue he jisse aap aise pryog me dilchspi rakhte he to is parinaam se pahele ( means yaha tak aane tak ) aage kitne pryog kiye hue the jis ki kamio ko sudhhar k yaha tak aaye isme aap ko kon kon si madad mili? aap muje w'up karnge to mere paas Google se ek do vykti jo badi matra me is tarah k shivling banaate he ooski image bhejunga... muje reply jarur karie... ( is process k liye me kitna time lagaaya he par koi PURI details nahi dete sab ne monopoly kar rakhi he... aapne aise logo ko sabak sikhaaya he ki gyaan vo suraj he jiski roshni kabhi chhupi nahi raheti...! ❤🙏💐🙏🙏💐🙏❤ Jay ho Shiv Shakti ki ❤🙏💐🙏🙏💐🙏❤
Thankyou "Shrila Prabhupad"🙏🏻 for teaching us about ShriRadhakrishna🙏🏻Your Actions made whole world to follow Sanathan Dharma Unconditionally,Santhan Dharm is spreading Maximum In every country due to you,Thankyou Shrila Prabhupad,Hare Krishna 😭🙏🏻♥️
Vishvas nahi hota ki paare ko solid form me bhi change ker sakte hain. But aaj Praveen ji ne ker dikhaya. Well done Praveen ji. Mahadev ji ki kripa aap per sda bni rahe
Good Information but para se lingam without metal mixed karke bnana challenge hai but sir aapne metal ka bowl use Kiya jo metal mix ho gya para me so need to improve this technique because prachin log ke bare m yah h ki woh without metal mixed kiye huye para lingam bnana hai....
Sir, there are two independent reactions, 1_ Sulphur + ammonia + limejuice , 2_ the mercury + aluminum vessel ,actually in 2nd reaction the thing which is produced is amulgum of aluminum. You just only put mercury in an aluminum vessel , later an hour mercury will start eating the aluminum and convert it into clay(amulgum).thank you
Yesss, I was also thinking about alluminium. I am not a chemistry student but I was curious about that. Alluminium must have taken part in this chemical reaction.
Even today in Isha Yoga centre there's Suryakund & Chandrakund Lingam which is made up of Solid Mercury. Even Linga Bhairavi & Dhyanalinga has Solid Mercury base.
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1)प्राचीन फ्री एनर्जी डिवाइस का पुनः निर्माण th-cam.com/video/4Z16GY5MTCc/w-d-xo.html
2)1000 साल पुराने एनर्जी लिंगम की खोज ? th-cam.com/video/-aEuG6xmipY/w-d-xo.html
3)भविष्य की झलक दिखलाती प्राचीन नक्काशियां? th-cam.com/video/JXRe0V4pO8Y/w-d-xo.html
Daddu lingam don't mean shiv pennis ling means symbols like lady symbols stri man symbols pu, striling and pulling. Same way shiv symbol shivling. In sanskrit ling means symbols
Yes
@@Curiosity-1992yes he is also saying the same.
आपके द्वारा अद्भूत प्राचीन ज्ञान को जानने और समझने का नजरिया विकसित हो रहा । आप इस सोशलमीडिया पर एकमात्र व्यक्तित्व नजर आ रहे जो रियलिटी को एकदम प्रत्यक्ष और विस्तृत दृष्टिकोण से वर्णित करते हैं कोटि धन्यवाद 🙏🙏👌👌👌👌👌🚩👏👏
Right bro 🇮🇳
Bilkul Satya Ji.
It's good knowledge to that people who believe in
But some suppersitious are always in there mind
But it's probable by science
This is the best use of TH-cam
Not this not prachin paralingam....original ligam can desolove gold and if you drop that lingam in water under sunlight sunlight makes it colour into gold.
I am BAMS doctor I studied this..... actually this fact is right ..... thanks sharing about fact to everyone .. I am big fan of you sir...we did this in our rasashastra practical.
it is sodium marcury and cpper alloy
i done this from parad sanhita
Gold from marcurry
Nagarjuna🤝🚩
@@IndianBoy-bj2vj u r right... Nagarjuna
प्रवीण जी आप हमारे क्रिस्टल, आप हमारे चमकदार पारे, आप हमारे पारस है।आपने हमे सनातन पर गर्व के क्षण दिए है।एवम ये विश्वास भी दिया कि पूर्व के अतीत काल मे सनातन की इतनी हानि होने के बाद भी सनातन वंश में भारतीय सन्तति में आज भी बौद्धिक क्षमता की कमी नही है।बाकी ज्यादा जगह तो अब वर्ण संकर ही हैं पर सनातन की विवाह परंपरा गोत्र परंपरा के कारण अभी भी हमारी बुद्धि सक्षम एवम शुद्ध है जो राष्ट्र एवम धर्म के प्रति आज भी नतमस्तक हैं।प्रणाम
Sar Ji, Bilkul Satya Vachan he Ji Apke.
