Guruvar 🙏🏻🙏🏻 12 saal last me mera awakening hua hai but mujhe kuch nahi pata . Hmare guru huye ek aghhori baba.12 saal se hmre ghar me sari unnati khatam ho gayi.aap ki gyan varta sunti hun.physically bahut shikar hui hun mai. Atma to male,female nahi hoti but ye kya hai.mai nahi janti. Please mujhe guide kren gurudev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jab mai 8th me tha tab se mai sukhsm lok k anubhav k baare me kuch suna tha aur tab iske aage peeche khojna suru kia ... Bohot logon ko suna ... Sunne me aacha lagta tha , anubhav me jo tha ..taarkik jo tha samajh aata tha ... Jyada baaten nahin aatin thin ...aur ek din aapka hi ek video ka thumbnail dekha sukhsm lok k prayog ....aakarshan hua ...maine suna ...phir aapka poora channel dekha to ....lga ki ye to gyaan ka bnadaar mil gaya aur kuch mahino se aapko sunn rha hoon . Ab bahot baaten samajh aatin h ... Lakin mere paas dhyaan ka koi khaas gahra anubhav nahi h ...
मेरा नाम: गणपत सिंह भाटी मेरा बुद्धि के विषय में अपना मनन काफी गलत हो सकता हु लेकिन प्रयास करा है। मनन #बुद्धि यह एक लंबे समय के विकासक्रम कि प्रक्रिया है। भोतिक(माया) दुनिया मे बुद्धि सबसे महत्वपूर्ण है हर जीव मे बुद्धि है इंसानो कि बुद्धि सबसे ज्यादा विकसित है बाकी जिवो से। बुद्धि का पहला कार्य है इस जीव को जिवीत रखना मनुष्य जिव कि बुद्धि इतनी शक्तिशाली है। जयादातर मनुष्य बुद्धि को ही मैं समझते है बुद्धि हि उनहे चला रही है। इसलिए अज्ञानी है। 1 कया :- देखा जाए तो बुद्धि मनुष्य जिव के इस शरीर को ओर भोतिक जिवन जिने ओर चलाने का एक कंट्रोल रूम(ओपरेटिंग सिस्टम) कि तरह है। इसे सभी सुचनाओं का केंद्र भी कह सकते है बुद्धि एक यंत्र कि तरह है बुद्धि के कई सारे आयाम है। सबसे महत्वपूर्ण है कि ये भोतिक हि नहीं अभोतिक आयामों चित्त ओर अनुभव कर्ता को जानने का एक पुल(ब्रिज) भी है। 2 कयो:- वैसे तो बुद्धि कयो है इसका कोई एक कारण नहीं है अनेक कारण है। मुल कारण यह है कि बुद्धि मनुष्य ओर जिव जंतुओं को भोतिक जिवन को जिने ओर जिवीत रहने के लिए है। बुद्धि से मनुष्य इस जिव शरीर को नियंत्रण करता है इसे अपने अनुसार चला सकता है जिव-जिवन विकसित होता रहे। बुद्धि कयो है इसके पिछे रचयता का उधेश्य कुछ ओर होगा सायद बुद्धि के द्वारा खुद को जानना। 3 कैसे:- बहोत गहरी माया है बनाने वाले कि विकास की एक लंबी प्रक्रिया है। भोतिक दुनिया में जिव जंतुओं या मनुष्य जिव के शरीर मे जन्म होने पर जिव(शरीर) के भीतर बुद्धि मिलती है शरीर के अंग के रूप में 4 कब:- यह एक लंबे समय के विकासक्रम कि प्रक्रिया है। जिव जंतुओं या मनुष्य जिव के शरीर मे जिवन के रूप में जन्म होने पर। जो कि धीरे-धीरे विकसित होती रहती है। 