GAANV VAPSI || गाँव वापसी || UTTARAKHANDI SHORT HINDI FILM || Pradeep Bhandari's Films

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 722

  • @SSDhanai
    @SSDhanai 2 ปีที่แล้ว +1

    बहुत अच्छी प्रस्तुति jai Uttarakhand

  • @vlogerantsant6720
    @vlogerantsant6720 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुंदर ऑर motivatniol वीडियो

  • @naveenchandrapant1612
    @naveenchandrapant1612 4 ปีที่แล้ว +6

    जय मातृभूमि देवभूमि उत्तराखंड

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @Malasi_gr_vlogs
    @Malasi_gr_vlogs 4 ปีที่แล้ว +3

    बहुत ही बढिया प्रसतुति

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @pahadibahu3507
    @pahadibahu3507 4 ปีที่แล้ว +1

    Bahut sundar video dill chu liya

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों -
      हिन्दी में क्यों : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं ।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 #लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा #नेता और #नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद। कृपया विस्तार पूर्वक फ़िल्म देखकर #कमेन्ट्स अवश्य करें तथा फिल्म को आगे #शेयर अवश्य आप अपना योगदान प्रदान करें। धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @pahadiproductionhouseramol2080
    @pahadiproductionhouseramol2080 4 ปีที่แล้ว +4

    Bahut Sundar prastuti Jay Dev Bhumi Uttrakhand👏👏

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad . Jai Devbhuni Uttarakhand.

  • @मेरापहाड़मेरीजान

    जय हो यहां क्या नहीं हो सकता है जज्बा चाहिए बहुत अच्छा लगा ऊं नमः शिवाय मंत्र को जपना भगवान शिव सब भली करेंगे हीरा सिंह मेहरा बूंगा कोटयूडा गरुड़ बागेश्वर उत्तराखंड

  • @kamleshbisht9950
    @kamleshbisht9950 3 ปีที่แล้ว +1

    Short garhwali film very nice touch in 💓

  • @PahadiTadka555
    @PahadiTadka555 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut achii movie h..

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद मान्य।
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों - उत्तराखंड का युवा जो दूर परदेश में चंद रुपयों की ख़ातिर वेटर की नौकरी करता है, मगर एक दिन ऐसा मोड़ आता है कि उसके अंदर का स्वाभिमानी पहाड़ी एक ठेस के कारण जाग उगता है और वह गाँव जाकर सरकार की विभिन्न योजनावों का उपयोग कर अपनी पुश्तैनी बंजर जमींन पर फसलों रूपी ऐसा सोना उगाता है कि दुनिया के लिए एक मिशाल बन जाता है, गाँव के अनेक बेरोजगार युवक युवतियां भी उससे घर में ही रोज़गार पाते हैं, गाँव में हरयाळी और ख़ुशहाली की बयार छा जाती है। पलायन से वापस पहाड़ के गाँवों के आबाद की होने की किरण दिखाई देती है। इसके लिए वह युवक इस माधो कार्य के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के हाथों उत्कृष्ट कृषक" सम्मान पाता है।
      साथियों, फ़िल्म दिल छूने वाली यह भावात्मक 37 मिनट की यह फ़िल्म आपको यूँ बांधेगी कि आपको यूँ लगेगा कि 5 -7 मिनट के गाने की तरह यह फ़िल्म कब खत्म हो गई है। आपसे विनम्र निवेदन है कि आजकल खाली समय का पूर्ण उपयोग करते हुए इस फ़िल्म का प्रत्येक डायलॉग जरूर सुनें, गाने और प्रत्येक सीन पर जरूर गौर कीजिये । फ़िल्म अच्छी लगे तो प्रदेश हित में बहुत मेहनत से बनाई गई इस फ़िल्म को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने में आपसे भी अनुरोध है कि फिल्म को शेयर कर और यूट्यूब कमेंट्स में ही अपना कमेंट्स लिखकर अपना योगदान दीजियेगा।
      हिन्दी में क्यों - दर्शक : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा नेता और नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @coolpeople1622
    @coolpeople1622 3 ปีที่แล้ว +2

    Bhut sunder parastuti :no words

  • @vijayalakshmipetwal8956
    @vijayalakshmipetwal8956 4 ปีที่แล้ว +1

    बहुत अच्छी फिल्म है इस फिल्म से बहुत सीख मिल रहा है सबको

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @dharmendrarawat7048
    @dharmendrarawat7048 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut he achhi film banayi hai... mujhe bahut pasand aayi. Kirpiya aisi film banate rahe

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @gspsingh7393
    @gspsingh7393 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत अच्छी film बनाई है bhai जी

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @Ghughuti
    @Ghughuti 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत ही सुंदर संदेश #Ghughuti

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      Bahut Dhanyvad Ghughuti.

