Shankheshwara Prabhu Parshv No Abhishek Vishv Mangal Kare - Jain Stavan

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
  • Shankheshwara Prabhu Parshv no Abhishek Vishv Mangal Kare
    दादा तणो अभिषेक भक्तो, ना हृदय नी आस्था
    दादा तणो अभिषेक तो, जनमन तणी हरतो व्यथा
    सौंदर्य अद्-भुत ने अनुपम, ए क्षणे दादा धरे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    सोवन अने रूपा तणा, कळशो महि ज्यारे प्रभु
    श्वेतल सुगंधी सलिल ने, भक्तो भरे त्यारे प्रभु
    शुभ भावना रस धार सम, जल धार नी वर्षा करे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    तुझ बिंब पर थी वही रही, अभिषेक नी धारा प्रभु तु
    झ भक्तना आतम तणा, धोती करम सारा प्रभु
    साक्षात बिंब वहावे तुझ, वात्सल्य वसुधारा प्रभु
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    पुष्पो अने केशर तणी, पूजा प्रभु नव अंग पर
    अभिषेक थी लहे पूजना, प्रभु पार्श्व तो सर्वांग पर
    ते धन्य पुण्य कहवता जे, लाभ अभिषेक नो लहे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    निज स्नात्र जळ थी तू करे, मूर्छा-रहित महा सैन्यने
    पण हे प्रभु मुर्छित करो, हवे माहरा मोह सैन्यने
    शरणागति ले आपणी ते, मोह पर विजय करे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    पृथ्वी ऊपर क्यारेक वरसे, आभ थी जळ धारतो
    पृथ्वी पती तुझ पर वरसती, रोज अभिषेक धारतो
    आधार मुझ आधार बनी, संताप आतम ना हरे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    दर्शन महाभिषेक नो सौ, शुकन मा महाशुकन छे
    स्पर्शन वडी अभिषेक नु, मुझ आत्म शुद्धिकरण छे
    आ न्हवण जळ शाता करे, ने रोग संकट ने हरे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे…
    जिम भाव नी छे ते महाविदेह मा सीमंधरो
    तिम स्थापना नी निक्षेप थी, आ भरत मा शंखेश्वरो
    आर्हन्त्य अतिशय थी पूजाता, नाथ भव बंधन हरे
    शंखेश्वर प्रभु पार्श्व नो, अभिषेक विश्व मंगल करे...

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