5 कहा:- वरतमान मे है सभी जिव, मनुष्य शरीर मे सिर के भीतर है 6 कोन/किसका:- बुद्धि जिव शरीर का अंग है बुद्धि एक सुचनाओं का केंद्र है जिससे मनुष्य अपनी भोतिक पहचान बनाता है ओर जिवन चलाता है सभी कि अपनी बुद्धि है। 7 कितने:- बुद्धि एक ही है लेकिन हर जीव हर मनुष्य कि अपनी अपनी बुद्धि है बुद्धि के अंदर कई सारे आयाम है। संसकारो के कारण सभी कि बुद्धि मे विभिन्नताए है। 8 मान्यताएं:- इंसानो कि सबसे गलत मान्यता यह है उनकी बुद्धि हि वो खुद है। आतमज्ञानि लोग बुद्धि से उपर है वे बुद्धि को अपने नियंत्रण मे कर चुके हैं उसे निचे रक चुके हैं आतमज्ञानि लोगों ने इसे एक तेज चाकू के जैसे मानते है संबंधित करते हैं। 9 सत्य/असत्य:- बुद्धि सत्य है ओर बुद्धि के भीतर असत्य होते है बुद्धि भी एक बहोत शक्तिशाली माया है। इसके बिना जिवन नहीं है इसके बिना आधयात्म को जानना मुसकिल है। यह पहली सिढी है आधयात्मिक मार्ग के लिए। धन्यवाद🙏
नमस्ते, तरूण प्रधान जी, पिछले दो महीने में बोधि वार्ता के सभी विडियो मैंने देख लिए है। आपका ज्ञान, अनुभव और अभिव्यक्ति प्रशंसनीय है। आपके यूट्यूब चेनल ने मेरी अध्यात्मिक ज्ञान पिपासा को शांत कर दिया है। इसके लिए मैं ह्रदय से आपका आभारी हूं। मैं पिछले दो साल से प्राणायम और ध्यान साधना कर रहा हूं और आत्मज्ञान के स्तर तक पहुंच गया हूं। लेकिन शून्य का अभी तक अनुभव नहीं हो पाया है। अनुभव और अनुभवकर्ता के बीच की स्थिति बन नहीं पाती। कृपया मार्गदर्शन करें।
इस समय इस जगह जो आपका अनुभव है वो शून्य का ही अनुभव है। यह अवस्था जिसमे आप अभी हैं, बीच की या समाधी की ही अवस्था है। जो पहले से है , उसे कैसे लाया जाये? हाँ जो आपकी मान्यता है जो आपको यह अवस्था देखने नहीं देती, उसको हटाया जा सकता है। कृपया देख कर, सोच कर , बताएं , ये अनुभव शून्य क्यों नहीं, और ये अवस्था समाधी क्यों नहीं?
@@bodhivarta सर, आपने ब्रह्मज्ञान वाले विडियो में कहा था कि अनुभव और अनुभवकर्ता के बीच अनुभवक्रिया है, जिसे आपने शून्य कहा। मैं जब अनुभव को महसूस करता हूं तो अनुभवकर्ता चला जाता है और जब अनुभवकर्ता को महसूस करता हूं तो अनुभव चला जाता है। ऐसे में अनुभवक्रिया की अवस्था तो बन ही नहीं पाती है। कृपया मेरा भ्रम दूर करें।
शांत होकर, देख कर बताईये कि यदि अनुभवकर्ता चला जाता है तो फिर अनुभव किसे होता है ? क्या अनुभवकर्ता के बिना अनुभव संभव है? स्वयं का उत्तर मिलने पर फिर देखें इस समय क्या अवस्था है।
इसके बाद इस मान्यता को भी परखिये कि अनुभवकर्ता को महसूस किया जा सकता है। यदि उसको महसूस कर लिया जाये तो वो एक अनुभव होगा। यदि वो अनुभवकर्ता था तो ये अनुभव किसने किया ? क्या अनुभवकर्ता का अनुभव हो सकता है ? अपना उत्तर मिलने पर शांत होकर फिर से देखें। इस समय इन मान्यताओं , अज्ञान को हटाकर क्या अवस्था है ?