  • @ukpbfilms
    @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว +6

    इस "गाँव वापसी" लघु फिल्म को लिखते और बनाते समय कभी मैंने यह सोचा न था कि फ़िल्म को आप सभी का इतना प्यार मिलेगा। आपका धन्यवाद , सैकड़ों सैकड़ों कमेंट्स के लिए धन्यवाद।
    फ़िल्म उत्तराखंडी भाषा में न होने से बहुत डांट पड़ी है, मगर फिल्म सन्देश की सबने सराहना की।
    किसी कहानीकार या फिल्म निर्देशक के लिए पद्मश्री और पद्मविभूषण से बड़ा सम्मान यही होता है जो अपरचित दर्शकों से मिलता है।
    आप सभी के कमेंट्स से बहुत कुछ सीखने को मिला है।
    अपना प्यार और मार्गदर्शन यूँ ही बनाये रखना।
    हाँ फिल्म शेयर जरूर कीजियेगा।
    धन्यवाद।
    प्रदीप भण्डारी : लेखक निर्देशक

  • @shivaninegi6651
    @shivaninegi6651 3 ปีที่แล้ว +1

    Nice bhai logo bhut acha h aapka priyash

  • @RahulSingh-jn6jh
    @RahulSingh-jn6jh 4 ปีที่แล้ว +1

    Bohot badiya movie h bohot inspire karti h

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत बहुत धन्यवाद राहुल जी।

  • @mukeshrawat4260
    @mukeshrawat4260 4 ปีที่แล้ว +2

    Atti सुंदर film khas ki jaise log ab ja rahe lock dawan pe

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Sovhengen Jarur, Dhanyvad.
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों -
      हिन्दी में क्यों : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं ।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 #लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा #नेता और #नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद। कृपया विस्तार पूर्वक फ़िल्म देखकर फिल्म को आगे शेयर अवश्य आप अपना योगदान प्रदान करें। धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @sandeepbishtsandy531
    @sandeepbishtsandy531 4 ปีที่แล้ว +2

    Buhat badiya h ji

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद मान्य।
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों - उत्तराखंड का युवा जो दूर परदेश में चंद रुपयों की ख़ातिर वेटर की नौकरी करता है, मगर एक दिन ऐसा मोड़ आता है कि उसके अंदर का स्वाभिमानी पहाड़ी एक ठेस के कारण जाग उगता है और वह गाँव जाकर सरकार की विभिन्न योजनावों का उपयोग कर अपनी पुश्तैनी बंजर जमींन पर फसलों रूपी ऐसा सोना उगाता है कि दुनिया के लिए एक मिशाल बन जाता है, गाँव के अनेक बेरोजगार युवक युवतियां भी उससे घर में ही रोज़गार पाते हैं, गाँव में हरयाळी और ख़ुशहाली की बयार छा जाती है। पलायन से वापस पहाड़ के गाँवों के आबाद की होने की किरण दिखाई देती है। इसके लिए वह युवक इस माधो कार्य के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के हाथों उत्कृष्ट कृषक" सम्मान पाता है।
      साथियों, फ़िल्म दिल छूने वाली यह भावात्मक 37 मिनट की यह फ़िल्म आपको यूँ बांधेगी कि आपको यूँ लगेगा कि 5 -7 मिनट के गाने की तरह यह फ़िल्म कब खत्म हो गई है। आपसे विनम्र निवेदन है कि आजकल खाली समय का पूर्ण उपयोग करते हुए इस फ़िल्म का प्रत्येक डायलॉग जरूर सुनें, गाने और प्रत्येक सीन पर जरूर गौर कीजिये । फ़िल्म अच्छी लगे तो प्रदेश हित में बहुत मेहनत से बनाई गई इस फ़िल्म को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने में आपसे भी अनुरोध है कि फिल्म को शेयर कर और यूट्यूब कमेंट्स में ही अपना कमेंट्स लिखकर अपना योगदान दीजियेगा।
      हिन्दी में क्यों - दर्शक : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा नेता और नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @tirlokrautela2800
    @tirlokrautela2800 4 ปีที่แล้ว +1

    Bht badiya

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      Dhanyvad Trilok Ji.

  • @adstudio9348
    @adstudio9348 3 ปีที่แล้ว +1

    Aapki Puri team ko mera sat sat naman

  • @ssrawat4900
    @ssrawat4900 4 ปีที่แล้ว +2

    Best prarna gavvn wapsi

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      THANK YOU.

  • @manojkaintura1768
    @manojkaintura1768 4 ปีที่แล้ว +1

    Bhut sunder ji

  • @anilaagri6965
    @anilaagri6965 2 ปีที่แล้ว +1

    Nice video...superb..👌👌

    • @pbfilms
      @pbfilms  2 ปีที่แล้ว

      Many many thanks

  • @Onetrade1
    @Onetrade1 4 ปีที่แล้ว +2

    Very nice movie and concepts..we Uttarakhand.. think about your. Janambhoomi..

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @user-sc2ms6fg1i
    @user-sc2ms6fg1i 4 ปีที่แล้ว +3

    मैं पूरी टीम को ऐसी प्रेरणादायक फिल्म बनाने के लिए बधाई देता हूं। हमारे कई उत्तराखंडवासी शहरों में नौकरी कर रहे हैं और Rs.10 000 से Rs.30,000 तक कमा रहे हैं। कई दयनीय जीवन जी रहे हैं। उन्हें कड़ी मेहनत करके आजीविका कमाने के लिए गाँवों में लौटना चाहिए - Kandpal

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      Bahut Bahut Dhanyvad Aadrniy MK ji.

