गीता अध्याय 2 श्लोक 53 में बताया है कि अर्जुन जब भिन्न भिन्न प्रकार से भर्मित करने वाले वचनों से तेरी बुद्धि हटकर एक तत्वज्ञान में स्थिर हो जाएगी। तब तो तू योगी बनेगा। तब तू योग को प्राप्त होगा। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सारे योगी हैं। और जैसे संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रमों में समागम होते हैं उनमें लाखों योगी भोजन करते हैं। वहां दिए गए दान से पितरों का भी उद्धार, भूतों का भी उद्धार और दान करने वालों का भी उद्धार होता है।
कागद केरी नाव री, पानी केरी गंग। कहे कबीर कैसे तिरे, पाँच कुसंगी संग।। अर्थ : यह शरीर कागज की तरह नाशवान है जो संसार रुपी नदी के इच्छाओं-वासनाओं में डूबा हुआ है। जब तक अपने पाॅंचों ज्ञानेंद्रियों का नियंत्रण नहीं कर लिया जाता है तब तक संसार से मुक्ति नहीं हो सकती।
दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है। Sant Rampal Ji Maharaj
गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष अर्थात पुरुषोत्तम तो अन्य ही है जिसे परमात्मा कहा जाता है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। वह अविनाशी परमेश्वर कबीर साहेब हैं। कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
"यह स्वयं परमात्मा ही है"... अपने आप को छुपाए बैठे हैंःः लेकिन समझदार भगत इन्हें पहचान चुके हैं ःः नालायकों का तो कहना ही क्या ःःउनको तो भगवान वैसे भी पसंद नहीं करतेःः भगवान को केवल वही पहचान सकते हैं जिन्हें भगवान चाहेंगेःः
511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
🪕सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना। चल हंसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना।। इच्छा को केवल सतगुरु अथार्त् तत्वदर्शी संत ही समाप्त कर सकता है तथा यथार्थ भक्ति मार्ग पर लगा कर अमर पद अथार्त् पूर्ण मोक्ष प्राप्त कराता है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
,तत्वदर्शी संत की पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्, छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।। अर्थात ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूप वृक्ष को जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
किसी भी कार्य का शुभारंभ करते समय संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा मंगलाचरण बोला जाता है जिसमें हमारे सभी देवताओं की आराधना की जाती है। जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान द्वारा समझाया है कि यदि आज हम किसी से रिश्वत लेते हैं तो अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारना पड़ेगा। व इस जन्म में भी कष्ट पर कष्ट सहन करने पड़ेंगे। इस कारण उनके ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस कुरीति से तौबा कर ली है। सुनिए संत रामपाल जी महाराज जी के प्रवचन साधना चैनल पर शाम 7:30 बजे
कबीर परमेश्वर जी ने फिर बताया है कि:- बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण। भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण। परमात्मा कबीर जी कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरू से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। न तो शरीर तेरा है, यह भी त्यागकर जाएगा। फिर सम्पत्ति आपकी कैसे है?
पूर्ण गुरु से होगा मोक्ष पूर्ण गुरु ही सतभक्ति देकर चौरासी लाख योनियों के कष्ट से बचा सकता है। वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही सतभक्ति प्रदान कर रहे हैं। अन्य किसी के पास भी भक्ति के यथार्थ मंत्र नहीं हैं।😊
Sant Rampal Ji Maharaj hin Satya Bhakti Sandesh batate hain aur Satsang mein Guru Rahasya ko suljhakar Saral kar dete Hain jismein Manav Jivan ka Kalyan Hota Hai .