@@bodhivarta जी सर, मैं आपका इशारा समझ गया। कल सवेरे मेडिटेशन करने के बाद मैं अपना उत्तर प्रस्तुत करूंगा। अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। शुभरात्रि...🙏🙏🙏
नागेश का उत्तर : बुद्धि प्रणाम गुरुदेव, मनन विषय:- बुद्धी बुध्दी एक मानसिक शक्ती है जो हर सजीव मे विद्यमान रहती है! बुद्धी के उपयोग से हम जीवन मे घटित होनेवाले अनुभव हमारी स्मृति मे संग्रहित करते है! बुध्दी हमारे पिछले जन्म के संस्कार अनुसार इस जन्म मे कार्य करती है! बुद्धी का विकास हमारे इस जन्म के कर्म संस्कार से होता है! बुद्धी के उपयोग से हम जीवन मे सही और गलत का निर्णय ले पाते है! बुद्धी एक ही होती है फिर भी हर जीव मे अलग प्रतीत होती हैं! कृपया यदी कोई गलती हो तो मार्गदर्शन करे!🙏 धन्यवाद नागेश भोसले
Guru ji , Karan sharir ko beej bhi Bolte hai ...kya iska sambandh beej mantra ke Saath hai..ya beej mantra Jo naad hai kya Woh koi pul ya bridge banati hai Karan sarir se ? Koi to Karan Hoga dono Ka naam beej rakha Gaya...Mantro ke baare mei jyada gyan Nahi hai , guru ji saralta se samjhaye kyu ki Mera gyan bahut Kam hai par jigyasa bahut jyada hai🙏
Karan sharir ke nasht hone se sukshm shsrir bhi nasht ho jata hai kya? Kripaya spasht karen. Aur ek sawaal baar baar aata hai ki sita ko vaidehi kahe jaane ke peeche koi vishesh karan hai athwa bas naam matra hai.
प्रमाण देना कठिन है पर क्योंकि कारण शरीर सभी शरीरों का कारण है, बीज है, तो उसका नाश सभी शरीरों या कोशों का नाश होगा । मेरे मत में उसका नाश नहीं होता बस परिवर्तन होता है, विकासक्रम चलता रहता है । सीता के बारे में मुझे जानकारी नहीं है पर ऐसी कथा है कि सीता माया स्वयं है और उनका जन्म पृथ्वी से हुआ गर्भ से नहीं । इसलिए सीता की मृत्यु भी नहीं हुई । वो स्त्री रूप शरीर नहीं होगा मायावी है। ऐसा मेरा अनुमान है ।
Om shanti ❤
🙏🙏🙏❤️
😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇
🙏🙏🌺🌺🌺
pradham
Thank you 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jo bhi Kaha wah satya hai.
दूसरी जिज्ञासा मेरी यह है कि क्या भविष्य में कभी आप उपनिषद गीता अष्टावक्र गीता को आप सरल करके हमें समझाने का प्रयास करेंगे
Namaste,
oormi.in/av/
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संदीप का उत्तर : बुद्धि
aparokshanubhav.blogspot.com/p/sandeep-buddhi.html
Apka bahut Bahut abhar
गुरुजी मेरा एक प्रश्न है की क्या भैंस घोड़े इनको सपना आता है यह मेरी जिज्ञासा है
🙏🙏🙏
गुरुबर, मुझे कारण शरीर के बिषय मे कुछ चर्चा करना है आपसे। कया ये हो पायेगा किसी समय? प्रणाम प्रभु 🙏।
संपर्क की जानकारी :
pureexperiences.blogspot.com/p/blog-page_22.html
Guruvar 🙏🏻🙏🏻 12 saal last me mera awakening hua hai but mujhe kuch nahi pata . Hmare guru huye ek aghhori baba.12 saal se hmre ghar me sari unnati khatam ho gayi.aap ki gyan varta sunti hun.physically bahut shikar hui hun mai. Atma to male,female nahi hoti but ye kya hai.mai nahi janti. Please mujhe guide kren gurudev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🙏🏻 संपर्क की जानकारी : gyanmarg.guru/contact.php
Jab mai 8th me tha tab se mai sukhsm lok k anubhav k baare me kuch suna tha aur tab iske aage peeche khojna suru kia ... Bohot logon ko suna ... Sunne me aacha lagta tha , anubhav me jo tha ..taarkik jo tha samajh aata tha ... Jyada baaten nahin aatin thin ...aur ek din aapka hi ek video ka thumbnail dekha sukhsm lok k prayog ....aakarshan hua ...maine suna ...phir aapka poora channel dekha to ....lga ki ye to gyaan ka bnadaar mil gaya aur kuch mahino se aapko sunn rha hoon . Ab bahot baaten samajh aatin h ... Lakin mere paas dhyaan ka koi khaas gahra anubhav nahi h ...
