ऋषि मुनि उदान प्राण को वश में करके कैसे space में जाते थे हमारा मस्तिष्क कितना data store कर सकता है
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- เผยแพร่เมื่อ 2 ก.พ. 2025
- ऋषि मुनि उदान प्राण को वश में करके कैसे space में जाते थे हमारा मस्तिष्क कितना data store कर सकता है।
प्रिय दर्शकों, कैसे हो आप सब?
मैं आपका ध्यान प्राचीन महान विज्ञान की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं।
अपने सभी पूर्वक महान वैज्ञानिक, योगी और महापुरूष हुआ करते थे।
सनातन वैदिक धर्म का तात्पर्य ही सृष्टि विज्ञान हैं। जिन सूक्ष्म पदार्थों ( particles, vacuum energy & dark matter dark energy, space, time, mass, charge, unified theory etc..) के बारे में वेद सम्पूर्ण और विस्तृत व्याख्या करते हैं। यहां तक कि प्राचीन तकनीके अन्तरिक्ष यान, अस्त्र शस्त्र आदि weopons इन्हीं सूक्ष्म तत्वों से चलते व बनते थे।
इधर कई वर्षों से मैं इसपर अनुसंधान कर रहा हूं, इसी कारण से आप विडिओ देखते हुए यहां पर पहुंच सकें हैं।
अगर आपको ये कार्य उचित व स्पष्ट लगे तो हमसे जरूर जुड़े।
आप सभी को प्रणाम 🚩
हमारा लक्ष्य है, सनातन धर्म की स्थापना करना, अनुसंधान प्रयोगशाला के माध्यम से वैदिक विज्ञान और अस्त्र शस्त्रों, तकनीकों पर अनुसंधान करना, साथ ही ऋषियों- महर्षियों और महापुरुषों की वास्तविकता संसार के सामने लाना (जो कि युग के सबसे बड़े वैज्ञानिक, योगी और महान योद्धा हुआ करते थे)।
मेरा विश्वास कीजिए अपने महान पूर्वजों के पास वो समृद्ध विज्ञान है जो विश्व में सुख शांति ला सकता है।
मैं आप लोगों को वचन देता हूं, आपके पास अपना ज्ञान विज्ञान होगा, इस धरती के सभी मनुष्यों को एक क्षत्र के नीचे लाया जायेगा, सभी दूसरे जीवों (पशु, पक्षी आदि) की रक्षा होगी और फिर से दुनिया पर सनातन धर्म का ध्वज लहराएगा।
अगर आप हमसे सहमत हो और सहायता करना चाहे तो कर सकते हैं। ये संघर्ष बिना आपके सहयोग के पूरा नहीं हो सकता, क्योंकि ये लक्ष्य है। ✍️अद्वैत (शनि सिंह)
Contact us:- 9721014405 (whatsapp)
@brahmandvigyan
Ancient history, Ancient Technology, Mahabharat, Ramayan, Advaita
Physics , Vaidic Bhautiki,
#brahmandvigyan
Thanks for watching
Om namah shivay 🕉️🙏🕉️🙏
ईश्वर के बारे मै आपका ज्ञान अदभुत है,,,,, लेकिन ईश्वर को गहरी समाधि मै ही जाना जा सकता है ,,,
आपकी हर वीडियो बेहतरीन होती है अच्छी होती है ज्ञान युक्त होती है 🙏🏻✨
ईश्वर आपको और वीडियो बनाने की प्रेरणा देते रहे ✨
वीडियो बनाने का नहीं, अनुसंधान एवं खोज करने की प्रेरणा दे।
हमारे ऋषि मुनि बहुत बड़े वैज्ञानिक थे जो सृष्टि की हर चीज को जानते थे❤
अत्यन्त अद्भुत जान्कारी! बहुत बहुत धन्न्यवाद!!!
ओ३म् स्वस्ति अस्तु
🕉 Sri Paramatmne 🙏 namah 🕉
ॐ श्री श्री नमः
Guruji koti naman
Gurudev apko sadar pranam
Aap.burn.swar.achar.ke.upar.sarch.karo
१)मन क्या है , अनुभव , विचार अथवा कर्मफल ?
