संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं (जैसे रक्तदान, देहदान)
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर के 627 वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन 20-22 जून 2024 को किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराईयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
🔸 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज, जिनके विषय में नास्त्रेदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में उल्लेख किया है कि उस विश्व विजेता संत के द्वारा बताए शास्त्र प्रमाणित तत्त्वज्ञान के सामने पूर्व के सर्व संत निष्प्रभ (असफल) हो जाएंगे तथा सर्व को नम्र होकर उनके सतज्ञान के आगे झुकना पड़ेगा।
विश्व में एकमात्र जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा दी हैं जिसके चलते वे सभी निस्वार्थ सेवा, देहदान, रक्तदान आदि करने से भी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा दहेज़ लेन देन, शादियों में लोक दिखावा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार आदि जैसी बुराइयों से भी दूर रहते है।
कबीर, ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे ने पाया।। मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी ।।
⛑️ संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं (जैसे रक्तदान, देहदान)
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान बहुत ही अद्भुत है पहली बार सुनने से तो ऐसा लगता है की बिल्कुल असत्य है जब प्रमाण मिलते हैं तो आंखें खुली की खुली रह जाती हैं क्योंकि हमने शास्त्रों का नाम सुना था शास्त्र नहीं देखे थे संत रामपाल जी महाराज जी ने शास्त्रों के रहस्य बताए हैं।
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेज मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेज मुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
🍃कबीर परमेश्वर जी आज से लगभग 625 वर्ष पहले सशरीर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए और सशरीर मगहर से सतलोक चले गए। आज भी इसके प्रमाण के तौर पर मगहर में उनकी यादगारें 100-100 फुट के अंतराल में बनी हुई हैं। मगहर में आज भी हिंदू व मुस्लिम बहुत ही प्यार से रहते हैं। धर्म के नाम पर आज तक कभी कोई झगड़ा नहीं करते।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है, मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख नहीं रहता।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
20 से 22 जून 2024 को कबीर साहिब जी का तीन दिवसीय प्रकट दिवस संत रामपाल जी के सानिध्य में नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में लोगों को सतभक्ति का संदेश देने के लिए आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं इस अद्भुत भंडारे में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा पूरे विश्व को सपरिवार आमंत्रित किया जा रहा है।
रक्तदान महादान संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर हज़ारों यूनिट रक्तदान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
परमेश्वर कबीर साहेब जी सतलोक से चलकर आते है। जिसका प्रमाण सदग्रंथों में मिलता है। ऋग्वेद मण्डल ९ सूक्त १ मन्त्र ९ में स्पष्ट है कि अमर परमात्मा जब शिशु रूप में प्रकट होता है तो उसकी परवरिश की लीला कुंवारी गायों (अभि अध्न्या धेनुवः) द्वारा होती है।
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
🎈गरीब, जाके अर्ध रूम पर सकल पसारा, ऐसा पूर्ण ब्रह्म हमारा।। गरीब, अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड का, एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजनहार।। आदरणीय गरीबदास साहेब जी कहते हैं कि सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा हैं। - संत रामपाल जी महाराज
5 वर्ष की आयु में 104 वर्ष के रामानंद जी को कबीर परमेश्वर ने अपनी शरण में लिया। वास्तविकता से परिचित कराया। रामानंद जी के शब्द:- बोलत रामानन्द जी सुन कबिर करतार। गरीबदास सब रूप में तुमही बोलनहार।। दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय। गरीबदास हम कारणें उतरे हो मग जोय।। तुम साहेब तुम सन्त हो तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस।। तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि भर्म कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरै दृढ विश्वास।।
वह परमात्मा सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है।
परमात्मा_की_पहचान जब कबीर परमेश्वर सतलोक से अवतरित हुए थे। उस समय शिशु रूप कबीर साहेब की परवरिश कुंवारी गाय के दूध से हुई थी। इसी बात का प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में भी है कि जब पूर्ण परमात्मा शिशु रूप धारण करके पृथ्वी पर आता है तो उसका पालन पोषण कुंवारी गाय से होता है। 1Days Left Kabir
