सांच सुख के मूल है,, जो जानै सब कोय।। गुरु शरणा गत अडिग रहै,दिल की दुविधा खोय।। सत्य इस ब्रह्माण्ड की एक सर्वोपरि सता है, सत्य एक कसौटी है सत्य एक अनुभव है, सत्य ही ज्ञान है, सत्य ही गुरु है, सत्य ही परम आनंद है, सत्य ही मोक्ष रूपी मंजिल है, सत्य साधना है, और सत्य ही साध्य है। सांच सो कारज होत है,, झूठ सो जात नसाय। ऐसी मती जाकि भई,, ताकों काल ना खाएं।। कबीर साहिब जी की आंखों से देखे तो सत्य कोई शब्द नहीं है जिसको कोई सुन सके सत्य कोई रुप नहीं जिसे कोई देख सके, सत्य कोई आकार प्रकार नहीं जिसे कोई छू सके सत्य कोई सुगन्ध नहीं जिसे कोई सूंघ सके, सत्य को कोई निर्धारित नहीं कर सकता सत्य को कोई परिभाषित नहीं कर सकता सत्य को कोई सीमा में नहीं बांध सकता, सत्य को कोई नाम नहीं दे सकता, क्योंकि नाम से तर्क उत्पन्न होता है,और तर्क से भ्रम, इसलिए सत्य केवल सत्य है, इसलिए सत्य नाम है,।। देखा जाए तो सत्य कुछ भी नहीं है,और सत्य ही सब कुछ है। सत्य से ही संसार का अस्तित्व है सत्य किसी को बताने या किसी से जानने की वस्तु नहीं है, बल्कि सत्य खोजने का विषय है। खोज कर अनुभव करने का विषय है। अनुभव करके उस पर अटल होने का विषय है। सत्य एक ऐसा मुक्ति पद है कि जो संसार के सारे बंधनों से मुक्त करवाता है। बहुत से विद्वान कहते हैं कि, कण-कण में सत्य व्याप्त है। कण-कण में समाया हुआ है लेकिन कबीर साहेब जी की आंखों से देखे तो सत्य कण-कण में समाया नहीं है। बल्कि कण कण रुपी असत्य का आधार सत्य है या ऐसे भी कह सकते हैं कि कण-कण सत्य का साक्षी है।। सत्य के आधार पर असत्य टिका हुआ है, असत्य परिवर्तन शील है, सत्य अपरिवर्तन शील है अर्थात सत्य तीनों काल में एक समान रहता है। सत्य मान अपमान से रहित है। सत्य को वर्तमान में कभी भी मान सम्मान नहीं मिल सकता। क्योंकि सत्य बहुत कड़वा होता है जिसे ग्रहण करना या स्वीकारना बड़ा कठिन होता है। असत्य कभी भी सत्य पर चोट नहीं कर सकता मगर सत्य की चोट से असत्य तिलमिला जाता है टूट जाता है। सत्य को अपनी पहचान बताने की आवश्यकता नहीं होती कि वो सत्य है। वो तो असत्य ही है जो तरह-तरह से प्रयास कर अपने को सत्य साबित करने का प्रयास करता है। सत्य को किसी भी प्रकार के बाहरी बनावट व बाहरी कर्म की आवश्यकता नहीं होती तेर अन्दर सांच तों, बाहर कछु न बनाव। जाननहारा जानिहै,अंतरगति का भाव।। सत्य को किसी प्रकार के प्रचार की भी आवश्यकता नहीं पड़ती वह तो असत्य ही है जो बड़े जोर शोर से अपना प्रचार करता रहता है। सत्य निर्भय होता है किंतु असत्य हर वक्त अपना भेद खुलने के या अपने अस्तित्व के प्रति आशंकित रहता है भयभीत रहता है।। सत्य ना पास है ना ही दूर है ना अपना है ना पराया है।