तुला (Libra) राशि वाले धारण करें ये रुद्राक्ष -जो बदल सकता हैं आपकी किस्मत

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
  • तुला राशि वाले धारण करें ये रुद्राक्ष
    • भारतीय ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक राशि के लिए निर्धारित रत्न,वृक्ष की जड़ों और रुद्राक्षों के प्रयोग भी बताए गए हैं, आज के जमाने में रत्न बहुत महंगे हैं एवं वास्तविक रत्न भी नहीं मिल पाते हैं इसलिए रत्न के स्थान पर आप उससे भी ऊर्जावान रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।
    • आज हम बात करने जा रहे हैं तुला राशि के जातकों को अपने जीवन में आरोग्यता, सुख-शांति-समृद्धि, पारिवारिक सामंजस्य और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए एवं रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा विधि क्या है ? और रुद्राक्ष धारण करते समय किस मंत्र की जाप करनी चाहिए ?
    • रुद्राक्ष एक प्राकृतिक वनस्पति है लेकिन उसकी ऊर्जा बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली होती है जैसे कि आयुर्वेद में कुछ औषधियां हम खाकर ग्रहण करते हैं, कुछ औषधियां लेपन कार्य के माध्यम से कार्य करती है ऐसे ही कुछ औषधियां स्पर्श के माध्यम से कार्य करती हैं एवं रुद्राक्ष को धारण करने से आप आरोग्यता भी प्राप्त कर सकते हैं।
    • वर्तमान काल में बहुत सारे वैज्ञानिक प्रयोग रुद्राक्ष के ऊपर किए गए हैं उनके अनुसार किसी भी रत्न की अपेक्षा रुद्राक्ष की ऊर्जा अधिक कार्य करती है, आयुर्वेद ने इस बात को प्रमाणिकता दी है कि जो व्यक्ति अपने गले या हृदय क्षेत्र में रुद्राक्ष की माला धारण करता है उसका बीपी नॉर्मल रहता है हृदय से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं होती, उसका दिल शक्तिशाली और मजबूत बन जाता है, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता।
    • भारत में रुद्राक्ष ऊंचे पहाड़ी इलाकों, खासकर हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अलावा भारत में रुद्राक्ष देहरादून, हरिद्वार, बंगाल, गढ़वाल, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और असम के जंगलों में भी मिलता है। सर्वश्रेष्ठ और प्राकृतिक चुंबकीय ऊर्जा से संपन्न रुद्राक्ष हिमालय परिक्षेत्र और नेपाल गणराज्य में पाये जाते हैं।
    • तुला राशि के जातक बहुत उदारमना होते हैं,उनकी बुद्धि बहुत प्रखर होती है,उनकी चतुरता के कारण वे राजनीतिज्ञ भी बन जाते हैं कई बार वे अंतर्मुखी जीवन जीने जीने के साथ-साथ दोहरा जीवन भी जीते हैं इस दोहरे जीवन की व
    • जन्म के समय में चंद्र ग्रह जिस राशि में स्थित होता है वही आपकी जन्म राशि होती है आपको अपनी जन्म राशि के अनुसार ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
    • तुला राशि के जातकों को अपने जीवन में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए प्राण प्रतिष्ठित एवं अभिमंत्रित 6 मुखी रुद्राक्ष(शुक्र रुद्राक्ष) या 13मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
    ✓ इष्टमंत्र :- ॐ ह्रां नमः।।
    • इस मंत्र का 108 बार जाप करें और उसके पश्चात लाल धागे में 3 मुखी रुद्राक्ष को मंगलवार के दिन,संक्रांति,होली, दीपावली या किसी भी शुभ मुहूर्त,पुष्य नक्षत्र में धारण करें।
    • सावधानियां :- रात्रि में रुद्राक्ष पहनकर न सोएं,शमशान, कब्रिस्तान या हॉस्पिटल में रुद्राक्ष धारण न करें, महिलायें अशुद्धि के समय में या रात्रि में रुद्राक्ष को धारण ना करें, रुद्राक्ष पहनने के पश्चात् मांस मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन न करें।
    • यदि आप अपने रुद्राक्ष की शुद्धि का ध्यान रखेंगे तो आपके जीवन में प्रत्येक कार्य की सिद्धि होगी।
    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने के लगभग 41 दिन बाद रुद्राक्ष का प्रभाव दिखाई देना प्रारंभ होता है।
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    स्वस्थ, सुखद एवं समृद्धशाली जीवन के प्राचीनतम महाविज्ञान को हम तक पहुंचाने वाले परम श्रद्धेय मंत्र महर्षि श्री योगभूषण जी महाराज एक मानवतावादी आध्यात्मिक संत है, जो मानवीय जीवन के उत्थान, कल्याण और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए समर्पित हैं।
    जिनके धार्मिक - वैज्ञानिक प्रवचन जन - गण - मन में एक दिव्य ऊर्जा का संचार करते हैं, जिनकी ओजपूर्ण वाणी जन-जन को भारतीय संस्कृति और धर्म से जोड़ती है, ऐसे धर्मयोगी संत श्री योगभूषण जी महाराज की वाणी को इस चैनल के द्वारा आप तक पहुंचाया जा रहा है ।
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