संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
dadushree ki bharpae koe nahi kar sakta,ek alag singing divine singing connect to autometic with the god...aapko sat sat naman aap sarir se hamare beech se chale gaye hai per atma se ham sab ke beech sadev rahege..
Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है । जय जय श्री राम जय हर हर महादेव
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ सौरभ सूर्यवंश
हे रविन्द्र जी! आप अजर अमर है,भगवान क्षीर सागर बैकून्ठ पति ने आपको पुन: इस धरतीलोक पर प्रभु की कथा का गान करने हेतू भेज दिया होगा ।।।कलयुग शेष है अभी और कल्कि अवतार बाकी है ।।।।।
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!! लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏 अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
आप जैसा गीत संगीत गाने वाले प्रभु विरले में ही देते है, आप पर भगवान श्री राम जी की साक्षात कृपा है। आप पूर्वज के दिव्य शक्ति का अवतरण हुआ। है। जय श्री सीता राम 🙏🏼🚩
जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है,
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते है।
ऎसी माता जी को मेरा प्रणाम जिसने आप को जन्म दिया ( ravendra Jain)
👍👍
Dear Sir/Mam
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2. CASA NTB Retail (Lacs)
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4. HV CASA NOA
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5. Assets (lacs)
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6. Axis Direct Subscription noa
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7 .Mapped Book (lace)
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8. Credit Cards
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10. LI WPC (lacs)
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संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
L paan kabhi piya है
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
Jay shree raam. Sat sat naman ravindra jain ji ko
😊😊😊
आज दिवाली के पर्व पर राम की नाम की महिमा सुनकर मन शांत और प्रसन्न हुआ आपकी आवाज अदभुत है गुरुजी प्रणाम आपको ❤️❤️
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
Jay. Shiree. 🙏Ram🙏🚩🙏. Jay. Sitaptey. Ki
Ram Naam say preeta mujhay mare guru or Ravindra Jain ne Kiya mara koti koti pranaam .aap pr ram ji ki sada kripa rahe
राम रामाय रामाय रमे राम मनोरमे सहस्र नाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥
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Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
आपका भजन सुनकर हम धन्य हुए हैं हमे राम रतन धन प्राप्त हुआ जय सिया राम जय जय हनुमान।
Jai siya Ram, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😊
ये ईश्वर की देन नहीं तो क्या है न कभी एैसा हुआ न कभी एैसा होगा(साक्षात ईश्वर के ये अवतार है)
Beta kya tum bhi iswarke awtaar ho .sant raho warna ling muh me chala jaaiga
❤
Chhotu
बहुत दिनों से ढूंढ रहा था इस सुरीले गायक को आज मिल गया 🔥🔥🔥🔥👍🏻
Same ❤
सच्ची भजन सम्राट हैं आप आपकी वाणी और आपको साक्षात नमन
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
Aap की aavaj amar है, jab भी naye generation ke log सुनेंगे, unhe shant pradaan karegi.
Jai shri ram
Kya likha hai teek se likh
आपके चरणों मे बारम्बार नमन दादा🙏❤️
Apki aawaj se aesa lagta hai ki ram katha swayam mere hanumanji suna rahe ho
Jai siya ram
ramayan me hanuman jiko inhone hi awaz diya h
Aap logo ki wajah se ajj hame yah ram kahani soonne ka moka mila is ke liye dhanywab
Tere baap ne kabhi नहीं sunaya tha
मैं तो निशब्द हो गया हूं दादू आपके मुख से श्री राम नाम वर्णन सुन के❤
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
दादू की रचना और मीठी आवाज के हम तो पागल हो गए बार बार सुनते हैं फिर भी उत्सुकता और बढ़ ती जाती है अमर रहेंगे दादू के गीत सादर प्रणाम
🎉🎉o ooo999Qqo१
Kkkkkkkkkkkkkkkk qqq😊
Jay shree Ram
जय श्री राम
@@dattatrayakumbhar8298 m.