ना सरगुन है और ना निर्गुण है,ना स्थूल है ना सूक्ष्म है। सत्य की सुंदरता सदाचार सद्गुणों में छिपी होती है,जो असत्य अवगुणों के बाहर निकलने के बाद ही दिखती है। असत्य की सुंदरता उस बद सूरत नारी की तरह है जो अपनी बदसूरती को छुपाने के लिए तरह-तरह के सिंगार कर संज सवर कर अपने को सुंदर दिखाने का प्रयास करती है, किन्तु जब श्रृंगार उत्तर जाता है तो वह अपने असली रूप में आ जाती है।। कबीरा लज्जा लोक की,, बोले नाहि सांच। जानि बूझि कंचन तजि,, क्यों तू पकरै कांच।। सत्य को इस बात से कोई सरोकार नहीं रहता कि कोई उसे माने या ना माने कोई उसे जाने या ना जाने। सत्य बस अपने आप में स्थिर रहता है अटल रहता है।जेसै सूर्य अपने स्थान पर अटल रहता है अगर हमें सूर्य के शक्तिवर्धक किरणों का लाभ लेना है तो खुले स्थान पर सूर्य के नीचे आना पड़ेगा अगर हम अपने घर के अंदर रहें या किसी छायादार स्थान पर हैं तों सूर्य की किरणों से हम दूर हीं रहेंगे। अब सूर्य को क्या परवाह कि कौन उसकी किरणों को ग्रहण करता है और कौन नही।। आत्मा परमात्मा ईश्वर ब्रह्म में उलझा इंसान ना तों सत्य को जान सकता है और ना ही सत्य को समझ सकता है। सत्य को अपनी बुद्धि से जाना ही नहीं जा सकता ये तो केवल किसी किसी पर उस सच्चे सतगुरु की अपार दया मेहर के द्वारा ही जाना जा सकता है और ऐसा साधक लाखों में नहीं करोड़ों में कोई कोई बिरला ही होता है जो युगों-युगों के बाद उस सत्य तक पहुंचता है इस लिए किसी ऐसे भेदी गुरु की खोजबीन करो जो तुम्हें उस परम सत्य का मार्ग दर्शक करादे जय हो बंदीछोड़ सदगुरु वैराग्य वैराग्यपति साहेब जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 मुक्ति प्राप्त करना है तो यह चैनल सुनो कहत कबीर सुनो भाई साधो सहज योग
आप धन्य है गुरुदेव 🙏 आप सूक्ष्म रूप मे इस जगत मे विद्वाद्यमान है आपका आशीर्वाद सबको प्राप्त हो, आपकी सदा ही जय हो,,
जय गुरुदेव 🙏🙏🙏
जय श्री सत गुरुदेव चरण कमलेभ्यो नमः
गुरु जी के चरणो में हरीश यादव का मस्तक मेरे गुरुदेव जैसा कोई भी नहीं है मेरे गुरुदेव की सदा ही जय जयकार हो
9993998603
Guru ji ka ahsram kanha h ji
Guru ji se Diksha kaise milti hai
आशिष कहा से हो आप
@@yashraj0705 काहा से हो आप
जय श्री सद्गुरु देव चरण कमलेभ्यो नम:
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्याे नम: ।
Mere gurudev jaisa koe nahi hai chhote narayan ki or se gurudev ka Jai Jai kar
ॐ नमो परमतत्व नारायणाय गुरुभ्यों नमः 🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नम