प्रणाम गुरुवर, अद्भुत विश्लेषण
पवन कुमार का उत्तर : बुद्धि
aparokshanubhav.blogspot.com/p/pawan-buddhi.html
Pranam guruji
प्रणाम 🙏
मेरा नाम: गणपत सिंह भाटी
मेरा बुद्धि के विषय में अपना मनन
काफी गलत हो सकता हु लेकिन प्रयास करा है।
मनन #बुद्धि
यह एक लंबे समय के विकासक्रम कि प्रक्रिया है।
भोतिक(माया) दुनिया मे बुद्धि सबसे महत्वपूर्ण है हर जीव मे बुद्धि है इंसानो कि बुद्धि सबसे ज्यादा विकसित है बाकी जिवो से।
बुद्धि का पहला कार्य है इस जीव को जिवीत रखना मनुष्य जिव कि बुद्धि इतनी शक्तिशाली है।
जयादातर मनुष्य बुद्धि को ही मैं समझते है बुद्धि हि उनहे चला रही है। इसलिए अज्ञानी है।
1 कया :-
देखा जाए तो बुद्धि मनुष्य जिव के इस शरीर को ओर भोतिक जिवन जिने ओर चलाने का एक कंट्रोल रूम(ओपरेटिंग सिस्टम) कि तरह है।
इसे सभी सुचनाओं का केंद्र भी कह सकते है
बुद्धि एक यंत्र कि तरह है बुद्धि के कई सारे आयाम है।
सबसे महत्वपूर्ण है कि ये भोतिक हि नहीं अभोतिक आयामों चित्त ओर अनुभव कर्ता को जानने का एक पुल(ब्रिज) भी है।
2 कयो:-
वैसे तो बुद्धि कयो है इसका कोई एक कारण नहीं है अनेक कारण है।
मुल कारण यह है कि
बुद्धि मनुष्य ओर जिव जंतुओं को भोतिक जिवन को जिने ओर जिवीत रहने के लिए है।
बुद्धि से मनुष्य इस जिव शरीर को नियंत्रण करता है इसे अपने अनुसार चला सकता है
जिव-जिवन विकसित होता रहे।
बुद्धि कयो है इसके पिछे रचयता का उधेश्य कुछ ओर होगा सायद बुद्धि के द्वारा खुद को जानना।
3 कैसे:-
बहोत गहरी माया है बनाने वाले कि विकास की एक लंबी प्रक्रिया है। भोतिक दुनिया में जिव जंतुओं या मनुष्य जिव के शरीर मे जन्म होने पर जिव(शरीर) के भीतर बुद्धि मिलती है शरीर के अंग के रूप में
4 कब:-
यह एक लंबे समय के विकासक्रम कि प्रक्रिया है।
जिव जंतुओं या मनुष्य जिव के शरीर मे जिवन के रूप में जन्म होने पर। जो कि धीरे-धीरे विकसित होती रहती है।
5 कहा:-
वरतमान मे है
सभी जिव, मनुष्य शरीर मे सिर के भीतर है
6 कोन/किसका:-
बुद्धि जिव शरीर का अंग है
बुद्धि एक सुचनाओं का केंद्र है जिससे मनुष्य अपनी भोतिक पहचान बनाता है ओर जिवन चलाता है
सभी कि अपनी बुद्धि है।
7 कितने:-
बुद्धि एक ही है लेकिन हर जीव हर मनुष्य कि अपनी अपनी बुद्धि है बुद्धि के अंदर कई सारे आयाम है।
संसकारो के कारण सभी कि बुद्धि मे विभिन्नताए है।
