गंगा मैया की जय हो जिसके जल से भारत के किसानों की फसल होती है अनाज पैदा होता है पीने को जल मिलता है और गोमूख के दर्शन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है धन्यवाद मेरे भाई मेरा भारत महान है
भाई आपकी हिम्मत के लिए सलाम जो ऐसी भयानक और खतरनाक रास्ते और पहाड़ों में वीडियो शूट किया है मुझे तो वीडियो में सीन देखने में ही डर और घबराहट लगने लगे आपके लिए धन्यवाद
भैया जी आप स्वर्ग में घूम रहे हो और हमारे को भी गंगा मैया के दर्शन करवा रहे हो गंगा मैया आप रक्षा करे आप की इच्छा पूरी करे हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय हर हर गंगे मैया की जय हो
Aapane bahut paropkari karya Kiya hai aur ham logon Ko Ganga Maiya ka darshan karae Hain Jahan se udgam Ganga Maiya ka hai use sthan ka darshan kara kar sabko Dhanya kar kar diya hai bahut bahut dhanyvad
ऐसा नजारा देखने के लिए हमारा भी मन करता है पर क्या कर हम तो मध्य प्रदेश के आदिवासी लोग हैं और आपको पता ही होगा कि आदिवासी लोग जितनी मेहनत करते उतना ही खाना मिलता है
आप थोड़ा सा अपना लिविंग स्टाइल बदलो ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करो किसी अच्छे पढ़ने वाले व्यक्ति को अपना मित्र बनाओ और फिर देखो आप कितना आगे निकल जाओगे मैं समझ सकता हूं आपके जीवन में बहुत संघर्ष है लेकिन संघर्ष करके ही आप अपने जीवन को बदल सकते हो यकीन करो
आपको गोमुख धाम का दर्शन करने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद गंगा मैया आपको सदैव स्वस्थ रखे आप पर सब की कृपा बनी रहे आपके लिए बहुत सारी शुभकामनाएं हर हर गंगे जय गंगा मैया❤❤ से धन्यवाद
बहुत सुंदर, उत्तम कार्य , आपकी साफ आवाज, भाषा शैली, कैमरे का चित्रण और एकांत का अनुभव वाकई बहुत हार्दिक है। मनोज कुमार इगलास की तरफ से प्रार्थना है आप जीवन में बहुत उन्नति करें। धन्यवाद
जय श्री गंगा मैया की जय हो, बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद एवं शुभकामनाएं और ढेरों मंगलकामनाएं करते हैं कि आप इसी प्रकार आगे भी हमें ऐसे ही सुन्दर ढंग से नजारा संचार माध्यम से वीडियो बनाकर देते रहें।🎉❤
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं। आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं। आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है। आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं । यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं । लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ? चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे। आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता। भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
aapki vajah se hame ghar baithe maa bhagirathi aur gangotri ke darshan prapt ho gae aur bahut sari jagah ke darshan hue dhanyavaad aap bahut hi acchhi videos banate hain
आपका यह वीडियो बहुत अच्छा लगा ऐसा लग रहा था जैसे हम भी आपके साथवहीं पर हैं आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने हमें घर बैठे गंगोत्री के दर्शनकर दीजिए जय हो गंगा मैया की भगवान आपको खूबशक्ति दे और आप ऐसे ही और बढ़िया बढ़िया दर्शन करते रहे जय सियाराम हर हर महादेव
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं। आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं। आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है। आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं । यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं । लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ? चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे। आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता। भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं। आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं। आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है। आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं । यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं । लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ? चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे। आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता। भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
गंगा मैया की जय हो जिसके जल से भारत के किसानों की फसल होती है अनाज पैदा होता है पीने को जल मिलता है और गोमूख के दर्शन करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है धन्यवाद मेरे भाई मेरा भारत महान है
Har har mahadev har har gange.