जय हो 🙏🙏 प्रवीण जी आपने आधुनिक विज्ञान को झूंठा साबित कर दिया।आप महान वैज्ञानिक हो।आप नोबल पुरस्कार से सम्मानित होने चाहिए 🙏🙏
नोबल प्राईज ज्यादातर अंग्रेजों के चमचों के लिए है। यह भारत के रत्न हैं।
Great praveen mohan
@@sab__-hv5sb sahi baat hai but talent ke liye agar diya jaye to praveen mohan ji ancient research ke Einstein's hain.
Inhe konsa Parasmani puruskar dena chahiye
🌻🕉️🌻
मैं ने पूछा भगवान से
कैसे करुँ तेरी पूजा -
भगवान् बोले -
" तुम स्वयं भी मुस्कुरा
दूसरों' को भी मुस्कुराने
का कारण दे"
हां,अब हो गई मेरी पूजा!
🌷जय श्री राम 🌷
🚩🙏🚩
भ -- भूमि(धरती)
ग -- गगन (नभ)
व -- वायु (वात)
आ -- आग(अग्नि)
न् -- नीर (पानी)
पंच महातत्व के श्रेष्ठ संयोग,, जिससे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड बना है ✔️🥰🌹💕🌍
कोटि कोटि धन्यवाद। आप प्राचीन भारतीय अद्भुत ज्ञान को अत
यंत सरल शब्दो मे समझाने मे सफल रहे हैं। इस के लिये आज की पीढी कृतज्ञ रहेगी।
Bilkul right Ji.
Koti koti prnam aapko ees tarah ka vilupt gyan saral bhasha me prakat karne hetu 👏
मृत्युंजय के विस्तार को इतनी सरलता से समझाने के लिए आपको बहुंत-बहुंत धन्यवाद प्रवीण जी ,👍👍👍👍👌
🙏🙏
@@PraveenMohanHindi
ओम् नमस्ते जी
शिवलिंग का क्या अर्थ है? इस पर विडियो बनाइये
Ye kon hai ?? Me rajput hu
मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं देखा थ गुरु पूर्णिमा के दिन लिंगम बनाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Ji
Aap mere sabse ache TH-camr ho sir
🙏🙏
We have parad shivling newly made in Surat Paal area
आपके चॅनेलपर बहोतही अद्भुत, सुंदर और विशेष चिजें सुननेको,देखनेको मिलती है, थँक्स प्रवीण सरजी🙏🙏
Praveen mohan and satya sanatani ye do channel hi ha jo sanaatan ka scientific gyaan dete ha.
Bilkul Manjiri Ji.
You nailed it ❤️ from uttarakhand The land of shiva
हर हर महादेवः,,,,,,,,🙏❤️❤️🙏,,,,,,प्रवीण मोहन जी
हर हर महादेव
प्राचीन भारतीय कितने विलक्षण बुद्धि के धनी थे।ये आपकी वीडियो देखने के बाद हमारा विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है।आपको कोटि कोटि धन्यवाद।
🙏🏻🙏🏻
सर मैंने पिछले वीडियो में आपसे पूछा था कि आपकी टीम कितने लोगों की है और इस तरह की रिसर्च करने में कितना समय लगता है वीडियो बहुत ही अच्छा लगा ज्ञानवर्धक था
यह अद्भूत है ।आप भहुत ही होशियार हो। शिवजी की अनुकम्पा आप पर बनी रहे।
श्रीमान आप अद्भुत कार्य कर रहे हैं।
आप यह महत्वपूर्ण काम अपने निजी व्यापार करते हैं या कहीं से कोई आवश्यक मदद मभी मिलती है।
फिलहाल आपके कार्य को देख कर के भारतीय होने पर गर्व होता है। और संदेश मिलता है कि हमारे बुजुर्ग बहुत ही विद्वानथे। पर षड्यंत्र कारी लोगों ने ऐसा सिद्ध किया कि हमारे बुजुर्ग कुछ जानते ही नहीं थे।
बहोत अदभुत हैं... सर अगर मुझे एक बडा पारा लिंगम बनाना हैं जो किसी मंदिर मे स्थापन करना है तो क्या ये संभव हैं?
सम्भव है
यही प्रकिया से ये सम्भव है
Parad ke 16 sanskaar krne ke baad hi pooja roop mein lgaya jaye
Sir kripya ye or batae ki 16 sanskar kaise kiye jate h
@@Shyamsaware207hamare yaha banta he parad shivling
You are great and precious Gems of India. Your scientific approach towards relating ancient science to today science is great.
