आपके अनुसार पिता को जानने के लिए उसको पहले मानना जरूरी है यानी कि आप किसी को भी पिता मान लेंगे उसके बाद जानेंगे कि मेरा असली पिता कौन है सबसे पहले जन्म होता है वैज्ञानिक कोई भी शोध करता है पहले वह जानता है उसके बाद जब वह उसे चीज का निर्माण करता है तब लोग उसे मानते है
श्रीमानजी आपको ज्ञात है कि आप के माता पिता कौन हैं। कैसे ज्ञात हुआ। किसी ने बताया ही तो होगा। आपका जन्म हुआ है। कैसे ज्ञात हुआ। किसी ने बताया ही तो होगा। यदि किसी ने झूठ बताया है तो आप क्या करेंगे। जिस किसी ने बताया है यदि उसे भी ज्ञान न हो कि सत्य क्या है तो।
हर चीज़ में हैं ऊर्जा हैं जैसे =पानी, आग, हवा, मिट्टी, और हर चीज और परमात्मा अल्लाह भगवान भी एक बिशाल ऊर्जा हैं इसलिए कहते हैं भगवान कण कण में हैं भ=भूमि ग=गगन (आसमान) व=वायु (हवा) आ=अग्नि (आग) न=नीर (जल) इसलिए परमात्मा, भी एक ऊर्जा और इंसान का शरीर भी एक ऊर्जा और उसका मन(चेतना) वह भी एक ऊर्जा इसलिए जो को भी सृष्टि बनाया चाहे वह अल्लाह भगवान या परमात्मा हैं वह हर जगह हैं अपने शरीर के हर हिस्से में इसलिए उसे कही मत खोज
एक हाथी के अगर कोई चाकू मार दे तो लोग कहेंगे एक जीव की हत्या कर दी उसकी खबर हर जगह हो जाती हैं और अगर एक चेंटी को कोई मारे दे तो वह लोग इग्नोर कर देते हैं। इसका मतलब इंसान को ज्यादा मांस वाले जीव का दर्द दिखाई देता हैं और कम मांस वाले का नहीं जबकि सभी में जीव हैं
बड़े और बुद्धिमान जीव, जैसे हाथी, अक्सर समाज में विशेष दर्जा रखते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं। वहीं छोटे जीवों को आमतौर पर कम महत्व दिया जाता है। बड़े और अधिक विकसित जीवों को इंसान अक्सर अधिक समझदार और संवेदनशील मानता है, इसलिए उनकी पीड़ा को गंभीरता से लिया जाता है।
स्वामी रामदेव बाबा पहले रुक्मणी की बात करते थे अब 2 साल से राधा की बात करते हैं। पहले इनमें अकाल ज्ञान नहीं था क्या जो रुक्मणी की तारीफ करतेथे। राधा ने हमारी संस्कृति की शक्ति दोनों को नष्ट किया है। राधा के कारण हमारे हिंदू धर्म के टुकड़े हुए। जैन धर्म बुद्ध धर्म सिख धर्म यह सनातन धर्म से ही बने हैं। जब से राधा आई हमारे देश की शक्ति नष्ट हुई है भारत के 15 टुकड़े हो गई भारत से अलग होकर बने हैं 15 देश। स्वामी रामदेव बाबा अपने आप को आर्य बताने वाले ऋषि दयानंद के शिष्य कहने वाले फिर क्यों राधा अश्लीलता की बात करते हैं। राधा एक अश्लीलताहै जिसके कारण हमारे देश की शक्ति और संस्कृति दोनों नष्ट होती जा रही हैं। आजकल स्कूलों में बच्चो से कहां जा रहा कि तुम राधा राधाबोलो। स्कूलों में नाटक हो रहा है छोटे छोटे बच्चों को राधा कृष्ण बनकर अश्लीलता बताई जा रहीहै।
