संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!! लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
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श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ सौरभ सूर्यवंश
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है । जय जय श्री राम जय हर हर महादेव
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम नारायण नारायण
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
jai shree ram jai shree ram jai shree Ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram .....
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏 अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम
Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
Aur Ram ji ne apko chuna ye divya katha jan jan ke hruday tak pahuchane ko....🙏Dhanya hain ap aur Dhanya shree Ram....ek bhakti parayan aur ek bhakt parayan...🌺🌺🙏
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
अति सुन्दर प्रस्तुति। एक एक शब्द सत्य है। 10:53 जय जय सिया राम
बहुत दिनों से ढूंढ रहा था इस सुरीले गायक को आज मिल गया 🔥🔥🔥🔥👍🏻
Same ❤
जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है,
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते है।
ऎसी माता जी को मेरा प्रणाम जिसने आप को जन्म दिया ( ravendra Jain)
👍👍
Dear Sir/Mam
Request you to kindly share MTD/ FTD ach on below 12 parameters on daily basis.
1. CASA Retail (lacs)
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4. HV CASA NOA
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5. Assets (lacs)
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6. Axis Direct Subscription noa
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7 .Mapped Book (lace)
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8. Credit Cards
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Jay shree raam. Sat sat naman ravindra jain ji ko
😊😊😊
संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
L paan kabhi piya है
Apki aawaj se aesa lagta hai ki ram katha swayam mere hanumanji suna rahe ho
Jai siya ram
ramayan me hanuman jiko inhone hi awaz diya h
आपके चरणों मे बारम्बार नमन दादा🙏❤️
आज दिवाली के पर्व पर राम की नाम की महिमा सुनकर मन शांत और प्रसन्न हुआ आपकी आवाज अदभुत है गुरुजी प्रणाम आपको ❤️❤️
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
Aap logo ki wajah se ajj hame yah ram kahani soonne ka moka mila is ke liye dhanywab
Tere baap ne kabhi नहीं sunaya tha
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!!
लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
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आपका भजन सुनकर हम धन्य हुए हैं हमे राम रतन धन प्राप्त हुआ जय सिया राम जय जय हनुमान।
ये ईश्वर की देन नहीं तो क्या है न कभी एैसा हुआ न कभी एैसा होगा(साक्षात ईश्वर के ये अवतार है)
Beta kya tum bhi iswarke awtaar ho .sant raho warna ling muh me chala jaaiga
❤
Chhotu
मैं तो निशब्द हो गया हूं दादू आपके मुख से श्री राम नाम वर्णन सुन के❤
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
Pujya daduji apke shri muk se bhajan sunkar lagti hey jese atma me sama gai.....Dhanya ho ap.Ap jese santji ke jarurat hey desh ko.....💐💟👣💟👣💟👣💟👣💟👣💟💐
सच्ची भजन सम्राट हैं आप आपकी वाणी और आपको साक्षात नमन
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
Jay shreemadram ji . Jo bhi ram ki sharan me aata he wahi param guni or gyani ho jata he . Aap bhi mahan ho gye Jain ji
सुन के मन को तस्सली मिलती है मुझे गर्व है अपने हिंदू धर्म पर jai shree 🚩 ram
Pp p tiyla bidia ump kase pta ni to get the
1%qqq
@@sunilrai9067 MATLAB
very nice
@@Straightfitt 9oooooo
*आधुनिक भारत के सूरदास है रविंद्र जैन जी
अहो भाग्य जो में इन्हें सुन पाया* ।
जय श्री राम बहुत ही अच्छी आवाज है रविंद्र जी राम आप पर कृपा करें
Ram Naam say preeta mujhay mare guru or Ravindra Jain ne Kiya mara koti koti pranaam .aap pr ram ji ki sada kripa rahe
आपके गाने मे कोई कुछ अलग ही बात है भक्तिमय मन हो जाता है
मिट्टी में मिल गये वो " बादशाह " जिन्हें खुद पर गुमान था वो "पत्थर" भी नहीं डूबा जिस पर प्रभु श्री राम का नाम था।।
जय श्री राम✨💐♥️
Jay shree Ram Jai shree ram
@@gabbaryadav7662s
Jai shree Ram ⛳⛳
हमारे प्रिय संगीत वाद्य हमारे गायक कार रविंद्र जैन जी को सादर प्रणाम 🙏🙏
तेरी........m. ... .k. c......
