ऊं नमो नारायणा हवा चलाने वाला परमात्मा होता है जो भक्त को देखकर उसी दि चलती है की मानने वाले सच्चे भक्तों को प्रेम के वसि भूत कर देते हैं मानना पड़ता है परमात्मा इस धरती पर है जैसा करोगे वैसा पाओगे श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवाय शा में चल पड़ते जहां परमपिता विराज मान होते हैं एसी आंधी
ऊं नमो नारायणा हवा चलाने वाला परमात्मा होता है जो भक्त को देखकर उसी दि चलती है की मानने वाले सच्चे भक्तों को प्रेम के वसि भूत कर देते हैं मानना पड़ता है परमात्मा इस धरती पर है जैसा करोगे वैसा पाओगे श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवाय शा में चल पड़ते जहां परमपिता विराज मान होते हैं एसी आंधी
अति सुन्दरम। धन्यवाद। प्रणाम भैया जी।