जिग्नेश भाई जय सियाराम । आप मां सरस्वती पुत्र हैं। आपके मधुर कंठ से निकली रामधुन पूरे वातावरण को ही भक्तिमय बना देती है। मैं प्रभु श्री सीताराम जी के मंदिर का सेवक हूँ। मेरे मन्दिर में आपकी रागों पर आधारित धुन ही बजती रहती है। पूरा मंदिर परिसर राम मय हो जाता है। मंदिर में आने वाले सभी भक्त इन धुनों पर भक्ति भाव मे डूब कर नृत्य करने को मजबूर हो जाते हैं। गुरुदेव बजरंग बली, प्रभु श्री राम व मैया सीता की कृपा सदैव आप पर बरसती रहे।
Dhanya hai apki wani shri Raghunath ji hamesh aap par kripalu rahan. Yaha hmara Raghunath ji ka DEVALYA mein apki Ram Dhuns bajty rahty hain pura din ...Dhanya hain app🙏🙏. आपके कंठ में साक्षात मां सरस्वती का वास है| आप सदैव यूं ही मधुमेह स्वर में प्रभु का नाम pukarta rahain..Jai jai shri Ram 🙏🙏❤️❤️
अलौकिक भजन कीर्तन वो भी राग रागिनी आधारित बहुत आनन्द आता है। मैं राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के बाद नित्य प्रति सुबह-शाम सेवन करता हूं और भाग लेता हूं।
આ રાગ મે હવેલી માં લાલા ની જન્મની વધાઈ માં સાંભળ્યો છે પદ છે ધન્ય યશોદા ભાગ તિહરો જીન ઐસો સુત જાયો આજે રામ ધૂન સાંભળી bav આનંદ આવ્યો તમારી પાસે અઢળક ખજાનો છે એમાં થી તમે અમને થોડું થોડું અપો છો એવું લાગે છે.જય શ્રી રામ જય કષ્ટભંજન દેવ 🙏🙏🙏
जय सीया राम !जय हो ! सुना है मैने के जिस के पास जो है वो , वही देता है।राम नाम की रस बरसाने वाले,बाटने वाले, जिग्नेश भाई "आत्मराम" को जिनके हृदय "राम बसे है और उन सभी "आत्माराम साथी भाई "को नमन करता हु।संकीर्तन के बिच जब आप मौन हो जाते हो , तो हरमोनियम, बांसुरी और तबले का संगीत "समाधी""शुन्य"में उतार देता है। आपकी हर रामधुन अदभुत, मधुर,प्रफुल्लित, आनंद विभोर हो जाने में बहोत सहयोगी है। कुछ भाव ऐसे है जो व्यक्त नहीं कर पाऊंगा। बस "जय हो,जय हो जय हो ।
जय जय श्री बावा लाल जी जय श्री राम सुप्रभात🌹🌹🙏🙏 सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत। ऊँ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
श्रीराम जय राम जय जय राम🙏 🚩 - पूज्य स्वामी श्रीशिवानन्दजी लंका-विजय के उपरान्त अयोध्या में एक बार भगवान् श्रीराम अपने राज-दरबारमें विराजमान थे। उस समय राजा श्रीराम को कुछ आवश्यक परामर्श देनेके लिये देवर्षि नारद, विश्वामित्र, वसिष्ठ और अन्य अनेक ऋषिगण पधारे हुए थे। जबकि एक धार्मिक विषयपर विचार-विनिमय चल रहा था, देवर्षि नारदने कहा- 'सभी उपस्थित ऋषियोंसे एक प्रार्थना है। आपलोग अपने-अपने विचारसे यह बतायें कि 'नाम' (भगवान्का नाम) और 'नामी' (स्वयं भगवान्)-में कौन श्रेष्ठ है ?' इस विषयपर बड़ा वाद-विवाद हुआ; किंतु राज-सभामें उपस्थित ऋषिगण किसी निर्णयपर नहीं पहुँच सके। अन्तमें देवर्षि नारदने अपना अन्तिम निर्णय दे दिया- 'निश्चय ही नामीसे नाम श्रेष्ठ है