🍀 शास्त्रविधि अनुसार भक्ति से भगवान सूक्ष्मवेद में कहा है किः- कबीर, माया दासी संत की, उभय दे आशीष। विलसी और लातों छड़ी, सुमर-सुमर जगदीश।। सर्व सुख-सुविधाऐं धन से होती हैं। वह धन शास्त्रविधि अनुसार भक्ति करने वाले संत-भक्त की भक्ति का By Product होता है। सत्य साधना करने वाले को अपने आप धन माया मिलती है। साधक उसको भोगता है, धन का अभाव नहीं रहता।
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारं-बार। तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।। कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि हे मानव शरीरधारी प्राणी! यह मानव जन्म बार-बार नहीं मिलता। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः मानव शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे।
Kabir aur Gyan sub gyandi kabir Gyan so Gyan jaise gola tob ka karta chale maidan jai ho bandi chhod satguru Rampal jee bhagwan jee ki jai ho sat saheb guru jee ❤❤❤❤❤❤
कबीर परमेश्वर जी ने फिर बताया है कि:- बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण। भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण। परमात्मा कबीर जी कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरू से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। न तो शरीर तेरा है, यह भी त्यागकर जाएगा। फिर सम्पत्ति आपकी कैसे है?
वेदों में प्रमाण के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर है। परमेश्वर सशरीर है। सबके पालन के लिए परमात्मा का शरीर है। स्पष्ट उल्लेख है पूर्ण शांतिदायक, पापों को हरन करने वाला, बंधनों का नाश करने वाला परमेश्वर कबीर देव स्वयं प्रकाशित सतलोक में रहता है।
511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
गीता अध्याय 2 श्लोक 53 में बताया है कि अर्जुन जब भिन्न भिन्न प्रकार से भर्मित करने वाले वचनों से तेरी बुद्धि हटकर एक तत्वज्ञान में स्थिर हो जाएगी। तब तो तू योगी बनेगा। तब तू योग को प्राप्त होगा। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सारे योगी हैं। और जैसे संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रमों में समागम होते हैं उनमें लाखों योगी भोजन करते हैं। वहां दिए गए दान से पितरों का भी उद्धार, भूतों का भी उद्धार और दान करने वालों का भी उद्धार होता है।
कबीर ,मासा घटे ने तिल बढे , विधना लिखे जो लेख ।
सांचा सतगुरू मेट कर , ऊपर मार दे मेख ।।
बिना धणी की बंदगी,सुख नहीं तीनो लोक।
चरण कमल के ध्यान से,गरीब दास संतोष।।
कागद केरी नाव री, पानी केरी गंग।
कहे कबीर कैसे तिरे, पाँच कुसंगी संग।।
अर्थ :
यह शरीर कागज की तरह नाशवान है जो संसार रुपी नदी के इच्छाओं-वासनाओं में डूबा हुआ है।
जब तक अपने पाॅंचों ज्ञानेंद्रियों का नियंत्रण नहीं कर लिया जाता है तब तक संसार से मुक्ति नहीं हो सकती।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है जो त्रेता युग में मुनींद्र ऋषि के नाम से आए थे
दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है।
Sant Rampal Ji Maharaj
गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष अलेख।।
सत्संग बहुत अच्छी है जी ज्ञान बहुत अच्छा है जी वेदों में प्रमाण हैकभी शायद भगवान
सच्चे संत की शरण में जाने से सभी आपदाएं दूर होती है
Saint Rampal Ji Maharaj is only a metaphysical saint in the whole world 🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌍🌍🌍🌍🌍🌍🌍🌍🌍🌍
संत जी का अनमोल ज्ञान बहुत प्रभावित करता है
Paramatma ki chrno mein koti koti dandavat pranam 👏
Sant Rampal Ji Maharaj khabre is god
❤❤❤❤❤❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ bahut Achcha Sa song Bahut Sundar bahut acchi hun❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
The spritual ledear rampal ji maharaj is really true guru sant rampal ji bhgvaan pandit rampal bhgvaan ki jai ho jai 🎉
गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष अर्थात पुरुषोत्तम तो अन्य ही है जिसे परमात्मा कहा जाता है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। वह अविनाशी परमेश्वर कबीर साहेब हैं।
कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
