Presenting the Melodious-Medley Tribute to the miraculous Bollywood Lyricist and Poet Neeraj ji Follow us on :- TH-cam :- / kumarvishwas Facebook :- / kumarvishwas Twitter :- / drkumarvishwas
डॉ.कुमार विश्वास जी, आप इस देश के सच्चे नायक हैं, सच्चे कवि हैं जो अपने पूवर्जों की दी हुवी निशानी को बचाये रखना चाहते हैं। आप पर हमेशा माँ हिंदी का स्नेह बरसता रहे। जय हिंद।
ये कुआं ताल ये पनघट ये त्रिवेणी संगम ये भुवन भूमि अयोध्या ये विकल वृंदावन क्या पता स्वर्ग में फिर इन का दरश हो ना के हो धूल धरती के जरा माथे लगा लूं तो चलूं
हमने तो पाँचवी में पढ़ा था , यह लघु सरिता का बहता जल कितना शीतल कितना निर्मल आज याद आ गया। कुमार साहब आप तो साहित्य और कविता के हिम पुरुषों में से एक हैं। एक बार और मिलना है अब
हिंदी भाषा रूपी वृक्ष को कालजयी बनाने का अभिनव प्रयास गर्व है कि अपने समकालीन में मुझे एक अद्भुत कलमकार,मनहर कवि व द्विज से साक्षात होने का अवसर मिला विन्यवत प्रणाम आपके इस सराहनीय कदम के लिए🙏🙏
निश्चित रूप से "नीरज" जी को ले जाने के लिए यमराज ने जो दूत भेजे होंगे, उसने नीरज जी से कहा होगा कि हे महाकवि आपने 93 वर्ष तक वसुंधरा पर स्थित लोगों का अपने चमत्कारिक शब्दों और गीतों के माध्यम से मनोरंजन किया है, तो कृपा करके स्वर्ग लोक में चलकर आप स्वर्ग के राजकवि की पदवी पर आसित होइए....... आधुनिक हिंदी गीतों और ऐसे गीत जो मुहावरों में परिवर्तित होकर एक सामान्य से व्यक्ति जिसे यह नहीं पता है "ए भाई जरा देख के चलो" गीत किसने लिखा है फिर भी जरूरत पड़ने पर उसकी जबान से यह पंक्तियां स्वयं निकल आती हैं !! हिंदी के ऐसे प्रणेता और हम सब के अग्रज आदरणीय डॉ गोपाल दास नीरज जी को कोटि-कोटि प्रणाम और आदरणीय मेरे शब्द पिता गुरुदेव डॉ कुमार विश्वास जी को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं......
लव यू कुमार सर...😘😘😘 नीरज जी हम सबके हृदय में हमेशा अमर हैं.🙏🙏.. आपके स्वर सुन कर नीरज जी की बहुत याद आ गई....आँख नम हो गई...😢😢😢😢 नमन...गीत ऋषि.. नीरज दादा....
