गिरड- यहांपर बाबा फरीद जी की प्रसिद्ध दर्गाह है। नीचे जो दर्गाह है उसे शककरबावली कहते है। वहापर बाबा फरीद जी ने 12 साल तक उल्टा(नीचे सर और उपर पैर) होकर कुवा में(खुद को बांधकर) तप किया था।वो कूवा आज शक्करबावली में अंदर मौजूद है।जब वो तप कर रहे थे तो कौए उनके शरीर पर उनका मांस खाते थे।तब बाबा उनसे कहते थे कि *(कागा कागा सब तन खैयो चून चुन खाईय्यो मांस, दो नैना मत खईयो मोहे पिया मिलन की आस)* ।आज यह लाइन बहोत ही प्रसिद्ध है जो बहोत से गानों में आपने जरूर सुने होंगे।यह बाबा फरीद जी ने गिरड में कहीं थी।उनका मांस उस कुवे में गिरने की वजह से उसका पानी मीठा हो गया। लोग आज उसका पानी मलीदा(प्रसाद) बनाने के लिए लेते है।और कई लोग कहते है की उस कुएं का पानी बहोत ही चमत्कारी है।उपर भी एक दर्गाह है जिसे पहाड़ फरीद के नाम जाना जाता है।उपर जो तालाब बना है उसकी भी एक कहानी है और गिरड नाम पड़ने की भी कहानी है। जब बाबा यहापर थे तब यहां कोई गांव नहीं था बाबा जंगल में रहते थे। जब लोगों को इनके बारे में पता चला तो लोग उनसे मिलने आने लगे। और भीड़ बढ़ने लगी, लोग उनको मानने लगे। ऐसे ही एक (राक्षस) जिसका नाम गीड्डोबा था, उसको बाबा फरीद के बारे में पता चला। वो उनको देखने आया तब बाबा फरीद खाना खा रहे थे ।तो गिड्डोबा बोला की मै तुझे खा जाऊंगा। तब बाबा ने उसको अपने हाथ का रोटी का टुकड़ा खाने को दिया वो खाएं ही जा रहा था लेकिन वो रोटी का टुकड़ा खत्म नहीं हो रहा था । तब उसने बाबा से पानी मांगा। बाबा के पास पानी नहीं था । तब उन्होंने जमीन में तीन उंगलियां डाली और वहां से पानी निकलना चालू हो गया, और वो पानी गीड्डोबा ने पिया । * यही आज उपर बना हुआ तालाब है* फिर गीड्डोबा और बाबा फरीद से लडने की जिद कर रहा था। तो बाबा फरीद ने उसके दोनों पैर पकड़े और उसको जमीन में गाड़ दिया। तब वो माफी मांगने लगा तो बाबा ने उसे माफ कर दिया और उस गीड्डोबा के नाम से ही उस बस्ती को (गिरड) नाम पड़ गया। उस गीड्डोबा का मंदिर आज भी उसी पहाड़ी पर मौजूद है। वैसे तो बाबा ने इस जगह पर बहोत बड़े बड़े चमत्कार किए और आज भी कर रहे है।लेकिन सब से बड़ा चमत्कार जो आज भी दिखता है वो यह है कि बाबा फरीद जब इधर थे तब वो यहांपर घूम रहे थे तब एक व्यापारी अपने बैलगाड़ी में सुपारी ,गहू, वगैरा लेकर जा रहा था।तब बाबा ने उसको पूछा कि क्या लेकर जा रहा है।वो व्यापारी बाबा को पहचान नहीं सका।उसने बाबा से कहा कि पत्थर लेकर जा रहा हूं।बाबा बोले जा तेरी जबान तुझे मुबारक हो।तभी बैलगाड़ी आगे जा कर रुक गई। बैल सामने ही नहीं जा रहे थे।तब व्यापारी को बड़ा अचंबा महसूस हुआ ।व्यापारी ने थोड़ी देर बाद बैलगाड़ी में देखा तो वो जो सामान लेकर जा रहा था वो सब पत्थर हो गया था।तब उसको उसकी गलती का एहसास हो गया।और उसने बाबा से माफी मांगी।वो सामान जिस जगह उतार दिया था । वहां पर आज भी पत्थर के सुपारी, गुड, गहु मिलते है। ऐसे ही ना जाने कितने चमत्कार बाबा फरीद ने यहांपर किए है।इसीलिए आज भी बहोत दूर दूर से बड़ी संख्या में लोग रोज इस जगह पर आते है और बाबा फरीद जी का आशीर्वाद लेते है।आज भी लोगों को बहोत चमत्कार होते है।
Mashaallah subhanallah eman taza hogya kiyakhub Surat nazara hai Subhanallah Labbaik YA Rasool Allah Labbaik YA Rasool Allah Labbaik YA Rasool Allah Siddike Akbar