"यह स्वयं परमात्मा ही है"... अपने आप को छुपाए बैठे हैंःः लेकिन समझदार भगत इन्हें पहचान चुके हैं ःः
नालायकों का तो कहना ही क्या ःःउनको तो भगवान वैसे भी पसंद नहीं करतेःः भगवान को केवल वही पहचान सकते हैं जिन्हें भगवान चाहेंगेःः
Bahut Sundar satsang hai ji ye to bahut Sundar satsang hai ji 🙏🙏🙏🙏💯💯🙏
511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
Jagat Guru sant Rampal Ji Maharaj se naam Diksha lekar apna jivan Dhanya banaen
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी
ने विक्रमी संवत् 1570 (सन 1513) में18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन कराया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
Purn Guru Sant Shiromani Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho Ho 🙏
सत साहेब🎉🎉🎉
🪕सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना।।
इच्छा को केवल सतगुरु अथार्त् तत्वदर्शी संत ही समाप्त कर सकता है तथा यथार्थ भक्ति मार्ग पर लगा कर अमर पद अथार्त् पूर्ण मोक्ष प्राप्त कराता है।
अद्वितीय जानकारी ❤❤
❤बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज कि जय ho❤
Anmol gyan 🙏
अद्वितीय सत्संग
Nice satsngh
ध्यान धरो अपने सतगुरु का रखो अटल विश्वास,मत घबरा मन बावरे सतगुरु है तेरे साथ
Mohan nahin de dena dwar dhani ke pade re dekhe dhani ke khae chup Ho ja
कबीर परमेश्वर जी की अमृतवाणी :-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा काशी में आयोजित धार्मिक भंडारे की पुनः स्मृति का एक भव्य आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है और सत्संग का आयोजन होता है, जो संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 14, 15, 16 नवंबर को होगा।
,तत्वदर्शी संत की पहचान
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।
अर्थात ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूप वृक्ष को जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
Very nice
किसी भी कार्य का शुभारंभ करते समय संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा मंगलाचरण बोला जाता है जिसमें हमारे सभी देवताओं की आराधना की जाती है। जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
Nice satsang
संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान द्वारा समझाया है कि यदि आज हम किसी से रिश्वत लेते हैं तो अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारना पड़ेगा। व इस जन्म में भी कष्ट पर कष्ट सहन करने पड़ेंगे।
इस कारण उनके ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस कुरीति से तौबा कर ली है।
सुनिए संत रामपाल जी महाराज जी के प्रवचन साधना चैनल पर शाम 7:30 बजे
Amrit vachan
Very nice interview
Sat bhakti
कबीर परमेश्वर जी ने फिर बताया है कि:-
बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।
परमात्मा कबीर जी कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरू से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। न तो शरीर तेरा है, यह भी त्यागकर जाएगा। फिर सम्पत्ति आपकी कैसे है?
पूर्ण गुरु से होगा मोक्ष
पूर्ण गुरु ही सतभक्ति देकर चौरासी लाख योनियों के कष्ट से बचा सकता है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही सतभक्ति प्रदान कर रहे हैं। अन्य किसी के पास भी भक्ति के यथार्थ मंत्र नहीं हैं।😊
Poorn,parmatma, satguru,rampal,ji,,maharaj,jike,,charano,me,das,ka,,coti,coti, dandwat,pranan
Sant Rampal Ji Maharaj hin Satya Bhakti Sandesh batate hain aur Satsang mein Guru Rahasya ko suljhakar Saral kar dete Hain jismein Manav Jivan ka Kalyan Hota Hai .
🍀 शास्त्रविधि अनुसार भक्ति से भगवान
सूक्ष्मवेद में कहा है किः-
कबीर, माया दासी संत की, उभय दे आशीष।
विलसी और लातों छड़ी, सुमर-सुमर जगदीश।।
सर्व सुख-सुविधाऐं धन से होती हैं। वह धन शास्त्रविधि अनुसार भक्ति करने वाले संत-भक्त की भक्ति का By Product होता है।
सत्य साधना करने वाले को अपने आप धन माया मिलती है। साधक उसको भोगता है, धन का अभाव नहीं रहता।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में दहेज मुक्त विवाह कितने समय में संपन्न कराए जायेंगे ?
