Bhavreshwar Mahadev Mandir | भवरेश्वर महादेव मंदिर निगोहा | Bhavreshwar Temple Nigoha Utter Pradesh
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- เผยแพร่เมื่อ 19 ต.ค. 2024
- Bhavreshwar Mahadev Mandir | भवरेश्वर महादेव मंदिर निगोहा | Bhavreshwar Temple Nigoha Utter Pradesh
Bhavreshwar Mahadev Mandir Nigoha raibareli
How to reach Bhavreshwar Mahadev temple
Bhavreshwar Mahadev Mandir
Bhavreshwar Mahadev temple history
Bhavreshwar Mahadev Mandir history
Bhavreshwar Mahadev Mandir Nigoha raibareli utter Pradesh
सई नदी के किनारे भवरेश्वर महादेव मंदिर
भवरेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे
भवरेश्वर महादेव कहां है
भवरेश्वर महादेव मंदिर निगोहा रायबरेली
भवरेश्वर महादेव का इतिहास
भवरेश्वर महादेव की महिमा
भवरेश्वर महादेव सुदौली रायबरेली
भवरेश्वर महादेव का मंदिर किसने बनवाया
भवरेश्वर महादेव मंदिर का महाभारत से संबंध
भवरेश्वर महादेव मंदिर को औरंगजेब ने तुड़वा दिया
उत्तर प्रदेश रायबरेली के सुदौली में बने इस प्राचीन बाबा भवरेश्वर मंदिर धाम में जहां पर लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान भोलेनाथ जी की प्राचीन मुर्ति शिवलिंग की पूजा करते हैं, यह प्राचीन बाबा भोले नाथ जी का मंदिर तीनों जिलों के बॉर्डर पर उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ की सीमावर्ती पर बंछरावा थाना क्षेत्र के सुदौली में उपस्थित है यहां पर पूरे वर्ष हर सोमवार को एक विशाल और भव्य मेला लगता है, और शिवरात्रि के समय तो एक महीने से अधिक का मेला होता हैं । यह विशाल मंदिर सई नदी के तट पर स्थित है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार -
पूर्वजों की जानकारी के मुताबिक
जिस समय पांडव अज्ञातवास का समय व्यतीत कर रहे थे, उस समय उन्होंने जहां जहां भी अपना रुकने का स्थान बनाया, उस जगह पर उन्होंने शिव जी की मूर्ति की स्थापना की क्योंकि कुन्ती बगैर शिव की पूजा किये बिना जल भी ग्रहण नही करती थी। उस समय पांडव इस क्षेत्र में सई नदी के किनारे विचरण करते हुये पाण्डवों ने यहा डेरा डाला। कुन्ती की नित्य पूजा को सम्पन्न कराने के लिए महाबली भीम अपनी गदा प्रहार से विशाल काय पाषाण खण्ड तोड़ कर लाते थे और उसका अगला सिरा गदा प्रहार से ही शिव लिंग के आकार का निर्मित कर जमीन के अन्दर भयानक वेग से गाड़ देते थे। तत्पश्चात मंत्रोंच्चार के द्वारा मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद कुन्ती उसका पूजन -अर्चना करती थी। पूर्वजों के अनुसार ऐसे ही इस शिवलिंग की स्थापना भीम के द्वारा इस क्षेत्र में की गई थी । उस समय इनका नाम भीम के नाम पर भीमेश्वर विख्यात हुआ। जैसे जैसे समयानुसार समय बीतता गया परिवर्तन होता रहा । मंदिर का महत्व हमारे पूर्वजों के द्वारा-मंदिर के महत्व के विषय में हमारे पूर्वजों द्वारा बताया जाता है कि यहां पर पहले बहुत ही घने जंगल हुआ करते थे इस जंगल में राजा शिकार करने के लिए आते थे । धीरे धीरे समय बदला कुछ वर्षों के बाद जहां गांव से लोग जानवर चराने के लिए आते थे। तभी वहां एक गाय माता जहां एक खास स्थान पर आने से उसका सारा दूध स्वत: निकलने लगता था। चरवाहे जब शाम को दूध दुहते थे तो गाय दूध नहीं देती थी । इस पर चरवाहों ने खोजबीन चालू की तो पाया कि गाय अपना सारा दूध इस शिवलिंग पर गिरा देती थी, तब उन्हें शिवजी की शिवलिंग होने की जानकारी हुई है, और उन्होंने पूजा -अर्चना शुरू कर दी और यह बात बहुत दूर दूर तक आग की तरह फैल गई, और वहां पर इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए लोगों का आना जाना शुरू हो गया ।धीरे धीरे यह जानकारी औरंगजेब को हुई।
