भागो मत, जागो। ईश्वर की खोज ही ईश्वर से दूर करती है।

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 5

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 4 วันที่ผ่านมา

    मन तो हमेशा हमारे साथ रहता है बता दीजिए मन क्या है। मन का स्वभाव क्या है। ये कभी चुप नहीं रहता है।

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 4 วันที่ผ่านมา

    प्रेम तो सभी करते हैं।प्रेम । क्या है। बता सकते हो।

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 4 วันที่ผ่านมา

    मौत तो देखी है और सुनी भी होगी बता दें। मौत क्या है।ये सब के चक्कर में मत पड़ो। इसका ना कोई आदि है अंत। परमेश्वर की बनाई हर असीम है विराट है। कोई ना समझ पाया ना समझ पायेगा। जैसी वस्तु हैं उन्हें वैसी ही देखो। इसी में समझदारी है।

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 4 วันที่ผ่านมา

    महाराज। ये काम पागलों का है। समझदारों का नहीं। आप समझदार हैं। इसलिए ये बात आपकी समझ में नहीं आ सकती है। मीरा से पूछो। कबीर से पूछो। सरमद मंसूर और जीसस साहब से पूछो । किसी पागल से पूछो। तुम तो दिमाग ही लगाते रहोगे। तुम्हारे पल्ले कुछ नहीं पड़ने वाला।

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 4 วันที่ผ่านมา

    स्वामीजी ये विषय आपका नहीं है। पढ़े लिखे लोगों मतलब बुद्धिवादी लोगों का नहीं है।। ये ठेठ गंवार जिसे देसी ठूंठ कहते हैं उनका है। कबीर रैदास नानक मीरा।जीसस सरमद मंसूर।। बता दो इन्होंने कौन से स्कूल से डिग्री ली थी। कबीर साहेब ने कहा तो है मसी कागद छूए नहीं। कलम गहे न हाथ। मैने कभी स्याही कलम देखी ही नहीं। कबीर को समझना हो कबीर होना पड़ेगा।यानि पागल होना पड़ेगा।