  • @harishrawat7909
    @harishrawat7909 4 ปีที่แล้ว +1

    Bahut achi video hai...jai bharat jai uttrakhand...

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Aabhar.

  • @bhartendra_rawat
    @bhartendra_rawat 4 ปีที่แล้ว +4

    बहुत ही सुन्दर और प्रेरणादयक।।।

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad Bhartendra Ji.

  • @vinodnegi5208
    @vinodnegi5208 4 ปีที่แล้ว +4

    Mera naam Vinod negi h m 8saal se himanchal m job kr RHA hun aap SBI logon ka bhut bhut danywaad muje ye video bhut acha LGA m khud pahad lot RHA hun aur sab ko yhi bolunga aa ab lot chalen ganv ki tarf thankyou so much all of u

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद जी.

  • @SumanDevi-te1to
    @SumanDevi-te1to 3 ปีที่แล้ว +1

    Bahut he Sundar

  • @jagwantsingh6021
    @jagwantsingh6021 3 ปีที่แล้ว +2

    Baht Achi shim sabin phari sai bhag rai hai

  • @reenagusain6270
    @reenagusain6270 3 ปีที่แล้ว +2

    Bahut bahut badhai sundar prastuti sach me gauu jani ka man kar raha hai es movi ki dekhki lag raha ki sare logo ko fer se yek baar yesa jarur karna chahiye jAb sare log yese khuti bade karinge tabhi to bhgwan mihrban hoki varesh bhi karunge 🙏🙏

    • @pbfilms
      @pbfilms  3 ปีที่แล้ว

      बहुत बढ़िया बात रीना जी। धन्यवाद।

  • @maheshgoswami6690
    @maheshgoswami6690 4 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुंदर उत्तराखंड

  • @GhostYT_1M
    @GhostYT_1M 3 ปีที่แล้ว +1

    Super aao milkar aage bade desh chodkar gaon ki or chale aur fir se wahi masti aur hariyali wala jiwaan jiye jai uttrakhand

  • @sanjitakukreti5126
    @sanjitakukreti5126 9 หลายเดือนก่อน

    Bahut hi sundar 🎉🎉🎉🎉

  • @puransingh6208
    @puransingh6208 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत बहुत धन्यवाद धन्यवाद जय देव भूमि उत्तराखंड

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @mahibisht146
    @mahibisht146 3 ปีที่แล้ว

    Bhout hi badiyaa massage 🥰🥰🥰🥰🥰

  • @mohanrawat2538
    @mohanrawat2538 3 ปีที่แล้ว

    Nice voids 👍👍👍👍❤️♥️♥️❤️♥️ Jai Uttarakhand

  • @sandylifeinfluencer
    @sandylifeinfluencer 4 ปีที่แล้ว +9

    बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है आपने पलायन जो अभिशाप बना है उसे रोकने क लिये।

    • @sobatsinghpanwarsobatpanwa5036
      @sobatsinghpanwarsobatpanwa5036 4 ปีที่แล้ว +5

      आपने बहुत ही सरहनीय कार्य कर्म दिखाया जिससे पलायन रोकने के लिए एक मिसाल के रूप में काम आएगी

    • @ukpbfilms
      @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว

      BAHUT DHANYVAD SANDY'S JI OR SOBAT SINGH JI

  • @dineshpanwar4149
    @dineshpanwar4149 4 ปีที่แล้ว +4

    मैं भी एक किशान हुं जो भी आपने इस फिल्म में दिखाया है ये एक सचाई है पर आज मुझे दिल्ली में 30 साल अपने परिवार के साथ रहते हुए हो गये पर अपने आप को नहीं समझ सका जो आप की इस फिल्म ने समझा दिया
    घर बौडी ऐजा 🙏🙏🙏🙏🙏

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Bahut Dhanyvad Dinesh Ji.

  • @khimakaira5070
    @khimakaira5070 3 ปีที่แล้ว +1

    Dill ko chhune wali, bahut sundr short film👌👌

  • @जयदेवभूमिउत्तराखंड-घ2ङ

    बहुत-बहुत धन्यवाद अपनी इस तरह फिल्म बनाई जो हमारे गढ़वाल में होता आ रहा है बल्ले आपने हिंदी में बनाया जो कि सब लोग समझ सकते हैं लेकिन अगर आप ठेट गढ़वाली भाषा में बनाते तो सभी उत्तराखंडी उसे ज्यादा से ज्यादा समझते और उत्तराखंड में पूरे चारों तरफ चारों चांद लग जाते हैं आपका तहे दिल से हार्दिक स्वागत सफलता आपके कदमों की तरफ घूमे

    • @rameshbhandaribhandari7500
      @rameshbhandaribhandari7500 4 ปีที่แล้ว +1

      Bimar padjao to dr nahi hospital nahi school men education ki gunvatta nahi infrasture nahi Buniyadi suvidha hai kya ? Hame Buniyadi suvidhaon ko prapt krne ka bhi haque nahi kya pahle up men ab uttrakhandi mafia netaon ke hath men hai hamari jindagi.

