लोक सभा व राज्य सभा मै कक्षा एक व दो के बच्चे कक्षा मै चिल्लाते है ऐसे हमारे देश के चुने हुये प्रतिनिधि चिल्लाते है कैसे देश चलायेंगे ऐसे देश का प्रति निदित्व करेंगे बड़े शर्म की बात है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
कैसा देश है हमारा..कैसे लोग हैं यहां..कैसे लोगों को बोट देतें हैं..जो प्रश्न किये उनका उत्तर सुनने की जगह भौंकते लग जातें हैं..क्या भौंकने वाले लोगों को ऐसी पवित्र जगह भेजना चाहिए
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
हल्ला करने वाले की चेहरा भी दिखाना चाहिए। देश को पता तो चले की कैसे कैसे प्रतिनिधि हम लोग देश के चहुमुखि विकास के लिए देश के निति निर्धारण के लिए भेजते हैं। ये अमर्यादित आचरण संविधान की अवमानना है। अपना बोल लो आरोप लागाओ उत्तर सुनने के समय हल्ला करो सदन छोड़ कर भाग जाओ। देश देख रहा है बहुत दुखद है।
Beshak raaj aapka hai .lekin system to unhi ka hai.Dangai ka chehra kaise dikhega?Yahi to mic band hone wali ghatna me hua.Kam kisi ka jute khayen Adhyaksh mahodaye.
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
इसका इलाज होना चाहिए या हर दिन यही रोना रोते रहेंगे । यह कोई नई बात नहीं है । लम्बे अरसे से देश जनता अपने पैसे की बर्बादी देख रही है । क्या सुप्रीम कोर्ट जो आतंकवादियों को बचाने के लिए रात भर जमीन आसमान एक कर रहा था, देश के भले के लिए क्या ऐसी कानून-व्यवस्था नहीं ला सकता है जिससे सदन की कारवाही में हर रोज का ब्यवधान समाप्त किया जा सके ?
चिल्लाने से विपक्ष की सरकार नही बनने वाली मोदी है तो मुमकिन है सनातन धर्म मोदी जी जिंदाबाद योगी जी जिंदाबाद विपक्ष से तो कक्षा एक के बच्चे भी सई है जो इस तरह हल्ला नही करते
क्या यही भारत के लोकतंत्र का मंदिर है जहाँ विपक्षी पार्टियों ने गली मोहल्लों से भी ज्यादा शोर मचा रखा है । विरोधी पार्टियां सिर्फ देश के मनोबल को गिरा रही है क्यों संसद की लाइव रिपोटिंग को दुनियाभर में देखा जाता है ।इस शोर से दुनिया को यह भरोसा दिलाया जा रहा कि भारत कितना असुरक्षित है ।
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
जनता सभपति महोदय से हम भारत के लोग यह निवेदन करते हैं कि जब विपक्ष सत्ता पक्ष को सुनने के बजाय हो-हल्ला मचाना आरंभ कर दे तो पूरे विपक्ष के माइक बंद कर दिए जायें ताकि हम सत्तापक्ष की बातें सुन सकें!
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Opposition must behave properly or must be sent out .The person leading the shout protest must be suspended from the house for six months .When a duly elected PM is speaking they have to show some discipline .
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
राहुलजी बोलते है तब जनता परटी वाले हला करते है तब अचालगता है मोदीजी अबतो जुट बनद करदो आपका गमड राहुलजी ने नही तोडा हम देश कि जनता ने तोडा है अब आपको ससनद से भागना है आपको
माननीय सांसदों, माना कि आप विपक्ष मे हो पर भले ही आप प्रधान मंत्री जी की बात ना सुने पर जनता को live सुनने दें l हल्ला-गुल्ला करने से क्या होगा। बहुत शर्म आती है।
संसद अपनी मांगे रखना, सुझाव देना,सरकार की बाते, सुझाव सुनना, विकासात्मक चर्चा करनेके लिये हैं.इसलिये संसद चुने जाते है.मगर विपक्ष अपने झुठे आरोप लगाना,कोई पुरावा न देना,हुडदंग मचाना,शोरशराबा करना इस काम कर रहे है.नही तो सभागृहसे भाग जाना यही संसदीय लोकशाही नही है.हुडदंग मचानावाले विरोधीयोंको निलंबन ही नही सदस्यता खत्म करना चाहिए.देश के गरिबोंका पैसा इस तरहसे बर्बाद नही होना. चाहिए.
