31.मेरा रगं दिया पचरगं चीर संत कबीरा न।। फतेह सिंह काजलां।।

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 เม.ย. 2024

ความคิดเห็น • 6

  • @jpsir3104
    @jpsir3104 หลายเดือนก่อน +1

    सत साहेब

  • @jitenderbhatia4037
    @jitenderbhatia4037 หลายเดือนก่อน +1

    Sat saheb ji 🌹🌷🙏🏻

  • @prathamsharmafourthb9969
    @prathamsharmafourthb9969 หลายเดือนก่อน +1

    सत साहेब जी 🙏🙏🙏

  • @prathamsharmafourthb9969
    @prathamsharmafourthb9969 หลายเดือนก่อน +1

    आज कल शब्द गाने नहीं जाते हर किसी को उनके शब्द में म्यूजिक ज्यादा होता है
    जब आप गाते हो बिलकुल धीरे धीरे आनद आ जाता

    • @sadhuramgrover8390
      @sadhuramgrover8390  หลายเดือนก่อน

      बहुत बहुत आभार प्रकट करते हैं।

  • @dayanandhansi1398
    @dayanandhansi1398 หลายเดือนก่อน +1

    भाई फते सिंह गजब वाणी निकाल कर लाये आप , महाराज जानकीदास जी कि ,ग्रंथ सत श्वेत से कृपा इसी ग्रंथ से गाना । दयानंद सैनीपुरा हांसी । "सत साहेब "