Ek bat mene mehsus ki he ki umar ke sath use purane gane or hindi kavita deep meaning vali .17 sal ki umar me mujhe yo yo psnd tha 22 or 23 ate ate kumar vishvas , ramadhari singh dinkar , rafhi shab psnd krne lga hu . Lekin is sab me kumar sahab ka bhut bda yogdan he aur koi deewana khata he is kavita ka. Kumar sahab respect and love from your sasural
नीरज जी की "लिखे जो खत तुझे..." उनकी सर्वश्रेष्ठ कृत्यों में से है बल्कि मोहम्मद रफ़ी और शंकर जयकिशन की सर्वश्रेष्ठ गीतों में है। और सदाबहार गीत था, है और रहेगा।
मेरा जो भी तजुर्बा है। तुम्हे बतला रहा हु मे,, 💔 कोई लब छु गया था तब की अभी तक गा रहा हु मे,, बिछुड़कर तुमसे अब कैसे जिया जाय बिना तड़पे,, जो मे खुद ही नही समझा वही समझा रहा हु में,, 💔
Kumar sir Har century mein ek Neeraj ji jaisa Kavi hoga 19th century mein Gopal das Neeraj ji 20 th century ke Neeraj ji aap hi ho Thanku Kumar sir Salute u sir
इतने बदनाम हुये हम तो इस जमाने में तुमको लग जायंगी सादियां इसे भुलाने में न पीने का सलीका, न पिलाने का शउर ऐसे भी लोग चले आये हैं मैखाने में।😍 दुर्भाग्यवश नीरज जी आज हमारे बीच नही है लेकिन उनकी गज़ले,शेर व गीत सदेव हिन्दी साहित्य में अमर रहेगें। 😊🙏
Whenever I listen you sir love towards Maa Hindi increased by 1000 times. You tought us live with self respect towards our native language Thanks so much sir
Sir, I liked this video only for taqat watan ki hum se hai song.... सही मायने में स्वरांजली दी है आपने गोपाल दास नीरज जी को। एक अलग ही कुछ महसूस हुआ आपकी आवाज़ में यह गीत सुनकर।😊
कुमार विश्वास, आज मैं अपने मन से तुम्हारे प्रति जो भी उचित न हो एसे विचार थे उन्हें खत्म कर इस चाहत के आशीर्वाद के साथ "(जब मेरे गीत मेरे बच्चे गुनगुनाएंगे ,हाँ जब वो येसा कर पायेंगे,तब जमाना समझ पायेगा उसके पीछे कौन थे। )कामना करता हुँ की जिस भाव से मैं तुम्हें जीनियस मानता था वह भाव मेरे अन्तिम छणतक बना रहे। मुझे यद आ रहा है किसी कवि गोष्ठी मे यक कवि ने भी इसका उल्लेख किया था की विश्वास हमारे पंक्तियों को सन्दर्भ के साथ मंच प्र जीवित रखता है। अब सोचता हुँ की इसी तरह ब्च्च्न जी को भी जीवित रखने का प्रयास किया होगा जो अमिताभ के असंगत विचार के कारण धराशायी हो गया ।ऊपर की पँक्ति मैने अमिताभ के ब्च्च्न जी की कविता/मधुशाला पाठ के समय लिख संजोया था पर आज तुम्हारा यक कवि के प्रति स्वछ,निर्मल समर्पण सुन और देख कर उन पंक्तिओं को आपको देकर निश्चित्ं हुँ की भविष्य विगत कवियो के भाव के लिये सुर्क्छित रहेगा।किसी अन्य अवसर पर नीरज जी की # आज ई रात बड़ी शोख बडी चंचल है,आज तो तेरे बिना नींद नही आयेगी-----------पर ठहर वो जो जवाँ ---के भाव से भी आज के श्रोता को अवगत कराने की कृपा करें। आदरणिय नीरज जी के देहावसान पर उस समय जब वो चले जा रहे थे तब अनायास मेरे ह्रदय से " लौट जाओ लौट जाओ , कहाँ तक चलोगे संग मेरे,मैंचला चिर निद्रा में संसार से आगे,शान्त गगन के शान्त धरा पर सोने। भाव एसे निकला जैसे आज नीरज जी अपने चलने की प्रक्रिया को अपने चाहने वालों को संतावना दे रहे हों। खैर--