सदस्यों को लोकसभा और राज्यसभा में चुनकर इसलिए नहीं भेजते कि वे इनकी गरिमा को भूलकर अनपढ़ और गुन्डो जैसा व्यवहार करें। हमारे वोट और टैक्स को बरबाद करने के लिए नहीं। ऐसे सदस्यों की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान होना चाहिए। पक्ष वाले सदस्यों को भी बार बार नहीं थपथपाना नहीं चाहिए। थोड़ा आराम से सुननेभी दे
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
सदन मे बैठने के काबीज नही है. ऐसे लोग देश का क्या विकास करेंगे, ऐ सिरफ परीवार बचाने के लीए सदन मे आए है, ऊन लोगोंको शरम आनी चाहीए जीन लोगोंको ईनको वोट द्या.
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
जो लोग पीछे हो हल्ला कर रहे हैं और प्रधानमन्त्री को बोलने नहीं दे रहे है, उन लोगों को कैमरे के मेन फ्रेम में रखकर दुनिया को दिखायें कि संसद में उनका आचरण किस प्रकार का है और उनको किसलिए संसद में भेजा था।
@@RaviranjanKumar-ul4ju agr koi bat ka pta na ho to bolna nhi chahiye dusri bat jwan ko knha se le aaye bich unhone bola h kya aake aapko ki bo dukhi h ......bjp 🙏
@@PoojaChouhan-tc4id pahle ap pata karo agar pata karna hi to paramilitary jawano se pucho mai unse mila hu aur unse pucha hi bjp ko sarm nahi ati jis jawan se security apni aur country ki lete ho use pension nahi kabhi kisi sahid jawan ke gar jake dekho kitni taklif hi aur apki jankari ke liye bata du delhi high court ne jan 2023 me order diya tha paramilitary jawano ko pension milni chahiye lekin bjp sarkar supreme court me chalenge kiya hi sarm ani chahiye bjp ke pm hm and fin mininister ko
Rahul Gandhi ke upar PM Modi angry karne se nahi salegi. Strong action lijiye. Sansad shetra se bahar karna chahiye. Bawal, arajak sur hangama karne wali Sansad ku bhi sansad bahar karo.
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
What do these stray barking dogs WILL do for the country and for the citizens of Bharat when they will BE IN POWER AS Central Government. Those who voted these norrow minded MPS should think that they had wasted the constitutional votes for these aristocrat's mps.
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या कारण हैं कि आज संसद में जो कुछ हो रहा है उसके खिलाफ भारत की जनता को बहुत तकलीफ हो रही हैं। साथ में भारत के बाहर देशों को ऐसा संसद में जो कुछ हो रहा हैं उससे सब आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। क्या हमारा देश का प्रधानमंत्री इतना कमजोर नजर आ रहा हैं कि ऐसी हरकत अगर संसद में होगी तो बीजेपी पर लोगों का विश्वास खत्म हो सकता हैं। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री को ऐसी भाषा बोलनी होगी, जिससे न केवल विरोधी पार्टियों को और देश के लोगों का विश्वास लेना होगा। प्रधानमंत्री हमेशा विपक्ष को गलत नहीं बता कर अपने आप को ऐसा वातावरण बनना होगा। जिससे लोगों पर आप पर विश्वास पाना होगा। अन्यथा ऐसा लगता हैं प्रधानमंत्री की देश में वैल्यू खत्म होने में कोई देरी होने वाली हैं।सबका सम्मान हमारा सम्मान
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
मोदी सबसे पहला प्रधानमंत्री है जो नांम किसानों का लेता है वाही वाही लूटने के लिए और जितना सोशण किसानों का किया है मोदी जी ने उतना ओर किसी भी प्रधानमंत्री ने आजादी से आज दिन तक नहीं किया।
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है । क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं । इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है । "भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई " यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है । और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ? ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है । कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
विरोधी पक्ष मे बैठे हू ए लोग ये नाही समझ रहे है की प्रधान मंत्री जो बता रहे हैं उसका जबाब बाद मे देना चाहिए . उनको भी लोगोने चूनकर दिया हैं ऑर आगे इने कोईभी चूनाकर संसद मे नाही भेजेंगे
लोक सभा व राज्य सभा मै कक्षा एक व दो के बच्चे कक्षा मै चिल्लाते है ऐसे हमारे देश के चुने हुये प्रतिनिधि चिल्लाते है कैसे देश चलायेंगे ऐसे देश का प्रति निदित्व करेंगे बड़े शर्म की बात है
Junglees should be disciplined immediately.Amend rules accordingly.
