प्राचीन पनकी हनुमान जी मंदिर, तथा यहाँ स्थापित हनुमान जी की चमत्कारी मूर्ती दर्शन | 4K | दर्शन 🙏
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 20 ก.ย. 2024
- श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आपका हार्दिक अभिनन्दन है! भक्तों सनातन धर्म में भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी को न केवल कलियुग का प्रत्यक्ष देवता माना बल्कि संकटमोचन भी माना जाता है। यही वजह है कि भारत ही नहीं समूची दुनिया में हनुमान जी महाराज के एक से बढ़कर एक मंदिर हैं। आज हम आपको अपने कार्यक्रम दर्शन के माध्यम से एक ऐसे हनुमान मंदिर की यात्रा करवाने जा रहे हैं।जहां विराजमान हनुमान जी की मूर्ति के मुखमण्डल के भाव दिन भर में तीन बार बदलते हैं। भक्तों वो मंदिर है कानपुर का पनकी हनुमान मंदिर.
मंदिर के बारे में:
भक्तों पनकी हुनमान मंदिर कानपुर उत्तर प्रदेश, का एक प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर है। जैसा कि इस मंदिर के नाम से ही स्पष्ट है कि यह भगवान राम के अनन्य भक्त महावीर हनुमान जी को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर कानपुर सेंटर स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की पंचमुखी मूर्ति विराजमान है। जिसका दर्शन करने दूर दूर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर का इतिहास:
भक्तों यद्यपि पनकी हनुमान मंदिर के इतिहास के बारे में कोई वास्तविक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना श्री श्री1008 महंत पुरुषोत्तम दास जी ने की थी। ये मंदिर कानपुर शहर की स्थापना से पहले स्थापित हो चुका था। मंदिर की स्थापना और निर्माण के बारे में कहा जाता है कि एक बार महंत पुरुषोत्तम दास जी चित्रकूट से लौट रहे थे। तब जिस स्थान पर पनकी का मंदिर है, उसी स्थान पर उन्हें एक इस तरह की चट्टान दिखी, जिस पर उन्हे बजरंगबाली की अलंकृत छबि के दर्शन हुये। उन्होंने तब ही उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करने का निर्णय कर लिया।
मंदिर का प्रवेशद्वार:
भक्तों कानपुर के पनकी धाम हनुमान मंदिर में प्रवेश करने के लिए स्त्रियों और पुरुषों के लिए अलग अलग प्रवेशद्वार हैं। इन्ही प्रवेशद्वारों द्वारा मंदिर में आनेवाले दर्शनाभिलाषी स्त्रियों और पुरुषों को कतारबद्ध और सुव्यस्थित ढंग से प्रवेश कराया जाता है।
पनकी हनुमान जी का परिवर्तित होता स्वरूप:
भक्तों कानपुर के पनकी हनुमान मंदिर में विराजमान हनुमान के दिव्य स्वरूप का दर्शन होता है। हनुमान जी की मूर्ति को लेकर धारणा है कि उनका चेहरा एक दिन में तीन बार बदलता है। सुबह उगते सूर्य के साथ हनुमान जी का चेहरा एक बालरूप में, दोपहर को युवा (ब्रह्मचारी) के रूप में तथा शाम तक तेजस्वी महापुरुष के रूप में दर्शन किया जा सकता है।
मंदिर परिसर:
भक्तों कानपुर के पनकी हनुमान मंदिर में हनुमान जी के अलावा भगवान् श्री राम जी, जगत्जननी सीता जी और भैया लक्ष्मण जी की मनोहर मूर्तियाँ प्रतिष्ठित हैं।
मंदिर खुलने का समय:
भक्तों प्रायः कानपुर पनकी हनुमान मंदिर प्रातः 5 बजे खुलता है और दोपहर 12 बजे भोग अर्पण के बाद बंद हो जाता है। तदन्तर पुनः 2 बजे खुलता है और रात्रि 10 बजे तक खुला रहता है। लेकिन मंगलवार के दिन श्रद्धालुओं और भक्तों के भीड़ को ध्यान रखते हुए प्रातः 5 बजे से रात्रि 12 बजे तक खुला रहता है। अतः आप जब यहाँ दर्शन करने जाएँ तो समय का ध्यान रखें।