को भी उन्के चाहने वालों के बीच संदर्भित करने का कृपा करें । अदरणीय नीरज जी के देहावसानोपरान्त अन्तिम यात्रा मे चलने की प्रक्रिया मेरे ह्रदय ""लौट जाओ लौट जाओ,कहाँ तक चलोगे संग मेरे,मैं चला चीर निद्रा में संसार से आगे ,शान्त गगन के शान्त धरा पर सोने। मे भाव इस तरह उत्पन्न हुआ जैसे नीरज जी अपने चलने की यात्रा अपने चाहने वलौ को इस सांत्वना का आशीष देकर आगे चल रहे है। खैर------।
जियो जियो अय हिन्दुस्तान - रामधारी सिंह “दिनकर” जाग रहे हम वीर जवान, जियो जियो अय हिन्दुस्तान ! हम प्रभात की नई किरण हैं, हम दिन के आलोक नवल, हम नवीन भारत के सैनिक, धीर,वीर,गंभीर, अचल । हम प्रहरी उँचे हिमाद्रि के, सुरभि स्वर्ग की लेते हैं । हम हैं शान्तिदूत धरणी के, छाँह सभी को देते हैं। वीर-प्रसू माँ की आँखों के हम नवीन उजियाले हैं गंगा, यमुना, हिन्द महासागर के हम रखवाले हैं। तन मन धन तुम पर कुर्बान, जियो जियो अय हिन्दुस्तान ! हम सपूत उनके जो नर थे अनल और मधु मिश्रण, जिसमें नर का तेज प्रखर था, भीतर था नारी का मन ! एक नयन संजीवन जिनका, एक नयन था हालाहल, जितना कठिन खड्ग था कर में उतना ही अंतर कोमल। थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर, स्वर्ग नाचता था रण में जिनकी पवित्र तलवारों पर हम उन वीरों की सन्तान , जियो जियो अय हिन्दुस्तान ! हम शकारि विक्रमादित्य हैं अरिदल को दलनेवाले, रण में ज़मीं नहीं, दुश्मन की लाशों पर चलनेंवाले। हम अर्जुन, हम भीम, शान्ति के लिये जगत में जीते हैं मगर, शत्रु हठ करे अगर तो, लहू वक्ष का पीते हैं। हम हैं शिवा-प्रताप रोटियाँ भले घास की खाएंगे, मगर, किसी ज़ुल्मी के आगे मस्तक नहीं झुकायेंगे। देंगे जान , नहीं ईमान, जियो जियो अय हिन्दुस्तान। जियो, जियो अय देश! कि पहरे पर ही जगे हुए हैं हम। वन, पर्वत, हर तरफ़ चौकसी में ही लगे हुए हैं हम। हिन्द-सिन्धु की कसम, कौन इस पर जहाज ला सकता । सरहद के भीतर कोई दुश्मन कैसे आ सकता है ? पर की हम कुछ नहीं चाहते, अपनी किन्तु बचायेंगे, जिसकी उँगली उठी उसे हम यमपुर को पहुँचायेंगे। हम प्रहरी यमराज समान जियो जियो अय हिन्दुस्तान!
अपने पूर्वजों का सम्मान करना कोई आप से सीखे 🙏🙏😍😍😘😘 हिन्दी भाषी होने पर गौरवान्वित महसूस करता हूं आप जैसे लोगों की वजह से 🙏🙏🙏🙏
लता मंगेशकर, अब्दुल कलाम साहेब,सचिन तेंदुलकर और कुमार विश्वास ये सब लोग 1000 साल मे 1 बार आते है।हम इनकी इज्जत करे। I proud .