२)पहले किसकी उत्पत्ति हुई और कहाँ क्यों हुई ( मन या जीवात्मा )
शत्य कर्म, आदर, दया और छमा येशा करते हुए अपने प्राणो का भी मोह ना करें बही इश्वर को पाएगा
Aap mahan hai
Aap apna videos ko thoda digital kijiye
28K subscriber congratlatin❤
Ji dhanyavaad, ye sab aap logo ki vajah se hai
Kya danusaur ke yug me insaan rehe te the,or mokhsa Kon sa prani pa sktahe , mokhsa pane ke Liya Kya Karna Hoga ,Kya
अद्वैत भाई आप कुण्डलिनी शक्ति पर एक वीडियो बनाइए ।इसका आखिर क्या विज्ञान है।
हां ज़रूर बनाएंगे
❤❤❤❤
नमस्ते
Bhagwan ne ye duniya hi kyu banai he ❤❤❤❤❤
Jivatma ke liye
Shiv ji ke bare me bataiye
Ha ji Bilkul
आपके कहने का मतलब साफ है की किसी का भी मोक्ष नहीं होता क्योंकि जन्म और कर्म ये दोनो ही अनादि चक्र हैं और अनंत काल तक चलता रहता है।
वाह भाई वाह क्या बात बताई है ।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
ऐसा कुछ भी नहीं है, मोक्ष होता है।
अगर आपके कहे अनुसार मोक्ष होता भी है तो ये कल्प के अंत में ही होता होगा।
बताएं कब होता है?
Astavakra की बात को छोड़ देना।
U R also ha ha
Unified theory k vishay mein adhik jankari k liye kon se source ko samjba aur vedic theory k bare me bhi btaiye
Jal ka karya he ras, ko banana,prithivi bhi ka karya he gandha ko banana ,agni ka Roop ko vayu ka sparsha,Akash ka Dhani ko banana is sabki attributes konse Mahabut me rehata he
Are you teaching, how to do this, and where
Research kar Raha hu bhai ji
To kya ram ji or krishna ji moksh ki atmaye h kyuki ye sb jante the..or hame dekh sakte h vo
Ji bilkul
Question - Agar koi insaan bure karm kare aur shristi ke saare vigyan ki bhi Jaan le toh kya uska moksh sambhav hai ? Tab uspar karm fal kaam nahi karega ? 🤔
भाई ये ज्ञानी जी मोक्ष के नाम पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
क्योंकि मोक्ष एक भ्रम जाल है जिसकी आज तक व्याख्या नहीं की गई है।
मैंने भी एक सवाल किया था की अमरता और मोक्ष में क्या अंतर है। जवाब नहीं मिला।
In ancient times just after creation of universe, formation and stability of our planet , the atmosphere was too pure and unpolluted as a result pure human bodies would have took birth, they were most intelligent with spiritual knowledge and bestowed with supernatural powers to live long, meditate and therefore, they were able to do everything possible what we thing as impossible..
That's why we call them as "Bhagwan"...
You know one thing that you or me are smaller than the dot if you know whole universe. What is universe you don't know. How can you define bhagwan. If you define bhagwan the cannot define paramatma.
In today's world we don't who created Vedas
जो लोग पृथ्वी में से सीधे निकल कर बाहर आए थे।
भाई एक जन्म मे मोक्ष हो सकता है क्या,क्या एक ही जन्म मे किसी योगी समान सामर्थ्य प्राप्त किया जा सकता है क्या
भाई सम्परगघत samdhi और असंपरज्ञात समाधि क्या है दोनों मैं क्या अंतर है❤❤
ऐसा लगता है, आप सिर्फ आपके पहिचान वालें लोगों का ही कमेंट अटेंन्ड करते हे।क्योंकी आप हमारे महाराट्रीय..और किसी का कमेंट नहीं पढते..।
पढ़ता हूं भाई, सबका जबाव दिया हैं, ये सारे कार्य अकेले कर रहा हूं इसीलिए संभव नहीं हो पाता।
आत्म शरीर के किस स्थान में रहती है।
जरूर बताएं।
आप तो ब्रह्मज्ञानी हैं।
हृदय में
हृदय का अर्थ दिल या कुछ ओर।
जरूर बताएं।
मोक्ष में और अमरता में क्या अंतर है?