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @nagendersingh2023
    @nagendersingh2023 4 ปีที่แล้ว +2

    20 shal se shochta hu vapash uttrakhand aau laekin aaj tak satal nahi ho paya jai shree ram jai uttrakhand vinod ji bahut achha

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @MaaBarahiProduction03
    @MaaBarahiProduction03 4 ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही सुंदर

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @bungidevifilms9706
    @bungidevifilms9706 3 ปีที่แล้ว

    अगर य फिल्म गढवलि भाषा म हून्दि तो कदगा भलु लगुदु।
    ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई।

  • @neemajoshi8228
    @neemajoshi8228 4 ปีที่แล้ว +2

    Vvvvvvvv good film 😘😘😍😍good song

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Thank you Neem Joshi.

  • @sundersinghrawat5739
    @sundersinghrawat5739 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut acha laga is film ko dekhkar mujhe bhi apne pungno ki yaad aagai vv nice jaroor log prabhawit honge Ghar ka rukh karenge Jai uttarakhand pahad

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद आपका.

  • @harishraturiofficial8296
    @harishraturiofficial8296 4 ปีที่แล้ว +15

    बहुत ही सुन्दर रचना है जी अपणी गढवाली बोली भाषा माँ और भी अच्छी होदी

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद मान्य।
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों - उत्तराखंड का युवा जो दूर परदेश में चंद रुपयों की ख़ातिर वेटर की नौकरी करता है, मगर एक दिन ऐसा मोड़ आता है कि उसके अंदर का स्वाभिमानी पहाड़ी एक ठेस के कारण जाग उगता है और वह गाँव जाकर सरकार की विभिन्न योजनावों का उपयोग कर अपनी पुश्तैनी बंजर जमींन पर फसलों रूपी ऐसा सोना उगाता है कि दुनिया के लिए एक मिशाल बन जाता है, गाँव के अनेक बेरोजगार युवक युवतियां भी उससे घर में ही रोज़गार पाते हैं, गाँव में हरयाळी और ख़ुशहाली की बयार छा जाती है। पलायन से वापस पहाड़ के गाँवों के आबाद की होने की किरण दिखाई देती है। इसके लिए वह युवक इस माधो कार्य के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के हाथों उत्कृष्ट कृषक" सम्मान पाता है।
      साथियों, फ़िल्म दिल छूने वाली यह भावात्मक 37 मिनट की यह फ़िल्म आपको यूँ बांधेगी कि आपको यूँ लगेगा कि 5 -7 मिनट के गाने की तरह यह फ़िल्म कब खत्म हो गई है। आपसे विनम्र निवेदन है कि आजकल खाली समय का पूर्ण उपयोग करते हुए इस फ़िल्म का प्रत्येक डायलॉग जरूर सुनें, गाने और प्रत्येक सीन पर जरूर गौर कीजिये । फ़िल्म अच्छी लगे तो प्रदेश हित में बहुत मेहनत से बनाई गई इस फ़िल्म को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने में आपसे भी अनुरोध है कि फिल्म को शेयर कर और यूट्यूब कमेंट्स में ही अपना कमेंट्स लिखकर अपना योगदान दीजियेगा।
      हिन्दी में क्यों - दर्शक : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा नेता और नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

    • @ukpbfilms
      @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद, फ़िल्म कुछ सन्देशजनक लगी हो तो कृपया फ़िल्म को शेयर अवश्य कीजियेगा।

  • @arunpundir6687
    @arunpundir6687 3 ปีที่แล้ว

    Atti sundar 😍😍😍😍

  • @gauravjoshi6405
    @gauravjoshi6405 3 ปีที่แล้ว

    Very beautiful videos vinod bhai

  • @newghadwalisong1229
    @newghadwalisong1229 3 ปีที่แล้ว

    Badiya h भाई well good

  • @brawat471
    @brawat471 4 ปีที่แล้ว +2

    फिल्म अच्छी शिक्षाप्रद है।
    पलायन करने वाले लोगों को इस फिल्म से सीख लेनी चाहिए

    • @ukpbfilms
      @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว

      BAHUT DHANYVAD RAWAT JI.

  • @Jaijai-jd3ey
    @Jaijai-jd3ey 3 ปีที่แล้ว +1

    Moovi ko dekh ke to bahut josh aaraha hai par hum Apne uttarakhand ke liye kuch nahi kar sakte hai kyo ki Hamare waha Bandar bahut hai jis karan bahut tap hai krishi karna

  • @SwatiBahuguna-sz4jy
    @SwatiBahuguna-sz4jy 9 หลายเดือนก่อน

    Bahut hi achi film hai
    Ye film hamare gaun me
    bani h❤️

  • @dayanandchamoli9343
    @dayanandchamoli9343 3 ปีที่แล้ว +1

    Very Good film

  • @MeeraDevi-by5zt
    @MeeraDevi-by5zt 4 ปีที่แล้ว +1

    Nice nice bahut nice

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद जी.

  • @harishsingh3386
    @harishsingh3386 3 ปีที่แล้ว

    Is short movie ke makers ko Mera Koti Koti Pranam

  • @user-sc2ms6fg1i
    @user-sc2ms6fg1i 4 ปีที่แล้ว +7

    I congratulate whole team for making such inspirational movie. Our many Uttarakhandis are doing blue collar jobs in cities and earning between Rs.10000 to Rs.30000. Many are living pitiable life. It's advisable to return to villages and live life like king by doing hard work. With best wishes - MahenderKandpal.