Hutiye s paid to scream
@@r.m.bhoopathybhoopathy4166 whole indie block should be behind bars. our schools have better discipline
बच्चे शोर करते हैं तो उन्हें थप्पड़ पड़ते हैं इनको ़़
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Yes
कैसा देश है हमारा..कैसे लोग हैं यहां..कैसे लोगों को बोट देतें हैं..जो प्रश्न किये उनका उत्तर सुनने की जगह भौंकते लग जातें हैं..क्या भौंकने वाले लोगों को ऐसी पवित्र जगह भेजना चाहिए
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Very good
हल्ला करने वाले की चेहरा भी दिखाना चाहिए।
देश को पता तो चले की कैसे कैसे प्रतिनिधि हम लोग देश के चहुमुखि विकास के लिए देश के निति निर्धारण के लिए भेजते हैं।
ये अमर्यादित आचरण संविधान की अवमानना है।
अपना बोल लो आरोप लागाओ उत्तर सुनने के समय हल्ला करो सदन छोड़ कर भाग जाओ।
देश देख रहा है बहुत दुखद है।
नहीं दिखा सकते बरना १० साल तक के सभी दिखाना पड़ेंगे।।जो इन्होने नाटक किया ।।जय हनुमान।।
Beshak raaj aapka hai .lekin system to unhi ka hai.Dangai ka chehra kaise dikhega?Yahi to mic band hone wali ghatna me hua.Kam kisi ka jute khayen Adhyaksh mahodaye.
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
इसका इलाज होना चाहिए या हर दिन यही रोना रोते रहेंगे । यह कोई नई बात नहीं है । लम्बे अरसे से देश जनता अपने पैसे की बर्बादी देख रही है । क्या सुप्रीम कोर्ट जो आतंकवादियों को बचाने के लिए रात भर जमीन आसमान एक कर रहा था, देश के भले के लिए क्या ऐसी कानून-व्यवस्था नहीं ला सकता है जिससे सदन की कारवाही में हर रोज का ब्यवधान समाप्त किया जा सके ?
Cameras must expose those r barking.... They insult the voters who elected them with a great hope.
जयश्री राम।
चिल्लाने से विपक्ष की सरकार नही बनने वाली मोदी है तो मुमकिन है सनातन धर्म मोदी जी जिंदाबाद योगी जी जिंदाबाद विपक्ष से तो कक्षा एक के बच्चे भी सई है जो इस तरह हल्ला नही करते
Right sir next pm yogi ji
Jai Shree Ram 🚩 Yogi Sarkar 🚩
लाख,लाख धन्यवाद सभापति को,
क्या यही भारत के लोकतंत्र का मंदिर है जहाँ विपक्षी पार्टियों ने गली मोहल्लों से भी ज्यादा शोर मचा रखा है । विरोधी पार्टियां सिर्फ देश के मनोबल को गिरा रही है क्यों संसद की लाइव रिपोटिंग को दुनियाभर में देखा जाता है ।इस शोर से दुनिया को यह भरोसा दिलाया जा रहा कि भारत कितना असुरक्षित है ।
हो हल्ला बेकार कर रहे हैं ्विपक्षी
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Jai Shree Ram
No rules for them .very very bad for them. Shameful…
Radhe radhe krishna ❤❤naman ❤❤
Get them out
बहुत ही अच्छा और निर्णायक कदम उठाया है।। बहुत ही सराहनीय है।।
जनता सभपति महोदय से हम भारत के लोग यह निवेदन करते हैं कि जब विपक्ष सत्ता पक्ष को सुनने के बजाय हो-हल्ला मचाना आरंभ कर दे तो पूरे विपक्ष के माइक बंद कर दिए जायें ताकि हम सत्तापक्ष की बातें सुन सकें!