F
Ravindra jain ji ko bahut bahut dhanyavaad ki unho ne ye bhajan itni shraddha aur sumaddhur awaz me kiya. Nobody can match him
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है ।
जय जय श्री राम
जय हर हर महादेव
Jay shree ram jai hanuman
Jai shree Ram Ram ji
Ram katha ki tarah aap bhi mahan gayak hn Ravinder jain ji. You are legendary singer, may God bless you sir. 🙏🙏
ॐ नमः शिवाय ॐ जय श्री सियाराम जी ॐ
जय श्री राम बहुत ही सुंदर भजन है
जय श्री राम बहुत ही अच्छी आवाज है रविंद्र जी राम आप पर कृपा करें
अति सुन्दर प्रस्तुति। एक एक शब्द सत्य है। 10:53 जय जय सिया राम
Pujya daduji apke shri muk se bhajan sunkar lagti hey jese atma me sama gai.....Dhanya ho ap.Ap jese santji ke jarurat hey desh ko.....💐💟👣💟👣💟👣💟👣💟👣💟💐
Jay shreemadram ji . Jo bhi ram ki sharan me aata he wahi param guni or gyani ho jata he . Aap bhi mahan ho gye Jain ji
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ
आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ
आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ
सौरभ सूर्यवंश
जय हो बाबा Ravindra jain जी की
सत सत नमन। आपकी आवाज वाह क्या कहना मन प्रफुलित हो जाता है। जय श्रीरामजी।
आपके गाने मे कोई कुछ अलग ही बात है भक्तिमय मन हो जाता है
Ravindra Jain ji ap bahut mahan h ? AP bhi ek bhgwan jysa ek avatar h & bahut sundar awaj hai
जय श्री राम, रविन्द्र जैन जी की आवाज़ में जो मिट्ठास है वो हमे जीवन में भक्ति का एक अलग ही आनंद देती
जय श्री राम जय हनुमान
Hari kripa se hi sambhab hai
मिट्टी में मिल गये वो " बादशाह " जिन्हें खुद पर गुमान था वो "पत्थर" भी नहीं डूबा जिस पर प्रभु श्री राम का नाम था।।
जय श्री राम✨💐♥️
Jay shree Ram Jai shree ram
@@gabbaryadav7662s
Jai shree Ram ⛳⛳
सुन के मन को तस्सली मिलती है मुझे गर्व है अपने हिंदू धर्म पर jai shree 🚩 ram
Pp p tiyla bidia ump kase pta ni to get the
1%qqq
@@sunilrai9067 MATLAB
very nice
@@Straightfitt 9oooooo
*आधुनिक भारत के सूरदास है रविंद्र जैन जी
अहो भाग्य जो में इन्हें सुन पाया* ।
हे रविन्द्र जी! आप अजर अमर है,भगवान क्षीर सागर बैकून्ठ पति ने आपको पुन: इस धरतीलोक पर प्रभु की कथा का गान करने हेतू भेज दिया होगा ।।।कलयुग शेष है अभी और कल्कि अवतार बाकी है ।।।।।
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!!
लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
रविंद्र जैन जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन आप भी प्रभु श्रीराम से कम नहीं है आपकी आवाज सुन कर दिल शांत हो जाता है हमारे लिए आप भी युग मार्गदर्शक
दिल को छू लेने वाला भजन श्री राम कथा राम राम जी
साक्षात माँ सरस्वती जैन साहब की वाणी पर विराजमान हो कर प्रभु के ये सब भजन गाये है
बोलो जय श्री राम
जय कारा विरबजरंगी
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i hai 🎉e🎉 sir ne sir ki e es @@rambabukurmi2831
Jai shree ram Jai Jai Siya ram Apke Charno me to Swarg hai Ravindra Jain Maharaj
रविन्द्र जी जैन आप साक्छात ईश्वर के परम भक्त हो
Prabhuji app Bhagwan Ramji ke nagar se aye hai so app aur app ki madhur vani ko sat sat pranam jai shriram
बहुत सुंदर, सुमधुर, कर्णप्रिय आवाज, भक्ति भाव भरी काव्यात्मक रामकथा हेतु श्री रवींद्र जैन का हार्दिक आभार।जय श्री सीताराम
यदि नाम की महिमा इतनी बड़ी है तो जिन्हे साक्षात भक्तवत्सल के दर्शन हुए थे उनको कितना पुण्य मिला होगा ये किसी भी प्रकार से वर्णित करना असंभव है।
भगवान के प्रतिनिधि श्री रविन्द्र जी जैन को नमन
bhut hi sundar sampurna ramayan.jai shree ram
आप को बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने राम राम का संकीदन
मुझे संगीत बहुत पसंद
अमेजिंग गाते रविन्द्र जैन मन को शांति मिलता हैं इनका आवाज़ सुन कर
जय श्री राम 🥰 बहुत-बहुत धन्यवाद आपका रविन्द्र जैन जी 😊❤
Jay Sri Ram . Aap sach Mai bahut hi bhagya sali hain jo Prabhu ki mahima ka varnan karne ko mila . Aapko pranam .
