YALLAH MUSALMANO KE MADAD KER OR ON KE HIFAZAT FERMA AMEEN YA RABB UL ALAMIN YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH
यह बात तो भारत देश का सनातनी हिन्दू समाज और मुसलमान समाज अपने भगवान से बढ़कर किसी भी व्यक्ति को आदरणीय सम्माननीय महापुरुष को साधु-संतों और भारत के परम आदरणीय महात्मा गांधी जी को आदर सम्मान से महात्मा जी की उपाधि भारत की आमजनता ने दिया है परन्तु महात्मा गांधी जी को उनके परिवार जन उनकी पार्टी नेता और भारत देश की आमजनता ने उनको भी भगवान नहीं माना है यह सभी ने सुना है कि श्री महात्मा गांधी श्री राम भगवान के उपासक थे जब उनका स्वर्गवास हुआ था तब उनके जीवन का अंतिम शब्द श्री राम निकला था! भारत देश की आजादी मे श्री महात्मा गांधी जी की प्रमुख भुमिका मानी गई है! श्री महात्मा गांधी आमजन की निस्वार्थ सेवा करते थे इसलिए वह शासन की कुर्सी पर बैठना पसंद नहीं किया था वो मानते थे कि शासन करने के लिए कुर्सी पर बैठने वाले आमजनता की सेवा से बढ़कर उस कुर्सी को क़ायम रखने के लिए जी हुजूरी चमचागिरी भ्रष्ट आचरण करने पड़ते हैं कुर्सी का नशा हो जाता है मानवता की सेवा परोपकार मदद सहयोग करने के लिए सरकार मे उसके सेवा भावी जीवन की पहचान होनी चाहिए ताकि बेधड़क निडरता से आमजन की सेवा बगैर बंधन से की जा सके। ऐसे महान त्यागी सेवा भावी परोपकारी श्रीं महात्मा गांधी भगवान नहीं बने वो सदैव भगवान के भक्त बनकर अहिंसावादी सिद्धांत पर चलकर जीवन सफल बनाया है। बाबा साहेब डा अम्बेडकर जी कांग्रेस शासनकाल मे भारत के कानून मंत्री बनकर भारत के समस्त देशवासियों से सबसे अधिक सरकारी लाभ जन्म से समस्त जीवन तक योग्यता की जगह अपनी जाति अपने समाज को नौकरी शिक्षा स्वास्थ्य समस्त क्षेत्र मे जाति की प्राथमिकता सदैव जब तक धरती क़ायम है और भारत देश क़ायम है तब तक लगातार लाभ दिये जाने का पट्टा अपनी जाति अपने समाज को प्रदान करने वाला अपनी जाति अपने समाज के लिए महानता का काम किया है जिसकी वजह से इनकी जाती और समाज आत्मिक प्रेम अपनत्व से आदर सम्मान से उचतम उपाधि से सम्मानित करना चाहिए उसके बाद भी भगवान मानकर उनके नाम से मंदिर अपने घर मे बनायें होंगे परन्तु किसी गांव शहर मे उनको भगवान मानकर मंदिरों को नहीं देखा गया है! महापुरुष मानना उचित है।
Tumko unke bareme nahi malum duniya ka koi aaysa kitab nahi hai jo maulana Abdullah salim ke najro se na gujra ho tumhare baba se bhi jada malum hai tumhare dharm ke bareme
Bahut bahut salaam maulana saheb Jay bhim,,,
G MASHA ALLAH ALLAH PAK SAHAT ATTA FERMAAY OR AP KE HIFAZAT FERMAAY AMEEN YA RABB UL ALAMIN YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH
जय भीम ❤भाई
Hello
Jay bhim jai bhim
Jay, bhim
😢
YALLAH MUSALMANO KE MADAD KER OR ON KE HIFAZAT FERMA AMEEN YA RABB UL ALAMIN YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH YALLAH
Sahi kaha maulana saheb ne
💪❤👍👌🇮🇳🇮🇳🇮🇳👌👌👌👌👍👍👍
यह बात तो भारत देश का सनातनी हिन्दू समाज और मुसलमान समाज अपने भगवान से बढ़कर किसी भी व्यक्ति को आदरणीय सम्माननीय महापुरुष को साधु-संतों और भारत के परम आदरणीय महात्मा गांधी जी को आदर सम्मान से महात्मा जी की उपाधि भारत की आमजनता ने दिया है परन्तु महात्मा गांधी जी को उनके परिवार जन उनकी पार्टी नेता और भारत देश की आमजनता ने उनको भी भगवान नहीं माना है यह सभी ने सुना है कि श्री महात्मा गांधी श्री राम भगवान के उपासक थे जब उनका स्वर्गवास हुआ था तब उनके जीवन का अंतिम शब्द श्री राम निकला था! भारत देश की आजादी मे श्री महात्मा गांधी जी की प्रमुख भुमिका मानी गई है! श्री महात्मा गांधी आमजन की निस्वार्थ सेवा करते थे इसलिए वह शासन की कुर्सी पर बैठना पसंद नहीं किया था वो मानते थे कि शासन करने के लिए कुर्सी पर बैठने वाले आमजनता की सेवा से बढ़कर उस कुर्सी को क़ायम रखने के लिए जी हुजूरी चमचागिरी भ्रष्ट आचरण करने पड़ते हैं कुर्सी का नशा हो जाता है मानवता की सेवा परोपकार मदद सहयोग करने के लिए सरकार मे उसके सेवा भावी जीवन की पहचान होनी चाहिए ताकि बेधड़क निडरता से आमजन की सेवा बगैर बंधन से की जा सके। ऐसे महान त्यागी सेवा भावी परोपकारी श्रीं महात्मा गांधी भगवान नहीं बने वो सदैव भगवान के भक्त बनकर अहिंसावादी सिद्धांत पर चलकर जीवन सफल बनाया है। बाबा साहेब डा अम्बेडकर जी कांग्रेस शासनकाल मे भारत के कानून मंत्री बनकर भारत के समस्त देशवासियों से सबसे अधिक सरकारी लाभ जन्म से समस्त जीवन तक योग्यता की जगह अपनी जाति अपने समाज को नौकरी शिक्षा स्वास्थ्य समस्त क्षेत्र मे जाति की प्राथमिकता सदैव जब तक धरती क़ायम है और भारत देश क़ायम है तब तक लगातार लाभ दिये जाने का पट्टा अपनी जाति अपने समाज को प्रदान करने वाला अपनी जाति अपने समाज के लिए महानता का काम किया है जिसकी वजह से इनकी जाती और समाज आत्मिक प्रेम अपनत्व से आदर सम्मान से उचतम उपाधि से सम्मानित करना चाहिए उसके बाद भी भगवान मानकर उनके नाम से मंदिर अपने घर मे बनायें होंगे परन्तु किसी गांव शहर मे उनको भगवान मानकर मंदिरों को नहीं देखा गया है! महापुरुष मानना उचित है।
Bilkul
Maulana sahab 12 digri nahi 32 thi
❤
32 digress thi
Bhai tujhe kuchh nhi mlum degree gino phle
Tumko unke bareme nahi malum duniya ka koi aaysa kitab nahi hai jo maulana Abdullah salim ke najro se na gujra ho tumhare baba se bhi jada malum hai tumhare dharm ke bareme