Ji han aur 5000 sal me ek neeraj ji aate hain
महान हो सर असल में आज तक मै किसी सेलेवृति का फैन नही हुआ 23 का हूँ पर आपका बहुत बड़ा फैन हूँ सर
डॉ.कुमार विश्वास जी, आप इस देश के सच्चे नायक हैं, सच्चे कवि हैं जो अपने पूवर्जों की दी हुवी निशानी को बचाये रखना चाहते हैं। आप पर हमेशा माँ हिंदी का स्नेह बरसता रहे। जय हिंद।
कुमार सर ग़ज़ब हे आपका तरीक़ा किसी को बधाई दो या विदाई दो सब ऐतिहासिक ही होता हे 💕💕💐
अद्भुत श्रद्धांजलि.. नीरज जी को गर्व है हिंदी कुल के सपूत कुमार विश्वास पर. आपकी उम्र बहुत लम्बी है कुमार सर.. प्रणाम स्वीकार करें।
सदियों में एक ही नीरज धरती पर आते हैं शत शत नमन नीरज जी आपको50साल और जीना था कविता सुननी थी आपके श्री मुख से
ये कुआं ताल ये पनघट ये त्रिवेणी संगम
ये भुवन भूमि अयोध्या ये विकल वृंदावन
क्या पता स्वर्ग में फिर इन का दरश हो ना के हो
धूल धरती के जरा माथे लगा लूं तो चलूं
हमने तो पाँचवी में पढ़ा था ,
यह लघु सरिता का बहता जल
कितना शीतल कितना निर्मल
आज याद आ गया।
कुमार साहब आप तो साहित्य और कविता के हिम पुरुषों में से एक हैं।
एक बार और मिलना है अब
अनन्त काल तक याद रखा जाएगा विश्वास साहब को। जितने बड़े कवि हैं उससे कहीं बड़े दिलवाले हैं।
महाकवि गोपाल दास नीरज जी को नमन 💐
हिंदी भाषा रूपी वृक्ष को कालजयी बनाने का अभिनव प्रयास
गर्व है कि अपने समकालीन में मुझे एक अद्भुत कलमकार,मनहर कवि व द्विज से साक्षात होने का अवसर मिला
विन्यवत प्रणाम आपके इस सराहनीय कदम के लिए🙏🙏
हिंदी की पताका को फहराने वाले एकमात्र कवि..
जय हो..
नीरजजी.... को शत-शत वंदन।
कुमार विश्वास....जी आप हिंदी की माटी की शान हैं...आपकी वाणी और प्रखरता.... का हर कोई मुरीद है।
सुन के ऐसा लगा जैसे, नीरज के गानों पर आधुनिक किशोर कुमार ने स्वर से सजा दिया महफिल को.....
Kn
8AM has
कविता लिखने का शौक बचपन से था पर मुज़हे शायर बनाया आपने
कुमार सर आप कारण हैं मेरी कलम से मोहब्बत के
निश्चित रूप से "नीरज" जी को ले जाने के लिए यमराज ने जो दूत भेजे होंगे, उसने नीरज जी से कहा होगा कि हे महाकवि आपने 93 वर्ष तक वसुंधरा पर स्थित लोगों का अपने चमत्कारिक शब्दों और गीतों के माध्यम से मनोरंजन किया है,
तो कृपा करके स्वर्ग लोक में चलकर आप स्वर्ग के राजकवि की पदवी पर आसित होइए.......
आधुनिक हिंदी गीतों और ऐसे गीत जो मुहावरों में परिवर्तित होकर एक सामान्य से व्यक्ति जिसे यह नहीं पता है "ए भाई जरा देख के चलो" गीत किसने लिखा है फिर भी जरूरत पड़ने पर उसकी जबान से यह पंक्तियां स्वयं निकल आती हैं !!
हिंदी के ऐसे प्रणेता और हम सब के अग्रज आदरणीय डॉ गोपाल दास नीरज जी को कोटि-कोटि प्रणाम और आदरणीय मेरे शब्द पिता गुरुदेव डॉ कुमार विश्वास जी को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं......
हिंदी भाषा को जागतिक स्तर पर ले जाने का 100% योगदान कुमार विश्वास भाई का है.....
सर मुझे तो उन्हें देखने का सौभाग्य नही प्राप्त हुआ लेकिन इतना तो तय है महान व्यक्तित्व थे,यादें, नमन,वन्दन।। कुमार सर आपने जीवंत कर दिया।।
आदत तो ऐसी हो गई , बिना सुने ही लाइक कर देते हैं....... सिर्फ विश्वास पर
Vishwaash pr vishwaash h
लव यू कुमार सर...😘😘😘
नीरज जी हम सबके हृदय में हमेशा अमर हैं.🙏🙏.. आपके स्वर सुन कर नीरज जी की बहुत याद आ गई....आँख नम हो गई...😢😢😢😢
नमन...गीत ऋषि.. नीरज दादा....