अद्भुत , कथा पात्र कवीराम
रामचरित मानस को प्रणाम
संत कबीर दास जी महाराज जैसे रविन्द्र जैन जी को नमन करते हैं धन्यवाद
Rajendra saraf ap ko sadar pradam karata hu
श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय श्रीराम शरणं गच्छामि ॐ नमो नारायणाय
Wow inki awaj seede dil ko touch krti h ......mai kafi din se inhe search kr rhi thi
सोचने लगे ये आँगूठी उनकी है
जीत नहीं सकता उनसे कोई तृभुवन में
अगर किसी को यह लाइन मेले तो बता देने
जय सिया राम 🚩
Kisi kisi ki awaj me hi bhakti hoti hai, wese hi inki awaj h, jyese bas bhajan ke liye hi hai inki awaj. Jai sri ram🙏
Jai shree ram sab par apni kripa banay rakhiye mere ram🙏🙏
Shree Rama charitra ko Namaska🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏Siyaram Katha sunker Mann bhave mayur ho gyaaaa ..
हमारे प्रिय संगीत वाद्य हमारे गायक कार रविंद्र जैन जी को सादर प्रणाम 🙏🙏
तेरी........m. ... .k. c......
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
धन नहीं "धन्य "है ध्यान दिजीए।।
नाम रूप में को बड़ा है आज भी प्रश्न यही खड़ा है
Jay shree Ram 🙏🙏🙏
उचित विचार है।
Jay Shri Ram ji Jay Shri Ravindra Baba ji ki Jay 🙏🙏🙏🙏🙏
Jitna gyaan is video me hai utna shayad he aaj ke saare vigyaan me hai 🙏🏼
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
Jay Siyaram dadu swargiya Shri Ravindra Jain ji ko koti koti WWE Saraswati Putra hai
श्री सीताराम सरकार की जय हो जय हो रविंद्र जी की जय हो जो इतनी भागवत प्रेमी यह बोल छवि राम जी की दर्शाई गाना के माध्यम से ह्रदय से आभार राम राम जी
जय सियाराम🤝🍊जय श्री राम🤝🍊🍎
Jai shree ram jai hanuman
जय श्री राम
जय हो दिव्य रचना हुई है प्रभु की हृदय को भाव विभोर कर दिया है जय श्री हरि की वाह प्रभु क्या
आनंद है जय श्री राम 🚩🙏🚩
ॐ नमः शिवाय 🔱 🙏
आप एक महान आत्मा हर बंद जाना हम आपका सादर नमन करते हैं जय श्री राम
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏
अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
।। जय सिया राम ।।
Vah vah Ravindra jain ki jitni parsansa karein utni kam hain
Shri Ram-katha ki trha hi aapji ki,ye amrit-vaani es jhaan m Amar ujala laayegi,aapke Shri charno me koti koti naman h ji, Jai Shri Ram ❤❤❤❤❤
Jai Shree Ram🚩
राम
मेरे राम जैसा दूसरा कोई नही 💖💖 जय सियाराम 💖💖
Issue achha singer to Maine sapne me bhi Nahi Dekha tha Mai Apka bahut t Bada bhakti hun Ravindra Jain Ji Jai Shree ram. Har Har mahadev
अद्भुत देव स्वरूप हैं रविन्द्र जैन जी
अमर वाणी , रविन्द्र जैन जी आप भी अवतारी मानव हैं, जब तक मानव का अस्तित्व है तब तक मानव आप की वाणी का रसपान करता रहेगा ।
Jai Shree Ram
ॐ नमः शिवाय ॐ
JAI SHREE RAM/ RAVINDRA JI JAIN
जय श्री राम🙏🚩
जय श्री राम भक्त हनुमान जी महाराज की जय🙏🚩
श्री रविन्द्र जैन जी आप सदा अमर रहे🙏🚩
JAI SIYARAM❤️🙏
JAI SHREE LAXMAN❤️🙏
JAI SHREE HANUMAN❤️🙏
Jai Shree Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤
कलियुग के श्री तुलसी को सत् सत् नमन ।
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
Jay jay siyaram 🙏🏻🙏🏻
आप जैसा गीत संगीत गाने वाले प्रभु विरले में ही देते है, आप पर भगवान श्री राम जी की साक्षात कृपा है।
आप पूर्वज के दिव्य शक्ति का अवतरण हुआ। है।
जय श्री सीता राम 🙏🏼🚩
Ravindra jainji to sakshat tulaidasjike avtar lagate hai unaka sanatan me sahyog hai vah hamesha hameshase yad rakha jayega
आप जैसे महामानव को सादर नमन 🙏🙏
बहुत सुन्दर
जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम
अद्भूत, आपको कोटि कोटि नमन।