और राज-सभाके विसर्जन होनेके पूर्व ही प्रत्यक्ष उदाहरणके द्वारा इसकी सत्यता प्रमाणित कर दी जा सकती है।' तदनन्तर नारदजी ने हनुमान्जी को अपने पास बुलाया और कहा- 'महावीर ! जब तुम सामान्य रीतिसे सभी ऋषियोंको और श्रीरामको प्रणाम करो, तब विश्वामित्र को प्रणाम मत करना। वे राजर्षि हैं; अतः वे समान व्यवहार और समान सम्मानके योग्य नहीं हैं।' हनुमान्जी सहमत हो गये। जब प्रणामका समय आया, हनुमान्जीने सभी ऋषियोंके सामने जाकर सब को साष्टांग दण्डवत्-प्रणाम किया; केवल मुनि विश्वामित्र को नहीं किया। मुनि विश्वामित्रजी का मन कुछ क्षुब्ध हो उठा। तब नारदजी विश्वामित्र मुनि के पास गये और बोले- 'महामुने ! हनुमान्की धृष्टता तो देखो। भरी राज-सभामें आपके अतिरिक्त उसने सभी को प्रणाम किया। उसे आप अवश्य दण्ड दें। आप ही देखिये, वह कितना उद्दण्ड और घमण्डी है ?' बस, इतनेपर तो विश्वामित्र मुनि आगबबूला हो गये। वे राजा रामके पास गये और बोले- 'राजन् ! तुम्हारे सेवक हनुमान्ने इन सभी महान् ऋषियोंके बीचमें मेरा घोर अपमान किया है। अतः कल सूर्यास्तके पूर्व उसे तुम्हारे हाथों मृत्युदण्ड मिलना चाहिये।' विश्वामित्र रामके गुरु थे। अतः राजा रामको उनकी आज्ञाका पालन करना था। उसी समय भगवान् राम निश्चेष्ट-से हो गये, इसलिये कि उनको अपने हाथों अपने परम अनन्य स्वामिभक्त सेवकको मृत्युदण्ड देना होगा। 'श्रीरामके हाथों हनुमान्को मृत्युदण्ड मिलेगा'- यह समाचार बात-की-बातमें सारे नगरमें फैल गया।
हनुमान्जीको भी बड़ा ही खेद हुआ। वे नारदजीके पास गये और बोले-‘देवर्षि! मेरी रक्षा करो। भगवान् श्रीराम कल मेरा वध कर डालेंगे। मैंने आपके परामर्शके अनुसार ही कार्य किया। अब मुझे क्या करना चाहिये ?' नारदजीने कहा - 'ओ हनुमान् ! निराश मत होओ। जैसा मैं कहता हूँ, वैसा करो। ब्राह्ममुहूर्तमें बड़े सबेरे उठ जाओ। सरयूमें स्नान करो। फिर सरिताके बालुका- तटपर खड़े हो जाओ और हाथ जोड़कर 'श्रीराम जय राम जय जय राम'- मन्त्रका जप करो। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि तुमको कुछ नहीं होगा।' दूसरे दिन प्रभात हुआ। सूर्योदयके पहले ही हनुमान्जी सरयूतटपर गये, स्नान किया और जिस प्रकारसे देवर्षि नारदने कहा था, तदनुसार हाथ जोड़कर भगवान्के उपर्युक्त नामका जप करने लगे। प्रातःकाल हनुमान्जीकी कठिन परीक्षा देखनेके लिये नागरिकों की भीड़-की-भीड़ इकट्ठी हो गयी। भगवान् श्रीराम हनुमान्जीसे बहुत दूर खड़े हो गये, अपने परम सेवकको करुणार्द्र दृष्टिसे देखने लगे और अनिच्छापूर्वक हनुमान्पर बाणोंकी वर्षा करने लगे, परंतु उनका एक भी बाण हनुमान्को वेध नहीं सका, सम्पूर्ण दिवस बाण-वर्षा होते रहनेपर भी हनुमान्जीपर कोई प्रभाव नहीं हुआ। भगवान्ने ऐसे शस्त्रोंका भी प्रयोग किया, जिनसे वे लंकाकी रणभूमिमें कुम्भकर्ण तथा अन्यान्य भयंकर राक्षसोंका वध कर चुके थे। अन्तमें भगवान् श्रीरामने