गुरुकुल:
भक्तों कानपुर के पनकी हनुमान मंदिर के परिसर में बाबा भुवनेश्वर दास वेद पाठशाला है। इस वेद पाठशाला की स्थापना विश्व हिन्दू परिषद् के दिवंगत अध्यक्ष स्व अशोक सिंघल जी के विचारों से प्रेरणा लेकर स्वामी जीतेन्द्र दास जी और विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त प्रयास द्वारा पन्द्रह अगस्त सन 2018 की गयी है। इस वेद पाठशाला में 2 संस्कृत आचार्यों द्वारा 20 विद्यार्थियों का अध्यापन किया जाता।यहाँ शुक्ल यजुर्वेदीय कर्मकांड, व्याकरण, वेदों, शास्त्रों और उपनिषदों की आद्योपांत शिक्षा के अतिरिक्त नैतिक,व्यवहारिक शिक्षा और पारंपरिक संस्कारों की विधिवत शिक्षा की व्यवस्था की गयी है ताकि विद्यार्थी शास्त्रों के साथ संस्कृति के साथ जुड़े रहें। इस वेद पाठशाला में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए पांचवी कक्षा उत्तीर्ण होने के साथ साथ देवनागरी लिपि और हिन्दी विशुद्ध पठन पाठन का ज्ञान आवश्यक है। विद्यार्थियों को प्रथमा से लेकर आचार्य उपाधि प्रदान की जाती है। वेद पाठशाला में शिक्षारत विद्यार्थियों का गणवेश धोती कुर्ता रखा गया है ताकि इन विद्यार्थियों की पहचान अन्य लोगों से भिन्न हो सके। वेद पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करनेवाले विद्यार्थी के लिए यहाँ प्रातः ४ बजे से रात्री दश बजे पर्यंत दैनन्दिनी क्रिया कलापों के साथ शिक्षा व् संस्कारों के विभिन्न सोपान चलते हैं। इस गुरुकुल में पढने वाले विद्यार्थियों भोजन और आवास गुरुकुल के छात्रावास में पूर्णतः निःशुल्क है।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
#devotional #mandir #pankihanumantemple #hanuman #hinduism #travel #vlog #kanpur
Jai shree ram ji 🌹 jai hanuman ji🚩🕉️🙏🌹🙏
Jai shree Ram
कोन कोन मानता है कि माता पिता के चरणों में स्वर्ग है 🙏🙏
Jai shree Ram ji 🙏
JAI HANUMAN 🙏🌼
Jai Shree ram 🌹🌹🌹🌹🌹
Jai shri ram, jai hanuman
जय लक्ष्मण भगवान👏
जय श्री राम जय बजरंग बली की जय🙏🙏
जय श्री राम👏
जय पनकी हनुमान जी 🙏🏼
जय श्री हनुमान👏
जय सीता माता👏
Jay shree ram
Jay Bajrangbali 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai hanumanji
Ram Ram Ram
Jay siyaram from Kanpur
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏
🚩🥀🇮🇳🕉️🙏🙏🌹🚩
जय श्री राम❤❤❤❤❤👏👏👏👏👏👏👏
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
रामदूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
कांधे मूंज जनेऊ साजै
संकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग बन्दन
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज संवारे
लाय सजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिगपाल जहां ते
कबि कोबिद कहि सके कहां ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हांक तें कांपै
भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै
अन्तकाल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरि भक्त कहाई
और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप
❤️🙌🙏🏻
Hanumanji. Maharaj. Ajar. Amar.. Hai. Kalyug. Mein. Bhi. Dharti. Par. Vicharan. Karte. Hai
💞जय सत्य सनातन संस्कृति 💞
Jay shree Krishna 🙏
👁👁
Jai Shri Ram 🙏
Jai siya Ram
Jay shree ram
Jai Shri ram