विपक्ष प्रधानमंत्री जी पर आरोप लगाएगा की, माइक् ऑफ करके सदन. मे हमारी आजादी, अधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है, पीएम मोदीजी के ।
Jai Modi ji
Shameless opposition fellows shouting like hooligans. We have not voted for such indiscipline
Yes
Not shouting but they're barking like street dogs
Rahul Gandhi zindabad
विपक्षी सांसदों को शर्म भी नहीं आती जो इस प्रकार हो हल्ला मचा रखे है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
❤ जब ज्योति बुझने लगती है तो ऐसे ही ज्यादा फड़ फड़ाती है❤
Modi hai to Sabkuch Mumkin hai 🇮🇳💪🏻
Jai Shree Ram 🕉️🚩💪🏻💪🏻
Jai Shree Ram. Mera BHARAT Shrestha BHARAT. Mera BHARAT VISHWAGURU BHARAT. Mera BHARAT SWARNIM BHARAT.
Modi ji jindabad BJP jindabad bharat mata ki jai ho. desh ko bibhajan karion se raksha ho adharm ka nash ho. vishwa ka kalyan ho.
Modi ji aap sach much bolte rahiye.
Hindustan aap ke saath hai.
Opposition must behave properly or must be sent out .The person leading the shout protest must be suspended from the house for six months .When a duly elected PM is speaking they have to show some discipline .
क्या तमाशा हे,ये parliyament हे की सर्कस हे ,विरोधी पक्ष सत्ताधरियो की दाल गलने नही देगा ,मोदीजी नम्रता छोडिये ,ऑर कठोरता लयिये
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
❤ माननीय , प्रधानमंत्री जी आप सभी भारतियो की बात करते हैं, लेकिन विपक्ष को देश की उनति देखी नही जाती ।।
Jai hind.Jai Shree Ram. Har Har Modi Ghar Ghar Yogi.
❤इन्ही लोगों को एक दिन पछताते हुए जरूर देखोगे❤
❤ भगवान जरूर न्याय करेगे इनका कर्म इंहक के मासूम बच्चो को भुगतना पड़ेगा ❤
😢😢😢😢😢😢
Make strictly rule for opposition's
इनका इलाज होना चाहिए वर्ना यह पूरे पांच साल काम करने नहीं देंगे
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Congress ko kursi nahi mili to halla karega hi kyn ki 10 saal se bahar hai wa😊
राहुलजी बोलते है तब जनता परटी वाले हला करते है तब अचालगता है मोदीजी अबतो जुट बनद करदो आपका गमड राहुलजी ने नही तोडा हम देश कि जनता ने तोडा है अब आपको ससनद से भागना है आपको
GODI MEDIA CHANNEL Dalali of NAGPUR Khakhi Bardi sena
🙏
विपक्ष को शर्म आनी चाहिए शोर माचा रहे हैं।
❤ लगता है आगे के लिए विपक्ष खत्म हो जाएगा ❤
खुद ही आपने विनाश का कारण बनते जा रहे है.!!
😢😢😢😢😢
माननीय सांसदों, माना कि आप विपक्ष मे हो पर भले ही आप प्रधान मंत्री जी की बात ना सुने पर जनता को live सुनने दें l हल्ला-गुल्ला करने से क्या होगा। बहुत शर्म आती है।
Modi ji ❤❤
Bharat Mata ki Jai 🙏 Namo Namo 🙏
संसद अपनी मांगे रखना, सुझाव देना,सरकार की बाते, सुझाव सुनना, विकासात्मक चर्चा करनेके लिये हैं.इसलिये संसद चुने जाते है.मगर विपक्ष अपने झुठे आरोप लगाना,कोई पुरावा न देना,हुडदंग मचाना,शोरशराबा करना इस काम कर रहे है.नही तो सभागृहसे भाग जाना यही संसदीय लोकशाही नही है.हुडदंग मचानावाले विरोधीयोंको निलंबन ही नही सदस्यता खत्म करना चाहिए.देश के गरिबोंका पैसा इस तरहसे बर्बाद नही होना. चाहिए.