बहुत सुंदर महान गोपालदास नीरज जी को श्रद्धांजलि उपहार,,वो अमर है। उन्हें शत शत नमन🙏🙏🙏आपका धन्यवाद कुमार जी 🙏🙏🙏
किसी को कितने ही विश्वास के साथ सुन लूं फिर भी कोई न कोई टिप्पणी कर जाता हूँ
पर जब आपको सुनता हूँ तो निशब्द रह जाता हूँ
हमेशा की तरह शानदार
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
इससे बड़ी श्रद्धांजलि और नहीं दी जा सकती है।
आपको आकाश भर प्यार कवि साहब🙏❤️♥️
सर ............नीरज. टाइगर का बाप ज़िंदा है . दिलों में .
कुमार विश्वास भाई आप ही हो जो हिंदी माँ को जो ओर उसके महान सपूतो को आज भी जिंदा रखे हुए हो आप धन्य हो जाय हिन्द जय हिंदी जय हिन्दू
Ek bat mene mehsus ki he ki umar ke sath use purane gane or hindi kavita deep meaning vali .17 sal ki umar me mujhe yo yo psnd tha 22 or 23 ate ate kumar vishvas , ramadhari singh dinkar , rafhi shab psnd krne lga hu . Lekin is sab me kumar sahab ka bhut bda yogdan he aur koi deewana khata he is kavita ka. Kumar sahab respect and love from your sasural
मेरे पास कोई शब्द नही है जो आपकी तारीफ में कह सके ।
निःशब्द
🙇 🙇 🙇 कोटि कोटि नमन
याद दिला दी नीरज जी की.... मेरे बाबा नीरज जी की कविताएँ हमें सुनाया करते थे ❤️😘
आप ने तो कमाल कर दिया अद्भुत दादा। Love you
नीरज जी हम सबके हृदय में हमेशा अमर हैं !
आँख नम हो गई...
नमन...गीत ऋषि.. नीरज दादा
नमन है। गोपालदास नीरज को और प्रणाम है। आपको
वाह दादा क्या गीत है।।
नीरज जी आप याद रहेंगे ।।😢🙏
बेहद खूबसूरत
शब्द ही नही तारिफ के लिए शब्दो से परे है सब ग्रेट
Hume Khushi hai ki hm Kumar vishwas ko sun rhe hai
नीरज जी को शत शत नमन!
🙏🙏
Super hit 👏👏👏 niraj ji ke janmdin pr isse behtar uphar nahi ho sakta 😍😍😍
Ma'am Ap Kumar visvas sir ki HR poem p comment krti ho.. M Dekhti hu... Ap bhi poet Ho kya
बहुत ही दुर्भाग्य है मेरा की मैंने नीरज जी को ओर विस्वास जी को कभी लाइव नही देखा है , पर आगे जरूर उम्मीद है कि विस्वास जी से मुलाकात होगी
Sir i am fan of your personality and your words...............
Aapko sunkr sachhi pyar ho gya aapse
आत्मा के सौन्दर्य का शब्द रूप है काव्य
मानव होना भाग्य कवि होना सौभाग्य।।
लिखे जो खत तुझे
वो तेरी याद में
हजारों रंग के नजारे
बन गये......
🙏🙏🙏
Good sir ji
अति सुंदर कुमार सर आपके ये कार्यक्रम से हम सभी को पता चलता है कि गाने और गीतों को लिखा कौन है ये जानकारी मिलती है 💐👍👍👍👍👌👌
नीरज जी की "लिखे जो खत तुझे..." उनकी सर्वश्रेष्ठ कृत्यों में से है बल्कि मोहम्मद रफ़ी और शंकर जयकिशन की सर्वश्रेष्ठ गीतों में है।
और सदाबहार गीत था, है और रहेगा।
मेरा जो भी तजुर्बा है।
तुम्हे बतला रहा हु मे,, 💔
कोई लब छु गया था तब
की अभी तक गा रहा हु मे,,
बिछुड़कर तुमसे अब कैसे
जिया जाय बिना तड़पे,,
जो मे खुद ही नही समझा
वही समझा रहा हु में,, 💔
True true true true true true true true true true true true true true. ......AND TRUe and it will remain in air till the last.....❤❤
Kumar sir
Har century mein ek Neeraj ji jaisa Kavi hoga 19th century mein Gopal das Neeraj ji
20 th century ke Neeraj ji aap hi ho
Thanku Kumar sir
Salute u sir
आप कुमार विश्वास के साथ ही साथ जुवान विश्वास है अब
युवान विश्वास भी 😊
कुमारजी आप हिंदी के वो बेटे है जिस पर मां के साथ बेटे को हर समय याद किया जाएगा....जब हिंदी का नाम आएगा तो आप जरूर याद आते रहेंगे..