अमोघ 'ब्रह्मास्त्र' उठाया। हनुमान्जी भगवान्के प्रति आत्मसमर्पण किये हुए पूर्ण भाव के साथ मन्त्र का जोर-जोर से उच्चारण करके जप कर रहे थे। वे भगवान् रामकी ओर मुसकराते हुए देखते रहे और वैसे ही खड़े रहे। सब आश्चर्यमें डूब गये और हनुमान्की 'जय जय' का घोष करने लगे। ऐसी स्थिति में नारदजी विश्वामित्र मुनिणके पास गये और बोले- 'हे मुनि ! अब आप अपने क्रोधका संवरण करें। श्रीराम थक चुके हैं। विभिन्न प्रकारके बाण हनुमान्का कुछ भी नहीं बिगाड़ सके। यदि हनुमान्ने आपको प्रणाम नहीं किया, तो इसमें है ही क्या ? अब इस संघर्षसे श्रीरामकी रक्षा कीजिये और इस प्रयाससे उन्हें परावृत्त कीजिये। अब आपने श्रीरामके नामकी महत्ताको समझ-देख ही लिया है।' इन शब्दोंसे विश्वामित्र मुनि प्रभावित हो गये और 'ब्रह्मास्त्रद्वारा हनुमान्को नहीं मारें' - ऐसा श्रीराम को आदेश दिया। हनुमान्जी आये और अपने स्वामी श्रीरामके चरणोंपर गिर पड़े एवं विश्वामित्र मुनिको भी उनकी दयालुताके लिये प्रणाम किया। विश्वामित्र मुनिने बहुत प्रसन्न होकर हनुमान्जीको आशीर्वाद दिया। उन्होंने श्रीरामके प्रति हनुमान्की अनन्य भक्तिकी बड़ी सराहना की।
Many many humble thanks and pray at thy lotus feet of prabhu Sri Sitaram may bless you for long life with Good health and greatest malodyus voice towards Always singing Ramnam .
धन्य है आपकी जननी जिसने एसा भक्त राम नाम का कीर्तन करने वाला जँना कोटि कोटि नमन आप पर राम जी सदैव किरपालू रहे
Sitaram Jignesh bhai adbhut❤
Jay Siyaram
जिग्नेश भाई जय सियाराम । आप मां सरस्वती पुत्र हैं। आपके मधुर कंठ से निकली रामधुन पूरे वातावरण को ही भक्तिमय बना देती है। मैं प्रभु श्री सीताराम जी के मंदिर का सेवक हूँ। मेरे मन्दिर में आपकी रागों पर आधारित धुन ही बजती रहती है। पूरा मंदिर परिसर राम मय हो जाता है। मंदिर में आने वाले सभी भक्त इन धुनों पर भक्ति भाव मे डूब कर नृत्य करने को मजबूर हो जाते हैं। गुरुदेव बजरंग बली, प्रभु श्री राम व मैया सीता की कृपा सदैव आप पर बरसती रहे।
जय सीयाराम
Dhanya hai apki wani shri Raghunath ji hamesh aap par kripalu rahan. Yaha hmara Raghunath ji ka DEVALYA mein apki Ram Dhuns bajty rahty hain pura din ...Dhanya hain app🙏🙏. आपके कंठ में साक्षात मां सरस्वती का वास है| आप सदैव यूं ही मधुमेह स्वर में प्रभु का नाम pukarta rahain..Jai jai shri Ram 🙏🙏❤️❤️
जय सीयाराम
Sir itni tllinta shayad hi khi .....itna sukun
..bhav
............bs dil khta hai aise hi sunte sunte jivan ka ek ek movment bit jaye
बहुत खूब जबरदस्त अदभुद प्रतिभा
अलौकिक भजन कीर्तन वो भी राग रागिनी आधारित बहुत आनन्द आता है। मैं राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के बाद नित्य प्रति सुबह-शाम सेवन करता हूं और भाग लेता हूं।
?