Aap की aavaj amar है, jab भी naye generation ke log सुनेंगे, unhe shant pradaan karegi.
Jai shri ram
Kya likha hai teek se likh
जय श्री राम बहुत ही सुंदर भजन है
Jai shree ram sab par apni kripa banay rakhiye mere ram🙏🙏
जय हो बाबा Ravindra jain जी की
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
मेरे राम जैसा दूसरा कोई नही 💖💖 जय सियाराम 💖💖
जय श्री राम🙏🚩
जय श्री राम भक्त हनुमान जी महाराज की जय🙏🚩
श्री रविन्द्र जैन जी आप सदा अमर रहे🙏🚩
जय श्री राम, रविन्द्र जैन जी की आवाज़ में जो मिट्ठास है वो हमे जीवन में भक्ति का एक अलग ही आनंद देती
जय श्री राम जय हनुमान
Hari kripa se hi sambhab hai
साक्षात माँ सरस्वती जैन साहब की वाणी पर विराजमान हो कर प्रभु के ये सब भजन गाये है
बोलो जय श्री राम
जय कारा विरबजरंगी
M
i hai 🎉e🎉 sir ne sir ki e es @@rambabukurmi2831
अद्भुत , कथा पात्र कवीराम
रामचरित मानस को प्रणाम
संत कबीर दास जी महाराज जैसे रविन्द्र जैन जी को नमन करते हैं धन्यवाद
Rajendra saraf ap ko sadar pradam karata hu
रविन्द्र जी जैन आप साक्छात ईश्वर के परम भक्त हो
आप को बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने राम राम का संकीदन
मुझे संगीत बहुत पसंद
Kisi kisi ki awaj me hi bhakti hoti hai, wese hi inki awaj h, jyese bas bhajan ke liye hi hai inki awaj. Jai sri ram🙏
दिल को छू लेने वाला भजन श्री राम कथा राम राम जी
Wow inki awaj seede dil ko touch krti h ......mai kafi din se inhe search kr rhi thi
Jay Shri Ram ji Jay Shri Ravindra Baba ji ki Jay 🙏🙏🙏🙏🙏
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ
आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ
आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ
सौरभ सूर्यवंश
JAI SIYARAM❤️🙏
JAI SHREE LAXMAN❤️🙏
JAI SHREE HANUMAN❤️🙏
Shree Rama charitra ko Namaska🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏Siyaram Katha sunker Mann bhave mayur ho gyaaaa ..
Ravindra Jain ji ap bahut mahan h ? AP bhi ek bhgwan jysa ek avatar h & bahut sundar awaj hai
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
जय श्री राम 🥰 बहुत-बहुत धन्यवाद आपका रविन्द्र जैन जी 😊❤
श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम ,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम
राम रामाय रामाय रमे राम मनोरमे सहस्र नाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥
jai ho
Ravindra jain ji ko bahut bahut dhanyavaad ki unho ne ye bhajan itni shraddha aur sumaddhur awaz me kiya. Nobody can match him
कलियुग के श्री तुलसी को सत् सत् नमन ।
Jay. Shiree. 🙏Ram🙏🚩🙏. Jay. Sitaptey. Ki
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है ।
जय जय श्री राम
जय हर हर महादेव
Jay shree ram jai hanuman
Jai shree Ram Ram ji
Ram katha ki tarah aap bhi mahan gayak hn Ravinder jain ji. You are legendary singer, may God bless you sir. 🙏🙏
भगवान के प्रतिनिधि श्री रविन्द्र जी जैन को नमन
great................ salute to Great legend Ravindra Jain
Can you take my l
जय सियाराम🤝🍊जय श्री राम🤝🍊🍎
आप जैसे महामानव को सादर नमन 🙏🙏
🙏🌹❤️🌿🔱🕉️ जय सियाराम जय जय सियाराम भज मन गोविंद भज मन राम गंगा तुलसी शालीग्राम जय राधे कृष्ण🙏🌹❤️🌿🔱🕉️
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम नारायण नारायण
Kash is yug me ye vaps aaye or ese hi ramayan ki mhima sunaye
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
Shri Ram-katha ki trha hi aapji ki,ye amrit-vaani es jhaan m Amar ujala laayegi,aapke Shri charno me koti koti naman h ji, Jai Shri Ram ❤❤❤❤❤
jai shree ram jai shree ram jai shree Ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram .....
