उत्तराखंड के गढ़वाल में ऐसे मनाया जाता है बसंत पंचमी | Uttarakhand | Garhwal

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025
  • #Importance_of_Basant_Panchami_Garhwal_Uttarakhand
    गढ़वाल में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है।
    यह केवल बसंत ऋतू के आगमन का ही प्रतीक नहीं है बल्कि -
    इस दिन जौ (देवतावों को चढ़ने वाला बहुत ही पवित्र अनाज, शुभ कार्यों में न सिर्फ इसका उपयोग होता है बल्कि 'जौ जस देई'.. कहकर शुभ मंगल की कामना भी की जाती है ) की हरियाली गाय के गोबर के साथ घरों की चौखट पर लगाई जाती है।
    मीठा भात खाया जाता है।
    इसी दिन भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित होती है। बसंत पंचमी को कला, ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी माना जाता है। इस दिन स्नान का बड़ा लाभ माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहर्त की तलाश नहीं करनी पड़ती है, मतलब दिनभर शुभ मुहर्त बना रहता है।
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