घर बैठे स्वर्ग का दर्शन हो गया हरी ओम
आपने मा गंगा का दर्शन कारवाया आपको बहोत बहौत धन्यवाद
Koti koti naman 😂🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank,s bro aapke jriye main gowmukh. Ganga mata or shiv baba ki darshan ki
आप ने मा गंगा की दर्शन करादि दिल से धन्यवाद भाई
भाई आपकी हिम्मत के लिए सलाम जो ऐसी भयानक और खतरनाक रास्ते और पहाड़ों में वीडियो शूट किया है मुझे तो वीडियो में सीन देखने में ही डर और घबराहट लगने लगे आपके लिए धन्यवाद
बहुत खूब यात्रा कर आपने इस माॅ गंगा का उद्गम स्थल दिखाई।
भैया जी आप स्वर्ग में घूम रहे हो और हमारे को भी गंगा मैया के दर्शन करवा रहे हो गंगा मैया आप रक्षा करे आप की इच्छा पूरी करे हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय हर हर गंगे मैया की जय हो
Aapane bahut paropkari karya Kiya hai aur ham logon Ko Ganga Maiya ka darshan karae Hain Jahan se udgam Ganga Maiya ka hai use sthan ka darshan kara kar sabko Dhanya kar kar diya hai bahut bahut dhanyvad
Jay maa Ganga
Bahut bahut dhanyawad Bhai, aapke साथ साथ हमने भी इस पवित्र स्थान का दर्शन किया, जय मां भागीरथी जय मां गंगे, हर हर महादेव, जय भारत, जय श्री राम
मै और मेरी बुआ का लड़का हम दोनो 2012 में गोमुख गये थे,वाक़ई जिंदगी का असली मजा आ जाता है😊
आपने घर बैठे गोमुख के दर्शन करवा दिए ढेरों आशिर्वाद
बहुत अच्छी बात गौ माता का दर्शन करवा गंगोत्री का बहुत अच्छा लगा
ऐसा नजारा देखने के लिए हमारा भी मन करता है पर क्या कर हम तो मध्य प्रदेश के आदिवासी लोग हैं और आपको पता ही होगा कि आदिवासी लोग जितनी मेहनत करते उतना ही खाना मिलता है
इतना भाई दिल दुखी मत करो
😢
आप थोड़ा सा अपना लिविंग स्टाइल बदलो ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करो किसी अच्छे पढ़ने वाले व्यक्ति को अपना मित्र बनाओ और फिर देखो आप कितना आगे निकल जाओगे मैं समझ सकता हूं आपके जीवन में बहुत संघर्ष है लेकिन संघर्ष करके ही आप अपने जीवन को बदल सकते हो यकीन करो
Jai Maan Ganga Mata ki...🙏🙏🙏
आदिवासी हमारे भगवान श्री राम जी के मित्र है उन्हे तो वैसे ही प्रभू का कृपा है🙏🙏
हर हर महादेव गोमुख का दर्शन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ओम नमः शिवाय
Har har gange❤🎉
Goodvidio
आपने घर बैठे गोमुख का दर्शन करा दिया, धन्यवाद।
Bahut badiya
Har Har Mahadev
हर हर गंगे हर हर महादेव हे भोले शंकर जय जय महाकाल के गायक मुख्य माता
Very good 👍 मेरे भाई आपने आज वो जगह दिखाई जो हमने किताबो में पढ़ा आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बड़े भाई आप वीडियो तो अच्छे बनाते ही हो साथ मे अपने धर्म और संस्कृति का भी ध्यान रखते हो ❤
ऐसा नजारा दिखाने के लिए भाई साहब को बहुत बहुत हृदय से धन्यवाद
आपको गोमुख धाम का दर्शन करने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद गंगा मैया आपको सदैव स्वस्थ रखे आप पर सब की कृपा बनी रहे आपके लिए बहुत सारी शुभकामनाएं हर हर गंगे जय गंगा मैया❤❤ से धन्यवाद
जय मां गंगा बहुत पवित्र दृश्य है भाई❤❤❤❤❤❤
हर हर गंगे हर हर महादेव
बहुत सुंदर, उत्तम कार्य , आपकी साफ आवाज, भाषा शैली, कैमरे का चित्रण और एकांत का अनुभव वाकई बहुत हार्दिक है। मनोज कुमार इगलास की तरफ से प्रार्थना है आप जीवन में बहुत उन्नति करें। धन्यवाद
हर हर गंगेमेया बहुत बहुत धन्यावाद भाईसाहब आपका जो आपने हमे घरबेठे मां गंगा के दर्शन करवाऐ
❤❤ स्वर्ग में घूम रहे भाई
Har har Mahadev
Mind blowing video & ma bhagirathi ganga ke Darshan. Thanks. ❤
हमें लगता है हम भी आपके साथ चल रहे हैं, इतने सुन्दर ढंग से आपका यात्रा वृत्तांत सुनकर मैं भूल गया मैं कहां हूं