औरंगजेब का आक्रमण उस समय हमारे देश में मुग़ल शाशक औरंगजेब का शासन था यह बात उसके कानों तक पहुंची तो उसने इस शिवलिंग को खुदवाने का निर्णय लिया। वह अपनी सेना के साथ रायबरेली के बंछरावा में स्थित सुदौली रियासत आ धमका और मजदूरों के द्वारा उसने मूर्ति की खुदाई करवाना शुरू कर दिया।इलाके में हाहाकार मच गया मुगल शासक औरंगजेब उस समय मंदिरों को तोड़कर उनकी शक्तियां देखना चाहता था, मजदूर शिवलिंग की खुदाई करते रहें लेकिन शिवलिंग का कोई अता पता नहीं चला जितना वह शिवलिंग को नीचे खोदते थे, उतना ही शिवलिंग और बढ़ जाता था, इसके बाद भी मुगलिया सल्तनत के क्रूर शासक को होश नही आया और उसने शिव लिंग में जंजीरे बंधवाकर हाथियों से मूर्ति खिचवाने का आदेश दिया। लेकिन वह उसमें भी सफल नहीं हुआ तो उसने शिवलिंग को तोड़ने का आदेश दिया लेकिन जैसे ही मजदूरों ने उस पर हथौड़े का प्रहार किया उससे हजारों की संख्या मैं भंवरे निकले और औरंगजेब की सेना पर टूट पड़े देखते ही देखते सारी सेना वहां से भाग खड़ी हुई और फिर मुड़ कर भी सुदौली की रियासत की तरफ एक बार भी नहीं देखा तभी से भीमेश्वर का नाम बदलकर पूर्वजों ने भवरेश्वर रख दिया ।आगे चलकर सुदौली के राजा रामपाल की धर्म पत्नी ने अति प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्वार करवाकर भव्य रुप दिया। आज बहुत ही विशाल आदि मूर्ति बाबा भवरेश्वर धाम के नाम से दूर-दूर तक प्रसिद्ध है ।
Har Har Mahadev 🙏🙏🙏
भावेश्वर बाबा जय हो। हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
हर हर महादेव
Om namah shivay har har mahadev bhagwan ki jai ho jai parvathi mata di jai
ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव
Har har Mahadev
हर हरमहादेव
यह भावेश्वर बाबा का मंदिर मेरे गांव में है उसके लिए धन्यवाद आपने वीडियो बनाया है।
जय भवरेश्वर महादेव की
Jai bhawarrsawr mahadev baba ki jai 🙏🌿 jai shivshambhu bholebaba ki jai 🙏🌿 Har har mhadeev ki jai 🌿🙏🌿🌹🌹
जय भवरेश्वर महादेव की
जय भवरेश्वर महादेव जी ,,,हर हर महादेव 🙏🚩
जय श्री भवरेश्वर महादेव की
Har Har mahadev BABA ❤❤
हर हर महादेव
Yah bhaveshwar Baba ka mandir Mere Gaon Mein Hai Uske liye dhanyvad aapane video banaya hai.
बहुत ही सुंदर एवं पौराणिक महत्व का भोले बाबा का मंदिर है ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव
Nadi me har saal log dub jate hai unki lassh ni milti iske baare me kuch jankaari ho to batiye..
Jai Shri Ram 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जय श्री राम
🙏 Jai bhawreswar 🙏
हर हर महादेव
Jay ho prabhu
जय श्री भंवरेश्वर महादेव की
Jay bhole naath 🌺🌺❣️❤🙏🙏
जय भोलेनाथ
Har har mahadev❤️🛕🔱
हर हर महादेव
Namah shivay 💐🙏
ॐ नमः शिवाय
Sar apne y vidiyo bana ke bahot accha Kam Kiya apne Jay bhavreshwar Baba
जय भवरेश्वर महादेव की हर हर महादेव
Yaha par mai Shivratri k time par gaya tha
हर हर महादेव
Mere vilage
ke pass mein hi Mandir sthit hai
जी बहुत ही सुंदर एवं पौराणिक महत्व का भोले बाबा का मंदिर है ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव
Aisa mana jaata hai ki varnavrat se gupt roop se jab pandav nikal rahe the toh Bheem ne yaha par is shivling ko sthapit kiya tha
हर हर महादेव
लोधी समाज के व्यक्ति के खेत में उनको बोलकर प्रकट हुए तभी
जी
Har har Mahadev
हर हर महादेव
Har har Mahadev Jai bhole shankar om Parvati pataye namah har har mahadev
हर हर महादेव
Har har Mahadev
हर हर महादेव