જયશીયારામ 🎉🎉
જયશીયારામ 🎉🎉
જયશીયારામ 🎉🎉
આ રાગ મે હવેલી માં લાલા ની જન્મની વધાઈ માં સાંભળ્યો છે પદ છે ધન્ય યશોદા ભાગ તિહરો જીન ઐસો સુત જાયો આજે રામ ધૂન સાંભળી bav આનંદ આવ્યો તમારી પાસે અઢળક ખજાનો છે એમાં થી તમે અમને થોડું થોડું અપો છો એવું લાગે છે.જય શ્રી રામ જય કષ્ટભંજન દેવ 🙏🙏🙏
જય સીયારામ
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जयराम
વાહ બાપુ વાહ માં સરસ્વતી ની કૃપા આપની નિરંતર રહે
अदभुत अदभुत अदभुत बहुत ही दिव्य धुन। जय श्री राम। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Shri Ram Jai Ram Jai Jai Ram
Great Jignesh Bhai
🙏🙏 शांत, सरल, बेशकीमती अलौकिक आनंद का अहसास होता है, प्रभु धन्यवाद
🎉🎉🎉 Heart/Soul toching bhajan/kirtan❤❤🎉🎉😊
जय सीया राम !जय हो !
सुना है मैने के जिस के पास जो है वो , वही देता है।राम नाम की रस बरसाने वाले,बाटने वाले, जिग्नेश भाई "आत्मराम" को जिनके हृदय "राम
बसे है और उन सभी "आत्माराम साथी भाई "को नमन करता हु।संकीर्तन के बिच जब आप मौन हो जाते हो , तो हरमोनियम, बांसुरी और
तबले का संगीत "समाधी""शुन्य"में उतार देता है।
आपकी हर रामधुन अदभुत, मधुर,प्रफुल्लित,
आनंद विभोर हो जाने में बहोत सहयोगी है।
कुछ भाव ऐसे है जो व्यक्त नहीं कर पाऊंगा।
बस "जय हो,जय हो जय हो ।
जय हो जय हो ।
जय सीयाराम
અદ્ભુત!!! ધાની માં મુકવા વિનંતી
સર્ચ કરજો.. ધાનીમાં ધૂન મુકેલ જ છે..
मधुर हृदय स्पर्शी है।🎉
🌹🌹🌹धन्य है गुरूवर का आशीर्वाद एवं कृपा 🌹🌹🌹जिससे विभिन्न रागों में यह अद्भुत रामधुन सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।
जय हो ।
शत शत नमन 🌹🌹🌹
Super all rag you sing its make joint with lord
Jay shree ram Jay shree kastbhanjan Dev hanumanji mahavir ni Jay ho jay ho jay ho ❤❤❤❤❤
Tilavat bapu ne jay siyaram asavari
rag ma adhbhut parsutiti
જય સીયારામ
Ati sundar
Thanks..Jay Siyaram
Bhagwan ne aap per bises kirpa kiya hai jo aap nam sankitan mein lage hain, lage rahiye dhaniyabad.