पूज्य गुरुदेव की जय पूज्य गुरुदेव की जय पूजनीय माता जी की जय सच्चिदानंद महाराज की जय सन्यासी बाबा की
Jay ho mere anndata mere Prabhu mere sadgurudev maharaj ki jay🙏🙏🙏🙏 Jay Jay sadgurudev
Jay ho gurudev ji Maharaj ki jay ho aapki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadeva Sadguru Dev Niklishwarnanad Maharaj ki Jai Ho ❤ Nmsv ❤
चरण स्पर्श सद गुरु देव❤❤ निखिल जैसा दुनिया मे कोई नहीं अनंत कोटि नमन है आप को
🕉🙏🌼🙏🌼🙏🌹
।। जय गुरु देव।।
आपका जवाब नहीं है कोई और।।
।।गुरु देव आप श्रेष्ठतम से भी श्रेष्ठ हो।।
।।आपको मेरा कोटि कोटि नमन।।
Om nikhilam Omkar nikhilam sadgurudev bhagwaan ki jai
पूज्य सद्गुरुदेव भगवान प्रभू आपके चरणों में मेरा कोटि-कोटि साष्टांग दंडवत प्रणाम 🌹🌹🌹🙏🙏
🙏🙏Sat sat Sadar Pranam Gurudev 🙏🙏
श्री गुरु चरण कमल भयो नमः
Jay guru dev 🪷🙏🪷 ke charno me mera koti koti naman hai 😭
Aapke charno me mera koti koti naman guru ji
ॐ निखिलेस्वरानन्द🙏🙏🙏जय सदगुरुदेव🙏🙏🙏
Jay sadguru dev bhagwaan apko koti koti naman
🙏🙏🌷🌷जय गुरु देव🌷🌷🙏🙏
AAPKI CHARNOME CHARNOME KOTI KOTI PARANAM PARANAM GURUJI JI GURUJI JI
JAI SHREE NIKHILESWARANAND SWAMI GURUDEV PRANAM
*🙏जय गुरुदेव 🙏*
*🙏सदगुरुदेव जी की श्रीचरणों में कोटि-कोटि प्रणाम 🙏*
*🙏🏻ॐ श्री गुरुचरण कमलेभ्योः नमः🙏🏻*
Jai shree sadgurudev ji ki 🚩🚩🚩🍎🍎🍎🥭🥭🥭🍇🍇🍇🍈🍈🍈🍊🍊🍊🌹🌹🌹🙏🏿🙏🏿🙏🏿
जय सदगुरुदेव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
Jai ho Sadgurudev bhagwan koti koti prnam love you Gurudev ji
Jai Sadgurudev Bhaghwan ki
Great Jay gurudev go kote kote nmn
Jay sadguru dev🌹🌹🙏🙏
जय सद्गुरूदेव भगवान् कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻🇳🇵💐🌷🌹🌺🙏🏻
जय श्री सदगुरुदेवजी 🙏🙏🙏 आपके श्री चरणों में शतकोटी दंडवत प्रणाम करता हूं 🙏🙏 परमपूज्य गुरुदेव भगवान जी की जय 🙏🙏🙏🪔🪔🪔🌸🥀🏵️🏵️🌹🌺💮💮🌹🌷🌷🌻💐💐💐🪔🪔🙏🙏🙏
Jai sri sidda gurubyo namaha 💐💐💐💐🙏🙏🙏
प्रभु श्री के चरणों में मेरा प्रणाम
Jay ho mere guru maharaj ji ki
jai shree sadgurudev ji ki🚩🚩🚩⚘⚘⚘🌼🌼🌼🌻🌻🌻🌺🌺🌺
जय जय गुरुदेव हर हर महादेव
जय श्री गुरु देव के श्रीचरणों में कोटी कोटी सादर प्रणाम
जय श्री सीताराम बहुत अच्छा समझा है महाराज
सदगुरुदेव भगवान की जय हो
🙏🙏 ॐ जय श्री गुरुदेव 🙏🙏
🙏🙏 ॐ जय श्री निखिलेश्वर 🙏🙏
Om param tatvayee narayanaye gurubhyo namah
Bary Malik Kay charano may sastang pranam.om her her her mahadev.om her her her mahadev.om her her her mahadev.