स्वर्गीय नीरज जी को डॉ #Kumar Vishwas जी की सच्ची श्रद्धांजलि
क्या कहना आपका भी आैर नीरज जी का भी 🙏🙏🙏
Vishwas aapke jaisa koi nhi
आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य । मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य ।
लव यू नीरज दा
Great Tribute 👌🏽👌🏽👌🏽💥💥💥💥 All the best Kumar Sir👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻You done gr8t performance Really😍😍😍💖💖💖👍👍👍👍👌👌👌👌👌👍👍
अद्धभुत। प्रकृति के इन वरदानों को नमन है।
इतने बदनाम हुये हम तो इस जमाने में
तुमको लग जायंगी सादियां इसे भुलाने में
न पीने का सलीका, न पिलाने का शउर
ऐसे भी लोग चले आये हैं मैखाने में।😍
दुर्भाग्यवश नीरज जी आज हमारे बीच नही है लेकिन उनकी गज़ले,शेर व गीत सदेव हिन्दी साहित्य में अमर रहेगें। 😊🙏
Kumari you are pride of India 🇮🇳 I respect and love you very much
Super duper hit show
Bahut khoob Kumar Vishwas sar aap Jahan bhi hote Ho vahan har taraf khushiyan hoti hai
आंसू जब सम्मानित होंगे मुझको याद किया जाएगा..
गोपाल दास 'नीरज'
बहुत खूबसूरत श्रद्धांजलि ।। हिंदी के सारथी को हिंदी के सारथी द्वारा।। एक उम्मीद की ऐसी ही एक श्रद्धांजलि को वाजपेयी जी को समर्पित करें।
परम आदरणीय, कुमार भईया आपको मेरा सहृदय प्रणाम🙏 आपको सून के मैं जीवंत महसूस करता हूँ! आपको ख़ुदा सदा सुखी रखें!
Adarniya Neeraj ke janm din PR unko koti koti naman....
वाह युवान विस्वाश् जी मैं आपका बहुत बड़ा प्रषंसक हूँ।
आप हिंदी जगत के बादशाहो में से एक है।
जय हो।
Jai Bharat jai snaten.
Whenever I listen you sir love towards Maa Hindi increased by 1000 times.
You tought us live with self respect towards our native language
Thanks so much sir
शत शत नमन नीरज जी को 🙇🙇🙇🙇🙇
हे कवि कुल शिरोमणि महा कवि डॉ. Kv sir jai ho
आपकी आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है सर्।।
आपके गीतों में जादू है। लव यू सर्।।।
Sir Gopal das niraj ke baad koi h to h Dr Kumar Vishwas Sir, we salute sir, my favorite poet, love you sir
Immortal Neerajji,,,will always be alive in our heart,,,
क्या बात है सर शानदार
बहुत बहुत प्रणाम आदरणीय डॉ कुमार विश्वास जी
Young jenareshan ke hindi kavi h, Kumar Viswash! Lajabab!!
जब भी आपको सुनता हूँ निशब्द रह जाता हूँ बहुत सुन्दर👍
Kumar vishvas is one of the legend teacher of life...........