गिरड- यहांपर बाबा फरीद जी की प्रसिद्ध दर्गाह है। नीचे जो दर्गाह है उसे शककरबावली कहते है। वहापर बाबा फरीद जी ने 12 साल तक उल्टा(नीचे सर और उपर पैर) होकर कुवा में(खुद को बांधकर) तप किया था।वो कूवा आज शक्करबावली में अंदर मौजूद है।जब वो तप कर रहे थे तो कौए उनके शरीर पर उनका मांस खाते थे।तब बाबा उनसे कहते थे कि *(कागा कागा सब तन खैयो चून चुन खाईय्यो मांस, दो नैना मत खईयो मोहे पिया मिलन की आस)* ।आज यह लाइन बहोत ही प्रसिद्ध है जो बहोत से गानों में आपने जरूर सुने होंगे।यह बाबा फरीद जी ने गिरड में कहीं थी।उनका मांस उस कुवे में गिरने की वजह से उसका पानी मीठा हो गया। लोग आज उसका पानी मलीदा(प्रसाद) बनाने के लिए लेते है।और कई लोग कहते है की उस कुएं का पानी बहोत ही चमत्कारी है।उपर भी एक दर्गाह है जिसे पहाड़ फरीद के नाम जाना जाता है।उपर जो तालाब बना है उसकी भी एक कहानी है और गिरड नाम पड़ने की भी कहानी है। जब बाबा यहापर थे तब यहां कोई गांव नहीं था बाबा जंगल में रहते थे। जब लोगों को इनके बारे में पता चला तो लोग उनसे मिलने आने लगे। और भीड़ बढ़ने लगी, लोग उनको मानने लगे। ऐसे ही एक (राक्षस) जिसका नाम गीड्डोबा था, उसको बाबा फरीद के बारे में पता चला। वो उनको देखने आया तब बाबा फरीद खाना खा रहे थे ।तो गिड्डोबा बोला की मै तुझे खा जाऊंगा। तब बाबा ने उसको अपने हाथ का रोटी का टुकड़ा खाने को दिया वो खाएं ही जा रहा था लेकिन वो रोटी का टुकड़ा खत्म नहीं हो रहा था । तब उसने बाबा से पानी मांगा। बाबा के पास पानी नहीं था । तब उन्होंने जमीन में तीन उंगलियां डाली और वहां से पानी निकलना चालू हो गया, और वो पानी गीड्डोबा ने पिया । * यही आज उपर बना हुआ तालाब है* फिर गीड्डोबा और बाबा फरीद से लडने की जिद कर रहा था। तो बाबा फरीद ने उसके दोनों पैर पकड़े और उसको जमीन में गाड़ दिया। तब वो माफी मांगने लगा तो बाबा ने उसे माफ कर दिया और उस गीड्डोबा के नाम से ही उस बस्ती को (गिरड) नाम पड़ गया। उस गीड्डोबा का मंदिर आज भी उसी पहाड़ी पर मौजूद है। वैसे तो बाबा ने इस जगह पर बहोत बड़े बड़े चमत्कार किए और आज भी कर रहे है।लेकिन सब से बड़ा चमत्कार जो आज भी दिखता है वो यह है कि बाबा फरीद जब इधर थे तब वो यहांपर घूम रहे थे तब एक व्यापारी अपने बैलगाड़ी में सुपारी ,गहू, वगैरा लेकर जा रहा था।तब बाबा ने उसको पूछा कि क्या लेकर जा रहा है।वो व्यापारी बाबा को पहचान नहीं सका।उसने बाबा से कहा कि पत्थर लेकर जा रहा हूं।बाबा बोले जा तेरी जबान तुझे मुबारक हो।तभी बैलगाड़ी आगे जा कर रुक गई। बैल सामने ही नहीं जा रहे थे।तब व्यापारी को बड़ा अचंबा महसूस हुआ ।व्यापारी ने थोड़ी देर बाद बैलगाड़ी में देखा तो वो जो सामान लेकर जा रहा था वो सब पत्थर हो गया था।तब उसको उसकी गलती का एहसास हो गया।और उसने बाबा से माफी मांगी।वो सामान जिस जगह उतार दिया था । वहां पर आज भी पत्थर के सुपारी, गुड, गहु मिलते है। ऐसे ही ना जाने कितने चमत्कार बाबा फरीद ने यहांपर किए है।इसीलिए आज भी बहोत दूर दूर से बड़ी संख्या में लोग रोज इस जगह पर आते है और बाबा फरीद जी का आशीर्वाद लेते है।आज भी लोगों को बहोत चमत्कार होते है।
Ya Farid karam farmaiye baba jan shukriya baba jan shukriya baba jan shukriya baba jan ❤❤
Mashaallah subhanallah eman taza hogya kiyakhub Surat nazara hai Subhanallah Labbaik YA Rasool Allah Labbaik YA Rasool Allah Labbaik YA Rasool Allah Siddike Akbar
Dan Dan Baba shakh frid ji
Haq Farid Ya Farid👑💚🙌
Haq hai malik
Good
Mashallah... sabki dua kabool hoo ameen ❤️
Haq Farid Ya Farid 💕
Haq Farid Ya Farid
Ya farid baba
Ameen
Baba mi pan tumcha ch ahe mala pan javal ghya
ya
Kaha pe hai Dargah sharf ye
Bhai address pura h video main
Girad-samudrapur,Wardha (Maharashtra)