सदस्यों को लोकसभा और राज्यसभा में चुनकर इसलिए नहीं भेजते कि वे इनकी गरिमा को भूलकर अनपढ़ और गुन्डो जैसा व्यवहार करें। हमारे वोट और टैक्स को बरबाद करने के लिए नहीं। ऐसे सदस्यों की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान होना चाहिए। पक्ष वाले सदस्यों को भी बार बार नहीं थपथपाना नहीं चाहिए। थोड़ा आराम से सुननेभी दे
Jay Jaganath swami bhaba tume nayana patha gami
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Tu jaa ab. Bas isi mein desh ki bhalayi hai.
Bharatvasiyon dekho agar ye gunde vapas chunav me agaye to sab Sanatani gulam ban jayenge
माननीय पी एम की आवाज साफ नही है शायद संसद में सियारों की आवाज गूंज रही है क्योंकि यह विपक्ष के चुने हुए सांसदों का आचरण नही हो सकता ।
सदन मे बैठने के काबीज नही है. ऐसे लोग देश का क्या विकास करेंगे, ऐ सिरफ परीवार बचाने के लीए सदन मे आए है, ऊन लोगोंको शरम आनी चाहीए जीन लोगोंको ईनको वोट द्या.
Sharam to tumko aani chahiye be
@@anandjohn7733😊😊😊😊😊😊😊
शरम तो मोदी के अंधभक्त को आना चाहीए जो कॉग्रेस ने जो बनाके राख था वो सब एक एक बेच डाला है देश मे लोकशाही को खत्म करके भांडवल शाही बना रहा है
सभापति को कठोर पगला लेकर संसद चलाने मे परेशान करने वाले को सस्पेंड करना चाहिए आखिर समय की बर्बादी का पेसा देस कि जनता का हैं
❤❤❤@@anandjohn7733
Modi jaisa Neta is jaisa desh bhakt ka milna yh bhgwan ki blessings h
मोदी जी जिन्दा बाद
Modiji Amar rahe
Rahul gandhi ki Ram naam satya ho😅
Rahul Gandhi zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad
Rahul Gandhi zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad
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Long long long Modi jee. Lord shiv is with you , Modi jee !!!! Keep doing Do the great work for Bharat Desh !!!
जय श्री राम🌷 जय श्री हनुमान जी 🌷
हमने पहले ही लिखा था जो गुंडागर्दी भारत में होती थी। वो अब लोकसभा व राज्यसभा में देखने को मिलेगी। धन्य है विपक्षियों का गठबंधन।
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
सदन में येही सब करते हो आम नागरिक को लालच देकर बोट लेने वाले लोग और देश सेवा करने चले हो।
PM Modijee Asambhavko Sambhav Karke De Rahehen🙏🙏🙏🙏🙏🙏
These Politicians Should be Ashamed of themselves, And people who voted for them should think about it Why they have voted for them
शर्म आनी चाहिए एसे लोगो को महोदय जी सख्त कानून लागू करे
जो लोग पीछे हो हल्ला कर रहे हैं और प्रधानमन्त्री को बोलने नहीं दे रहे है, उन लोगों को कैमरे के मेन फ्रेम में रखकर दुनिया को दिखायें कि संसद में उनका आचरण किस प्रकार का है और उनको किसलिए संसद में भेजा था।
बहोत सही सुझाव
Good point
सदन में भेजा है, इसी देश लोग। शर्म लगता है ऐसे प्रतिनिधियों पर। ये कुते भोखते रहते है । सदन चलने ही नही देते।
Aisay bipakch ki koi awsyakta nahi hai.Hamaray paiso say sadan chalta hai.Aur ey battamij pradhan mantri ji ko bolnay nahi daytay.
Like dogs they keep barking
मोदी अब सवका साथ सबका विकास निती छोड दिजी ए.
jay Modi
Modi ji is great.