प्रवीण मोहनजी प्राचीन ज्ञान को सही तरीके से समजाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। सनातनी ज्ञान बहुत विशाल ओर आदृत है ।
Your all ancient archaeological findings are unique and creating a new wave of awareness among all us Indians to feel very very proud of our ancesters who were unimaginatively the most intelligent humans ever lived on this earth planet.The day will come soon when the whole world will recognise this fact. More & more work need to be done to find our hidden & forgotten ancient successive works.
🙏Thanks for watching
आपने ऐसे प्राचीन ज्ञान को उजागर किया जो अब तक गुप्त बना हुवा था। आप को बहुत धन्यवाद
🙏🙏
Like Modiji, you are another divine light who has the responsibility of educating the mass through social media. Thanks so much ! I have been dieing to know about how to make a Parad Shiva Linga. My Regards 🙏🙏🙏
🙏🙏
हर हर महादेव
हर हर महादेव
🙏जय श्री महाकाल 🙏 प्रवीण जी आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे है ईश्वर आप को लम्बी उम्र प्रदान करें l आज के समय में आप जैसे निस्वार्थ अन्वेषको की काफी कमी है l ईश्वर आप के सभी प्रयोगो में आप को सफलता प्रदान करें l
जय श्री महाकाल
Bilkul Ji, dr.sahabJi.
I thought you stopped making videos but now I know you are increasing the spectrum of knowledge to different language speaking people.
Very nicely explained. Your efforts are tremendous.
God bless!!!
अद्भुद आश्चर्यजनक , प्राचीन विज्ञान कितना विकसित था ।
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
Bahut khub 👌👍🌹🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
धन्यवाद🙏
साधुवाद प्रवीण जी, जय हो सनातन धर्म की 🚩🙏
Excellent 👌
Thanks a lot 😊
Knowledge with simple explanation , thank you.
हर हर हर महादेव |
जय जय श्री राम ||
उत्तर भारत मे यदि कोई मन्दिर रहस्यमयी हैं तो उस पर भी वीडियो बनाइए सर्🙏🙏
हमारा दक्षिण भारत अत्यंत ही रहस्यमयी है उससे भी अधिक रहस्यमयी वहाँ के मंदिर है।
तो क्या ऐसे ही रहस्यमयी मन्दिर उत्तर भारत में भी है या नहीं....
आपसे निवेदन है इस विषय पर भी वीडियो बनाइये🙏🙏
Bahut oam hai sab mugalo aur turkey arab walo ne tod diye hai
Sare Mandir tod dye mughlo ne
Mullo ne tod diye
थे पर नष्ट किए लुटेरों ने और जो बचे हैं उन्हें मकबरे बना दिया है
1000 eklingi mandir in sarsainavar in district etawah
Pravin mohan sir you are great , apke knowledge ko koti koti naman hai
🙏🙏
Har har mahadev
हर हर महादेव
Hlo bhabhi
Hlo devar g aap bhi praveen ji ka video dekhte hai
Ha mai to inka bara fan hu
Nice
A lot of thanks Pravin Mohan Ji
Aap ne hamari prachin gyan ko jivit kar diye hain
WOW! This knowledge is fantastic. We must research it's alternative uses to solve mordern day problems
Thanks
भगवान चंद्रमोलेश्वर आपको नित्य सनातन संस्कृति के अलौकिक मार्ग को प्रशस्त करने का समर्थ करे।।
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Love you sir ♥️♥️♥️
💖
• मर्करी : पारा : ! पारे का वज़न ::..
अन्य : ' धातुओं से " 13. ×… गुणा
अधिक होता हैं ! ..
डॉ कार्तिकेय शाह : और यह " ..विद्युत का एक अच्छा माध्यम ( कंडक्टर )
भी होता हैं ! ..
• मर्करी : पारा : थोड़ी सी गर्मी भी
सहन नहीं कर पाता ! इसी लिए ,
इसका उपयोग " थर्मामीटर " में
शरीर के ,तापक्रम : को जांचने के
लिए भी किया ज़ाता हैं ! ..