❤ jay gurudev 🙏love u💕
जय गुरु जी महाराज कृपा बनाये रखो
जय गुरू देवः नमायेः
जय सदगुरुदेव चरण स्पर्श🌹🌹🌹🙏🙏🙏
गुरू,दैव,के,चरणो,मेरा,डाडबत,पंणाम,जय,हो,गुरु,देव,कि
Jay sad gurudev Bhagavan
Jaisadgurudev nmh
Om Param Tatvay Naraynay Gurubhyo Namah 🌹🙏🌹
सांच सुख के मूल है,, जो जानै सब कोय।।
गुरु शरणा गत अडिग रहै,दिल की दुविधा खोय।।
सत्य इस ब्रह्माण्ड की एक सर्वोपरि सता है, सत्य एक कसौटी है सत्य एक अनुभव है, सत्य ही ज्ञान है, सत्य ही गुरु है, सत्य ही परम आनंद है, सत्य ही मोक्ष रूपी मंजिल है, सत्य साधना है, और सत्य ही साध्य है।
सांच सो कारज होत है,, झूठ सो जात नसाय।
ऐसी मती जाकि भई,, ताकों काल ना खाएं।।
कबीर साहिब जी की आंखों से देखे तो सत्य कोई शब्द नहीं है जिसको कोई सुन सके सत्य कोई रुप नहीं जिसे कोई देख सके, सत्य कोई आकार प्रकार नहीं जिसे कोई छू सके सत्य कोई सुगन्ध नहीं जिसे कोई सूंघ सके, सत्य को कोई निर्धारित नहीं कर सकता सत्य को कोई परिभाषित नहीं कर सकता सत्य को कोई सीमा में नहीं बांध सकता, सत्य को कोई नाम नहीं दे सकता, क्योंकि नाम से तर्क उत्पन्न होता है,और तर्क से भ्रम, इसलिए सत्य केवल सत्य है, इसलिए सत्य नाम है,।।
देखा जाए तो सत्य कुछ भी नहीं है,और सत्य ही सब कुछ है। सत्य से ही संसार का अस्तित्व है सत्य किसी को बताने या किसी से जानने की वस्तु नहीं है, बल्कि सत्य खोजने का विषय है। खोज कर अनुभव करने का विषय है। अनुभव करके उस पर अटल होने का विषय है।
सत्य एक ऐसा मुक्ति पद है कि जो संसार के सारे बंधनों से मुक्त करवाता है।
बहुत से विद्वान कहते हैं कि, कण-कण में सत्य व्याप्त है। कण-कण में समाया हुआ है लेकिन कबीर साहेब जी की आंखों से देखे तो सत्य कण-कण में समाया नहीं है। बल्कि कण कण रुपी असत्य का आधार सत्य है या ऐसे भी कह सकते हैं कि कण-कण सत्य का साक्षी है।।
सत्य के आधार पर असत्य टिका हुआ है, असत्य परिवर्तन शील है, सत्य अपरिवर्तन शील है अर्थात सत्य तीनों काल में एक समान रहता है। सत्य मान अपमान से रहित है। सत्य को वर्तमान में कभी भी मान सम्मान नहीं मिल सकता। क्योंकि सत्य बहुत कड़वा होता है जिसे ग्रहण करना या स्वीकारना बड़ा कठिन होता है। असत्य कभी भी सत्य पर चोट नहीं कर सकता मगर सत्य की चोट से असत्य तिलमिला जाता है टूट जाता है। सत्य को अपनी पहचान बताने की आवश्यकता नहीं होती कि वो सत्य है।
वो तो असत्य ही है जो तरह-तरह से प्रयास कर अपने को सत्य साबित करने का प्रयास करता है।
सत्य को किसी भी प्रकार के बाहरी बनावट व बाहरी कर्म की आवश्यकता नहीं होती
तेर अन्दर सांच तों, बाहर कछु न बनाव।
जाननहारा जानिहै,अंतरगति का भाव।।
सत्य को किसी प्रकार के प्रचार की भी आवश्यकता नहीं पड़ती वह तो असत्य ही है जो बड़े जोर शोर से अपना प्रचार करता रहता है। सत्य निर्भय होता है किंतु असत्य हर वक्त अपना भेद खुलने के या अपने अस्तित्व के प्रति आशंकित रहता है भयभीत रहता है।।
सत्य ना पास है ना ही दूर है ना अपना है ना पराया है।ना सरगुन है और ना निर्गुण है,ना स्थूल है ना सूक्ष्म है। सत्य की सुंदरता सदाचार सद्गुणों में छिपी होती है,जो असत्य अवगुणों के बाहर निकलने के बाद ही दिखती है।