Bahut khub
Awesome sir .... u r the best... love u .. keep it up
नीरज दा को शत् शत् नमन
आप भी हिंदी के दिनकर है।
गीत जब मर जायेंगे फिर क्या यहाँ रह जाएगा सिर्फ शिशकता आंसुओ का कारवा रह जाएगा
#महाकवि मेरे आदरणीय दादा जी को प्रणाम !
हम क्या कॉमैंट करे,
बहुत बढिया, अतिसुंदर
Tum mujhe Yun bhula na paoge..............................
Jab kabhi........................
Tum bhi gungunaoge 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kabhi na bhula payenge🙏🙏
Sir, I liked this video only for taqat watan ki hum se hai song....
सही मायने में स्वरांजली दी है आपने गोपाल दास नीरज जी को।
एक अलग ही कुछ महसूस हुआ आपकी आवाज़ में यह गीत सुनकर।😊
कुमार भईया आप की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है
Sir aap ka to koi jabab hii nhiii......kavi aap ko sun k uban hoti nhiii.....love u sir jiii...
युवाओं के आदर्श कविराज, कुमार विश्वास 🙏🙏
I am your big fan sir.
Mai bhi neeraj hoon aur poetry likhta hoon.
Songs written by Neeraj sir is forever hits.
वाह वाह
बहुत बेहतरीन, गजब अति सुन्दर नीरज जी तो हमेशा याद रहेंगे पर कुमार आपकी आवाज का भी जबाब नहीं है ह्रदय को छू लेने वाला प्रोग्राम सच में।
भईया अद्धभूत हो आप और आप का व्यक्तित्व,,,
What a lovely tribute!!! Vaah Kumar Sa'ab!
बहुत सुंदर
आपका हिन्दी की प्रति जगरूप करने की
प्रेनाना मिलती है।
*गोपाल दास जी आप हमारे दिलों में जिंदा है और आप के गीत हमारे दिलों में है*
Awesome sir , you are proud of India.
जानेमन तू हैं कहाँ। आओ ना गाओ ना। वाह नीरज।
बहुत सुंदर...
अविस्मरणीय शख्श की याद में अविस्मरणीय प्रस्तुति....
Adbhut Prastooti...
Adwitiya gaan!!
love you KV!!
कुमार विश्वास, आज मैं अपने मन से तुम्हारे प्रति जो भी उचित न हो एसे विचार थे उन्हें खत्म कर इस चाहत के आशीर्वाद के साथ "(जब मेरे गीत मेरे बच्चे गुनगुनाएंगे ,हाँ जब वो येसा कर पायेंगे,तब जमाना समझ पायेगा उसके पीछे कौन थे। )कामना करता हुँ की जिस भाव से मैं तुम्हें जीनियस मानता था वह भाव मेरे अन्तिम छणतक बना रहे। मुझे यद आ रहा है किसी कवि गोष्ठी मे यक कवि ने भी इसका उल्लेख किया था की विश्वास हमारे पंक्तियों को सन्दर्भ के साथ मंच प्र जीवित रखता है। अब सोचता हुँ की इसी तरह ब्च्च्न जी को भी जीवित रखने का प्रयास किया होगा जो अमिताभ के असंगत विचार के कारण धराशायी हो गया ।ऊपर की पँक्ति मैने अमिताभ के ब्च्च्न जी की कविता/मधुशाला पाठ के समय लिख संजोया था पर आज तुम्हारा यक कवि के प्रति स्वछ,निर्मल समर्पण सुन और देख कर उन पंक्तिओं को आपको देकर निश्चित्ं हुँ की भविष्य विगत कवियो के भाव के लिये सुर्क्छित रहेगा।