Dhanyvaad..Jay Siyaram
ખૂબ ખૂબ આભાર બાપુ સુંદર રજુઆત
Badhiya bhaiya
જયશીયારામ વાહ
Khup chan
નવા વર્ષ નારામરામ🎉🎉
☘️ Happy New Year to u & u'r family ☘️
Jai Shree Ram 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🏼
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
જયશીયારામ 🎉🎉
ଶ୍ରୀ ରାମ ଜୟ ରାମ ଜୟ ଜୟ ରାମ
ଜୟ ସୀତାରାମ
Jai Prabhu Shree Ram
जय सियाराम जी💐❤️💐
Jai Shri Ram.Anand aa giya hau .
"આસાવરી" વાહ મંત્ર મુગ્ધ.
જય સીયારામ
वाह जीग्नेशभाई अतिसुंदर
श्रीराम जय राम जय जय राम
जय सीयाराम
Thank you guru Jay siyaram very nice
Jai ho.. Shree RAM jiki
bahut hi sunder
Sri Ram Jai Ram Jai Jai Ram
Jai Siyaram Jai Jai Hanuman
🙏🌹💐🌹🙏
bahut sundar, bahut takat lgani hoti ha is raag me
Jai shree Ram 🙏🙏🙏
बहन ही श्रेष्ठ
I request you to sing all ragas on. Swaminarayan tone
જયશીયારામ
જય સીયારામ
જયશીયારામ
राम राम राम
Joy Guru Joy Joy Sitaram 💐🙏
Jayshrikrushna kindly post.krushna dhun, Radhe Krishna dhun in different classical Rag 🙏🙏
❤jai shri ram ji❤
Shree RamJai Ram Jai Jai Ram
સંગીત ની શિક્ષા ઓનલાઇન આપો છો?
મારે ગાયન તથા હાર્મોનિયમ વાદન શીખવું છે.
હા.. 9825848822 ફોન કરજો
श्री राम जय राम जय जय राम
Excellent performance. Jay shree RAM.
જય સીયારામ જીજ્ઞેશ ભાઈ ને🙏🙇🌹🍁🙇🙏
જય સીયારામ
श्री राम नाम महाराज की जय
जय जय श्री बावा लाल जी
जय श्री राम
सुप्रभात🌹🌹🙏🙏
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
ऊँ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
जय सीयाराम
अति सुन्दर, अति श्रेष्ठ, जय श्री राम 🙏🙏🙏
जय सीयाराम
Jignesh ji ko jai shree ram
વાહ બાપુ 🎉
જય સિયરામ...
जय श्री राम🌹
Su vaat 6 Jignesh Bhai
Your voice quality is too good.
And music band , Clap clap clap
Excellent 🙏🌹🙏Jai Shri Ram
जय श्री राम
जय सीयाराम
Jay shriram
Vah,bahut hi sundar.
Jay siyaram bapuji
Jay Siyaram
करुणा भरी आवाज अति सुन्दर
जय सीयाराम
Very nice jay Sri sitaram
Jay ho jay shree ram
Sri ram jai ram jai jai ram
Jay siyaram
Jay Siyaram
अदभुत ❤
જયશીયારામ 🎉🎉
Jai ho Prabhu 🙏
श्रीराम जय राम जय जय राम🙏 🚩
- पूज्य स्वामी श्रीशिवानन्दजी
लंका-विजय के उपरान्त अयोध्या में एक बार भगवान् श्रीराम अपने राज-दरबारमें विराजमान थे। उस समय राजा श्रीराम को कुछ आवश्यक परामर्श देनेके लिये देवर्षि नारद, विश्वामित्र, वसिष्ठ और अन्य अनेक ऋषिगण पधारे हुए थे।