❤❤❤❤
Kabir is Supreme God and sant rampal ji maharaj
Very good nice
पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब है जो ब्रह्मा विष्णु महेश माता दुर्गा ब्रह्म और परब्रह्म का बाप
है
Vishva mein ekmatra tatvdarshi Sant hai aur vah Sant Rampal Ji Maharaj ji hai
Jagath Guru tatta darshi sant Ram pal ji maharaj ai ak matra sachha sant hai.
Or Gyan sab gyandi, Kabir Gyan so Gyan
Jaise gola top ka karta chale maidan
सत साहब जी ।।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागूँ पायें ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताये।।
सत साहेब जी ।।
Anmol Gyan ❤️ Mere Data 😊
Kabir is Supreme God
Kabir is god
Kaveer is Supreme God
Mujhe Das ka sath Saheb
Poorn 4:27 5:24
बहुत ही अनमोल सत्संग है अवश्य जानिए
True Spiritual Knowledge given by JagatGuru Tattvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji 🙏🏻🤍
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारं-बार।
तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।।
कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि हे मानव शरीरधारी प्राणी! यह मानव जन्म बार-बार नहीं मिलता। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः मानव शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे।
Kabir aur Gyan sub gyandi kabir Gyan so Gyan jaise gola tob ka karta chale maidan jai ho bandi chhod satguru Rampal jee bhagwan jee ki jai ho sat saheb guru jee ❤❤❤❤❤❤
🎉True spiritual knowledge
Anmol aadhyatmik Gyan
यह सबसे अच्छा सत्संग है
जगतगुरु, तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान जी को कोटि कोटि दंडवत प्रणाम है |
Sacha satsang ❤❤❤
Adhyatmik gyan
Kabir is god sant rampal ji Maharaj he samaj sudarak hai or sary nakli gyan baty h ❤️
Satya gyan
गीता और वेद पुराण इन सभी में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है 🙏🙏
कबीर परमेश्वर जी ने फिर बताया है कि:-
बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।
परमात्मा कबीर जी कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरू से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। न तो शरीर तेरा है, यह भी त्यागकर जाएगा। फिर सम्पत्ति आपकी कैसे है?
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
वेदों में प्रमाण के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर है। परमेश्वर सशरीर है। सबके पालन के लिए परमात्मा का शरीर है। स्पष्ट उल्लेख है पूर्ण शांतिदायक, पापों को हरन करने वाला, बंधनों का नाश करने वाला परमेश्वर कबीर देव स्वयं प्रकाशित सतलोक में रहता है।
511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
केहरी नाम कबीर है भिषम काल गजराज ।
दादू भजन प्रताप से भागे सुनत आवाज ।।
अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान है ❤❤
इतना निर्मल ज्ञान कहीं देखा न सुना।
Sat guru dav ji ke ja
😊
Sat sahibi ki ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कबीर इज गॉड
Very nice interview
Kabir aisa Nirmal Gyan hai jo Nirmal kare sarir aur Gyan sub mandlik hai jo chakve Gyan kabir
Kabir Maya ka sansar hai kadam kadam par dhokha hai satbhakti karle bande yahi sunhara mauka hai
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश।
ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।✨🙇🏻🙏🏻
❤😂 सत साहेब
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो
Nice satsang
Verynicegyaan
Sat sahib ji 🙏 Jay Ho Bandi chhod satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jay Ho 🙏🙏🙏💕🌺💕🙏🙏
अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान
अनमोल ज्ञान
Very nice satsang hai ji 🙏🙏🙏
Sat sahib ji ❤❤❤
तीर्थ गए फल एक है, संत मिले फल चार।
सतगुरु मिले अनेक फल ,कहे कबीर विचार।।
कबीर ऐसा निर्मल ज्ञान है, निर्मल करे शरीर। और ज्ञान मंडलिक है, चकवे ज्ञान कबीर।।❤❤❤❤
बंदी छोड़ सतगुरु राम पाल जी भगवान जी कीजय हो ❤❤❤🎉🎉🎉❤