जीव दो प्रकार के हैं एक जिनपर मांस हैं और एक जिनपर मांस नहीं हैं लेकिन दर्द तो दोनों के होता हैं। किसी का दिखता हैं और किसी का नहीं दिखता। इसलिए हत्या तो हर कोई करता हैं अपने अस्तित्व के लिए कोई मांस वाले को काटता हैं। तो कोई बिना मांस वाले को काटता हैं सभी ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपने अपने नियम बना रखे हैं 0:030:030:03
दर्द का अनुभव मांस से नहीं, बल्कि शरीर के तंत्रिका तंत्र से होता है। यदि aapke किसी अंग को सुन्न करके काटा जाए, तो आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा, क्योंकि सुन्न होने पर उस अंग के न्यूरॉन्स सक्रिय नहीं रहते। इसी कारण, जिस जीव में जितने अधिक न्यूरॉन्स होते हैं, उसे उतना ही अधिक दर्द का अनुभव होता है।
पापी तू क्यों सुन सुन रहा है तेरे लिए यह वीडियो नहीं है तू जाकर अपने पुराने को पढ़ उसी को तुझे शांति लग रहा है मिलेगी क्योंकि तुझे सत्य को नहीं जानना है तू तो पाखंड में रहेगा
कोटि कोटि नमन आपको स्वामी जी
Koto koti naman guruji
जय श्रीमन्नारायण 👏🏼🌄🕊️🌍🌘👏🏼🙏🏼👏🏼
आर्य समाज कि जय हो आर्य समाज अमर रहे ❤❤
सनातन धर्म की जय हो
Swami ji ko kotti kotti naman
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
ओ३म
नमस्ते जी ।
🙏🙏🙏🙏
Hey Swami sachhidanand Ji main aapke Har pravachan Sunta hun Jay aryavrat
स्वामी जी को शत् शत् नमन,,,,,, सतीश कुमार आर्य,,,, वैदिक पथ
Om ji
परमात्मा को मानने से कुछ नहीं होगा परमात्मा को जानना जरूरी है। किसी को जानने के लिए मानना तो पड़ेगा कि वह है। इसलिए मानना जरूरी है।
आपके अनुसार पिता को जानने के लिए उसको पहले मानना जरूरी है यानी कि आप किसी को भी पिता मान लेंगे उसके बाद जानेंगे कि मेरा असली पिता कौन है सबसे पहले जन्म होता है वैज्ञानिक कोई भी शोध करता है पहले वह जानता है उसके बाद जब वह उसे चीज का निर्माण करता है तब लोग उसे मानते है
श्रीमानजी आपको ज्ञात है कि आप के माता पिता कौन हैं। कैसे ज्ञात हुआ। किसी ने बताया ही तो होगा। आपका जन्म हुआ है। कैसे ज्ञात हुआ। किसी ने बताया ही तो होगा। यदि किसी ने झूठ बताया है तो आप क्या करेंगे। जिस किसी ने बताया है यदि उसे भी ज्ञान न हो कि सत्य क्या है तो।
Jay Arya Samaj
Swami ji ke charno me koti koti naman
🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩
🙏🙏
❤❤
Mandir ka artha ghar,makan adi, Bhagwan ka mandir sarirhai
🌹🙏🏻🕉️🙏🏻🌹
नारायण नारायण
ओर अधिक जानिए
हर चीज़ में हैं ऊर्जा हैं
जैसे =पानी, आग, हवा, मिट्टी, और हर चीज
और परमात्मा अल्लाह भगवान भी एक बिशाल ऊर्जा हैं
इसलिए कहते हैं भगवान कण कण में हैं
भ=भूमि
ग=गगन (आसमान)
व=वायु (हवा)
आ=अग्नि (आग)
न=नीर (जल)
इसलिए परमात्मा, भी एक ऊर्जा और इंसान का शरीर भी एक ऊर्जा और उसका मन(चेतना) वह भी एक ऊर्जा
इसलिए जो को भी सृष्टि बनाया चाहे वह अल्लाह भगवान या परमात्मा हैं वह हर जगह हैं
अपने शरीर के हर हिस्से में
इसलिए उसे कही मत खोज