8 मान्यताएं:-
इंसानो कि सबसे गलत मान्यता यह है उनकी बुद्धि हि वो खुद है।
आतमज्ञानि लोग बुद्धि से उपर है वे बुद्धि को अपने नियंत्रण मे कर चुके हैं उसे निचे रक चुके हैं
आतमज्ञानि लोगों ने इसे एक तेज चाकू के जैसे मानते है संबंधित करते हैं।
9 सत्य/असत्य:-
बुद्धि सत्य है ओर बुद्धि के भीतर असत्य होते है
बुद्धि भी एक बहोत शक्तिशाली माया है।
इसके बिना जिवन नहीं है इसके बिना आधयात्म को जानना मुसकिल है। यह पहली सिढी है आधयात्मिक मार्ग के लिए।
धन्यवाद🙏
krupya
Aur asaan bhasha mai bataye.....
नमस्ते,
तरूण प्रधान जी,
पिछले दो महीने में बोधि वार्ता के सभी विडियो मैंने देख लिए है। आपका ज्ञान, अनुभव और अभिव्यक्ति प्रशंसनीय है। आपके यूट्यूब चेनल ने मेरी अध्यात्मिक ज्ञान पिपासा को शांत कर दिया है। इसके लिए मैं ह्रदय से आपका आभारी हूं। मैं पिछले दो साल से प्राणायम और ध्यान साधना कर रहा हूं और आत्मज्ञान के स्तर तक पहुंच गया हूं। लेकिन शून्य का अभी तक अनुभव नहीं हो पाया है। अनुभव और अनुभवकर्ता के बीच की स्थिति बन नहीं पाती। कृपया मार्गदर्शन करें।
इस समय इस जगह जो आपका अनुभव है वो शून्य का ही अनुभव है। यह अवस्था जिसमे आप अभी हैं, बीच की या समाधी की ही अवस्था है।
जो पहले से है , उसे कैसे लाया जाये? हाँ जो आपकी मान्यता है जो आपको यह अवस्था देखने नहीं देती, उसको हटाया जा सकता है।
कृपया देख कर, सोच कर , बताएं , ये अनुभव शून्य क्यों नहीं, और ये अवस्था समाधी क्यों नहीं?
@@bodhivarta सर, आपने ब्रह्मज्ञान वाले विडियो में कहा था कि अनुभव और अनुभवकर्ता के बीच अनुभवक्रिया है, जिसे आपने शून्य कहा। मैं जब अनुभव को महसूस करता हूं तो अनुभवकर्ता चला जाता है और जब अनुभवकर्ता को महसूस करता हूं तो अनुभव चला जाता है। ऐसे में अनुभवक्रिया की अवस्था तो बन ही नहीं पाती है। कृपया मेरा भ्रम दूर करें।
शांत होकर, देख कर बताईये कि यदि अनुभवकर्ता चला जाता है तो फिर अनुभव किसे होता है ? क्या अनुभवकर्ता के बिना अनुभव संभव है?
स्वयं का उत्तर मिलने पर फिर देखें इस समय क्या अवस्था है।
इसके बाद इस मान्यता को भी परखिये कि अनुभवकर्ता को महसूस किया जा सकता है। यदि उसको महसूस कर लिया जाये तो वो एक अनुभव होगा। यदि वो अनुभवकर्ता था तो ये अनुभव किसने किया ? क्या अनुभवकर्ता का अनुभव हो सकता है ?