जबकि एक धार्मिक विषयपर विचार-विनिमय चल रहा था, देवर्षि नारदने कहा- 'सभी उपस्थित ऋषियोंसे एक प्रार्थना है। आपलोग अपने-अपने विचारसे यह बतायें कि 'नाम' (भगवान्का नाम) और 'नामी' (स्वयं भगवान्)-में कौन श्रेष्ठ है ?' इस विषयपर बड़ा वाद-विवाद हुआ; किंतु राज-सभामें उपस्थित ऋषिगण किसी निर्णयपर नहीं पहुँच सके। अन्तमें देवर्षि नारदने अपना अन्तिम निर्णय दे दिया- 'निश्चय ही नामीसे नाम श्रेष्ठ है और राज-सभाके विसर्जन होनेके पूर्व ही प्रत्यक्ष उदाहरणके द्वारा इसकी सत्यता प्रमाणित कर दी जा सकती है।'
तदनन्तर नारदजी ने हनुमान्जी को अपने पास बुलाया और कहा- 'महावीर ! जब तुम सामान्य रीतिसे सभी ऋषियोंको और श्रीरामको प्रणाम करो, तब विश्वामित्र को प्रणाम मत करना। वे राजर्षि हैं; अतः वे समान व्यवहार और समान सम्मानके योग्य नहीं हैं।' हनुमान्जी सहमत हो गये। जब प्रणामका समय आया, हनुमान्जीने सभी ऋषियोंके सामने जाकर सब को साष्टांग दण्डवत्-प्रणाम किया; केवल मुनि विश्वामित्र को नहीं किया। मुनि विश्वामित्रजी का मन कुछ क्षुब्ध हो उठा।
तब नारदजी विश्वामित्र मुनि के पास गये और बोले- 'महामुने ! हनुमान्की धृष्टता तो देखो। भरी राज-सभामें आपके अतिरिक्त उसने सभी को प्रणाम किया। उसे आप अवश्य दण्ड दें। आप ही देखिये, वह कितना उद्दण्ड और घमण्डी है ?' बस, इतनेपर तो विश्वामित्र मुनि आगबबूला हो गये। वे राजा रामके पास गये और बोले- 'राजन् ! तुम्हारे सेवक हनुमान्ने इन सभी महान् ऋषियोंके बीचमें मेरा घोर अपमान किया है। अतः कल सूर्यास्तके पूर्व उसे तुम्हारे हाथों मृत्युदण्ड मिलना चाहिये।' विश्वामित्र रामके गुरु थे। अतः राजा रामको उनकी आज्ञाका पालन करना था। उसी समय भगवान् राम निश्चेष्ट-से हो गये, इसलिये कि उनको अपने हाथों अपने परम अनन्य स्वामिभक्त सेवकको मृत्युदण्ड देना होगा। 'श्रीरामके हाथों हनुमान्को मृत्युदण्ड मिलेगा'- यह समाचार बात-की-बातमें सारे नगरमें फैल गया।
हनुमान्जीको भी बड़ा ही खेद हुआ। वे नारदजीके पास गये और बोले-‘देवर्षि! मेरी रक्षा करो। भगवान् श्रीराम कल मेरा वध कर डालेंगे। मैंने आपके परामर्शके अनुसार ही कार्य किया। अब मुझे क्या करना चाहिये ?' नारदजीने कहा - 'ओ हनुमान् ! निराश मत होओ। जैसा मैं कहता हूँ, वैसा करो। ब्राह्ममुहूर्तमें बड़े सबेरे उठ जाओ। सरयूमें स्नान करो। फिर सरिताके बालुका- तटपर खड़े हो जाओ और हाथ जोड़कर 'श्रीराम जय राम जय जय राम'- मन्त्रका जप करो। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि तुमको कुछ नहीं होगा।'