ISILIYE AJ KISAN AUR JAWAN PARESAN HI KISANO KO MSP NAHI MIL RAHI PARAMILITARY JAWANO KO OPS KHUD FIVE PENSION KHA RAHE HI
@@RaviranjanKumar-ul4ju agr koi bat ka pta na ho to bolna nhi chahiye dusri bat jwan ko knha se le aaye bich unhone bola h kya aake aapko ki bo dukhi h ......bjp 🙏
Modi Sarkar 🚩🇮🇳🙏🏻🚩
@@PoojaChouhan-tc4id pahle ap pata karo agar pata karna hi to paramilitary jawano se pucho mai unse mila hu aur unse pucha hi bjp ko sarm nahi ati jis jawan se security apni aur country ki lete ho use pension nahi kabhi kisi sahid jawan ke gar jake dekho kitni taklif hi aur apki jankari ke liye bata du delhi high court ne jan 2023 me order diya tha paramilitary jawano ko pension milni chahiye lekin bjp sarkar supreme court me chalenge kiya hi sarm ani chahiye bjp ke pm hm and fin mininister ko
सभापति जी जगदीप धनकर जी बिल्कुल सही बोल रहे हैं🙌🙌🙏🙏🙏
स्पीकर जी को बोलना चाहिए।।
कुटो के सामने स्पीकर नही बोलेंगे ।
Speaker ko action lena chahiye.
माननीय उपराष्ट्रपति महोदय आपने कटु सत्य कहा लेकिन विपक्षी नेताओं को गंभीर चिंतन करने की आदत ही नहीं है तो यह क्या समझेंगे
Rahul Gandhi ke upar PM Modi angry karne se nahi salegi. Strong action lijiye. Sansad shetra se bahar karna chahiye. Bawal, arajak sur hangama karne wali Sansad ku bhi sansad bahar karo.
Yes.... If the 4:41 congress is there in the centre... and BJP do this, Congress could have taken strict action against BJP
संसद में मर्यादा का उलंघन करने वालों को सजा मिलनी चाहिए
विपक्ष को पहले संस्कार सिखाया जाना चाहिए
BJP PAHLE SIKH LE
ये सब के सब टुकड़े-टुकड़े गेंग वाले हैं
@@RaviranjanKumar-ul4juwaha kutton ki tarah bownk koun rahe hai vunke bareme bolrahe hai
Dah sanskar karna chahiye. Sanskar kya seekhenge
@@deepakchanchlani7491 bjp ka hoga
इतना हल्ला तो पढ़ने वाले बच्चे भी नहीं करते हैं ।इस तरह के असभ्य सांसदो की सदस्यता समाप्त कर देनी चाहिए ।ये लोग भारत की छबि को खराब कर रहे हैं ।
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
जो जनता को दे नहीं पाएगा वह सुन नहीं पाएगा
Sadak chap congress sansad BJP zindabad 🌹🙏🌹
ऐसे निर्लज्ज अहंकारी दुर्गुणी सांसदों के उपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जो आम जनता को माननीय प्रधानमंत्री का भाषण सुनने से वंचित करते हैं
. कांग्रेस कांग्रेस को वोट देने वाला सोचो तुमने कैसे लोगों को वोट दिया है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
इमरजेंसी क्यों लगी थी इसका कारण भी बताएं। हमें तो कोई अंतर महसूस नहीं हुआ था।
हजारों करोड़ों की कर्ज़ माफी पब्लिक अंडरटेकिंग्स रेलवे का निजीकरण भ्रष्टाचार नहीं है। इस देश का पैसा विदेशों में चले गए।वह भी भ्रष्टाचार नहीं है।😢
विपक्ष को सोचना और समझना भी चाहिए तुम नहीं सुन सकते तो हम लोगों को सत्ता पक्ष की बातें सुनने दो
मोदीजी जिन्दाबाद अमर्यादित विपक्ष प्रधानमंत्री जी को सलाह दे कर गौरवान्वित हो रहा है।हल्ला करनेवाले शर्मकरो।
संसद में कोई नियम कानून है की नहीं, जनता क्या सिखलेगी l विपक्ष का व्यवहार अशोबनिय है. I जनता दिख रही है l
Acha hua bahar chale gye.. Bahot chilla rahe the... Hamare desh k pm Modi ji ka samaan karna chahiye...
