आपणे बहुत अछी मातीहीती दि है माता देव मोगरा सचमे या जांकरि काफी आदीवासी को मालूम नही है, मैने सारा व्हिडिओ देखा जानकारी हासिल की है नर्मदा तक समजमे आय की उनोने अन्न के कारण मूर्ती बाणाई. लेकीन देव मोगरा गावमे क्यू मूर्ती बानाई उसने यानिकी मोगरा मतानें यह क्या की जो लोक उनकी पूजा करणे लगे. यह जानकारी और तयार करो. 🙏जय देवमोगरा कि जय🙏 🙏जय आदिवासी🙏 यश शिंदे
आदिवासियों की अलिखित परंतु मौखिक परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। 15 हजार साल पहले लोग जंगल में भटकते और रहते थे। यह समूह घूमता था और जंगल से कंदमूल और फल खाकर अपना जीवन यापन करता था। उस समय सतपुड़ा क्षेत्र में कोलपासा, गोर्याकोठार, देवगोंडारी, विनयदेव, राजपंथा, तारहामहल, उमरावानु, हेल्बादेव, अगिपंदर और गिंबदेव आदि दबाव समूह के प्रमुख थे और जंगल से सभी प्रकार के अनाज इकट्ठा करने और उन्हें अलग करने के लिए अथक प्रयास करते थे। लोगों का लाभ. Ø फिर उन्होंने धान्या डाब में सामूहिक खेती की और खलिहान को बीज के रूप में भर दिया। फिर उन्होंने आदिवासी लोगों को सिखाया कि बीजों का भंडारण कैसे किया जाए, भोजन कैसे पकाया जाए, भोजन कैसे बनाया जाए, इस भूमि पर व्यावहारिक जीवन कैसे जिया जाए, जीवन कैसे जिया जाए। यह सब विद्या आदिवासी लोग नहीं जानते थे। इस महान आविष्कार के कारण लोग देवमोगरा ( YAHA MOGI ) को भगवान के रूप में पूजने लगे। जय आदिवासी जय जोहार 💙✅
आदिवासियों की अलिखित परंतु मौखिक परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। 15 हजार साल पहले लोग जंगल में भटकते और रहते थे। यह समूह घूमता था और जंगल से कंदमूल और फल खाकर अपना जीवन यापन करता था। उस समय सतपुड़ा क्षेत्र में कोलपासा, गोर्याकोठार, देवगोंडारी, विनयदेव, राजपंथा, तारहामहल, उमरावानु, हेल्बादेव, अगिपंदर और गिंबदेव आदि दबाव समूह के प्रमुख थे और जंगल से सभी प्रकार के अनाज इकट्ठा करने और उन्हें अलग करने के लिए अथक प्रयास करते थे। लोगों का लाभ. Ø फिर उन्होंने धान्या डाब में सामूहिक खेती की और खलिहान को बीज के रूप में भर दिया। फिर उन्होंने आदिवासी लोगों को सिखाया कि बीजों का भंडारण कैसे किया जाए, भोजन कैसे पकाया जाए, भोजन कैसे बनाया जाए, इस भूमि पर व्यावहारिक जीवन कैसे जिया जाए, जीवन कैसे जिया जाए। यह सब विद्या आदिवासी लोग नहीं जानते थे। इस महान आविष्कार के कारण लोग देवमोगरा ( YAHA MOGI ) को भगवान के रूप में पूजने लगे। जय आदिवासी जय जोहार 💙
याहा मोगी माता मंदिर ता राजा धांडी ह 101 ईसा पुवँ पुनः बनाया था और आप कह रहे हो की याहा मोगी मां की जन्म 1500 ईसा बोल रहे हो, ओर दूसरी बात मां बास गोरियाँ को छोटी बालिका के रूप मे मिली थी ,मां का जन्म कहा हुआ था यह भी कभी नही पता चला, यहा मोगी माता की सात बहन नही सात सोतने थी, 🌾🌾🏞
इतिहास कहता हे की याहा मोगी माता मंदिर राजा धांडी ने 101 ईसा पुवँ पुनः बनाया था आप कह रहे हो की याहा मोगी मां का जन्म 1500 ईसा को हुआ,मे विरोध नही करता पर भुल सुधारने को कहता हु जय आदिवासी 🌾🌾🏹🙏
Khul mast kahani aahe kahi aplya adivasi bandhwanna Dev Mogra Mata chi Kahani mahit nahi tyanchya sathi kup changle Kahani. Eaiklyavar khul bare batte. JAI DEV MOGRA MATA
धन्यवाद भाई मा याहा पाठोंरी कहाणी आदिवासी भाषा में जरुर लायेंगे १ महिने बाद, लिखावट और उचित जाणकारी प्राप्त कि जा रही है. महोदय आप चैनल को सबस्क्राईब कर लिजीये आपको निराश नहीं करेगे..
