|| भैरव स्त्रोत्र पाठ ||
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
- ॐ भैरवो भूत-नाथश्च, भूतात्मा भूत-भावनः।
क्षेत्रज्ञः क्षेत्र-पालश्च, क्षेत्रदः क्षत्रियो विराट् ॥
श्मशान-वासी मांसाशी, खर्पराशी स्मरान्त-कृत्।
रक्तपः पानपः सिद्धः, सिद्धिदः सिद्धि-सेवितः॥
कंकालः कालः-शमनः, कला-काष्ठा-तनुः कविः।
त्रि-नेत्रो बहु-नेत्रश्च, तथा पिंगल-लोचनः॥
शूल-पाणिः खड्ग-पाणिः, कंकाली धूम्र-लोचनः।
अभीरुर्भैरवी-नाथो, भूतपो योगिनी - पतिः॥
धनदोऽधन-हारी च, धन-वान् प्रतिभागवान्।
नागहारो नागकेशो, व्योमकेशः कपाल-भृत्॥
कालः कपालमाली च, कमनीयः कलानिधिः।
त्रि-लोचनो-ज्वलन्नेत्रस्त्रि-शिखी च त्रि-लोक-प॥
त्रि-नेत्र-तनयो डिम्भः शान्तः शान्त-जन-प्रिय।
बटुको बटु-वेषश्च, खट्वांग -वर - धारकः॥
भूताध्यक्षः पशुपतिर्भिक्षुकः परिचारकः।
धूर्तो दिगम्बरः शौरिर्हरिणः पाण्डु - लोचनः॥
प्रशान्तः शान्तिदः शुद्धः शंकर-प्रिय-बान्धवः।
अष्ट मूर्तिर्निधीशश्च, ज्ञान चक्षुस्तपो-मयः॥
अष्टाधारः षडाधारः, सर्प-युक्तः शिखी-सखः।
भूधरो भूधराधीशो, भूपतिर्भूधरात्मजः॥
कपाल-धारी मुण्डी च , नाग- यज्ञोपवीत-वान्।
जृम्भणो मोहनः स्तम्भी, मारणः क्षोभणस्तथा॥
शुद्दो - नीलाञ्जन - प्रख्य - देत्यः मुण्ड -विभूषीतः।
बलि-भुग्बलि-भुङ्- नाथो, बालोबाल - पराक्रम॥
सर्वापत् - तारणो दुर्गो, दुष्ट- भूत- निषेवितः।
कामीकला-निधिःकान्तः, कामिनी वश-कृद्वशी।।
सर्व-सिद्धि-प्रदो वैद्यः, प्रभु - विष्णुरितीव हि
अष्टोत्तर-शतं नाम्नां, श्री भैरवस्य महात्मनः।।
Jai bheru nath babe ri
Jai shree bherunath ri
आपका स्तोत्र पाठ करने की शेली बड़ी अद्भुत है कृपया ओर भैरवनाथ बाबा का स्तुति पाठ पूजा मन्त्र you tube पर लोड करें ll जय श्री भैरव नाथ
Jay shree bhairu nath ri 🙏🙏🙏
जय भैरू नाथ महाराज दुर्गा स्तुति और है तो यूट्यूब पर अपलोड करें
Jai bhero baba g ki
Jai bhairaw nath🙏👌👌
🙏
Jay shree ram
Jai ho bharu ji baba mujho ko case se Bari karwa do😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
Vashu chhangani
❤❤
Jai sri bhairavnath ji🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤❤
।। जय श्री भैरवनाथ ।।