Ko
Bhos......ki... ..aage bhi to bol
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏
अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
जय हो दिव्य रचना हुई है प्रभु की हृदय को भाव विभोर कर दिया है जय श्री हरि की वाह प्रभु क्या
आनंद है जय श्री राम 🚩🙏🚩
Vah vah Ravindra jain ki jitni parsansa karein utni kam hain
Issue achha singer to Maine sapne me bhi Nahi Dekha tha Mai Apka bahut t Bada bhakti hun Ravindra Jain Ji Jai Shree ram. Har Har mahadev
दादू की रचना और मीठी आवाज के हम तो पागल हो गए बार बार सुनते हैं फिर भी उत्सुकता और बढ़ ती जाती है अमर रहेंगे दादू के गीत सादर प्रणाम
🎉🎉o ooo999Qqo१
Kkkkkkkkkkkkkkkk qqq😊
Jay shree Ram
जय श्री राम
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इक चाहत है मेरी राम 💖 तुम्हारी चाहत में मिट जाने की 💖💖 जय सियाराम 💖💖
Jay shree ram...
यदि नाम की महिमा इतनी बड़ी है तो जिन्हे साक्षात भक्तवत्सल के दर्शन हुए थे उनको कितना पुण्य मिला होगा ये किसी भी प्रकार से वर्णित करना असंभव है।
Jai Shree Ram
हर हर महादेव
जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम जय जय श्रीराम
Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
Jai shree ram Jai Jai Siya ram Apke Charno me to Swarg hai Ravindra Jain Maharaj
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram mere Priya ram Jai siya ram🙏🙏🙏
श्री सीताराम सरकार की जय हो जय हो रविंद्र जी की जय हो जो इतनी भागवत प्रेमी यह बोल छवि राम जी की दर्शाई गाना के माध्यम से ह्रदय से आभार राम राम जी
जय श्री राम🤝
आपके द्वारा गाय की रामायण कानों में ऐसा रसगुल्ला है की सुनते सुनते मन नहीं भरता, जय श्री राम 🙏🌹💐🌸
Jay Siyaram dadu swargiya Shri Ravindra Jain ji ko koti koti WWE Saraswati Putra hai
Beautiful bhajannnnn
Apke shri charon me koti koti pranam.Jay Shri Ram......💐👣💐👣💐👣💐
सत सत नमन। आपकी आवाज वाह क्या कहना मन प्रफुलित हो जाता है। जय श्रीरामजी।
राम राम जय राजा राम🙏 राम राम जय सीता राम🙏
राम राम जय राजा राम राम राम जय राजा राम राम राम जय सीता राम जय हनुमान
अमेजिंग गाते रविन्द्र जैन मन को शांति मिलता हैं इनका आवाज़ सुन कर
हम है अयोध्या वासी। धन्य है प्रभू ने इस भूमि पे जन्म दिया।
JAI SHREE RAM/ RAVINDRA JI JAIN
Aur Ram ji ne apko chuna ye divya katha jan jan ke hruday tak pahuchane ko....🙏Dhanya hain ap aur Dhanya shree Ram....ek bhakti parayan aur ek bhakt parayan...🌺🌺🙏
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
धन नहीं "धन्य "है ध्यान दिजीए।।
नाम रूप में को बड़ा है आज भी प्रश्न यही खड़ा है
Jay shree Ram 🙏🙏🙏
उचित विचार है।
Hey prabhuji Apne charno mai sthan dijiye sabko 🙏
Mujhe lagta hai I'd banwana pada......bhos..............ke
baah prabhu dhanya h aapki mahima jai shree ram om namaha shivay
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
❤
Gagar me sagar
आप एक महान आत्मा हर बंद जाना हम आपका सादर नमन करते हैं जय श्री राम
श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय
koti koti pranam ... Shanatan dharma ko hamesha aapki jarurat rahegi... Aapke har janam me
॥रघु पति राघव राजा राम॥
॥पतिक पावन सीता राम ॥
Ram Ram Ji 🙏🙏
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
I am proud of my hindu religion.... 🙏Jai shree ram jai hanuman ji