आपणे बहुत अछी मातीहीती दि है माता देव मोगरा सचमे या जांकरि काफी आदीवासी को मालूम नही है,
मैने सारा व्हिडिओ देखा जानकारी हासिल की है नर्मदा तक समजमे आय की उनोने अन्न के कारण मूर्ती बाणाई.
लेकीन देव मोगरा गावमे क्यू मूर्ती बानाई उसने यानिकी मोगरा मतानें यह क्या की जो लोक उनकी पूजा करणे लगे.
यह जानकारी और तयार करो.
🙏जय देवमोगरा कि जय🙏
🙏जय आदिवासी🙏
यश शिंदे
धन्यवाद दादा, जरुर प्रयास करेंगे
Right ❤️
आदिवासियों की अलिखित परंतु मौखिक परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। 15 हजार साल पहले लोग जंगल में भटकते और रहते थे। यह समूह घूमता था और जंगल से कंदमूल और फल खाकर अपना जीवन यापन करता था। उस समय सतपुड़ा क्षेत्र में कोलपासा, गोर्याकोठार, देवगोंडारी, विनयदेव, राजपंथा, तारहामहल, उमरावानु, हेल्बादेव, अगिपंदर और गिंबदेव आदि दबाव समूह के प्रमुख थे और जंगल से सभी प्रकार के अनाज इकट्ठा करने और उन्हें अलग करने के लिए अथक प्रयास करते थे। लोगों का लाभ.
Ø फिर उन्होंने धान्या डाब में सामूहिक खेती की और खलिहान को बीज के रूप में भर दिया। फिर उन्होंने आदिवासी लोगों को सिखाया कि बीजों का भंडारण कैसे किया जाए, भोजन कैसे पकाया जाए, भोजन कैसे बनाया जाए, इस भूमि पर व्यावहारिक जीवन कैसे जिया जाए, जीवन कैसे जिया जाए। यह सब विद्या आदिवासी लोग नहीं जानते थे। इस महान आविष्कार के कारण लोग देवमोगरा ( YAHA MOGI ) को भगवान के रूप में पूजने लगे।
जय आदिवासी जय जोहार 💙✅
आदिवासियों की अलिखित परंतु मौखिक परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। 15 हजार साल पहले लोग जंगल में भटकते और रहते थे। यह समूह घूमता था और जंगल से कंदमूल और फल खाकर अपना जीवन यापन करता था। उस समय सतपुड़ा क्षेत्र में कोलपासा, गोर्याकोठार, देवगोंडारी, विनयदेव, राजपंथा, तारहामहल, उमरावानु, हेल्बादेव, अगिपंदर और गिंबदेव आदि दबाव समूह के प्रमुख थे और जंगल से सभी प्रकार के अनाज इकट्ठा करने और उन्हें अलग करने के लिए अथक प्रयास करते थे। लोगों का लाभ.
Ø फिर उन्होंने धान्या डाब में सामूहिक खेती की और खलिहान को बीज के रूप में भर दिया। फिर उन्होंने आदिवासी लोगों को सिखाया कि बीजों का भंडारण कैसे किया जाए, भोजन कैसे पकाया जाए, भोजन कैसे बनाया जाए, इस भूमि पर व्यावहारिक जीवन कैसे जिया जाए, जीवन कैसे जिया जाए। यह सब विद्या आदिवासी लोग नहीं जानते थे। इस महान आविष्कार के कारण लोग देवमोगरा ( YAHA MOGI ) को भगवान के रूप में पूजने लगे।
जय आदिवासी जय जोहार 💙
😂❤❤❤/@@Adivasitvindia
जय देवमोगरा माता 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩
आदिवासी कुलदेवी देवमोगरा माता कि जय 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩🚩
Kup must vedio aahe 🤗😊😊 Jai dhevmogra mata ki jay🙏🙏🙏
यह जाणकारी पूर्ण सच नहीं... जय माताजी🌾🌾
To sach kya he
याहा मोगी माता मंदिर ता राजा धांडी ह 101 ईसा पुवँ पुनः बनाया था और आप कह रहे हो की याहा मोगी मां की जन्म 1500 ईसा बोल रहे हो, ओर दूसरी बात मां बास गोरियाँ को छोटी बालिका के रूप मे मिली थी ,मां का जन्म कहा हुआ था यह भी कभी नही पता चला, यहा मोगी माता की सात बहन नही सात सोतने थी, 🌾🌾🏞