डॉ कार्तिकेय शाह : एक दिलचस्प जानकारी : पारा " सुवर्ण धातु : सोने को भी : अपनी " ज़कड़ " में लें लेता हैं ! यानि " सोने को ,अधिक नज़दीकी पाकर " उस धातु पर " स्वतः ही " अपनी कोटिंग " ( मुलल्मा :) भी चढ़ा देता हैं -- तब , वही धातु " एकदम सफेद रंग " की दिखने लगती हैं ..और वापिस " आग " में उसे " तपाने " से , वह अपनी मूल रंगत पुनः प्राप्त भी कर लेता हैं : " यानि " सुनहरी " आभा युक्त : आवरण की सुंदरता ! ..और " रसायन महाकल्प : ज्ञान के प्रथम "
अल्कीमिया : लार्ड शिवा : " का " रस पारद व : गंधक : माँ : पार्वती : का " रज़ " दोनों को मिलाकर " कज़्ज़्ली रस : का ' महा-अमरत्वयोग " सिद्ध रसायन : तैयार की ज़ाती है ! वह शरीर के अधिकाधिक रोगोँ का समूल निदान भी करतीं है ! और " कुण्डलिनी " ( सरपेण्ट पावर " रहस्य्मय दिव्य ऊर्जा शक्ति : जो ' पारलौकिक ' ज़गत से कनेक्टेड करतीं है !) को ' जगाने में भी सहायक सिद्ध होतीं है , के लिए , उपयोग किया ज़ाता है ! ..
@@ffh4xinjector454 can u plz tell me from where u got such info... I want to read too in detail
@@singhjigyasa9934 हार्दिक अभिनंदन जी ' सिंह साहेब " एक कहावत है कि " परंपरा को ' अंधी लाठी से - मत पीटो :उसमें बहुत कुछ है ..जो ..जीवित है ..जीवन -दायक है :..
जैसे भी ..हो ..ध्वंस : से बचाकर रखने लायक है ! ..यह कलात्मक शब्दों की रचना " के रचियता हैं : श्री रामधारी दिनकर , जी ! दरअसल ,कवितकर्म : के विशषज्ञ ही , शब्दों के पार उतर कर देखने की एक अनूठी क्षमता भी रखते हुऐ : उस संस्कृति के जीवंत रूप को बेमिसाल होने का गौरव भी वही ,लोग उसे दिलाते हैं ! महोदय ," यही ' मर्करी : पारे की , बनीं गोली या,अन्य रूप की ढली , ऐसी ही वस्तु को अगर " आप , ऐलमिनियम ' के सिक्के या शीट , पर , घिसेंगे तो , उसमें से " भभूत : या भस्म उत्तपन्न हों निकलने लगेगी ! वही चम्तकार कह " बाबा , सन्यासी लोग , अक़्सर जादू के नाम पर खेल , दिखाते रहतें हैं ! अस्तु : आपने ऐसी किसी पुस्तक , जिसमें , ऐसी वास्तविक जानकारियाँ संग्रहित हों , पर , अपनी निजी जिज्ञासा हेतु , विवरण माँगा ! परंतु ,ऐसी " अलग से ' कोई पुस्तक , वर्तमान में उपलभ्ध नहीं हैं ! ( आप या अन्य महानुभाव प्रबुद्ध पाठक अपनी रूचि व समय की आवश्यकता को , समझ कर चाहें तो यह भी " संकलन " पब्लिश्ड हों सकता हैं ! )ये सब मेरी अपनी ही खोजी प्रवृति व देशप्रेम भावना के पीछे ,वह स्वयं स्फूर्त :
प्रेरणा ही उत्साहित रखतीं हैं ! ..बस उन्हीं से " व , स्मरण शक्ति से , ये सब " बयाँ और ध्वनित होना संभव हों पाता हैं !..देखें एक विलक्षण बानगी !..
डॉ कार्तिकेय शाह : आपूर्ण आसव कलश : स्वः सेक्तेव कोषम विविधत्ते :..