अपना उत्तर मिलने पर शांत होकर फिर से देखें। इस समय इन मान्यताओं , अज्ञान को हटाकर क्या अवस्था है ?
@@bodhivarta जी सर, मैं आपका इशारा समझ गया। कल सवेरे मेडिटेशन करने के बाद मैं अपना उत्तर प्रस्तुत करूंगा। अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। शुभरात्रि...🙏🙏🙏
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नागेश का उत्तर : बुद्धि
प्रणाम गुरुदेव,
मनन विषय:- बुद्धी
बुध्दी एक मानसिक शक्ती है जो हर सजीव मे विद्यमान रहती है!
बुद्धी के उपयोग से हम जीवन मे घटित होनेवाले अनुभव हमारी स्मृति मे संग्रहित करते है!
बुध्दी हमारे पिछले जन्म के संस्कार अनुसार इस जन्म मे कार्य करती है!
बुद्धी का विकास हमारे इस जन्म के कर्म संस्कार से होता है!
बुद्धी के उपयोग से हम जीवन मे सही और गलत का निर्णय ले पाते है!
बुद्धी एक ही होती है फिर भी हर जीव मे अलग प्रतीत होती हैं!
कृपया यदी कोई गलती हो तो मार्गदर्शन करे!🙏
धन्यवाद
नागेश भोसले
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Chinten or menen me kyaa ferk h guru ji .?
एक ही है
Guru ji , Karan sharir ko beej bhi Bolte hai ...kya iska sambandh beej mantra ke Saath hai..ya beej mantra Jo naad hai kya Woh koi pul ya bridge banati hai Karan sarir se ? Koi to Karan Hoga dono Ka naam beej rakha Gaya...Mantro ke baare mei jyada gyan Nahi hai , guru ji saralta se samjhaye kyu ki Mera gyan bahut Kam hai par jigyasa bahut jyada hai🙏
कोई सम्बन्ध नहीं. ज्ञानमार्ग में कोई मंत्र नहीं हैं. मंत्र साधना अलग मार्ग है.
कोई सम्बन्ध नहीं. ज्ञानमार्ग में कोई मंत्र नहीं हैं. मंत्र साधना अलग मार्ग है.
गुरु जी कोई भी इच्छा उठे या कोई विशेष इच्छा जैसे काम,क्रोध,लोभ,मोह आदि? कब सजकता से देखना होगा किन पलों में देखना होगा कृपया बताएं।
चेतना 24x7 रखना साधक का लक्ष्य है
Me karan sarir k bare me kuch nehi janta esiliye kuch ne hi kaha.. bas sunna chahat hun.. janna chaha ta hun
Please Guru ka naam recommend kare
Bas yahi baaki hain.itni Krupa kar de
यहाँ लिखे ईमेल पर संपर्क करें, मेरा नाम बताएं, सहायता मिलेगी।
ashwinatmbodh.blogspot.com/p/ashwinatmbodhgmail.html
Karan sharir ke nasht hone se sukshm shsrir bhi nasht ho jata hai kya? Kripaya spasht karen.
Aur ek sawaal baar baar aata hai ki sita ko vaidehi kahe jaane ke peeche koi vishesh karan hai athwa bas naam matra hai.
प्रमाण देना कठिन है पर क्योंकि कारण शरीर सभी शरीरों का कारण है, बीज है, तो उसका नाश सभी शरीरों या कोशों का नाश होगा । मेरे मत में उसका नाश नहीं होता बस परिवर्तन होता है, विकासक्रम चलता रहता है ।
सीता के बारे में मुझे जानकारी नहीं है पर ऐसी कथा है कि सीता माया स्वयं है और उनका जन्म पृथ्वी से हुआ गर्भ से नहीं । इसलिए सीता की मृत्यु भी नहीं हुई । वो स्त्री रूप शरीर नहीं होगा मायावी है। ऐसा मेरा अनुमान है ।
🙏🙏🙏🙏