° मैं -- आज तक यह नहीं समझ पाया कि : महिला वर्ग के ही ' मल्ल युद्ध ' ( मान्य कृतिमत्तायुक्त को ) को इतने उत्साहित हों क्यों देखते हैं ! बनिस्बत ,पुरषों के ! तो , उतर भी लिखता हूँ कि • सभी मादा वर्ग में , गिनी जाने वाली इकाइयों ही ' अपने , परिवार को सर्वश्रेष्ठ कैसे क़र सकते हैं , जैसे लक्ष्य के भेदन की कला को भी सिखाती हैं , जैसी भावना से ओतप्रोत ! जैसे शेरनी ही , परिवारिक सदयस्यों को , शिकारी वाले दांव पेंच सिखाती हैं , या , मादा बाज़ , या , फ़िर , जलजीव : इत्यादि ! किंतु ; मनुष्यों : में " स्वीकृति के आभावग्रस्त कुंठित सोच के चलते ' हम पुरुष तो महिलाओं को , प्रोत्साहित ही करतें हैं , जैसी तुच्छ विचारधारा : के पक्ष द्वारा ही देखते हैं या समझाते हैं ? क्या पूरे ब्रह्माण्ड की स्त्रीकरण शक्ति : जो उनकी मौलिक श्रेष्ठता का स्वयंस्फूर्त प्रकृति प्रदत गुण हैं को , भी - मानव : समाज ( मेल जेंडर ) द्वारा ही , सिखाया ज़ाता हैं ? तो , मानना ही होगा " महिला वर्ग , जन्म जात ' ही सर्वगुण सम्पन्न ईश्वरीय कृति भी हैं , ! उन्हें , भरपूर इज़्ज़त व रुतबा , व समान्य अपने समान ही दर्ज़ा व अधिकार भी देने होगें ! शुभेच्छु ; डॉ कार्तिकेय शाह ..
Bravo!!!!!🇲🇩🇲🇩🇲🇩🇲🇩🇲🇩Moldova înainte!!!
Felicitari !!!!✊
Moldova🇲🇩❤❤❤❤Anastasia ❤💪🏼💪🏼💪🏼💪🏼💪🏼🔥🔥🔥🔥🔥🔥❤
Bravo. Toată stima și respect. ❤
Felicidades Anastasia saludos desde España
God bless anshu
Well done nice game played
Bravooo....!!!
Bravo ....catacter de piatra 👍👍👍👍
Moldova the best 🇲🇩🇲🇩🇲🇩
Is coach ko btao attack is the best defense
अंशु एक उभरती ⭐ पहलवान है।
Bravo Bravo Bravo
Anastasia campion
Slava Moldova
Clear cut partiality.
bravo
superr
great match , congratulations to the winner and better luck to the loser .
Три балла не додали красному за бросок
World Cup Championship
2019 delhiin avraga
❤❤❤
👍☺️
Молодец, красотка... опять попытка коронного с удушением.
She has to learn more skills .she is not understanding the instructions.
Cheating hui hai
° मैं -- आज तक यह नहीं समझ पाया कि : महिला वर्ग के ही ' मल्ल युद्ध '
( मान्य कृतिमत्तायुक्त को ) को इतने उत्साहित हों क्यों देखते हैं ! बनिस्बत ,पुरषों के ! तो , उतर भी लिखता हूँ कि
• सभी मादा वर्ग में , गिनी जाने वाली
इकाइयों ही ' अपने , परिवार को सर्वश्रेष्ठ कैसे क़र सकते हैं , जैसे लक्ष्य के भेदन की कला को भी सिखाती हैं , जैसी भावना से ओतप्रोत ! जैसे शेरनी ही , परिवारिक सदयस्यों को , शिकारी वाले दांव पेंच सिखाती हैं , या , मादा बाज़ , या , फ़िर , जलजीव : इत्यादि !
किंतु ; मनुष्यों : में " स्वीकृति के आभावग्रस्त कुंठित सोच के चलते '
हम पुरुष तो महिलाओं को , प्रोत्साहित ही करतें हैं , जैसी तुच्छ विचारधारा : के पक्ष द्वारा ही देखते हैं या समझाते हैं ? क्या पूरे ब्रह्माण्ड की स्त्रीकरण शक्ति : जो उनकी मौलिक श्रेष्ठता का स्वयंस्फूर्त प्रकृति प्रदत गुण हैं को , भी - मानव : समाज ( मेल जेंडर ) द्वारा ही , सिखाया ज़ाता हैं ?
तो , मानना ही होगा " महिला वर्ग , जन्म जात ' ही सर्वगुण सम्पन्न ईश्वरीय कृति भी हैं , ! उन्हें , भरपूर इज़्ज़त व रुतबा , व समान्य अपने समान ही दर्ज़ा व अधिकार भी देने होगें ! शुभेच्छु ;
डॉ कार्तिकेय शाह ..