  • @nivaschandra5011
    @nivaschandra5011 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुन्दर,

  • @LaxmanSingh-xw2pn
    @LaxmanSingh-xw2pn 3 ปีที่แล้ว

    Bhut acha ji sirr ji

  • @krishnakansyari
    @krishnakansyari 4 ปีที่แล้ว +1

    Aapne bohut bdiya movie bnai h
    🙏🙏

  • @krishnaghildiyal9827
    @krishnaghildiyal9827 4 ปีที่แล้ว +2

    Sushmaa didi sach may bahut sunder didi..👌🏽👌🏽👌🏽😘😘

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad Krishna Ji.

  • @KedarnathExplorervlog
    @KedarnathExplorervlog 4 ปีที่แล้ว +2

    Waaa negi ji kya bat chi .....पर नेगी जी केका मन मा गढ़वाली भाषा क़ु क्वे बिचार नई आयी ।।।।फिल्म त बहुत ही बढ़िया ची ।।।।।जय उत्तराखण्ड।।।।।जय पहाड़

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      बहुत धन्यवाद पहाड़ी बॉय जी, गढ़वाली भाषा को विचार टी आयी छौ पर विचार यु भी आयी कि कृषि अर पलायन को सन्देश सैरा उत्तराखंडियों तैं देंण। त अगर गढ़वाली मां ही बोला त ताब जौनसारी, रवांल्टा, मारछा अर कुमाऊँ का साधारण लोखु तैं समझ कनकै आलू. सादर। जै उत्तराखण्ड

  • @deepakbora5993
    @deepakbora5993 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut Badiya Movie h 👌

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      बहुत धन्यवाद आपका.

    • @deepakbora5993
      @deepakbora5993 4 ปีที่แล้ว +1

      @@pbfilms
      Dhanyvad के पात्र तो आप हो 🙏🙏🙏

  • @kpamola759
    @kpamola759 4 ปีที่แล้ว +3

    बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए बहुत बहुत बधाई आभार जी । परन्तु सबसे बड़ी सच्चाई यह भी तो है कि इस बदलते बिना बारिश पानी ने सबकुछ हौसला उत्साह खत्म कर दिया है । सरकार चाहे तो सम्भावनाऐं जन्म ले सकती है । 🙏

  • @jaideepnegi230
    @jaideepnegi230 3 ปีที่แล้ว

    Superb hit movie

  • @jayprakashpetwal120
    @jayprakashpetwal120 4 ปีที่แล้ว +2

    Dil JEETI legi Bheji bahut achi story wa ..real ma hamara Garhwal be enhhi logo Ki jarurat cha YU Kam be HaaMI yuwa logo Thai Karna padalu

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद जी.

  • @manojbishtchamoli5830
    @manojbishtchamoli5830 4 ปีที่แล้ว +2

    Wonderful video

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद जी.

  • @premlal5263
    @premlal5263 ปีที่แล้ว

    प्रेरणा दायक वीडियो

  • @pushkarsingh3833
    @pushkarsingh3833 4 ปีที่แล้ว +1

    Sort filam hai mager bahut hi achh lga dekh ke mai prabhu kedar nath ji prathna karunga ki sabhi apne gaun phir se wapas aaye

  • @virenderrawat3997
    @virenderrawat3997 3 ปีที่แล้ว +1

    Bhut acha bhai please sir all help government yojna

  • @VPSrana38
    @VPSrana38 4 ปีที่แล้ว +3

    Gadwali मॉ AGR संवाद हेदू त् चार चांद लगी जांदा पर फिर भी आप लोग जब भी ये प्रकार की है फिल्म प्रदर्शन करा ला त् मैं ते विश्वास कि आप लोग अपनी मूल गढ़वाली भाषा मॉ जरूर आप लोग प्रदर्शित करा ला हमारा उत्तराखंड की जनता क बीच मा प्रस्तुत कर ला बहुत-बहुत धन्यवाद अपनी बोली विरासत यही हमारी पहचान छन यही हमारी यह हमारी संस्कृति छन आवा सभी और अपणी गढ़वाली भाषा ते एक नई उच्च देण कू संकल्प करा धन्यवाद (विजयपाल राणा -उत्तरकाशी)

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +2

      आपका बहुत आभार। भाषा प्रेमियों का गुस्सा सहर्ष स्वीकार करता हूँ.
      हिन्दी में क्यों - बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं ।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 #लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा #नेता और #नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद। कृपया फिल्म को शेयर अवश्य आप अपना योगदान प्रदान करें। धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @ksnegi2040
    @ksnegi2040 4 ปีที่แล้ว +3

    bhaut sunder film

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Bhaut Dhanyvad Dinesh Ji.

  • @sonasati375
    @sonasati375 4 ปีที่แล้ว +4

    Bahut sundar bhai logo logo🤗🙏🙏🙏🙏

  • @ukbaba1232
    @ukbaba1232 3 ปีที่แล้ว +1

    Boht achi movie thi but phadi boli ki kami thi bas baki boht achi thi "हमारी संस्कृति हमारी पहचान"❣️मां भगवती से यही प्रार्थना है कि , जब जब जन्म मिले एस धरती पर मैं अपने पहाड़ की वादियों को जीना चाहता हूं। ❣️

  • @krishnachandara8831
    @krishnachandara8831 4 ปีที่แล้ว +3

    Very nice kafi acha laga uttarakhand ko jagruk karne ki liye aap ka bahut bahut dhaniyabad

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad Krishna Ji.

