अभी किसी को देखकर समयक़दृष्टि बता नहीं सकते पर २.५ द्वीप में ७००करोड समयक़दृष्टि होते है।एक समय में। चाहये २० तीर्थंकर हो या १७० जो अजितनाथ भगवान के समय हो
नमोस्तु गुरुदेव 🙏 आप जो बोल रहे हो यह गुरुदेव ने कहा हे कि ये सभी तीर्थंकरों के परिकर हे इनका भी सम्मान करने को बोला हे प्रवचन में आपके कहने का मतलब मां बाप का सम्मान भी नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भी तो पूजा में आता है देवी देवता पूजा से ही प्रसन्न होते हैं आप सही रास्ता नहीं बता रहे हो देवी देवता का सम्मान करना ही उनकी पूजा कहलाती है वे भगवान के परिकर हे हमे इनका सम्मान करना ही चाहिए तभी तीर्थंकरों की पूजा पूरी मानी जाती हे ऐसा गुरुदेव ने कही बात प्रवचन में बताया है आप सही को सही क्यू नहीं बता रहे हो क्या अब हम गुरुदेव को नहीं मान सकते हैं क्योंकि वे अभी तक मोक्ष नहीं गए वे देव बन गए होंगे मेरे दादा ने 70साल तक भींडर वाले आदिनाथ भगवान की सेवा 70साल तक की ओर क्षेत्रपाल जी की आँगी हमेशा की थी और उन्हीं क्षेत्र पाल जी ने उन्हें मार्ग दर्शन किया है मानव समाज ऐसान फरामोश समाज हे ये क्या देवों का सम्मान करना सिखाएगी
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु भगवन् 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏
Namo Jinanam 🙏🏼
नमोऽस्तु !गुरुदेव।
Jay vinamra bagwan Jay jinendra Jay jinendra ❤❤❤❤❤
Namostu Gurudev,very true 👍🙏
Konsi jagah hai yeh?
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु
ನಮೋಸ್ತು ಮಹಾರಾಜ್ ಜೀ🙏🙏🙏
Mane suna very true 🙏👌
Namostu Namostu Namostu
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Yeh kaunsi jagah ki baat kar rahe hain Maharaj Ji?
Bannaji.......
Kahan hai yah jagah?
Namostu gurudev ji chandwad nashik
Namostu namostu namostu Gurudev.
Namostu namostu namostu Gurudev
Jay gurudev
Jay jinendra
jay jinedra jay jay
Jagah konsi hai
Jai jai Guru dev
जय जय गुरूदेव
Namostu gurudev
मत्थेयण वंदामि
वर्तमान में कितने श्रावक सम्यक दृष्टि है, अनुनय निवेदन है बताकर कृतार्थ करें।
अभी किसी को देखकर समयक़दृष्टि बता नहीं सकते पर २.५ द्वीप में ७००करोड समयक़दृष्टि होते है।एक समय में। चाहये २० तीर्थंकर हो या १७० जो अजितनाथ भगवान के समय हो
Maximum सम्यक दृष्टि नरक और त्रियंच गति में होते है
👌👏👏🙏
Namostu Namostu Namostu gurudev ji Delhi
नमोस्तु गुरुदेव 🙏 आप जो बोल रहे हो यह गुरुदेव ने कहा हे कि ये सभी तीर्थंकरों के परिकर हे इनका भी सम्मान करने को बोला हे प्रवचन में आपके कहने का मतलब मां बाप का सम्मान भी नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भी तो पूजा में आता है देवी देवता पूजा से ही प्रसन्न होते हैं आप सही रास्ता नहीं बता रहे हो देवी देवता का सम्मान करना ही उनकी पूजा कहलाती है वे भगवान के परिकर हे हमे इनका सम्मान करना ही चाहिए तभी तीर्थंकरों की पूजा पूरी मानी जाती हे ऐसा गुरुदेव ने कही बात प्रवचन में बताया है आप सही को सही क्यू नहीं बता रहे हो क्या अब हम गुरुदेव को नहीं मान सकते हैं क्योंकि वे अभी तक मोक्ष नहीं गए वे देव बन गए होंगे मेरे दादा ने 70साल तक भींडर वाले आदिनाथ भगवान की सेवा 70साल तक की ओर क्षेत्रपाल जी की आँगी हमेशा की थी और उन्हीं क्षेत्र पाल जी ने उन्हें मार्ग दर्शन किया है मानव समाज ऐसान फरामोश समाज हे ये क्या देवों का सम्मान करना सिखाएगी
Namostu bhagban
महाराज जी सारी देवियां मिथ्यादृष्टि ही होती है
Maharaj ji sadi karni ki to bidhi hoti hai
To kya jin beti ki sadi karna hai un ke liye bhi koi bidhi hai
जिस तरह अतिथी संविभाग मंच पर सत्कार आदी श्री फल शाल कुमकुम लगाके भेट वस्तू देते है ये सब समर्पण करते है सत्कार पूजा है
Jay gurudev