पिळ:ये : प्रदक्ष्णीणोंभि : सोमास इन्द्र्म ! पवित्र जळ से भरा हुआ " कलश " भगवान इन्द्र को समर्पित हैं ! इसी प्रकार अथर्वर्वेद में ' मधु " से भरे कलश ' और दही से भरे ' कुंभ ' की भी चर्चा की गयी हैं ! व , इसकी चर्चा , स्कन्द पुराण , मत्स्य पुराण , और , वाज़सनेय संहिता ,में भी उल्लेखित हैं ! यहां , गौर-तलब है कि : "मङ्गल -चिंह प्रतीक " स्वस्तिक ' के कई अभिप्राय हैं ! इसका एक अर्थ ' चौराहा ' ( चेम्ब्री ) है ! जो संगम बनकर ' वहां से - चारों दिशाओं में -- मार्ग प्रशस्त करने का प्रतीक है : इसी प्रकार स्वस्तिक ' का एक अर्थ है -- " सूर्य : " सूर्य की किरणें चारों दिशाओं में ' रौशनी बिखेरती हैं , और ' विघ्न रुपी अंधकार को समाप्त करतीं हैं , उसी का एक प्रतीकात्मक स्वरूप स्वस्तिक भी है ! नोट: चारों दिशाओं में इसका ' एक एक - प्रतीक -इस प्रकार किया गया जैसा लगता है ,
वह ' कलश -रुपी : - रत्न - राशि ' से सूर्य : भगवान ने ' चारों दिशाओं पर ' एक एक ' इन्द्र को ' स्थापित कर दिया है ! इन चारों के अलग अलग नाम भी हैं , यथा : -पूर्व में ' वृध्श्रवा ' इन्द्र : पश्चिम में ' विश्व -देवा ' इंद्र : उतर में ' अरिस्तदेव : इंद्र : और ' दक्षिण में ' बृहस्पति : इंद्र : , इस प्रकार , इन चारों दिशाओं के " मूल केंद्र -स्थल बिंदु : में ' सूर्य ' हैं , और उनका : प्रतिक्र:आत्मक : कलश ! ..इसके ' दो - भागों को : देव मंडल और ' पितृ - मंडल ' कहा गया है , बिकॉज़ : देव - मंडल --आयताकार ' और ' पितृ - मंडल ' वृताकार ' होता है , इसमें से ' छह : - रोशनियाँ ' तरंगित हों , निकलती रहती हैं ,( ईको फ्रेंड , लेज़र वेव ' 4.डेवोशनल ' डे 'डी:कैटरस :)- जिनसे ' बनीं : - आकृति : - ही ' स्वस्तिक ' कहलाती हैं !..यही ' स्वस्तिक ' आकृति ही ' विभिन्न रुपी - दैवीय : उर्जाओं ' का ' आह्वाहन भी करतीं हैं ! ' दिव्य ' शब्द ' कल्पदुरूम में ' स्पष्टतय: ही इंगित हैं !
मेरे द्वारा : " काल के ' अविचल ' आधारित ' लेख में ही , आपकी जिज्ञासाओं और , कुंडलनी ' शक्ति ऊर्जा , का आह्वाहन , पर , उतर भी समाहित ही हैं !..धन्यवाद जी ..सभी प्रबुद्घ पाठक वर्ग को , ! जो , अपनी जानकारियों के साथ साथ , हमारे उत्साह की भी ' श्री वृद्धि भी करतें हैं !
• धन्यवाद सभी प्रबुद्ध पाठक वर्ग को ! • सभी खोजों के द्वारा ,हम केवल सत्य : को ही पुनः स्थापित करतें हैं ! उस पूर्ण " ईश्वर द्वारा ही " की बनाई , सभी रचनाएँ पूर्ण ही हैं ! उसे उसी प्रकार ही रहने दो ! अपनी और से कोई परिवर्तन नहीं करो , फ़िर देखो , उस प्राकृतिक सुंदरता के अंदर छिपे , उस ' सुंदरतम ' के दर्शन कर आप चकित रह जाएंगे !
डॉ कार्तिकेय शाह : इसे इस विकसित दृष्टिकोण के माध्यम से समझे : ..कभी आप मित्रों के साथ उद्यान में जाइये , वहां देखिए ' उस ' सुंदरतम ' की छटा को ! चारों और सुंदरता का साम्राज्य फैला हैं : आपकी जो आंखे विभिन्न रंगों को , बाजार में देखना चाहती थीं , वे , बाजार के बनावटी रंग यहां फीके पड़ गये हैं , कृत्रिमता बेचारी में क्या सामर्थ्य हैं कि : स्वभाविकता : की बराबरी कर सकें ! विचारकों ने कितना सुंदर कहा है -- जहाँ ' रूप है ' वहां --बनावट " भी है !जहाँ ' बनावट " है , वही " सजावट " भी है ! और : सजावट " में " थकावट " है ! और , जहाँ -- थकावट है " वहीँ ' गिरावट " है ! प्रकृति में सादगी है : शांति है : खोज़ का आमंत्रण है : पोषक तात्विक वैचारिक उर्वरता है : वहीँ " अनंतता " का प्रतीक है : और वही " दार्शनिक - आध्यात्मिकता " के विश्लेषण की " पृष्ठभूमि भी ..है : ! तो " आशय स्पष्ट हुआ !