  • @manojsagar9961
    @manojsagar9961 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत ही अच्छा संदेश दिया है इस फिल्म में
    इसमें सीखने के लिए बहुत कुछ है ।

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      प्रिय मनोज सागर जी. आप द्वारा फिल्म देखने और कलाकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद। आप हमारे पहाड़ की शान हो.

    • @manojsagar9961
      @manojsagar9961 4 ปีที่แล้ว +1

      @@pbfilms बहुत-बहुत धन्यवाद सर लेकिन आपके प्रयासों के सामने हम बहुत छोटे से कलाकार हैं। अभी आपसे बहुत कुछ सीखना बाकी है ।

    • @sobatsinghpanwarsobatpanwa5036
      @sobatsinghpanwarsobatpanwa5036 4 ปีที่แล้ว

      बहुत ही अच्छी फिल्म बनाई है आपकों बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें यह फिल्म पलायन करने वालों के लिए एक सुझाव है पलायन रोकेघर खेती में नगदी फसल पैदा कर अपना जीवन यापन करेगे आओ सब मिलकर पलायन रोके

  • @pawansingh9555-z6c
    @pawansingh9555-z6c 3 ปีที่แล้ว

    Bhandari bhai ji parnam🙏🙏 bahut hi badiya film per apdi bhasha ma hondi ta or bhi Anand aijandu👌👌

  • @Khel_Aakhar
    @Khel_Aakhar 4 ปีที่แล้ว +3

    Sahi chitran Kiya h sabhi chizo ka.. uttarakhand sansadhano se Kam nhi balki un manavo se Kam h Jo uske sansadhano ka sahi se istemal nhi Kar rhe h....

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      BAHUT DHANYVAD HIMANSHU RAWAT JI. BAHUT SATYA KAHA AAPNE.

  • @jaisanatan988
    @jaisanatan988 4 ปีที่แล้ว +3

    Jai ho Ashok Negi, the best actor of uttrakhand

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @nandansingh8273
    @nandansingh8273 3 ปีที่แล้ว +1

    ज्ञानवर्धक प्रस्तुति,

  • @devnayal3411
    @devnayal3411 4 ปีที่แล้ว +3

    Bhut sundar kam sir

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Thank you.

  • @deepabisht4313
    @deepabisht4313 3 ปีที่แล้ว

    Bahut badiya

  • @VinodKumar-fy4ry
    @VinodKumar-fy4ry 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut bahut dhaniywad sahi rasta Love my UK

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @guruprasadacharya8878
    @guruprasadacharya8878 ปีที่แล้ว

    अतिसुन्दर प्रस्तुति

  • @latarawat4061
    @latarawat4061 4 ปีที่แล้ว +2

    Nice movie

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @idineshbhandari2047
    @idineshbhandari2047 4 ปีที่แล้ว +3

    बोहोत हीअच्छी प्रस्तुति देने ke लिए आपका बहुत धन्यवाद आशा करते हैं कि आप इस तरह की फ़िल्में आगे भी बनाते रहेंगे और हर व्यक्ति को अपने पहाड़ ke prati prerit करते रहेंगे लेकिन इस बीच mera एक chota सा सवाल है आपसे jo film आप बना रहे हैं पलायन को रोकने ke लिए अच्छी बात है par क्या आप भी अपनाएंगे पहाड़ को पलायन रोकने ke लिए क्या आप भी अपने परिवार को गाँव में रखने की पहल करोगे और
    अपने बचो को सरकारी स्कूल में पड़ोगे धन्यवाद
    जबाब ज़रूर देना plz

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      आज कोरोना चल रहा है और सारी पढ़ाई सुख साधन काम नहीं आ रहें, बिना पढ़ाई बिना साधनों के काम चल रहा है मान्यवर, अगर नहीं चल रहा है तो अन्न के बिना काम नहीं चल रहा है. आज की स्थिति भविष्य का आइना है. इस फिल्म में मेरा मकसद सिर्फ पहाड़ का सदियों पुराना कृषि ज्ञान और खेती बाड़ी बचाने से है.
      रहा आपके सवाल का ज़वाब तो मैं तो आज भी पूरी तरह गाँव से जुड़ा हूँ, मेरा घर खेत पूरी तरह आबाद हैं जन्म भी गाँव में हुआ, पढ़ाई भी गाँव के हिंदी स्कूल से की है , शादी भी गाँव में हुई और मरना भी गाँव की ही धरती में चाहता हूँ मान्य।

    • @idineshbhandari2047
      @idineshbhandari2047 4 ปีที่แล้ว +1

      बहुत अछी बात है जी आपके जबाब ने दिल ख़ुश कर दिया
      आप जैसे लोग हमारे लिए प्रेरणा बनेंगे
      हम भी अपने पहाड़ अपने गाँव के लिए कुछ करना चाहते है आपसे ज़रूर मुलाक़ात करेंगे आपके मार्ग दर्शन की ज़रूरत है धन्यवाद

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      बहुत धन्यवाद दिनेश जी. बहुत अच्छा लगा आपके सवाल और बातचीत से, ऐसा सवाल वही कर सकता है जिसे पहाड़ से अति प्यार है. जी जरूर अच्छा समय आएगा , मुलाक़ात जरूर होगी।

  • @ashishjoshi6768
    @ashishjoshi6768 4 ปีที่แล้ว +3

    V nice

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Thanks Ashish Ji.