Jai Maa Ganga 🙏🙏🙏🙏🙏
Man khusa kardio Bhai oma nam shivay
नमो नमो शंकरा , पार्वती पते हर हर महादेव ❤❤❤❤❤
जय श्री गंगा मैया की जय हो, बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद एवं शुभकामनाएं और ढेरों मंगलकामनाएं करते हैं कि आप इसी प्रकार आगे भी हमें ऐसे ही सुन्दर ढंग से नजारा संचार माध्यम से वीडियो बनाकर देते रहें।🎉❤
thanks avin bhai manoram prakriti chhata dikhane ke liye ma ganga aur bhole baba ko 🙏
हर हर गंगे खूबसूरत दर्शन
आपको बहुत बहुत बधाई हो जो आप ने हमें गोमुख का दर्शन करवाया जय गंगा मैया 🙏♥️🌷🥀
😊
गंगोत्री धाम से गोमुख का सफर बड़ा रोमांचकारी और दुरूह के साथ भयंकर भी है।
जो भक्त यथा नही जा पाए उन्हें तुम्हारे द्वारा इन दर्शन का लाभ मिला बहुत धन्यवाद ।एम,ब्रो
Avin भईया आप के सभी विडियो देखें मगर यह विडियो दिल को छू लिया ❤❤❤❤❤❤❤❤ love you भाई आप इसी तरह हम लोगो को दर्शन कराते रहे ❤❤❤❤
😚😚😚
❤❤❤🎉🎉🎉😢😢😢😊😊om. Nmo. Shivay. Nmo. Gangaye. Bishnu. Rupine. NaRayni. Nmastute❤
Har har mhadev. Achha hai.tq.
जय गंगा मैया धन्यवाद दोस्तों अपने स्वर्ग का दर्शन कराने का धन्यवाद जय माता जी की
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं।
आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं।
आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है।
आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं ।
यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं ।
लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ?
चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे।
आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता।
भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
aapki vajah se hame ghar baithe maa bhagirathi aur gangotri ke darshan prapt ho gae aur bahut sari jagah ke darshan hue dhanyavaad aap bahut hi acchhi videos banate hain
Nice vidio aap bhut badiya bnate ho❤
Jai maa gange🌱☘️🌿🍀💐🌷🌹🥀🌻🌸🌺🌾🌾🌾🌾👏👏👏👏👏👏👏👏
Very good Jai Ganga Maiya ki 🙏🌹🙏🌹🌹🙏🙏🌹🙏🌹
बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब इतना सुंदर नजारा दिखाने के लिए।आपने स्वर्ग के दर्शन करा दिया।आप बहुत किस्मत वाले हो❤❤
👍👍👍
Very good video 👏👏👏👏👏👏😅😅😅
Really nice place❤
Bahot hi kismt vale ho aap ma ganga ke pavn dham pragty dham ke darshn kiye 🙏
हर हर गंगे आप बहुत अच्छे दर्शन करा रहे हैं बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
Great nature beautiful nature awesome nature 😊😊😊☺️🚩
ि
Nature sur duniya bahut jhoobdoorat hai. Hammi ullu ke pathe Hinfu Muslim maen phas ke zindgi.kharaab karte hain.
Jai Baba Mahadev.
Har Har Gange
Beautiful नजारा❤ मन खुश हो गया
Wow हमारा india 🇮🇳 सच में ग्रेट हैं ❤❤❤❤❤❤❤❤❤ I'm proud an Indian 🇮🇳❤
❤❤❤ATI sunder❤❤❤ jai maa gange/ om namah shivaye🎉🎉🎉
Jai Gangaa Maiya ❤
Really this is heaven
Jay maa ganga 🙏🙏🙏
हर हर गंगे बहोत बहोत धन्यवाद भाई साहब आपका जो आज हमें गंगा मैय्या का दर्शन जो आपने कराया इसलीये 🙏🙏
🙏बहुत बहुत धन्यवाद अवि भाई आप का माँ गंगा के दर्शन करने के लिए🙏
Beautiful location 😊😊😊😊😊❤❤❤
बांसुरी कि धुन बहुत ही सुन्दर मजा आ गया
Behad accha darshan danyawad
জয় মা গঙ্গা❤🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
bahut khub najare diklaye aapne iske lye aapka shukrya
Jai Ganga Maiya 🙏🙏🙏🙏🙏
Very very beautiful. First time. I see the view. It's really fantastic. Har har gage .Om Nemo .Har har mahadev.