किसी अन्य अवसर पर नीरज जी की # आज ई रात बड़ी शोख बडी चंचल है,आज तो तेरे बिना नींद नही आयेगी-----------पर ठहर वो जो जवाँ ---के भाव से भी आज के श्रोता को अवगत कराने की कृपा करें। आदरणिय नीरज जी के देहावसान पर उस समय जब वो चले जा रहे थे तब अनायास मेरे ह्रदय से " लौट जाओ लौट जाओ , कहाँ तक चलोगे संग मेरे,मैंचला चिर निद्रा में संसार से आगे,शान्त गगन के शान्त धरा पर सोने। भाव एसे निकला जैसे आज नीरज जी अपने चलने की प्रक्रिया को अपने चाहने वालों को संतावना दे रहे हों। खैर--
को भी उन्के चाहने वालों के बीच संदर्भित करने का कृपा करें । अदरणीय नीरज जी के देहावसानोपरान्त अन्तिम यात्रा मे चलने की प्रक्रिया मेरे ह्रदय ""लौट जाओ लौट जाओ,कहाँ तक चलोगे संग मेरे,मैं चला चीर निद्रा में संसार से आगे ,शान्त गगन के शान्त धरा पर सोने। मे भाव इस तरह उत्पन्न हुआ जैसे नीरज जी अपने चलने की यात्रा अपने चाहने वलौ को इस सांत्वना का आशीष देकर आगे चल रहे है। खैर------।
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लाजवाब लाजवाब लाजवाब
Nothing can be better than this... amazing
आप जैसा काेई नहीं आप ही पूर्वजाें की याद काे संभाल कर रख सकते हो
बहुत शानदार सर जी। नीरज जी को भी ह्रदय से प्रणाम।🙏🙏🙏🙏🙏
जियो जियो अय हिन्दुस्तान - रामधारी सिंह “दिनकर”
जाग रहे हम वीर जवान,
जियो जियो अय हिन्दुस्तान !
हम प्रभात की नई किरण हैं, हम दिन के आलोक नवल,
हम नवीन भारत के सैनिक, धीर,वीर,गंभीर, अचल ।
हम प्रहरी उँचे हिमाद्रि के, सुरभि स्वर्ग की लेते हैं ।
हम हैं शान्तिदूत धरणी के, छाँह सभी को देते हैं।
वीर-प्रसू माँ की आँखों के हम नवीन उजियाले हैं
गंगा, यमुना, हिन्द महासागर के हम रखवाले हैं।
तन मन धन तुम पर कुर्बान,
जियो जियो अय हिन्दुस्तान !
हम सपूत उनके जो नर थे अनल और मधु मिश्रण,
जिसमें नर का तेज प्रखर था, भीतर था नारी का मन !
एक नयन संजीवन जिनका, एक नयन था हालाहल,
जितना कठिन खड्ग था कर में उतना ही अंतर कोमल।
थर-थर तीनों लोक काँपते थे जिनकी ललकारों पर,
स्वर्ग नाचता था रण में जिनकी पवित्र तलवारों पर
हम उन वीरों की सन्तान ,
जियो जियो अय हिन्दुस्तान !
हम शकारि विक्रमादित्य हैं अरिदल को दलनेवाले,
रण में ज़मीं नहीं, दुश्मन की लाशों पर चलनेंवाले।
हम अर्जुन, हम भीम, शान्ति के लिये जगत में जीते हैं
मगर, शत्रु हठ करे अगर तो, लहू वक्ष का पीते हैं।
हम हैं शिवा-प्रताप रोटियाँ भले घास की खाएंगे,
मगर, किसी ज़ुल्मी के आगे मस्तक नहीं झुकायेंगे।
देंगे जान , नहीं ईमान,
जियो जियो अय हिन्दुस्तान।
जियो, जियो अय देश! कि पहरे पर ही जगे हुए हैं हम।
वन, पर्वत, हर तरफ़ चौकसी में ही लगे हुए हैं हम।
हिन्द-सिन्धु की कसम, कौन इस पर जहाज ला सकता ।
सरहद के भीतर कोई दुश्मन कैसे आ सकता है ?
पर की हम कुछ नहीं चाहते, अपनी किन्तु बचायेंगे,
जिसकी उँगली उठी उसे हम यमपुर को पहुँचायेंगे।
हम प्रहरी यमराज समान
जियो जियो अय हिन्दुस्तान!