एक हाथी के अगर कोई चाकू मार दे तो लोग कहेंगे एक जीव की हत्या कर दी उसकी खबर हर जगह हो जाती हैं
और अगर एक चेंटी को कोई मारे दे तो वह लोग इग्नोर कर देते हैं।
इसका मतलब इंसान को ज्यादा मांस वाले जीव का दर्द दिखाई देता हैं
और कम मांस वाले का नहीं
जबकि सभी में जीव हैं
बड़े और बुद्धिमान जीव, जैसे हाथी, अक्सर समाज में विशेष दर्जा रखते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं। वहीं छोटे जीवों को आमतौर पर कम महत्व दिया जाता है।
बड़े और अधिक विकसित जीवों को इंसान अक्सर अधिक समझदार और संवेदनशील मानता है, इसलिए उनकी पीड़ा को गंभीरता से लिया जाता है।
स्वामी रामदेव बाबा पहले रुक्मणी की बात करते थे अब 2 साल से राधा की बात करते हैं। पहले इनमें अकाल ज्ञान नहीं था क्या जो रुक्मणी की तारीफ करतेथे। राधा ने हमारी संस्कृति की शक्ति दोनों को नष्ट किया है। राधा के कारण हमारे हिंदू धर्म के टुकड़े हुए। जैन धर्म बुद्ध धर्म सिख धर्म यह सनातन धर्म से ही बने हैं। जब से राधा आई हमारे देश की शक्ति नष्ट हुई है भारत के 15 टुकड़े हो गई भारत से अलग होकर बने हैं 15 देश। स्वामी रामदेव बाबा अपने आप को आर्य बताने वाले ऋषि दयानंद के शिष्य कहने वाले फिर क्यों राधा अश्लीलता की बात करते हैं। राधा एक अश्लीलताहै जिसके कारण हमारे देश की शक्ति और संस्कृति दोनों नष्ट होती जा रही हैं। आजकल स्कूलों में बच्चो से कहां जा रहा कि तुम राधा राधाबोलो। स्कूलों में नाटक हो रहा है छोटे छोटे बच्चों को राधा कृष्ण बनकर अश्लीलता बताई जा रहीहै।
जीव दो प्रकार के हैं
एक जिनपर मांस हैं
और एक जिनपर मांस नहीं हैं
लेकिन दर्द तो दोनों के होता हैं।
किसी का दिखता हैं और किसी का नहीं दिखता।
इसलिए हत्या तो हर कोई करता हैं अपने अस्तित्व के लिए कोई मांस वाले को काटता हैं।
तो कोई बिना मांस वाले को काटता हैं
सभी ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपने अपने नियम बना रखे हैं 0:03 0:03 0:03
दर्द का अनुभव मांस से नहीं, बल्कि शरीर के तंत्रिका तंत्र से होता है। यदि aapke किसी अंग को सुन्न करके काटा जाए, तो आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा, क्योंकि सुन्न होने पर उस अंग के न्यूरॉन्स सक्रिय नहीं रहते। इसी कारण, जिस जीव में जितने अधिक न्यूरॉन्स होते हैं, उसे उतना ही अधिक दर्द का अनुभव होता है।
यह प्रवचन अपनेआप को बता
पापी तू क्यों सुन सुन रहा है तेरे लिए यह वीडियो नहीं है तू जाकर अपने पुराने को पढ़ उसी को तुझे शांति लग रहा है मिलेगी क्योंकि तुझे सत्य को नहीं जानना है तू तो पाखंड में रहेगा
Suna h Arya Samaj wale Illegal Marriage karwa rhe h. Allahabad High Court na Inquire k order diye h...😂😂❤❤❤
आर्या समाज और कबीर पंथी सिर्फ उल्टा ज्ञान दे रहे हैं। इस से पहले ये कहां थे?
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🙏🙏🙏