असत्य की सुंदरता उस बद सूरत नारी की तरह है जो अपनी बदसूरती को छुपाने के लिए तरह-तरह के सिंगार कर संज सवर कर अपने को सुंदर दिखाने का प्रयास करती है, किन्तु जब श्रृंगार उत्तर जाता है तो वह अपने असली रूप में आ जाती है।।
कबीरा लज्जा लोक की,, बोले नाहि सांच।
जानि बूझि कंचन तजि,, क्यों तू पकरै कांच।।
सत्य को इस बात से कोई सरोकार नहीं रहता कि कोई उसे माने या ना माने कोई उसे जाने या ना जाने। सत्य बस अपने आप में स्थिर रहता है अटल रहता है।जेसै सूर्य अपने स्थान पर अटल रहता है अगर हमें सूर्य के शक्तिवर्धक किरणों का लाभ लेना है तो खुले स्थान पर सूर्य के नीचे आना पड़ेगा अगर हम अपने घर के अंदर रहें या किसी छायादार स्थान पर हैं तों सूर्य की किरणों से हम दूर हीं रहेंगे।
अब सूर्य को क्या परवाह कि कौन उसकी किरणों को ग्रहण करता है और कौन नही।।
आत्मा परमात्मा ईश्वर ब्रह्म में उलझा इंसान ना तों सत्य को जान सकता है और ना ही सत्य को समझ सकता है।
सत्य को अपनी बुद्धि से जाना ही नहीं जा सकता ये तो केवल किसी किसी पर उस सच्चे सतगुरु की अपार दया मेहर के द्वारा ही जाना जा सकता है और ऐसा साधक लाखों में नहीं करोड़ों में कोई कोई बिरला ही होता है जो युगों-युगों के बाद उस सत्य तक पहुंचता है इस लिए किसी ऐसे भेदी गुरु की खोजबीन करो जो तुम्हें उस परम सत्य का मार्ग दर्शक करादे
जय हो बंदीछोड़ सदगुरु वैराग्य वैराग्यपति साहेब जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मुक्ति प्राप्त करना है तो यह चैनल सुनो
कहत कबीर सुनो भाई साधो
सहज योग
जय गुरु देव कृपा करो दया करो 🙏🏻🕉️🌷🌹🌺🍎🍇🥥🍍🍌
जय गुरुदेव सतगुरु देव की जय
Shri Guru Charan kamalavye namaha 🌹🙏🌹
jai ho sadgurudev ki
🙏 Jai Shri Sad Guru Dev 🙏
सदगुरुदेव भगवान की जय
Aapki charno me koti koti pranaam guruji
🙏 Jai Guru Dev ji 🙏
🎄🎄जय सद गुरुदेव जी🎄🎄
आवा हायामी आवा हायामी 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shree Ram ji ❤️🙏
Jaya gurudev
Great!! Jai Gurudev.🙏🏻🙏🏻
जय मेरे प्रिय सद्गुरुदेव
Jay gurudew aap ki jay ho aap ki mhima ki jay ho mera man aap ke bharo me sada bana rahe Bhagwan nikhilleshornand ji shree mali ji ho
Mere gurudev
Jai shri krishna Jai guru dev ji
Jai Nikhleshwar Jai Mahakaal....
Jai Sadguru Dec
Jay.gurudev
Jai gurudev...
Jai guru Dev nikhil ji
🙏❤️ॐ श्री गुरु परमात्मने नमः ❤🙏
Jay Gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌹💐जय सद्गुरुदेव🙏🌹
जय गुरु देव जी के चरणों में प्रणाम
Tantra shiromani sadguru ke charon me mere praan,aatma samarpit hai.
Jai sadgurudev
Jay Gurudev aapki kirpa sada mujhepar Bani rahe😥😥😥🙏🙏🙏
जय गुरुदेव 🙏🌹🙏
जय गुरुदेब । 🙏🙏
Jay gurubeo sap ke charankamalon me Lori Lori pàrnam
जय गुरुदेव!!!!
Jai sadgurudev g
जय सदगुरूदेव
Jy gurudev ❤❤
Sri guru charan kamlebhyo namah
Jai Gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏
जय सदगुरुदेव कोटि कोटि प्रणाम
Jai gurudev
गुरुजी आपको कोटि कोटि प्रणाम
Om Nikhilam😊😊🙏
Jay sadgurudev🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Jai Shri Gurudev
जय सतगुरू दैव
Jai Gurudev 🌺🌼🌼🌹🌺🌼🌼🌹