आपको माता सदैव सुखी जीवन प्रदान करें धन्यवाद बेटा।
JAI.MAA.GANGA
Jai maa Gange ki Jai
WoW so beautiful place thanks to you sir 🙏
1 St view 1 st like🤩
Jai Ho maa 🙏👏
बहुत अच्छा लगा आपका गोमुख जाता का वीडियो ।
Beautiful location nice place salute for your efforts...👌👍
गोमुख का लाइव दर्शन कराने के लिए धन्यवाद। जय मां गंगे
आपका यह वीडियो बहुत अच्छा लगा ऐसा लग रहा था जैसे हम भी आपके साथवहीं पर हैं आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने हमें घर बैठे गंगोत्री के दर्शनकर दीजिए जय हो गंगा मैया की भगवान आपको खूबशक्ति दे और आप ऐसे ही और बढ़िया बढ़िया दर्शन करते रहे जय सियाराम हर हर महादेव
So beautiful place
आप बहुत मेहनत कर के वीडियो बनाते है भाई और बिल्कुल खतरनाक वीडियो मजा आता है ❤
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं।
आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं।
आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है।
आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं ।
यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं ।
लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ?
चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे।
आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता।
भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
अद्भुत अप्रतिम अतिसुंदर
जय मां गंगा
Jai Ganga Mata Ji Ki 🙏🙏
Koshish krnewalo ki haar nhi hoti... Truly deserve you ❤❤❤
thank you for Gangotri darshan.may goddess Ganga bless you
Lot of thanks
❤❤ बहुत सुंदर प्रस्तुति जय माता जय भागीरथी जय उत्तराखंड
ये दृश्य दिखाने के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद
Jai maa chandi devi mansa devi vaishno devi balasundri devi lalita devi chintpurni devi jwala devi shitla mata harsidhi mata bramhri devi shakumbri devi kangra devi naina devi chamunda devi kalka devi kalka devi ji ki ❤❤
Jai maa ganga maiya ji ki ❤❤
See the heaven of the earth. Har Har gange ❤
Ati sundar jai maa ganga ji jai hind, Jai bharat, Wandemataram ❤
Mind blowing information avin sir ❤❤❤
I appreciate your efforts. God bless you. Thanks for showing us Gaumukh.
Uttarakhand he Desh ka paryatan asthal .video bahut aachha laga.
Thanks for sharing! Jai Hind! Har Har Mahadev!