• थैंक्स फ्रेंड्स टीम ; रीडर्स : & एडवाइसऱस ! ..कभी " चाइना " के राज़दूत , " हू : शीह " जो अमेरिकन एम्बेसी में कार्यरत थे " ने कहा था - कि , " भारत ' बिना एक भी सिपाही भेजें, बीस सदिओं से, सांस्कृतिक रूप से , चाइना " पर राज़ कर रहा है ..चीन , के राज़दूत का यह कथन , अत्यंत महत्वपूर्ण है : यह इस बात का द्योतक है कि ,भारत के पास बहुत कुछ है - दुनियाँ की , आंख से आंख , मिलाकर आगे बढ़ने के लिए ! " मर्करी : पारा : के औषध रुपिये गुणों में " न्यूरॉन " की बढ़ोतरी का प्रयोग कैसे किया ज़ा सकता है : तो - पहले " ये ' न्यूरोन हैं क्या ? को , समझ लें ! " तंत्रकाओँ का निर्माण जिन " कोशिकाओं " से होता हैं उन्हें ही " न्यूरोन " कहते हैं : न्यूरोन : हज़ारों छोटे छोटे रेशों से बना होता हैं : न्यूरोन " के एक -और ,अनेक शाखाएं सी निकली होतीं हैं ! जिन्हे " डेंड्रॉन " कहते हैं : इस " डेंड्रॉन " का काम ,उद्यीपन को : ग्रहण , करना होता हैं : न्यूरोन " के , दूसरी और : एक लम्बी सी दुम , निकली होतीं हैं : जिसे " एक्ज़ोन " कहते हैं : एक्ज़ोन " का काम ' उद्यीपन को " मस्तिक्ष या : " मेरूरजजु " तक पहुंचाना होता हैं : " न्यूरोन ' के " डेंड्रॉन " के ग्राहक : ( आंख : कान : त्वचा : नाक : मुँह : आदि :-) से सम्पर्क रखते हैं : जिस जगह " एक : न्यूरोन ' का " एक्ज़ोन ' खत्म होता हैं , वहीं से दूसरे " न्यूरोन : का : डेंड्रॉन "शुरू हो ज़ाता हैं : जिससे ' पहले " न्यूरोन - के " एक्ज़ोन " से ' इन -कमिंग ' आये , उद्यीपन को , दूसरे : न्यूरोन का- डेंड्रॉन" ग्रहण " कर लेता हैं : और अपने , एक्ज़ोन , द्वारा : आगे बढ़ाकर , तीसरे +… न्यूरोन " तक पहुंचा देता हैं : उद्यीपन ' तीसरे + न्यूरोन : से ' चौथे : चौथे - से - पांचवे ..और इसी तरह , अनको न्यूरॉनों " से होकर , उस " एक्ज़ोन " तक - पहुंच ज़ाता हैं -- जो किसी प्रभावक ( कर्मेन्द्रिय :-) से सम्पर्क रखता हैं : और , वह क्रियाशील हो , प्रभावक : प्रतिक्रिया भी करता हैं !..
डॉ कार्तिकेय शाह : वैसे जानकारी के लिए : " गोल्ड : सोना : सोने को ' इंग्लिश भाषा में " ऐ : यू : मेटल : भी कहा ज़ाता हैं ! यह केमिस्ट्री : शब्ध्कोश से व्याखित हैं ! ..और " गोल्ड को ही
" END LESS METAL : अंत-हीन धातु " भी कहते हैं बिकॉज़ : इस धातु को - एक हज़ार वर्षो तक भी " एक हज़ार डिग्री के तापक्रम पर टिकाएं रखो - तो भी - उसका वज़न " रत्ती भर भी कम नहीं होता यानि - यह खर्च , बिलकुल नहीं होता --×… इसी लिए : पूरे मूल्य की वापसी के कारण ही ' ये : आज तक बहुमूल्य भी बना हुआ हैं ..!
The Great Sanatan hindutva ancient science 👍🕉🙏...Always ahead ...🦁
खुब-खुब धन्यवाद: हरि-ॐ
🙏🙏
सच मे हमारे पूर्वजो के पास उन्नत विज्ञान था 👍🙏
BILKUL KADWA SACH HE JI, SANAATAN SANSKRITI SE BADI PURE BRHAMAND ME KUCHH BHI NAHI HE JI.
Adbhut video aap ki jitni tarif ki Jay utani kam hai ❤️❤️
धन्यवाद
महादेव जी की कृपादृष्टि हमेशा बनी रहे आप पर ....🙏 🙏 🙏
Sir ap ko pranam 🙏💐💐💐. Very nice sir 🙏 jay Jagannath 🙏 Jay Bharat 🙏🇮🇳🙏
I was about to experiment the same thing after reading abt shiv n shakti with mercury ... 👍U r awesome person... 🙏 Really amazed
Sir There are lots of ayurvedic medicines made from Mercury and sulfer called kajjali described in Ayurvedic Ras shastra
Shivling kafi khubsurat h ..