मोदीजी और योगी जी हमारे देश की रक्षा करो हर हर मोदी घर-घर मोदी घर-घर योगी जी हमारे देश के लिए आपकि बहुत जरूरत है बीजेपी जिन्दाबाद है
Those MPs shouting are not illegible for the Parliament members, they should be pushed out of the Parliament
वहुत बडि आशा थि मोदि जि से लेकिन सब ब्यार्थ अब 2029 भि तो आयगा पत्ता साफ,
Speaker should stop nonsense behavior of opposition.
Why Speaker Do they not know what to do
झुठा हल्ला करके कांग्रेस खत्म हो चुकी है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
संसद में बाद उत्पन्न करने वाले सांसदों का दैनिक भत्ता नही दिया जाना चाहिए।
देश का सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है की दोनो सदन में lop मूर्ख मिले हैं।
मोदी जी आगे बडो जनसहयोग आपके साथ है, देशहित के फैसले लें,
ये पिछे जो चिल्ला रहे हैं, कैमरा दुवारा इनकी सभी का फोटो भारत की आम पब्लिक तक पहुचाना चाहिए।
What do these stray barking dogs WILL do for the country and for the citizens of Bharat when they will BE IN POWER AS Central Government. Those who voted these norrow minded MPS should think that they had wasted the constitutional votes for these aristocrat's mps.
Agree
कांग्रेसी चिल्ला रहे हैं गंगो की तरह,,,, बात को अच्छी तरह सुनो फिर उसका प्रति उत्तर दो से देश का भला हो
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Jarur dikhao 😂😅😅
क्या कारण हैं कि आज संसद में जो कुछ हो रहा है उसके खिलाफ भारत की जनता को बहुत तकलीफ हो रही हैं। साथ में भारत के बाहर देशों को ऐसा संसद में जो कुछ हो रहा हैं उससे सब आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। क्या हमारा देश का प्रधानमंत्री इतना कमजोर नजर आ रहा हैं कि ऐसी हरकत अगर संसद में होगी तो बीजेपी पर लोगों का विश्वास खत्म हो सकता हैं। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री को ऐसी भाषा बोलनी होगी, जिससे न केवल विरोधी पार्टियों को और देश के लोगों का विश्वास लेना होगा। प्रधानमंत्री हमेशा विपक्ष को गलत नहीं बता कर अपने आप को ऐसा वातावरण बनना होगा। जिससे लोगों पर आप पर विश्वास पाना होगा। अन्यथा ऐसा लगता हैं प्रधानमंत्री की देश में वैल्यू खत्म होने में कोई देरी होने वाली हैं।सबका सम्मान हमारा सम्मान
कौन ऐसे नीचता से भरे हुए लोगों को चुन चुन कर भेजता है
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
मान्यवर सभी नेताओं के मुंह से किसान किसान आबाज सुनने को मिलती हैं मगर एम एस पी गारंटी योजना क्यों नहीं दिया जा रहा है
ये लोग,संसद,की,गरीमा,को,नहीं,समझते,बस,उनकुसुरक्षाहटादीजीये,पब्लीक,उनका,न्याय करेगी,वंदेमातरम,।
Ye public bhi koun achee h ghatiya logo ko 99 no tak pahuchaya h
Bharat Mata kee jai.
Narendra Damodhar Bha rat kay PM.jindaabad somewhat.
Those who make noise and walk out their salary and other amenities should be stopped immediately.
राहु उपराष्ट्रपति जगदीश खंगार जी आप एक तरफ बोल रहे हो लोकसभा का मर्यादित रखें धनकर जी
We will not take opposition in the right sence.These opposition MP need to visit their schools.
Shame on their teachers to produce such leaders.
Modi aap bolte rhe ye barsati medhak hi
Street dogs always shout at elephant.