  • @surajSinghRawatofficial
    @surajSinghRawatofficial 4 ปีที่แล้ว +1

    Supeb movie

  • @birendrachaudhary4551
    @birendrachaudhary4551 4 ปีที่แล้ว +2

    Ap sabhi logo ka main Dil se #dhanyavaad karna chahta hoon, jo aisi #Short Film banakar apne #pahad ko #jinda rakh rhi h, hum sabhi logo ko kuch na kuch karna padega tabhi jakar #Palaayan rukh sakta h government tou kuch nhi karegi.

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      जी बिलकुल विरेन्द्र जी सही कहा आपने, पहाड़ों के लिए कुछ करने का यही समय है.

  • @dharmishahuuttarakhandi865
    @dharmishahuuttarakhandi865 4 ปีที่แล้ว +3

    Rola diya Sach m bhout Sondra

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद जी, आपकी सहमत हूँ, मैं खुद फिल्म में गढ़वाली की कमी महसूस क़र रहा मगर हिन्दी में क्यों बनायी इसका कारण निमन्वत है एक नजर जरूर डालें -
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा नेता और नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @satishsinghnegi941
    @satishsinghnegi941 4 ปีที่แล้ว +2

    खास गढ़वाली बोली भाषा में प्रस्तुत की गई होती। तो मज़ा कुछ अलग ही होता

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत बहुत धन्यवाद। इस फिल्म का डिस्क्रेप्शन जरूर पढ़ने की कृपा करें।

  • @TheFolkDiaryOfficial
    @TheFolkDiaryOfficial 4 ปีที่แล้ว +3

    Bahut bahut Sundar film

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad Hariom Ji. Film ko share Bhi Jarur Karen.

    • @ukpbfilms
      @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว

      आपका बहुत धन्यवाद।

  • @idineshbhandari2047
    @idineshbhandari2047 4 ปีที่แล้ว +4

    आ अब लौट चले गाँव की ओर
    जय हिंद जय उत्तराखंड

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว +1

      Ji Bahut Dhanyvad.

    • @ukpbfilms
      @ukpbfilms 4 ปีที่แล้ว +1

      आपका बहुत धन्यवाद, फ़िल्म कुछ सन्देशजनक लगी हो तो कृपया फ़िल्म को शेयर अवश्य कीजियेगा।

  • @viveknautiyal9212
    @viveknautiyal9212 4 ปีที่แล้ว +2

    Bahut acha nice 😘😘😠

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      बहुत धन्यवाद मान्य।
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों - उत्तराखंड का युवा जो दूर परदेश में चंद रुपयों की ख़ातिर वेटर की नौकरी करता है, मगर एक दिन ऐसा मोड़ आता है कि उसके अंदर का स्वाभिमानी पहाड़ी एक ठेस के कारण जाग उगता है और वह गाँव जाकर सरकार की विभिन्न योजनावों का उपयोग कर अपनी पुश्तैनी बंजर जमींन पर फसलों रूपी ऐसा सोना उगाता है कि दुनिया के लिए एक मिशाल बन जाता है, गाँव के अनेक बेरोजगार युवक युवतियां भी उससे घर में ही रोज़गार पाते हैं, गाँव में हरयाळी और ख़ुशहाली की बयार छा जाती है। पलायन से वापस पहाड़ के गाँवों के आबाद की होने की किरण दिखाई देती है। इसके लिए वह युवक इस माधो कार्य के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के हाथों उत्कृष्ट कृषक" सम्मान पाता है।
      साथियों, फ़िल्म दिल छूने वाली यह भावात्मक 37 मिनट की यह फ़िल्म आपको यूँ बांधेगी कि आपको यूँ लगेगा कि 5 -7 मिनट के गाने की तरह यह फ़िल्म कब खत्म हो गई है। आपसे विनम्र निवेदन है कि आजकल खाली समय का पूर्ण उपयोग करते हुए इस फ़िल्म का प्रत्येक डायलॉग जरूर सुनें, गाने और प्रत्येक सीन पर जरूर गौर कीजिये । फ़िल्म अच्छी लगे तो प्रदेश हित में बहुत मेहनत से बनाई गई इस फ़िल्म को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने में आपसे भी अनुरोध है कि फिल्म को शेयर कर और यूट्यूब कमेंट्स में ही अपना कमेंट्स लिखकर अपना योगदान दीजियेगा।
      हिन्दी में क्यों - दर्शक : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा नेता और नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @mahendramohan1050
    @mahendramohan1050 4 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुंदर भाई

  • @pahadi1500
    @pahadi1500 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत बढ़िया। एक साथ कई शिक्षा दी🙏

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      Bahut Dhanyvad Rawat Ji.