पुरे विश्व पुर्ण संत तत्व दर्सी रामपाल जी महाराज जी ही 💯💯 पुर्ण परमात्मा kabir is god सच्चे वास्तुविद भगवान के भेजे हुये पुर्ण संत रामपाल जी महाराज ही वो पुर्ण गुरु है 💯🙏 kabir is God ❤💯🙏🤲
परमात्मा_की_पहचान ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 “अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।। परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है। 2Days Left Kabir Prakat Diwas
🍃जीवा दत्ता नाम के दो भाई पूर्ण गुरु की तलाश में भटक रहे थे। उन्होंने अनुमान लगाया था कि जिसके चरणामृत से सूखी डार हरी-भरी हो जाएगी वह पूर्ण गुरु होगा। इसकी तलाश के लिए कई संतों से ज्ञान सुना तथा उनके चरणामृत को सूखी डार में डाला किंतु निराशा ही हाथ लगी। तत्पश्चात कबीर परमेश्वर एक साधारण संत के भेष में उनको मिले। उनके चरणामृत से वह डार हरी-भरी हो गयी। जीवा दत्ता को विश्वास हुआ कि यह पूर्ण संत है। गुजरात में वर्तमान में वह वट वृक्ष दो-तीन एकड़ में फैला है। उसकी देख-रेख के लिए वहाँ एक कबीर आश्रम भी बना है।
कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है। कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।। मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
स्वामी रामानन्द जी ने पाँच वर्षीय बालक कबीर जी से प्रश्न किया। हे बालक! आपका क्या नाम है,कौन जाति है,भक्ति पंथ (मार्ग) कौन है? बालक कबीर जी ने भी आधीनता से उत्तर दिया :- जाति मेरी जगत्गुरु, परमेश्वर है पंथ। गरीबदास लिखित पढे, मेरा नाम निरंजन कंत।। हे स्वामी सृष्टा मैं सृष्टि मेरे तीर। दास गरीब अधर बसूँ अविगत सत् कबीर।। गोता मारूं स्वर्ग में जा पैठूं पाताल। गरीब दास ढूंढत फिरू हीरे माणिक लाल।।
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर भक्तों ने किया रक्तदान।
संत रामपाल जी महाराज अद्वितीय कल्याणकारी विचारधारा के सच्चे समाजसुधारक संत हैं।
यह काल का लोक है यह केवल पूर्ण सतगुरु से नामदीक्षा ग्रहण करके सदभक्ति करने वालो की पूर्ण परमात्मा रक्षा करता है।।
संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं (जैसे रक्तदान, देहदान)
कवीर परमेश्वर के 627 वें प्रकट दिवस पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे की तैयारियों के बिषय में समाज सुधार कार्य के बिषय में कांग्रेस नेता के बिचार।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर के 627 वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन 20-22 जून 2024 को किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराईयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज के भक्तों ने किया रक्तदान।
🔸 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज, जिनके विषय में नास्त्रेदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में उल्लेख किया है कि उस विश्व विजेता संत के द्वारा बताए शास्त्र प्रमाणित तत्त्वज्ञान के सामने पूर्व के सर्व संत निष्प्रभ (असफल) हो जाएंगे तथा सर्व को नम्र होकर उनके सतज्ञान के आगे झुकना पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज ही सच्ची सरकार है जो सीधा परमात्मा से जोड़ रहे हैं।
कबीर ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर।
और ज्ञान सब मण्डलीक है चकवे ज्ञान कबीर।।
सद्गुरु रामपाल जी महाराज ही पूर्ण ज्ञानी संत है जो कि मानव समाज के कल्याण के लिए ही अवतरित होते हैं।
विश्व में एकमात्र जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा दी हैं जिसके चलते वे सभी निस्वार्थ सेवा, देहदान, रक्तदान आदि करने से भी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा दहेज़ लेन देन, शादियों में लोक दिखावा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार आदि जैसी बुराइयों से भी दूर रहते है।
सत साहेब जी🙏
सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुना है
सबसे अलग है सबसे अच्छा है
Great saint rampal ji maharaj
कबीर परमात्मा जैसे कोई भगवान नहीं
और सतलोक जैसे कोई स्थान नहीं।
Sant Rampal Ji Maharaj ki jay ho
गुरू गोविंद दोओ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरू आपनो गोविंद दिओ मिलाय सत् साहेब जय बंदी छोड़ की ll
True Guru sant Rampal Ji Maharaj
कबीर, ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशीपुरी जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे ने पाया।।
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी।
जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी ।।
Jagatguru sant Rampal Ji Maharaj
जय हो कबीर जी की 🙏🙏🙏
⛑️ संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं (जैसे रक्तदान, देहदान)
