श्रीमान गाड़िया जी आपका बहुत बहुत आभार आपने जो मेरे द्वारा बनाई गई इस वीडियो को सार्वजनिक किया और आप पहाड़ की परंपरा को संरक्षित कर रहे है । आपका एक बार फिर धन्यवाद व आभार 🙏🙏🙏
Thanks for accepting my request. You have elaborately explained what is हुड़का . यह किस स्थान पर गाया जाता है व हुडका गाने में क्या शब्द् होते हैं वे इसका उद्देश्य क्या है। धन्यवाद
हुड़्किया बोल- हुड़की बौल कृषि गीतों का सबसे प्रमुख प्रकार है, मुख्यतः यह रोपाई के समय गाया जाता है। "बौल" का अर्थ है श्रम, हुड़्की के साथ श्रम करने को हुड़की बौल नाम दिया जाता है। हुड़के की थाप पर हुड़किया काम करने वाले स्त्री-पुरुषों को प्रोत्साहित करने का काम करता है। यह एक मनोवैग्यानिक प्रयोग है, जिसे हमारे पुरखो ने अपनाया, काम करते-करते थकान का अनुभव भी न हो और काम भी हो जाय। इन गीतों में कृषि के देवता "भूमिया" से अच्छी खेती होने की कामना की जाती है, इसके पश्चात गायक आकाश, पृथ्वी और स्वर्ग के देवताओं को आमंत्रित करता है और फिर लोक कथायें सुनाता है। अंत में कार्य समाप्ति के साथ कृषकों की मंगल कामना करते हुये उन्हें आशीर्वाद देकर गीत खत्म होता है। कुछ इस प्रकार गाया जाता है- "भूमि का भूमिका, भूमियां हो वरदेणा होया, पांच भाई पाण्डव हो वरदेणा होया।"
Wah mast maja aaa gaya wah
भौते भल दाज्यू
Very nice bhai
Good bhai
Bahote badi choo 👏 haman le khel kari ro Rupai m 😌
धान रोपाई का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाया गया है। । गीत व हुडका का संगीत अच्छा लगा । गांव , स्थान दिनांक भी हो तो और भी अच्छा लगता । धन्यवाद
धन्यवाद आपका। डिक्रिप्शन में दिनांक एवं गांव का नाम डालता हूँ।
Bageshwar ka kapkote
वाह! धरोहर पहाड़ की। ✌
Nic
Very.nice.g.s.suyal.chd.from
Almora.uk
बहुत बढ़िया। जय उत्तराखंड।
Bahut khub
Good
nyc
दिगो ला
nice
श्रीमान गाड़िया जी आपका बहुत बहुत आभार आपने जो मेरे द्वारा बनाई गई इस वीडियो को सार्वजनिक किया और आप पहाड़ की परंपरा को संरक्षित कर रहे है । आपका एक बार फिर धन्यवाद व आभार 🙏🙏🙏
धन्यवाद आपका।
उत्तराखण्ड की संस्कृति से संबंधित और वीडियो हों तो अवश्य भेजें ईमेल gariya2010@gmail.com
@@VinodGariya जी जरूर
गाड़िया जी सपोर्ट कीजिये
Thanks for accepting my request. You have elaborately explained what is हुड़का . यह किस स्थान पर गाया जाता है व हुडका गाने में क्या शब्द् होते हैं वे इसका उद्देश्य क्या है। धन्यवाद
हुड़्किया बोल- हुड़की बौल कृषि गीतों का सबसे प्रमुख प्रकार है, मुख्यतः यह रोपाई के समय गाया जाता है। "बौल" का अर्थ है श्रम, हुड़्की के साथ श्रम करने को हुड़की बौल नाम दिया जाता है। हुड़के की थाप पर हुड़किया काम करने वाले स्त्री-पुरुषों को प्रोत्साहित करने का काम करता है। यह एक मनोवैग्यानिक प्रयोग है, जिसे हमारे पुरखो ने अपनाया, काम करते-करते थकान का अनुभव भी न हो और काम भी हो जाय।
इन गीतों में कृषि के देवता "भूमिया" से अच्छी खेती होने की कामना की जाती है, इसके पश्चात गायक आकाश, पृथ्वी और स्वर्ग के देवताओं को आमंत्रित करता है और फिर लोक कथायें सुनाता है। अंत में कार्य समाप्ति के साथ कृषकों की मंगल कामना करते हुये उन्हें आशीर्वाद देकर गीत खत्म होता है।
कुछ इस प्रकार गाया जाता है-
"भूमि का भूमिका, भूमियां हो वरदेणा होया,
पांच भाई पाण्डव हो वरदेणा होया।"