संतसमागम एखादिये परि । व्हावे त्यांचे द्वारी श्वानयाती ॥१॥ तेथे रामनाम होईल श्रवण । घडेल भोजन उच्छिष्टाचे ॥२॥ कामारी बटीक सेवेचा सेवक । दीनपणे रंक तेथे भले ॥३॥ तुका म्हणे सर्व सुख त्या संगती । घडेल पंगती संताचिया ॥४॥
खुप इच्छा आहे आळंदी ला येण्याची पण जमेना झाले गुरुवर्य परम पूज्य आदरणीय गुरू गोविंद यांच्या चरणी सा दंडवत प्रणाम त्याना दिर्घआयुष्य लाभो आणि आम्ही आता फक्त गीता परीवार कडून गीता शिकलो आता आम्हाला आचरणात कशी आणावी हे शिकायचे आहे अमृतमहोत्सवी खुप खुप शुभेच्छा 🎉
राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी 🙏🙏❤️
राम कृष्ण हरी जय हरी विठ्ठल 🙏🚩
राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी ❤❤❤❤❤
अविस्मरणीय सोहळा. हरि जय जय राम कृष्ण हरी...🚩
हरि जय जय राम कृष्ण हरी...🚩
गोविंद गिरी महराजांचे चरणी विनमर आभिवादन कारण त्याचेमुले सुंदर किरतन व भागवत कथा ऐकायला मिलाली जय हरी माऊली🎉
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आपला सखा भक्त वाट पाहत आहे महाराजांच्या चरणी नतमस्तक होऊन जठायू सारखे ध्यान राम राम राम श्री कृष्ण राधे राधे
Avinash maharaj khup khup abhinandan
अप्रतिम कीर्तन महाराज राम कृष्ण हरी🙏🙏🙏
Ram krishna hari
राम कृष्ण हरि माऊली
रामकृष्ण हरी
🚩🌹🌹🌹🙏🙏 Jay Jay Ram Kushna Hari Shree Satguru Mauli Maharaja Shree Ji Babacha Charani Satagha Namsakar🙏🌹🚩🌷💐🙏🙏👌👌
राम कृष्ण हरी
रामकृष्ण, हरी, म।ऊली, आळंदी🙏🏻🙏🏻
अशक्य ते शक्य करतील स्वामी राधे राधे
जय तुकोबाराया राम कृष्ण हरी माऊली आनंद
Hari Jay jay Ram krushna hari
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जयराम
संतसमागम एखादिये परि ।
व्हावे त्यांचे द्वारी श्वानयाती ॥१॥
तेथे रामनाम होईल श्रवण ।
घडेल भोजन उच्छिष्टाचे ॥२॥
कामारी बटीक सेवेचा सेवक ।
दीनपणे रंक तेथे भले ॥३॥
तुका म्हणे सर्व सुख त्या संगती ।
घडेल पंगती संताचिया ॥४॥
जय जय राम कृष्ण हरि..अमृत महोत्सव
खुप इच्छा आहे आळंदी ला येण्याची पण जमेना झाले गुरुवर्य परम पूज्य आदरणीय गुरू गोविंद यांच्या चरणी सा दंडवत प्रणाम त्याना दिर्घआयुष्य लाभो आणि आम्ही आता फक्त गीता परीवार कडून गीता शिकलो आता आम्हाला आचरणात कशी आणावी हे शिकायचे आहे अमृतमहोत्सवी खुप खुप शुभेच्छा 🎉
Guruvarya babanchy charni koti koti pranam dandvat 🙏Ram krushna hari 🙏🚩
जय रामऊ🙏🙏👏👏
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❤️ जय जय राम कृष्ण हरि.. सब संतन कीं जय हो.. माऊली माऊली ❤️🌺🙏🚩🚩🚩🚩💐💐
सद्गुरू श्री साखरे महाराज यांचे चरणी साष्टांग नमस्कार.....🙏🙏
श्री पांडुरंग महाराजांच्या चरणी साष्टांग दंडवत!
हरी जय जय राम कृष्ण हरी 👏🚩🚩👏🚩🚩👏🚩🚩👏🚩🚩
राम कृष्ण हरी......🙏🙏🚩🚩
अमृत्पान करुन घेण्याचा महोत्सव खुप पिऊन घ्या ही संधी दुर्मिळ आहे !!!!
जय श्री राम
राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी राम कृष्ण हरी
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