सत्य ईश्वर एक कबीर परमात्मा जी ही है
संत रामपाल जी महाराज की जय
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान बहुत ही अद्भुत है पहली बार सुनने से तो ऐसा लगता है की बिल्कुल असत्य है जब प्रमाण मिलते हैं तो आंखें खुली की खुली रह जाती हैं क्योंकि हमने शास्त्रों का नाम सुना था शास्त्र नहीं देखे थे संत रामपाल जी महाराज जी ने शास्त्रों के रहस्य बताए हैं।
Bilkul Sahi baat hai Bhagat ji
Maalik ki daya hogi aap pr bhi Sat Saheb ji🥰🙏🙏🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेज मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेज मुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
🍃कबीर परमेश्वर जी आज से लगभग 625 वर्ष पहले सशरीर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए और सशरीर मगहर से सतलोक चले गए। आज भी इसके प्रमाण के तौर पर मगहर में उनकी यादगारें 100-100 फुट के अंतराल में बनी हुई हैं। मगहर में आज भी हिंदू व मुस्लिम बहुत ही प्यार से रहते हैं। धर्म के नाम पर आज तक कभी कोई झगड़ा नहीं करते।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
Sat sahib ji
💘⭐Sant Rampal Ji bhagwanji h⭐💘
Aaja Bande Saran Ram ki Fir pise Pastayega.🙏🙏🙏🙏🙏🙏Sat Saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏
कबीर, सात द्वीप नौ खंड में, गुरु से बड़ा न कोय।
करता करे न कर सके, गुरु करे सो होय।।
सत साहेब जी
संत रामपाल जी महाराज जाति और धर्म से हटकर ज्ञान बताते हैं |
Satgurudev Ki Jay 🙏🙏🙏
Bandi chhod satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jai Ho
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
20 से 22 जून 2024 को कबीर साहिब जी का तीन दिवसीय प्रकट दिवस संत रामपाल जी के सानिध्य में नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में लोगों को सतभक्ति का संदेश देने के लिए आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं इस अद्भुत भंडारे में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा पूरे विश्व को सपरिवार आमंत्रित किया जा रहा है।
Sant Rampal Ji Maharaj ki Jai Ho 🙏
रक्तदान महादान संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर हज़ारों यूनिट रक्तदान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
परमेश्वर कबीर साहेब जी सतलोक से चलकर आते है। जिसका प्रमाण सदग्रंथों में मिलता है। ऋग्वेद मण्डल ९ सूक्त १ मन्त्र ९ में स्पष्ट है कि अमर परमात्मा जब शिशु रूप में प्रकट होता है तो उसकी परवरिश की लीला कुंवारी गायों (अभि अध्न्या धेनुवः) द्वारा होती है।
Sant Rampal Ji Maharaj ji ke charanon mein koti koti dandvat parnam.
आज संत रामपाल जी से उपदेश लेकर बहुत लोग शराब छोड़ चुके हैं और उनके परिवार में खुशहाली आई है।
Purn Guru Sant Shiromani Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji Ki Jay Ho 🙏
Sat Guru Ram pal ji Maharaj ki Jay Ho
Jay bandi chhod Maharaj ki Jay Ho 🙏❤️
Saint Rampal Ji Maharaj is the second form of God
Sant rampal ji Maharaj ji ki Jay ho 🙏🙏👌
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
🎈गरीब, जाके अर्ध रूम पर सकल पसारा, ऐसा पूर्ण ब्रह्म हमारा।।
गरीब, अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड का, एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजनहार।।
आदरणीय गरीबदास साहेब जी कहते हैं कि
सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा हैं।
- संत रामपाल जी महाराज
5 वर्ष की आयु में 104 वर्ष के रामानंद जी को कबीर परमेश्वर ने अपनी शरण में लिया। वास्तविकता से परिचित कराया। रामानंद जी के शब्द:-
बोलत रामानन्द जी सुन कबिर करतार। गरीबदास सब रूप में तुमही बोलनहार।।
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय। गरीबदास हम कारणें उतरे हो मग जोय।।
तुम साहेब तुम सन्त हो तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस।।
तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि भर्म कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरै दृढ विश्वास।।
Jay ho 🙏🙏
Very nice news
Guru dev Ram pal Maharaj ji ki Charan main das ka koti koti dandvat pranam 🙏
True news
गरीब सतगुरु को क्या दीजिए तन मन धन और शीश पींड प्राण कुर्बान कर जिन भक्ति दिया भाक्षिष
Kabir is real god🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kabir is complete God
वह परमात्मा सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है।
जगन्नाथ का मंदिर हिन्दुस्तान का एक ही मन्दिर ऐसा है जिसमें प्रारम्भ से ही छुआ-छात नहीं रही है।
Nice interview. Meher satguru ji ki. Sat saheb ji Jay bandichhod ji ki.