राजा पांठा पहिली रानी रुपल मां की संतान वाघदेव, दामणदेव, रिछणीं माता, तोरसयो देव थे, जय आदिवासी 🌾🙏🌿
जय जोहार जय आदिवासी ✊💛🌾
इतिहास कहता हे की याहा मोगी माता मंदिर राजा धांडी ने 101 ईसा पुवँ पुनः बनाया था आप कह रहे हो की याहा मोगी मां का जन्म 1500 ईसा को हुआ,मे विरोध नही करता पर भुल सुधारने को कहता हु जय आदिवासी 🌾🌾🏹🙏
याहा मोगी ❤
Jai adivasi and Jai dva mogra matoji 🌾🌾🌾🌾🙏🙏🙏 best
Bahut accha laga jay dev magra mata ji Jay Raja panta jay Ganda thakur ji Jay aadivasi
जय माता जी आप की जय आदिवासी बाबू
Khul mast kahani aahe kahi aplya adivasi bandhwanna Dev Mogra Mata chi Kahani mahit nahi tyanchya sathi kup changle Kahani. Eaiklyavar khul bare batte. JAI DEV MOGRA MATA
Please share kara Mitran sobt
Bahut accha video
Nice 🙏
जय माताजी
Veri nice
Nice information dada Jay yaha mogi mata ki jay
🚩🏹🌾Jay yaha mogi🌾🏹🚩
Jay aadiwasi
जय आदिवासी
Jay Mata pandori ❤❤❤
Thank you so much...😘😘😘
Jay madi mogi
Jay mata devmogra ki Jay
जय यांहा मोगी देवमोगरा मां
Very nice and aese video bejata do
Jarur
Jay mataji
जय माता
Jai mataji.
Aadivasi ki history ko chhpaya gaya hai bhai...
Aapse hum bohot information mila 🙏🙏🙏🙏🙏
मेराली याहा
Jay ho
ગલત કહાની હૈ ભાઈ
Jay Mata Di
Jaymoghimata🙏 jayaadivashi jayeklavya jaybhilraj 🇮🇩 jayjohar
🏹Jay Adi was I🏹 jay eklvaya🏹🙏🏻🙏🏻bhai
दाबदेव दाबदेवी वंदान करते हे
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Jay devmogra mata
Jay dev mogara mata mujhe ek santaan dede maa
देवमोगरा माता की रानी काजल माता की पूरी जानकारी चाहिए
हमारे पुवँजो से यह इतिहास सुन्न चाहिए वह बहुतअच्छी जानकारी देते हे 🙏🏹🌾🌾
❤❤❤
आछेलागेहै
wow
दादा माता पांडोरी कि सम्पूर्ण कथा की पुस्तक उपलब्ध हो तो बताये।।
आपकी बड़ी कृपा होगी।।।
याहा योगी माता जत्रा बोरवन ता. तळोदा तालुक्यातील आहे तुम्ही विसरले आहेत
तुमची माहिती आपुरण आहे
🙏
,,🙏🙏🙏
☺️☺️
Kahani hor bejo aadivasi Bhash me
धन्यवाद भाई
मा याहा पाठोंरी कहाणी आदिवासी भाषा में जरुर लायेंगे १ महिने बाद,
लिखावट और उचित जाणकारी प्राप्त कि जा रही है.
महोदय आप चैनल को सबस्क्राईब कर लिजीये आपको निराश नहीं करेगे..
Dhevicha var konta aahe Dada??
Hii
Best efforts for MATAJIS story pl add some visuals effects that will be better
જય માતાજી 🙏🌽
Kare
Raja pantha or hinathakor perose aag jlate the
सिगरे जेमाल्या पटले आग्रीपडा
Puri kohani kya hai
Best effor for smtajis story add some 🌾🌾🌾🙏🙏🙏🪔🪔🪔
नं मिलेगा आप का ?
Tadvi
Ok
P
Take help from tribal rock news channel
जय देवमोगरा माता
Jay devmogra mata 🙏🙏
He informed kam batay gay hai
Galat batay gai hi information
@@vaibhavnemane2724 sachayi kya bhai ap hi batado
जय माता जी
Jay devmog ❤
Yaha mogi Mata Ka Divna ❤❤
Jay dewmogra mata ki jay
Jay yaha mogi mata
Jay yahamogi
Jay devmogra mata
🙏Haha mogi mata🙏
Super kahani hay
Jay yaha mogi mata ki
Jay Devmogara mata ki jay
Jay yaha mogi ❤❤❤ mata❤❤
Jay yahamogi. Mata
Jay devmogra mata
Jay devmogra ma
Jay yaha mogi maa