दूसरे दिन प्रभात हुआ। सूर्योदयके पहले ही हनुमान्जी सरयूतटपर गये, स्नान किया और जिस प्रकारसे देवर्षि नारदने कहा था, तदनुसार हाथ जोड़कर भगवान्के उपर्युक्त नामका जप करने लगे। प्रातःकाल हनुमान्जीकी कठिन परीक्षा देखनेके लिये नागरिकों की भीड़-की-भीड़ इकट्ठी हो गयी। भगवान् श्रीराम हनुमान्जीसे बहुत दूर खड़े हो गये, अपने परम सेवकको करुणार्द्र दृष्टिसे देखने लगे और अनिच्छापूर्वक हनुमान्पर बाणोंकी वर्षा करने लगे, परंतु उनका एक भी बाण हनुमान्को वेध नहीं सका, सम्पूर्ण दिवस बाण-वर्षा होते रहनेपर भी हनुमान्जीपर कोई प्रभाव नहीं हुआ। भगवान्ने ऐसे शस्त्रोंका भी प्रयोग किया, जिनसे वे लंकाकी रणभूमिमें कुम्भकर्ण तथा अन्यान्य भयंकर राक्षसोंका वध कर चुके थे। अन्तमें भगवान् श्रीरामने अमोघ 'ब्रह्मास्त्र' उठाया। हनुमान्जी भगवान्के प्रति आत्मसमर्पण किये हुए पूर्ण भाव के साथ मन्त्र का जोर-जोर से उच्चारण करके जप कर रहे थे। वे भगवान् रामकी ओर मुसकराते हुए देखते रहे और वैसे ही खड़े रहे। सब आश्चर्यमें डूब गये और हनुमान्की 'जय जय' का घोष करने लगे।
ऐसी स्थिति में नारदजी विश्वामित्र मुनिणके पास गये और बोले- 'हे मुनि ! अब आप अपने क्रोधका संवरण करें। श्रीराम थक चुके हैं। विभिन्न प्रकारके बाण हनुमान्का कुछ भी नहीं बिगाड़ सके। यदि हनुमान्ने आपको प्रणाम नहीं किया, तो इसमें है ही क्या ? अब इस संघर्षसे श्रीरामकी रक्षा कीजिये और इस प्रयाससे उन्हें परावृत्त कीजिये। अब आपने श्रीरामके नामकी महत्ताको समझ-देख ही लिया है।' इन शब्दोंसे विश्वामित्र मुनि प्रभावित हो गये और 'ब्रह्मास्त्रद्वारा हनुमान्को नहीं मारें' - ऐसा श्रीराम को आदेश दिया। हनुमान्जी आये और अपने स्वामी श्रीरामके चरणोंपर गिर पड़े एवं विश्वामित्र मुनिको भी उनकी दयालुताके लिये प्रणाम किया। विश्वामित्र मुनिने बहुत प्रसन्न होकर हनुमान्जीको आशीर्वाद दिया। उन्होंने श्रीरामके प्रति हनुमान्की अनन्य भक्तिकी बड़ी सराहना की।
Jay Siyaram
Jay.shree.ram
जय श्रीराम ⚘️
Great,
Nothing is up and above than Shri Ram 🙏🙏
जय सियाराम
વાહ જીજ્ઞેશ ભાઈ ફરીથી અભીનંદન.
આભાર સહ જય સીયારામ
❤❤❤❤❤निःशब्द
જય સિયારામ 🙏🙏🙏🙏🙏
જય સીયારામ
जय श्री राम 🙏🙏
Many many humble thanks
and pray at thy lotus feet of prabhu Sri Sitaram may
bless you for long life with
Good health and greatest malodyus voice towards
Always singing Ramnam .
Thanks a lot..
Jay Siyaram
Very soothing and divine. Love and blessings to you and the entire team.
Gratitude for you🙏🙏🙏🙏🙏
अद्भुत ❤❤❤❤
જય સિયારામ
જય સીયારામ
ખૂબ સુંદર શ્રી રામ ધૂન જય સિયારામ🙏
જય સીયારામ
Dnyvad Jay ho
🙏 Jay siyaram 🙏
Jay Siyaram
जय हो आपके स्वर की
जय सीयाराम
Very soulful
Wow it really helped me a lot
🙏Jay siyaram 🙏
Jay Siyaram
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
જયશ
🙏🙏🌹🌹
જય ભોળીયા
જય ભોળીયા
🙏🙏🙏🙏
Jay Siyaram