मोक्ष का मतलब मोह का क्षय या नाश होना है और अमरता का मतलब चेतन तत्व परमात्मा कि प्राप्ति
Ravan tho athyadhik pap kartha tha rishi muni ki hatya stree ko lootna wo kaise itna Shakti prapti kar lete hain
Koi bhi insaan sangharsh karke vaigyanik bn sakta hai, ravan ne bhi sangharsh kiya tha
@@brahmandvigyan usne sach much tapasya Kiya tha
Kya aapne samadi tak pahunche ho
सतयुग 17 लाख साल पुराना था वो मुनष्य का जीवन 1 लाख साल बाद आया था ये कैसे हो सकता है?🤔
मनुष्य जीवन अरबों साल पहले आया था
इसको ऐसे समझ लो कि जैसे सन 1950 में बनी किसी फिल्म की सीडी आज सीडी प्लेयर में लगा के देख रहे हों।1950 वाली फिल्म आज बन थोड़ी रही है।उसका चलचित्र है जिसे आप आज देख रहे हैं।
भाई क्या मनुष्य बिना सिखाए कुछ नही सीख सकता है,क्या उसे बिना शिक्षा के कुछ नही सीख सकता मनुष्य
नहीं सीख सकता, सबसे पहले कोई सिखाने वाला होना चाहिए
आप जो भी ज्ञान देते है उसको आधार क्या है क्या आपको कोई व्यक्तिगत अनुभव है, हे तो कोई सा अनुभव है
आप ये क्या केह रहे हो श्रीमद भागवत गीता मे तो श्री कृष्ण ने कहा है की हे अर्जुन जीस प्रकार चीगारी अग्नी का ही अंश होती है उसी प्रकार आत्मा परमात्मा का ही अश होती है। और श्री कृष्ण आर्जुन से कहते है हे अर्जुन मनुष्य मृत्यु के पश्चात अपने कर्म अनुसार स्वर्ग या अन्य लोगो मे जाता है और कुछ काल बीताकर आता है तब श्री कृष्ण जी से अर्जुन कहते हे | कि हे केशव क्या कोई ऐसा स्थान नही जहां जाने के पश्चात मनुष्य को मृत्यु लोक मे आना ना पडे फिर श्री कृष्ण केहते है | हे अर्जुन ऐसा एक ही स्थान है । मेरा परम धाम जहा जाने के पश्चात मनुष्य को पन्हा मृत्यू लोक में नही आना पडता है l इसे ही मोक्ष केहते है । धन्यवाद l🥀🌹🌻🌼
AISE GIRE. HUE. AARYA NAMAZION SE. SAWDHAN AUR. DOOR. RAHO. . SATYARTHPRAKASH .1882; WALA. EDITION. PADUKAR. INKI. ADHIKANSH. POL KHIL JAATI. HAI. DAYANAND. KHUD. ANGEJON KA. KRYPTO AGENT. THA. .
भैया ऐसा क्यों बोला जाता है कि पांडव पुत्रों को नरक मिला था और धृतराष्ट्र के पुत्रों को स्वर्ग क्या यह सच है अगर बुरे लोगों को स्वर्ग प्राप्त हो और अच्छे लोगों को नरक तो अच्छे कार्य और बुरे काम
Pahle ye Kam kar lete thhe ologo apne sage sambandio ko ye Vidya kiyu nahi sikhaye 😊
Unke kull ke ek bhi log ye v vidya kiyu nahi jante
भाई चार वेदो का ज्ञान अग्निवायुआदित्यअंगिरा को ही क्यो हुआ सीधे महर्षि ब्रह्मा जी को ही क्यो नही ईश्वर ने दे दिया झंझट ही खत्म हो जाती अलग अलग ज्ञान देने का
युग सहस्त्र योजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फल जानू
ऊपर की चौपाई सत्य है तो
नीचे की गलत कैसे
Vaidic Vigyan ki vajah se galat hai
@@brahmandvigyan 1 , हो सकता है कि सूर्य को ढक दिया गया जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने किया था
2 ब्लैक होल जैसा कोई कांसेप्ट हो
@@vijayshukla41 जी बिल्कुल, हो सकता है लेकिन निगले नहीं थे।
सुर्य को निगला नहीं है साफ लिखा है लिल्यो यानी चिरना या पार करना या उसके निकट या उससे पार निकल जाना और एक दूसरा भाव यह है कि सूर्य के ज्ञान विज्ञान और उसके रहस्य को प्राप्त कर लेना क्योंकि हनुमान जी के गुरु सुर्य ही थे और बाल समय में ही सुर्य से सारा ज्ञान विज्ञान सिखा तभी तो लिखा है कि बाल समय रवि भक्षी लियो तब तिनहु लोक भयो अंधियारों। मतलब अंधियारों का मतलब अज्ञान है सूर्य का मतलब ज्ञान है और इन्द्र यह नहीं चाहता था कि हनुमान जी ज्ञान प्राप्त करें
😂ॐ
चतुर्थ,आयाम,क्या,है