Excellent quality साधो साधो साधो नमस्ते 👍👍👍👍👍🕉🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩👌👌👌👌
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद 🙏🏻 कृपया इस वीडियो को अपने मित्रों के साथ शेयर करें| इस ज्ञान को भावी पीढ़ी तक पहुँचाना है|
Ab kuch log kahenge ki ye to impossible hai hai liquid mercury ko solid state me nahi badla ja sakta hai, kyuki ye sab to mythology hai us period me ye sab karna possible hi nahi tha aj ki science jyada advanced hai. Bla. Bla. Bla.😂😂😂😂😂 To unko sab ko me bata du ki ancient India science ke god hai 😎😎
👍👍
Sara science shuru YAHI se hua hai
BAS hum dava nahi kar paye dhang se. JAI SHRI RAM 🚩
@@PraveenMohanHindi
🙏 NAMASKAR
SE APNA SHOW KA ARAMBH KARE HEY GUYS, KE BADLE,
JAI SHRI RAM 🚩
Praveen Mohan Ancient Rushimuni . always me bolti hu aap purane kisi Rushi Muni ka rebirth hai jo hindu dharam ka Satya ,bhavyata sacchai ke sath batate ho . Aap ke parents ko koti koti vandan .
धन्यवाद सर 🙏इससे बढ़िया कुछ वीडियो हो ही नहीं सकता 👍👍👏👏मगर डर है कि आपकी इस हांडी को देखकर भाभी जी आपका क्या हालत करेंगी😂😂😂
hlo
अप्रतिम आपका व्हिडीओ शब्द - मे बयान नही कर सकते अदभूत ज्ञान का भंडार
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice sir💖💖💖💖🙏🏻🙏🏻
Thanks n Keep watching
एक बेहतरीन पारालिंगम बनाने के लिये धन्यवाद 🙏
🙏🏻😊
घर पर बडा पारालिंगम रख सकते हैं क्या
मैं बना कर रखना चाहता हु
Agreed BUT the RASA LINGAM exhibits its true power only if it is made under some auspicious nakshatras, with binding all 10 directions and churning in specific herbs and while chanting related mantra......which is quite laborious and hence out of 1000 mercury items, only 10 or less shows the actual spiritual power. Without the actual procedure, its just a solidified metal, nothing else.
Can u plz tell the nakshatras and mantras ??
Can you please send the details. I am also searching the person who can convert my mercury into the lingam for last two years. Kindly guide me
@@vaibhavsharma6421 arey sa kuch Praveen sir ne bata to dia h kese bnana h 😂 .. we need to know only particular nakshtra, mantra and some herbs.
हर हर महादेव प्रवीण मोहन जी 🌺🙏🙏🙏🙏🙏🌺
प्राचीन ज्ञान प्रक्टिकल दिखाने के लिए धन्यवाद , आप अगर ये रासायनिक प्रक्रिया मिट्टी या चिनिमिट्टी के बर्तन में बनाते तो अशुद्धियां कम रहती और आपको अधिक पारद मील जाता ।
👍
Ji
kya aap ne fir mitti k bartn me ye process ki? jo do alag bhaag aapne kiye or fir jod diye to kya vo completely join ho jata he ya fir soldering karna hota he ( vo kaise ho sakta he? ) shiv ling k baad aapne paare pe liquid para dala fir kya hua vo mix ho gaya ya vo alag hi raheta he? is pare ki ball ( gutika ) ir shiv ling me sudhhata kitni he agar koi ashudhhi rah jaae to fir kon si process karni he or kaise pata chale ki ye pura sudhh para he?
last me mene jisse suna he vo yah baat he ki jo pare ko thos bana sakta he vo isse sona bhi bana sakta he to kya vo pryog aapke success hue ya kiye he... ? agar aap success ho to kya aisa video utube pe ya kisi group me rakhenge?
aap ne aise jitne parad shivling banaane wale he oonse mile he?
Or aakhri jigyaasa he kya aise kisi sidhh vykti se mile he jo aise pryog or mantro se vidhya se dhaatu parivartn kar sakte he?
aap rasayan k visay k jude hue he jisse aap aise pryog me dilchspi rakhte he to is parinaam se pahele ( means yaha tak aane tak ) aage kitne pryog kiye hue the jis ki kamio ko sudhhar k yaha tak aaye isme aap ko kon kon si madad mili?
aap muje w'up karnge to mere paas Google se ek do vykti jo badi matra me is tarah k shivling banaate he ooski image bhejunga...
muje reply jarur karie... ( is process k liye me kitna time lagaaya he par koi PURI details nahi dete sab ne monopoly kar rakhi he... aapne aise logo ko sabak sikhaaya he ki gyaan vo suraj he jiski roshni kabhi chhupi nahi raheti...!
❤🙏💐🙏🙏💐🙏❤
Jay ho Shiv Shakti ki
❤🙏💐🙏🙏💐🙏❤
अति सुन्दर अति उत्तम जानकारी दी है।
अद्भुत पारद शिवलिंग बना है।
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद, कृपया इस वीडियो को अपने मित्रों के साथ शेयर करें|
आप को कोटी कोटी वंदन मोहन जी
Best youtuber and real best video keep it up sir
Thank you so much 😀
आभार बंधुवर।बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारी के लिए।
Best youtube channel. My favourite channel. My mom dad love to watch ur channel.
