प्रभाकर जी, श्री संजय भाई पर आपने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी है। इंदौर में कला क्षेत्र में संजय भाई मिठास के साथ नमक की तरह हैं , यदि ये किसी उम्दा कार्यक्रम में ना हों तो वह कार्यक्रम बेस्वाद है और संजय भाई की अनिवार्यता को भी दर्शाता है । संजय भाई ने अपनी कला के माध्यम से रसिक श्रोताओं के दिल में जगह बना रखी है और उनका संचालन इस तरह का है जैसे हम अपने परिवार में बैठ कर चर्चा कर रहे हों। संजय भाई इस शहर की संस्कृति और संस्कार से जुड़े व्यक्ति हैं और इंदौर के कला जगत को इन पर नाज़ है। प्रभाकर जी आपने बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी है धन्यवाद।
प्रभाकर जी, श्री संजय भाई पर आपने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी है। इंदौर में कला क्षेत्र में संजय भाई मिठास के साथ नमक की तरह हैं , यदि ये किसी उम्दा कार्यक्रम में ना हों तो वह कार्यक्रम बेस्वाद है और संजय भाई की अनिवार्यता को भी दर्शाता है । संजय भाई ने अपनी कला के माध्यम से रसिक श्रोताओं के दिल में जगह बना रखी है और उनका संचालन इस तरह का है जैसे हम अपने परिवार में बैठ कर चर्चा कर रहे हों। संजय भाई इस शहर की संस्कृति और संस्कार से जुड़े व्यक्ति हैं और इंदौर के कला जगत को इन पर नाज़ है। प्रभाकर जी आपने बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी है धन्यवाद।
Shukriya sir ji
सर,तुमचा आवाज खूपच छान आहे. मला लहान झाल्या सारखं वाटतं 🙏
Shukriya sir ji