जनता की मेहनत की गाड़ी कमाई पर पलने वाले नमक हिश्रामी संसद में काम करने में बाधा डाल रहे हैं।जै हिंद बन्दे भारत मातरम
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
मोदीजी ने हाथी की तरह भूंकने वालों की उपेक्षा करने की आदत डाल दी है! नमो नमः!!
हाथी भूकता नहीं है , कुत्ता
भू कता है
😂
?
Rahul Gandhi zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad zindabaad
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
Modi Sarkar Jindabad 🚩🚩
मोदी सबसे पहला प्रधानमंत्री है जो नांम किसानों का लेता है वाही वाही लूटने के लिए और जितना सोशण किसानों का किया है मोदी जी ने उतना ओर किसी भी प्रधानमंत्री ने आजादी से आज दिन तक नहीं किया।
अध्यक्ष महोदय जब ये सब शोर मचाये इनके माइक बन्द कर दिया जाये हम सब मोदी जी की बात सुन सके
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
कितना असभ्य आचरण हैं हमारे विपक्षीदलों का शर्म आती हैं,
जय हिंन्द l❤❤❤
What nonsense opposition. Must be turned out.
The tone is disrespect as if only foolsh are being addressed .Is there any weight in his words?
Jai Hind jai shiri Ram
Jai bhim
@@patricktete4229❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤उन😂😢😅😊
Respected Speakar sir takes appropriate action against opposition
विपक्ष का काम विरोध करना होता है परंतु गलत नीतियों का, ये तो मछली हट्टा बनाए है और ये चाहते है क्योंकि कमियां जनता के सामने न आए । इनको शर्म आनिचाहिए
क्या यह अच्छा लगता है, सड़क छाप कुत्ते इस तरह से सदन में ब्यवधान करते रहते हैं, सदन की एक दिन की कारवाई में जो खर्च आता है वह एक मोटी रकम होती है, जो हमारे आपके टैक्स का पैसा होता है ।
क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसा कानून नही बना सकता है की जब एक ब्यक्ति बोल रहा हो तब बाकी सारे लोग चुप चाप सुनें, जब उनकी बारी आती है तो वे अपना पक्ष रखें । आदरनीय सभापति जी मूक दर्शक बने बैठे हैं । बेवस, लाचार, लकवाग्रस्त बकवास करते हैं ।
इस संदर्भ में सिर्फ भर्तसना करने से कुछ भी नहीं होनेवाला है ।
"भय बिनु प्रीत न होंही गोसाई "
यह घटना कोई नई बात नहीं है, हर दिन सदन की मर्यादा भंग होती है, अरे कब तक ऐसा चलेगा यह तमाशा ? जो हो रहा है यह सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी है । जबतक इस संदर्भ में कठोर कानून नहीं बनाया जायेगा, कुछ भी होने वाला नहीं है । कितनी-कितनी बार, बार बार संसद की कारवाई स्थगित कर दी जाती है ।
और आवारा कुत्तों के तरह बे वजह भोंकने वालों पर कोई करवाई नहीं ? क्या कहता है देश का कानून, विकलांगता क्यूँ दिखा रहे हैं आदरणीय सभापति महोदय ?
ये प्यार से नहीं, इन आवारा कुत्तों को दंडे मार मार कर नगर निगम की गाड़ी में बन्द करने के बाद किसी निर्जन स्थान में छोड़ देने की जरुरत है ।
कैमरे वाले को पैसा मिला है क्या ? क्यों नहीं इन आवारा कुत्तों को भोंकते हुये दिखाता है
Why they are not thrown out
विरोधी पक्ष मे बैठे हू ए लोग ये नाही समझ रहे है की प्रधान मंत्री जो बता रहे हैं उसका जबाब बाद मे देना चाहिए . उनको भी लोगोने चूनकर दिया हैं ऑर आगे इने कोईभी चूनाकर संसद मे नाही भेजेंगे
जब पुराने समय में हवन पूजा-अर्चना होती थी तो राक्षस गण ऐसे ही दिक्कत पैदा करते थे 😅
In jangli yon ko camera par janta ko bhi dikhao ye sab bakwas hain
विपक्षी को शर्म आनी चाहिए जो जनता के खर्चे पर संसद में काम की बात न कर बच्चों की तरह हल्ला मचा रहे हैं