Haldwani Bazar Atikarman Kya Boli Madam | हल्द्वानी अतिक्रमण बाजार में महिला भड़की करारा जवाब |

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 23

  • @BrijeshKumarPandey-mj7lb
    @BrijeshKumarPandey-mj7lb 4 หลายเดือนก่อน

    Very nice

  • @Jyotishvastu.upay.95
    @Jyotishvastu.upay.95 6 หลายเดือนก่อน +1

    इस कमेंट पढ़ने वाले को नीम करौली हमेशा खुशियाँ दे❤

  • @Jigar.Grover6412
    @Jigar.Grover6412 7 หลายเดือนก่อน +1

    🎉🎉

  • @karwaan6896
    @karwaan6896 7 หลายเดือนก่อน +2

    Nice video 🎉🎉🎉🎉🎉 hum aapse Jude chuke hai aap bhi judhiye pleased 🎉🎉🎉🎉

  • @pravendrarawat4048
    @pravendrarawat4048 7 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर सर जी ❤

  • @bhuwanbadhani230
    @bhuwanbadhani230 6 หลายเดือนก่อน

    कोरंगा जी नबाबी रोड का अतिक्रमण हमारे कमिश्नर साहब के संज्ञान में लाइए। और इसे हटवाइए प्लीज़।

  • @piyushverma7399
    @piyushverma7399 7 หลายเดือนก่อน +2

    Ye anti ji humre yha ko rheti hai

  • @anilkumarjoshi6294
    @anilkumarjoshi6294 7 หลายเดือนก่อน +1

    Koranga g aap bhut risk leke blog bnate ho Salute hai aapko

  • @trilokchandra3870
    @trilokchandra3870 7 หลายเดือนก่อน +1

    Esi soch sabki hogi to sahar sundar hoga nice maidan

  • @ramadevikaintura
    @ramadevikaintura 6 หลายเดือนก่อน

    अभी भी,सरकार, के पास,बहुत, समय, है, और,अब, बिल्कुल, ठोस कार्रवाई, हो, और, सबको, घर, बना, कर, दे,जो,100, साल बाद भी, किसी, का घर, न, टूटे, और, मास्टर प्लान, से,काम, हो, तालाब,और, पार्क, स्कूल हॉस्पिटल, हर जगह, होने, चाइए, और, जनता, को, भी, सरकार, की बात, समझनी चाहिए

  • @akhanduttrakhand8186
    @akhanduttrakhand8186 7 หลายเดือนก่อน

    Well done 👍

  • @anandjoshivlog-h4
    @anandjoshivlog-h4 7 หลายเดือนก่อน +2

    Haldwani mai dukan se baher saman rekhne per jurmana legana chahiye. Or koi bhi road per saman laker bechega nahi. Atikerman inka hi jayada hai. Market mai chalne ki jagha nahi hai.

  • @HarishChand-nv9ts
    @HarishChand-nv9ts 7 หลายเดือนก่อน +2

    पूरे हल्द्वानी में अतिक्रमण के अलावा कुछ और है क्या ?
    जिन पहाड़ियों का पहाड़ में अपनी असीमित भूमि होने के बाद भी उसे बंजर करके पहाड़ से मोहभंग कर चुके हैं वो हल्द्वानी, पीरूमदारा और कोटद्वार में जाकर सौ,दो सौ गज जमीन लेकर इतरा रहे हैं वो भी तो इन बेजुबान तोतों के जैसे ही अपना जीवन बिता रहे हैं ।🤪🤪