Salute to your efforts to show us such a beautiful and divine place ❤
सुरग में घूम रहे हैं
Awesome ❤🙏🏼🙏🏼📿📿
अद्भुत एवं अवर्णनीय निसर्ग का चमत्कार हैं हमारा गंगा मैय्या 🚩🚩🙏🙏🙏
ऐसे कठिन दर्शन कराने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
Beautiful Location 🍁🌲🍄🌷
Uttarakhand ❤
जय गंगा मां की 🙏🙏🙏🙏
Good najara har har gange
Jay maa gangadhar❤❤❤❤❤❤❤
Har Har Mahadev ❤❤
अच्छा लगा भाई साहब जय सनातन धर्म जय भारत माता कि 🎉❤❤❤❤❤
ये सतयुग त्रेता द्वापर सब का सब भारत का इतिहास नहीं बल्कि ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया झूठा काल्पनिक इतिहास है ये सिर्फ ब्राह्मणी ग्रंथों में ही मिलेगा और कहीं नहीं।
आश्चर्य होता है आप जैसे शिक्षित व्यक्ति भी इन कपोल कल्पित कहानियों पर विश्वास करते हैं।
आप तर्क क्यों नहीं करते कि इनका दावा सारे संसार के इतिहास का वर्गीकरण का है उन युगों में पैदा हुए ईश्वर के अवतारों को तीनों लोक का मालिक बताया गया है किन्तु इन युगों और उनमें पैदा हुए कथित जगत के पालनहार भगवानों के बारे में इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी अमेरिका किसी को पता ही नहीं है।
आपने पढ़ा होगा इनका एक एक युग कई कई लाख साल का होता था जबकि मानव सभ्यता के पूरे विश्व के इतिहास अध्ययन करिए तो पाषाण काल से लेकर अभी तक अलग ही इतिहास है जो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर सिद्ध भी किया जा चुका है कि कब मानव ने अग्नि का उपयोग शुरू किया ,कब से शिकारी जीवन से खेती पशुपालन आदि करने लगे, कब से घर बनाकर बस्तियों में रहने लगे ,कब से कपड़ा पहनने लगे, कब से पढ़ने लिखने लगे कब लोहा तांबा पीतल सोना आदि का आविष्कार हुआ यह सब कुछ हजार सालों का सत्य व प्रमाणिक इतिहास है दूसरी तरफ ब्राह्मणों के एक एक युग लाखों साल के होते थे और उनकी गप्प कथाओं में ऐसे ऐसे पात्रों का वर्णन है जो तीन तीन युगों तक जीवित रहे जैसे परशुराम वह सतयुग में गणेश के दांत तोड़कर उन्हें एक दन्त बनाता है त्रेता में सीता स्वयंवर में जाकर हंगामा करता है और द्वापर में भीष्म व कर्ण को धनुर्विद्या सिखाता है यानी तीनों युगों में जवान सैनिक के रोल में , बूढ़ा तो होता ही नहीं , हनुमान जामवंत आदि त्रेता यानी रामायण कालीन पात्र महाभारत काल यानी द्वापर में भी अपना रोल निभा रहे हैं ।
यह सब सिर्फ कहानियों में ही संभव है वास्तव में नहीं ।
लोहे का आविष्कार होकर अभी चार हजार साल भी नहीं हुए फिर सतयुग से लेकर द्वापर तक फरसा लहराने वाले परशुराम व अन्य योद्धाओं के हथियार तलवार त्रिशूल आदि के लिए लोहा किस ग्रह से आयात किया गया था ?
चारों धाम की स्थापना शंकराचार्य जो ब्राह्मण थे ने सातवीं आठवीं शताब्दी में किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे प्रचारित करते हुए आज वे उन्हें उन शूद्रों को भी अपना तीर्थस्थान स्वीकार करवाने में कामयाब हो गए जिन्हें उनके ब्राह्मण धर्म के अनुसार शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था जिनकी संस्कृति श्रमण संस्कृति थी श्रमजीवी थे जो बुद्ध के अनुयायी थे।
आज भी शंकराचार्य का पद ब्राह्मण के लिए ही आरक्षित है कोई शूद्र शंकराचार्य नहीं बन सकता।
भारत में संघर्ष विषमता वादी अंधश्रद्धा वादी ब्राह्मण वाद और समतावादी मानवतावादी वैज्ञानिकता वादी बुद्धिज्म के बीच ही रहा है और आज भी जारी है ब्राह्मण वादी शूद्रों को सत्ता के बल पर शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित करके उन्हें पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए प्रयासरत हैं, एससी एसटी ओबीसी के जीवन स्तर में जो भी सकारात्मक बदलाव आये हैं वे समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि के संघर्षों के बदौलत आये हैं किंतु यह बात अभी तक अशिक्षित तो छोड़िए शिक्षित शूद्र भी नहीं समझ पा रहे हैं और हिन्दू बनकर ब्राह्मण वाद और ब्राह्मण शाही को ही मजबूत कर रहे हैं जिस दिन शूद्र समाज के लोगों को अपना सच्चा इतिहास और समतावाद विषमता वाद का संघर्ष मालूम पड़ जायेगा वे ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए झूठे काल्पनिक इतिहास होगा..
आपने माँ गंगा का दर्शन करवाया आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
Very nice Aisa najara kabhi nahi dekha .aapne gangamaiya ka darsan karvaya aap ka bohot bohot shukriya. Har har gange.
Beautiful ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️