Wow! Thanks a lot
@@PraveenMohanHindi bro i share ur every video on my whatsapp status.
U r a gem man.
प्रविण मोहन जी हम आपके अत्यंत ऋणी है...
🙏
Thankyou "Shrila Prabhupad"🙏🏻 for teaching us about ShriRadhakrishna🙏🏻Your Actions made whole world to follow Sanathan Dharma Unconditionally,Santhan Dharm is spreading Maximum In every country due to you,Thankyou Shrila Prabhupad,Hare Krishna 😭🙏🏻♥️
Praveen sir you are great aapko bahut jyada knowledge hai
आपको एक रसायनिक लैब बनाना चाहिए 😃😃🥰
Galat
🙏
आज के विज्ञान को 100 में से 10
ओर
पुराना भारतीय विज्ञान को
100 में से 100
👍
Great, Awesome
Thanks for watching
Ji Sar.
Wow nice... Thanks for sharing 😇🙏
Ji Ragini JI.
Pranam.om.gaurishankeray.namehshivay.
🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमारे लिए इतिहास की जानकारी देने के लिए
🙏🙏
हर हर महादेव 🌺🙏🙏🌺
हर हर महादेव
Vishvas nahi hota ki paare ko solid form me bhi change ker sakte hain. But aaj Praveen ji ne ker dikhaya. Well done Praveen ji. Mahadev ji ki kripa aap per sda bni rahe
Har Har MahaDev 🙏🏻🙏🏻🥰🥰🙏🏻
हर हर महादेव
बहुत ही शानदार और मजेदार विडियो है
Good Information but para se lingam without metal mixed karke bnana challenge hai but sir aapne metal ka bowl use Kiya jo metal mix ho gya para me so need to improve this technique because prachin log ke bare m yah h ki woh without metal mixed kiye huye para lingam bnana hai....
प्रवीण जी आपका कार्य आध्यात्मिक जगत की तरफ प्रशंसनीय है 🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🏻 कृपया अधिक से अधिक लोगों को इस परिवार से जोड़े। जिससे हमारी नई पीढ़ी भी प्राचीन ज्ञान से अवगत हो सके।
जय श्री महाकाल 🙏🙏
Beautiful you are real scientist
Thank you
You are amazing sir, while watching your videos i never fall in asleep.
Wow, thanks
Om nomo Shivay 🙏🙏🙏
Fantastic video 👌👌👌👌
Har har mahadev
U r doing good job
आश्चर्यजनक है आपके प्रयोग मोहन जी !
बहुत बहुत धन्यवाद🙏🏻
Sir, there are two independent reactions, 1_ Sulphur + ammonia + limejuice , 2_ the mercury + aluminum vessel ,actually in 2nd reaction the thing which is produced is amulgum of aluminum. You just only put mercury in an aluminum vessel , later an hour mercury will start eating the aluminum and convert it into clay(amulgum).thank you
Yesss, I was also thinking about alluminium. I am not a chemistry student but I was curious about that. Alluminium must have taken part in this chemical reaction.
But it is highly toxic!!! Isn't it??
Praveen mohan ji you are inspiration for us 🙏🙏
India historic Chemistry ⚗️
👍
हर हर महादेव
🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️🔱🔱🚩🚩📿📿🙏🙏
हर हर महादेव
Sir mercury poisoning is very dangerous.... Please be careful.... May Lord shiva bless you 🙏🙏
ॐ नमः शिवाय🙏🏻
If mercury is poisonous, then why is it used to make sindoor? You know sindoor is worn to treat diseases. Why they use mercury?
Very informative, Thanks
Even today in Isha Yoga centre there's Suryakund & Chandrakund Lingam which is made up of Solid Mercury. Even Linga Bhairavi & Dhyanalinga has Solid Mercury base.
निश्चित रूप से भारत अतीत में कभी बहुत या कहें कि अति उन्नत तकनीक से सक्षम एवम सम्रद्ध रहा होगा....
Bilkul Abhimanyu Ji.
HAR HAR MAHADAV 🙏 ♥ ❤ 💖
Har har Mahadev
🌍🌳👌अद्भुत सन्देश 🤔🇮🇳👀❤
Log slman aur sarukh ko heero mante mai aapko manta hoon
🙏
अदभुत अदभुत प्रवीण जी आप महान हैं 🙏🌹🙏 जय सनातन संस्कृति
बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🏻 कृपया अधिक से अधिक लोगों को इस परिवार से जोड़े। जिससे हमारी नई पीढ़ी भी प्राचीन ज्ञान से अवगत हो सके।
Sir im big fan your
Sir please 369 par video banaiye