    • @thakursingh4995
      @thakursingh4995 7 หลายเดือนก่อน

      आपकी बात सही है, पर हल्द्वानी भी उत्तराखंड में आता है। आज उत्तराखंड वाले नहीं आये होते तो दुसरे राज्यों से पूरा भर गया होता।फिर कहते आप बाहरी लोगो ने खरीद लिया है पुरा हल्द्वानी।
      हां ये जरूर है गांव भी नहीं छोड़ना चाहिए।आना जाना करते रहना चाहिए।आने वाले समय में पहाड से हल्द्वानी एक ही दिन में आना जाना हो जायेगा दिन पर दिन सड़कें चोडी हो ही रही है। पहले हम भी हल्द्वानी सुबह चार बजे चलते थे शाम को हल्द्वानी छः बजे पहुंचते थे।आज सात बजे चलने से एक बजे हल्द्वानी पहुंच जाते हैं।
      यें उत्तराखंड का हिस्सा ओर कुमाऊं का द्वार है इसमें अधिक से अधिक लोग उत्तराखंडी होना चाहिए ओर व्यवसाय भी अधिक से अधिक लोग उत्तराखंडी होना चाहिए ,चाहै ओटो हो सैलानियों को ले जाने वाली गाड़ियां हो,छोटे बड़े दुकान हों, सब्जी फल बाजार हो। चाहै होटल हो। हर जगह उत्तराखंड का कम से कम 70 प्रतिशत होना चाहिए। आज हल्द्वानी में दुसरे राज्यों से आकर अच्छा खासा कमाकर लें जाते हैं बहुतो ने यहां मकान बना लिये है। यें तो हमारा राज्य है लोग बाहर दुसरे राज्यों में काम करने जाते हैं , बहुत सारे लोग बाहरी राज्यों में ही बस चुके हैं । अगर हल्द्वानी में काम करेंगे तो या हल्द्वानी में बसेंगे तो पहाड आना जाना चलता रहेंगा,ओर अपना बोली भाषा भी बोलते रहेंगे। जब पहाड़ के लोग दुसरे राज्यों से पहाड गांव आते हैं तो हल्द्वानी पहुंचने पर अपनापन जैसा लगता है। फिर हल्द्वानी अपने लोग बसेंगे तौ कुछ ना कुछ रोजगार करेंगे। बाहरी लोग बसेंगे तो धीरे-धीरे फिर पहाड़ की तरफ नजरें होंगी, । इसलिए हल्द्वानी बसने में कोई बुराई नहीं है।
      कुमाऊं का द्वार कहते हैं।
      जय देवभूमि उत्तराखंड।

    • @HarishChand-nv9ts
      @HarishChand-nv9ts 7 หลายเดือนก่อน +1

      @@thakursingh4995 वाह रे वाह 👌👌 बाप दादा की मेहनत से संजोए गए वो खेत खलिहान और लाखों मजबूरियों से बनाए गए उन घरों को बंजर करके दुसरे शहर में बसने का अच्छा बहाना है और दूसरे राज्यों के लोग कौन हैं वो भी तो इसी देश के हैं सबसे ज्यादा तो आज पहाड़ी दूसरे राज्यों में बसे हुए हैं उत्तराखंड में तो फिर भी अभी बहुत कम हैं और जब गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं तो फिर वहां कोई भी बसे क्या फर्क पड़ता है वो मुस्लिम हों या नेपाली या फिर कोई और ?

    • @anilsingh7707
      @anilsingh7707 6 หลายเดือนก่อน

      देश मे देश के लोग कही भी बस सकते हैं ये कुंठित सोच रखना सही नहीं पहाड़ के लो बहुत संख्या मे बाहर बसे हैं उन्हें बड़े आदर प्यार से बसाते हैं फिर प्लेन वालों से इतनी तकलीफ क्यों ? विदेशी बसे तो बहुत पसंद करते क्यों? एकता रखो आपस मे

  • @tarasingh1968
    @tarasingh1968 3 หลายเดือนก่อน

    Serkar janta ke liye hi kam ker rahi hai. Ye atikraman ko turant hatao.

  • @monujbhandari2028
    @monujbhandari2028 6 หลายเดือนก่อน

    Chhote bhai yah to galti ho raha hai

  • @SandeepsinghJaggi
    @SandeepsinghJaggi 6 หลายเดือนก่อน

    Arha Sarkar kutha ha das saal AK kampni me kaam kartha huaa ho gha ha Aaj dithu nhi mil rhi ha sitkul me bahar ka paramanth ho ham ho Ko gha bhar ya he modhi Ki sarkaar

  • @tarasingh1968
    @tarasingh1968 3 หลายเดือนก่อน

    Ye chidiya tota bechna unlegal hai.