जय माता सिमसा शारदा संतान दात्री मंदिर | Himachal Temple Vlog

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • लडभड़ोल क्षेत्र की प्रसिद्ध संतानदात्री मां सिमसा का मंदिर मंडी जिला की तहसील मुख्यालय लडभड़ोल से मात्र 9 किलोमीटर दूरी पर सिमस गांव में स्थित है, जो बैजनाथ मंदिर से 32 किलोमीटर दूर है। माता सिमसा का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जहां से दूर-दूर तक सुंदर नजारा देखने को मिलता है। यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है और बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित है. बताया जाता है कि इस गांव में टोभा सिंह नामक व्यक्ति रहता था। महाशिवरात्रि वाले दिन वह तरड़ी (कंदमूल) खोदने के लिए अपने घर से करीब 3 किलोमीटर दूर नागण नामक स्थान पर गया। कंदमूल खोदते समय जैसे ही उसने जमीन पर औजार मारा तो वहां से दूध से धारा निकलने लगी. यह देखकर वह बहुत प्रसन्न हुआ। उसने सोचा कि तरड़ी (कंदमूल)अच्छी है और अधिक मात्रा में निकलेगी। फिर उसने दूसरी बार औजार मारा तो पानी की धारा निकली. तीसरी बार औजार मारने पर खून की धारा निकली जिसे देखकर वह डर गया और वापस घर लौट आया.
    रात्रि के समय टोभा सिंह को सपने में साक्षात माता के दर्शन हुए. और कहा कि जिस बात से तू घबराया है, मंै उसी को हल करने आई हूं। सपने में माता ने उससे कहा कि सुबह स्नान करने बाद वापस उसी जगह पर जाना और फिर से खुदाई करना. तुम्हें मेरी मूर्ति मिलेगी, उस मूर्ति को पालकी में सजाना और जहां पालकी का वजन बढ़ जाए उसी जगह पर इसकी स्थापना कर देना. टोभा ने ऐसा ही किया और खुदाई में उसे कन्या रूपी मूर्ति मिली. तभी इस मंदिर की स्थापन की गई. हिमाचल को देव भूमि भी कहा जाता है क्योंकि यहां के कण-कण में देवताओं का वास है. अधिकतर शक्तिपीठ हिमाचल में ही स्थित हैं.
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सिमसा मंदिर में साक्षात देवी सती विराजमान हैं और यहां आने वाले लोग कभी निराश होकर नहीं जाते. कहते हैं कि निसंतान दंपत्ति यहां संतान प्राप्ति की कामना से आते हैं और उनकी माता सिमसा उनकी मनोकामना पूरी करती हैं. इसलिए इन्हें संतान दात्री माता के रूप में भी पूजा जाता है. मान्यता है कि माता अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करतीं और उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं.
    जो महिला माता सिमसा के मंदिर में संतान प्राप्ति की कामना से आती है वह यदि मंदिर के फर्श पर पूरी भक्तिभाव से दिन और रात सोती है तो मां कभी उसे निराश नहीं करतीं. यह भी कहा जाता है कि माता निसंतान महिला के सपने में आकर उसके संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती है. यहां तक कि सपने में माता की ओर बेटा या बेटी होने का संकेत भी मिलता है. सामाजिक मान्यताओं के अनुसार अगर सपने में माता सिमसा केला या अमरुद लेकर आती हैं तो इसका मतलब है कि बेटा होगा. वहीं यदि माता के हाथ में भिंडी या लौकी नजर आए तो महिला को बेटी की प्राप्ति होगी. इतना ही नहीं, अगर सपने में माता के हाथ में कोई धातु हो तो इसका मतलब है कि संतान नहीं होगी.
    यहां हर वर्ष चैत्र व शरद नवरात्र के दौरान मेले लगते हैं और मेला कमेटी व युवक मंडल सिमस की ओर से भंडारे लगाए जाते हैं।
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