  • @dewanmehra8685
    @dewanmehra8685 3 ปีที่แล้ว +1

    71 साल से दिल्ली में हैं .सरकारी नौकरी से रिटायर है पहाड़ो में हॉस्पिटल नहीं होने क़े कारण रहना मुश्किल हैं. मे्रे जैसे लाखो लोग पहाड़ आना चाहते हैं शांत जीवन जीने क़े लिए पर कमी इस बात की हैं करोना में आपने देख लिया पिथौरागढ़ अल्मोड़ा हल्द्वानी में हैं हॉस्पिटल..बाकी सब बगाली डाक्टर जौला जाप के भरोसे

    • @vijayjoshi9892
      @vijayjoshi9892 3 ปีที่แล้ว

      Deewan mehra ji mafi chahta hu pr aap jese logo ki vajh se hi parayan hua ha gaavo ka aap kehte ha ki hospital nhi h ye nhi h,wo nhi h pr kya apne kbhi milkr awaz uthayi gaav ko ekjut or ek sutra m badhne ka prayas kiya kbhi baithe aap gaav ke hito ke liye

  • @Returnpahad22
    @Returnpahad22 4 ปีที่แล้ว +2

    Aa hh Kya bat h mja AA gya is filam ko dekhkar mja AA gya or haa aakho me aasu bhi aa gye mere to

    • @pbfilms
      @pbfilms  4 ปีที่แล้ว

      BAHUT DHANYVAD NEERAJ JI.
      "गाँव वापसी" इतनी अच्छी फिल्म बनायी पर हिन्दी में क्यों - दर्शक
      जानिए क्यों -
      हिन्दी में क्यों : बहुत सारे मित्रों ने यूट्यूब में फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. साथ ही यह नाखुशी भी जताई कि गढ़वाली पृष्ट्भूमि की कथा वस्तु होने के बावजूद फिल्म हिन्दी में क्यों, तो पहले तो मैं इन सभी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे अच्छा लगा कि आज भी भाषा को प्यार करने वाले गढ़प्रेमियों की कोई कमीं नहीं है, पर साथ ही इसका कारण भी बताता हूँ कि - क्यूँकि आज सम्पूर्ण पहाड़ (उत्तराखण्ड ) पलायन की पीड़ा से जूझ रहा है। फिल्म का मकसद सम्पूर्ण उत्तराखंड के उन लोगों को वापस पहाड़ जाने एवं पुश्तैनी कृषि को पुनः करने के लिए प्रेरित करना है जो रोजगार के अभाव में पहाड़ छोड़ आये हैं और दूर प्रदेशों में मामूली से पैसों के लिए कष्टपूर्ण जिंदगी जीने को मजबूर हैं ।
      दोस्तों वैसे तो हमने पूर्ण वातावरण और टोन पहाड़ी ही रखा है, फ़िल्म की भाषा हिन्दी होने के बावजूद पूरा गढ़वाली "फ़ील" दे रही है फिरभी दोस्तों इसका मूल कारण बताता हूँ कि 'फ़िल्म को बनाने का मूल मकसद उत्तराखंडियों को अपनी कृषि और गाँव के प्रति आकर्षित करना है, प्रेरित करना है। लेकिन फ़िल्म में कहे जाने वाली बात आम लोगों समझ में आनी चाहिए। मगर दोस्तों जैसा कि हम जानतें हैं कि उत्तराखण्ड में #गढ़वाली, #कुमाऊंनी, #जौनसारी के अलावा गढ़वाल छेत्र में - #रवांल्टा, #जाड़भाषा, #बंगाणी, #मार्च्छा, #तोल्छा, #जौनपुरी तथा कुमाऊं छेत्र में #मेंकुमइया, #सोयार्ली, #अस्कोटी, #सीराली, #खसपर्जिया, #चौंग्खर्सिया, #गंगोली आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक उपबोलियाँ बोली जाती हैं। इन भाषावों को बोलने वाले अधिकांश लोगों को गढ़वाली नहीं आती. जबकि यह फिल्म प्रदेश की 50 #लाख़ से अधिक हिन्दी भाषी गैर गढ़वाली #जनता तथा #नेता और #नौकरशाहों को दिखाना भी मकसद है. क्यूंकि इन सबका पहाड़ के प्रति ध्यान जगने से ही पहाड़ वापसी और विकास का सपना रफ़्तार से पूरा होगा। फ़िल्म को सभी देख सकें समझ सकें अतः इस उद्देश्य से फ़िल्म की भाषा हिंदी रखी है।
      मुझे विश्वाश है कि इस ज़वाब से जरूर मेरे सारे मित्र, गढ़प्रेमी, फ़िल्म व संगीत प्रेमी प्रियजन संतुष्ट होंगें, धन्यवाद। कृपया विस्तार पूर्वक फ़िल्म देखकर फिल्म को आगे शेयर अवश्य आप अपना योगदान प्रदान करें। धन्यवाद।
      प्रदीप भण्डारी, लेखक निर्देशक।

  • @bahadursinghrawat1461
    @bahadursinghrawat1461 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इस लघु फिल्म ने हमारा दिल जीत दिया जय देवभूमि जय उत्तराखंड