Nice news
Very nice
विश्व मे जगतगुरु सत रामपाल महाराज जि का अनमाेल ज्ञान अाैर जनचेतना विश्व मे फैलाने चाहिय महाराज जि कि जय हाे ।
Amazing information
परमात्मा_की_पहचान
जब कबीर परमेश्वर सतलोक से अवतरित हुए थे। उस समय शिशु रूप कबीर साहेब की परवरिश कुंवारी गाय के दूध से हुई थी। इसी बात का प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में भी है कि जब पूर्ण परमात्मा शिशु रूप धारण करके पृथ्वी पर आता है तो उसका पालन पोषण कुंवारी गाय से होता है।
1Days Left Kabir
Kabir is real god
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Right interview
Nice
पुरे विश्व पुर्ण संत तत्व दर्सी रामपाल जी महाराज जी ही 💯💯 पुर्ण परमात्मा kabir is god सच्चे वास्तुविद भगवान के भेजे हुये पुर्ण संत रामपाल जी महाराज ही वो पुर्ण गुरु है 💯🙏 kabir is God ❤💯🙏🤲
परमात्मा_की_पहचान
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
“अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।।
परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है।
2Days Left Kabir Prakat Diwas
संत न होते जगत मैं तो जल मरता संसार
कबीर भण्डारा केवल लाखो लोगो को भोजन मात्र करवाने की व्यवस्था नही थी अपितु ये पुण्य प्रसाद लाखो पाप कर्मो को काटने मे सक्षम है।
🙏🏻🙇🏻♂️🙏🏻🙇🏻♂️
अद्धभूत
बहुत सुंदर जानकारी ❤
गरीब कोई कहै जग जौनार करी है, कोई कहै महोछा।
बड़े बड़ाई करते हैं, गाली काड़ै ओछा।।
Super duper 💗😍🤝🏻❤️😘
Satt saheb
Jo Parmatma ke punya atma hai vah turant is gyan ko samajh jaate Hain aur isi tarah apna Anubhav batate Hain 🙏
nice
sat.sahebji
Satsaibhguruji
sat,saheb
अद्वितीय जानकारी
अति सुन्दर है
🍃जीवा दत्ता नाम के दो भाई पूर्ण गुरु की तलाश में भटक रहे थे। उन्होंने अनुमान लगाया था कि जिसके चरणामृत से सूखी डार हरी-भरी हो जाएगी वह पूर्ण गुरु होगा। इसकी तलाश के लिए कई संतों से ज्ञान सुना तथा उनके चरणामृत को सूखी डार में डाला किंतु निराशा ही हाथ लगी। तत्पश्चात कबीर परमेश्वर एक साधारण संत के भेष में उनको मिले। उनके चरणामृत से वह डार हरी-भरी हो गयी। जीवा दत्ता को विश्वास हुआ कि यह पूर्ण संत है। गुजरात में वर्तमान में वह वट वृक्ष दो-तीन एकड़ में फैला है। उसकी देख-रेख के लिए वहाँ एक कबीर आश्रम भी बना है।
कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
Sat Saheb ji shahi bile hai real gyan Saint rampal ji hi Nate hai ji 🙏🙏🙏🙏👍
Wow
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स्वामी रामानन्द जी ने पाँच वर्षीय बालक कबीर जी से प्रश्न किया। हे बालक! आपका क्या नाम है,कौन जाति है,भक्ति पंथ (मार्ग) कौन है? बालक कबीर जी ने भी आधीनता से उत्तर दिया :- जाति मेरी जगत्गुरु, परमेश्वर है पंथ। गरीबदास लिखित पढे, मेरा नाम निरंजन कंत।।
हे स्वामी सृष्टा मैं सृष्टि मेरे तीर। दास गरीब अधर बसूँ अविगत सत् कबीर।।
गोता मारूं स्वर्ग में जा पैठूं पाताल। गरीब दास ढूंढत फिरू हीरे माणिक लाल।।
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Bhahut aach New Chanel
Sir ji aap bhi parmeshwar ji daya kare . Sat saheb ji Jay bandichhod ji ki.
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Santa ramapal ji ke satsng sunie